UPSC Exams
Latest Update
Coaching
UPSC Current Affairs
Syllabus
UPSC Notes
Previous Year Papers
Mock Tests
UPSC Editorial
Bilateral Ties
Books
Government Schemes
Topics
NASA Space Missions
ISRO Space Missions
पेंटब्रश स्विफ्ट तितली: वाइल्ड भट्टियात परियोजना - यूपीएससी नोट्स
IMPORTANT LINKS
पाठ्यक्रम |
|
प्रारंभिक परीक्षा के लिए विषय |
पारिस्थितिकी, पश्चिमी हिमालय, हिमालय, राष्ट्रीय उद्यान, जलवायु, मौसम, वन |
मुख्य परीक्षा के लिए विषय |
जैव विविधता, वनस्पति और जीव, जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वार्मिंग |
पेंटब्रश स्विफ्ट बटरफ्लाई | Paintbrush Swift Butterfly in Hindi
- यह हेस्पेरिडे परिवार की एक तितली प्रजाति है।
- पेंटब्रश स्विफ्ट तितली का वैज्ञानिक नाम बाओरिस फैरी है।
- तितली के ऊपरी अग्र पंख की कोशिका में दो अलग-अलग धब्बे होते हैं।
- इस प्रजाति के लार्वा बांस और कुछ अन्य घास प्रजातियों पर भोजन करते हैं।
- यह किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं है, इसका निवास स्थान पूर्वोत्तर राज्यों, मध्य भारत और दक्षिण भारत के कुछ क्षेत्रों में फैला हुआ है, तथा उत्तराखंड में यह दुर्लभ है।
- आवास का नुकसान और लार्वा मेजबान पौधों की कमी इस तितली प्रजाति की आबादी में गिरावट का मुख्य कारण है। इसके अलावा कीटनाशकों के बढ़ते उपयोग, वनों की कटाई और जलवायु परिवर्तन ने भी इस प्रजाति के अस्तित्व को खतरे में डाल दिया है।
- पेंटब्रश स्विफ्ट तितलियों की संरक्षण स्थिति जानना महत्वपूर्ण है। यह प्रजाति भारत में वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 की अनुसूची IV के तहत कानूनी रूप से संरक्षित है ।
IUCN स्थिति के बारे में और पढ़ें !
जंगली भटियात परियोजना क्या है?
वाइल्ड भट्टियात परियोजना हिमाचल प्रदेश वन विभाग द्वारा 2022 में शुरू की गई एक अनुसंधान और संरक्षण पहल है। यह परियोजना मुख्य रूप से भट्टियात वन क्षेत्र की जैव विविधता के अध्ययन और दस्तावेज़ीकरण पर केंद्रित है। यह भट्टियात वन क्षेत्र हिमाचल प्रदेश के पश्चिमी हिमालय में डलहौजी वन प्रभाग का हिस्सा है। राज्य वन विभाग द्वारा शुरू की गई इस परियोजना ने विभिन्न तितली प्रजातियों को सूचीबद्ध करने में अपनी भूमिका के कारण पर्यावरणविदों और अंतर्राष्ट्रीय संगठनों के बीच महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित किया है। इसमें पेंटब्रश स्विफ्ट तितली (Paintbrush Swift Butterfly in Hindi) (बाउरिस फैरी) की खोज शामिल है, जिसकी हिमाचल प्रदेश के चंबल जिले में 145 वर्षों में पहली बार तस्वीर खींची गई और उसका दस्तावेज़ीकरण किया गया।
रिपोर्ट के अनुसार, वाइल्ड भट्टियात परियोजना ने पूरे क्षेत्र में तितलियों की लगभग 120 प्रजातियों की तस्वीरें खींची हैं और उनका दस्तावेजीकरण किया है, जो स्थानीय जैव विविधता की समृद्धि को उजागर करता है। इनमें सबसे उल्लेखनीय है पेंटब्रश स्विफ्ट तितली का दस्तावेजीकरण। हिमाचल प्रदेश के वन विभाग की यह पहल आवास के नुकसान और अन्य पर्यावरणीय चुनौतियों के मद्देनजर संरक्षण प्रयासों के महत्व पर जोर देती है।
जैव विविधता अधिनियम, 2002 के बारे में अधिक जानें !
पश्चिमी हिमालय की विशेषताएँ
पश्चिमी हिमालय, विशाल हिमालय पर्वत श्रृंखलाओं का एक भाग या उपक्षेत्र है। हिमालय का यह उपक्षेत्र उत्तरी भारत, पाकिस्तान और नेपाल के कुछ हिस्सों तक फैला हुआ है। इसमें भारत के कई राज्य और केंद्र शासित प्रदेश जैसे जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड शामिल हैं। इसमें नेपाल के उत्तर-पश्चिमी हिस्से भी शामिल हैं।
इस क्षेत्र की विशेषता इसकी बर्फ से ढके पहाड़, घाटियाँ, गहरी घाटियाँ, समृद्ध जैव विविधता और हरे-भरे जंगल हैं। पश्चिमी हिमालय की निम्नलिखित प्रमुख विशेषताएँ हैं:
- भूगोल: यह क्षेत्र हिमालय के सबसे पश्चिमी भाग को कवर करता है। इसमें दुनिया की सबसे प्रमुख पर्वत श्रृंखलाएँ जैसे पीर पंजाल, धौलाधार और ज़ांस्कर पर्वतमालाएँ शामिल हैं। नंगा पर्वत (8,126 मीटर) इस क्षेत्र की सबसे ऊँची चोटी है। यहाँ अल्पाइन वन, घास के मैदान और सिंधु और यमुना जैसी नदियाँ हैं, जो यहीं से निकलती हैं।
- जलवायु: पश्चिमी हिमालय में जलवायु की स्थिति उनकी अलग-अलग ऊँचाइयों के कारण विविध है। निचले और ऊपरी क्षेत्रों में अलग-अलग जलवायु परिस्थितियाँ हैं। निचले क्षेत्रों में उपोष्णकटिबंधीय जलवायु है। दूसरी ओर, उच्च ऊँचाई वाले क्षेत्रों में अल्पाइन और टुंड्रा स्थितियाँ होती हैं। सर्दियों में भारी बर्फबारी भी होती है, जिसके कारण सरकार इन क्षेत्रों में शीतकालीन खेल और पर्यटन को सक्रिय रूप से बढ़ावा दे रही है।
- जैव विविधता: पश्चिमी हिमालय जैव विविधता में समृद्ध है। यहाँ वनस्पतियों और जीवों की कई प्रजातियाँ हैं। यह पश्चिमी ट्रैगोपैन, हिम तेंदुआ, हिमालयी भूरा भालू जैसी कई दुर्लभ और स्थानिक प्रजातियों का घर है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि यहाँ के जंगल समशीतोष्ण पर्णपाती और शंकुधारी से लेकर अल्पाइन घास के मैदानों तक फैले हुए हैं। इन क्षेत्रों में आम पेड़ ओक, देवदार, चीड़ और रोडोडेंड्रोन हैं।
यूपीएससी उम्मीदवारों के लिए मुख्य बातें
|
टेस्टबुक विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए व्यापक नोट्स का एक सेट प्रदान करता है। टेस्टबुक हमेशा अपने बेहतरीन गुणवत्ता वाले उत्पादों जैसे लाइव टेस्ट, मॉक, कंटेंट पेज, जीके और करंट अफेयर्स वीडियो और बहुत कुछ के कारण सूची में सबसे ऊपर रहता है। यूपीएससी के लिए और अधिक विषयों का अध्ययन करने के लिए, अभी टेस्टबुक ऐप डाउनलोड करें।
पेंटब्रश स्विफ्ट तितली यूपीएससी FAQs
क्रॉस परागण क्या है?
यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत पराग को एक पौधे के फूल से उसी प्रजाति के दूसरे पौधे के फूल में स्थानांतरित किया जाता है।
विश्व स्तर पर किसी भी प्रजाति की संरक्षण स्थिति का निर्धारण कौन करता है?
अंतर्राष्ट्रीय प्रकृति संरक्षण संघ (आईयूसीएन)
क्या हिमाचल प्रदेश में कोई राष्ट्रीय उद्यान है?
हां, हिमाचल प्रदेश में ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क, पिन वैली नेशनल पार्क, इंद्रकिला नेशनल पार्क, खीरगंगा नेशनल पार्क और सिम्बलबारा नेशनल पार्क जैसे राष्ट्रीय उद्यान हैं।
स्व-परागण क्या है?
यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके अंतर्गत एक ही फूल या उसी पौधे पर लगे किसी अन्य फूल से पराग कण बीजांड को निषेचित करते हैं।
मौसम क्या है?
मौसम को किसी विशेष क्षेत्र और समय में अल्पकालिक वायुमंडलीय स्थितियों के रूप में परिभाषित किया जाता है, जैसे तापमान, आर्द्रता, हवा की गति, बादल आवरण और वर्षा।