बहुव्रीहि समास MCQ Quiz in मराठी - Objective Question with Answer for बहुव्रीहि समास - मोफत PDF डाउनलोड करा

Last updated on Mar 20, 2025

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बहुव्रीहि समास Question 1:

निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, दिए गए शब्द के सही समास वाला विकल्प पहचानिए-

‘मुक्कामुक्की’ 

  1. मुक्का और मुक्की
  2. मुक्के पर मुक्का
  3. मुक्के-मुक्के से लड़ाई हुई जो
  4. मुक्के से मारा है वह

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : मुक्के-मुक्के से लड़ाई हुई जो

बहुव्रीहि समास Question 1 Detailed Solution

सही उत्तर विकल्प मुक्के- मुक्के से लड़ाई हुई जोहै। 

Key Points

  • ‘मुक्कामुक्की’ का सही विग्रह ‘मुक्के-मुक्के से लड़ाई हुई जो ’।
  • व्यतिहारबहुव्रीहि : जिससे घात या प्रतिघात की सुचना मिले उसे व्यतिहार बहुव्रीहि समास कहते हैं। इस समास से पता चलता है कि किस चीज़ से लड़ाई हुयी है।
  • पद विग्रह
    • मुक्कामुक्की - मुक्के-मुक्के से जो लड़ाई हुई

Additional Information

  • समास से तात्पर्य है- संक्षिप्तीकरण।
  • जब दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर जो नया और छोटा शब्द बनता है उस शब्द को समास कहते हैं।
  • समास रचना में दो पद होते हैं, पहले पद को ‘पूर्वपद’ कहा जाता है और दूसरे पद को ‘उत्तरपद’ कहा जाता है।
  • इन दोनों से जो नया शब्द बनता है वो समस्त पद कहलाता है।

बहुव्रीहि समास Question 2:

'मुरलीधर' शब्द में कौन सा समास है? 

  1. द्विगु समास 
  2. बहुव्रीहि समास 
  3. तत्पुरुष समास 
  4. कर्मधारय समास 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : बहुव्रीहि समास 

बहुव्रीहि समास Question 2 Detailed Solution

सही उत्तर 'बहुब्रीहि समास' है। 

  • 'मुरलीधर' का उचित समास विग्रह है - मुरली धारण करने वाले अर्थात कृष्ण भगवान। 
  • जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। वहाँ बहुब्रीहि समास होता है। 

अन्य विकल्प 

समास

परिभाषा

उदाहरण

द्विगु समास

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

चार राहों का समूह = चौराहा

तत्पुरुष समास

जिस समास में प्रथम पद गौण और उत्तर पद की प्रधानता होती है और समास करते वक्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है।  

यश को प्राप्त = यशप्राप्त

कर्मधारय समास

पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य होता है अथवा इसके पूर्वपद और उत्तर पद में उपमान और उपमेय का संबंध होता है।

नव है जो युवक  = नवयुवक

 

 

 

 

 

 

 

 

 

  • समास वह क्रिया है, जिसके द्वारा हिंदी में कम-से-कम शब्दों  अधिक-से-अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है।
  • समास के छ: भेद हैं –
  1. द्वन्द्व समास
  2. द्विगु समास
  3. तत्पुरुष समास
  4. कर्मधारय समास
  5. अव्ययीभाव समास
  6. बहुव्रीहि समास

बहुव्रीहि समास Question 3:

बहुव्रीहि समास का उदाहरण है-

  1. यथाशक्ति
  2. चन्द्रशेखर
  3. राजकुमार
  4. नीलकमल

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : चन्द्रशेखर

बहुव्रीहि समास Question 3 Detailed Solution

सही 'चन्द्रशेखर' है।

Key Points

  • बहुव्रीहि समास- जिस समास में प्रथम पद एवं द्वितीय पद दोनों की प्रधानता न हो बल्कि कोई तीसरा पद की प्रधानता हो, उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।
  • चन्द्रशेखर में बहुव्रीहि समास है, इसका समास विग्रह चंद्र है सिर पर जिसके अर्थात् शिव, इसमें अन्य पद 'शिव' की प्रधानता बताई गई है।

अन्य विकल्प- 

  • यथाशक्ति- अव्ययीभाव समास है। (शक्ति के अनुसार)
  • राजकुमार- तत्पुरूष समास है। (राजा का कुमार)
  • नीलकमल- कर्मधारय समास है। (नीला अहै जो कमल)

Additional Information

समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं -

समास

परिभाषा

उदाहरण

तत्पुरुष 

जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

बहुव्रीहि 

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

कर्मधारय 

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो। 

पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

द्विगु

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

अव्ययीभाव 

जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। 

प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

द्वंद्व 

द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद समान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।

माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न 

बहुव्रीहि समास Question 4:

'पीताम्बर' शब्द का बहुव्रीहि समास के अनुसार विग्रह वाक्य है:

  1. पीला वस्त्र
  2. पीला है वस्त्र जिसका
  3. पीला आकाश
  4. कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : पीला है वस्त्र जिसका

बहुव्रीहि समास Question 4 Detailed Solution

  • "पीला है वस्त्र जिसका" यहाँ सही विकल्प होगा।​ 
  • Confusion Points

    • पीताम्बर का कर्मधारय समास के अनुसार : विग्रह -- पीत है अम्बर जिसका, अथवा पीला वस्त्र जिसका है।
      • क्योंकि  इस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध होते है। 
    • जबकि बहुव्रीहि समास के अनुसार:--  पीत है अम्बर जिसका अर्थात 'कृष्ण'
      • जिस समास का विग्रह करने पर किसी अन्य पद की प्रधानता झलकती हो, उसे बहुव्रीहि समास कहा जाता है।

    Additional Information

    • दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए एक नवीन एवं सार्थक शब्द को समास कहते हैं।  
    • समास के छ: भेद हैं - 
    1. तत्पुरुष समास 

    2. अव्ययीभाव समास 

    3. द्विगु समास 

    4. द्वंद्व समास 

    5. कर्मधारय समास 

    6. बहुब्रीहि समास 

बहुव्रीहि समास Question 5:

निम्न में से बहुव्रीहि समास कौन-सा है?

  1. लम्बोदर
  2. सप्तऋषि
  3. प्रतिदिन
  4. चरणकमल

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : लम्बोदर

बहुव्रीहि समास Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर 'लम्बोदर' है।

Key Points

  • लम्बोदर में बहुव्रीहि समास है 
  • ‘लम्बोदर’ अर्थात लम्बा है उदर जिसका अर्थात गणेश 
  • बहुव्रीहि समास का अर्थ है जिस समास पद में कोई पद प्रधान नहीं होता, दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की ओर संकेत करते हैं

अन्य विकल्प- 

  • सप्तऋषि अर्थात सात ऋषियों का समूह(द्विगु समास)
  • प्रतिदिन अर्थात प्रति+दिन (अव्ययीभाव समास)
  • चरणकमल = कमल के समान चरण (कर्मधारय समास) 

बहुव्रीहि समास Question 6:

माखनचोर में कौन सा समास है?

  1. द्विगु
  2. द्वंद्व
  3. कर्मधारय  
  4. बहुव्रीहि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : बहुव्रीहि

बहुव्रीहि समास Question 6 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 4 ‘बहुव्रीहि है। Key Points

  • माखनचोर का समास विग्रह ‘माखन को चुराने वाला’ अर्थात कृष्ण होगा।
    • अत: जिस समास दोनों पद प्रधान न होकर कोई तीसरा हे अर्थ निकलता हो वहाँ "बहुव्रीहि समास" होता है।

Mistake Points

  • तत्पुरुष समास:- जिसमे मध्य में एक कारक विभक्ति लगी हो जिसका लोप हो जैसे:मूर्ति को बनाने वाला — मूर्तिकार,विग्कारह करने ल को जीतने वाला — कालजयी
  • बहुव्रीहि समास:- इसमें करने के पश्चात अन्य ही तीसरापद निकलकर आता है, जैसे: दशानन = दस सर वाला, अर्थात रावण,
  • अब हम जानते है, की दस सर वाला सिर्फ रावण है, इसी तरह माखनचोर का विग्रह माखन को चुराने वाला अर्थात हम जानते है।
  • माखन चोर सिर्फ कृष्ण को कहा जाता है, अत: यहाँ बहुव्रीहि समास सही होगा।

अन्य विकल्प: 

समास

परिभाषा

उदाहरण

द्वंद्व समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान हों तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’, ‘और’ का प्रयोग होता है।

माता और पिता  = माता-पिता 

कर्मधारय समास

पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य होता है अथवा इसके पूर्वपद और उत्तर पद में उपमान और उपमेय का संबंध होता है।

नव है जो युवक  = नवयुवक

बहुव्रीहि समास 

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं।

जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान

Additional Information

  • समास संक्षेप करने की एक प्रक्रिया है।
  • दो या दो से अधिक शब्दों का परस्पर सम्बन्ध बताने वाले शब्दों अथवा कारक चिह्नों का लोप होने पर उन दो अथवा दो से अधिक शब्दों के मेल से बने एक स्वतन्त्र शब्द को समास कहते हैं।

बहुव्रीहि समास Question 7:

किस विकल्प में 'बहुव्रीहि' समास है?

  1. पंचपात्र
  2. चतुरानन
  3. त्रिभुवन
  4. चतुर्युग

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : चतुरानन

बहुव्रीहि समास Question 7 Detailed Solution

चतुरानन , में 'बहुव्रीहि' समास है। अन्य विकल्प असंगत है। अतः सही उत्तर विकल्प 2) चतुरानन होगा ।

Key Points

  • चार है आनन (मुख) जिसके वह - ब्रम्हा ( बहुब्रीही समास). 
  • पांच पात्रों(बर्तनों)का समूह-पंचपात्र (द्विगु समास)
  • तीन भुवनों का समाहार-त्रिभुवन (द्विगु समास)
  • चार युगों का समूह-चतुर्युग (द्विगु समास)

Additional Information

समास

परिभाषा

उदाहरण

बहुब्रीहि समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं।

जैसे – जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।
 

द्विगु समास

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

जैसे – दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

Important Points

द्विगु तथा बहुव्रीहि समास में अंतर :

अंतर

उदाहरण

द्विगु समास का पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है और दूसरा पद विशेष्य होता है जबकि बहुव्रीहि समास में समस्त पद ही विशेषण का कार्य करता है।

जैसे – दोपहर- दो पहरों का समूह (द्विगु समास), चतुर्भुज- चार है भुजाएँ जिसकी अर्थात विष्णु (बहुव्रीहि समास)।

बहुव्रीहि समास Question 8:

दिए गए शब्दों के लिए उपयुक्त समास ज्ञात कीजिए। 

सुलोचना, चतुर्भुज, दशानन 

  1. अव्ययीभाव समास
  2. बहुब्रीहि समास
  3. कर्मधारय समास
  4. द्विगु समास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : बहुब्रीहि समास

बहुव्रीहि समास Question 8 Detailed Solution

सही उत्तर बहुब्रीहि समासहै। अन्य विकल्प गलत उत्तर हैं।  

Key Points

  • सुलोचना, चतुर्भुज, दशानन - शब्दों में बहुब्रीहि समास है।
  • सुलोचना – सुंदर है लोचन जिसके अर्थात मेघनाथ की पत्नी। 
  • चतुर्भुज - चार हैं भुजाएं जिसकी अर्थात विष्णु 
  • दशानन- दस हैं आनन जिसके अर्थात रावण 
  • बहुब्रीहि समास- जिस समास  के दोनों पद अप्रधान हों और समस्त पद के अर्थ के अतिरिक्त कोई सांकेतिक अर्थ प्रधान हो, उसे बहुब्रीहि समास कहते हैं। जैसे-
  • नीलकंठ – नीला है कंठ जिसका अर्थात शिव।

Additional Information

  अव्ययीभाव समास

जिसका पहला पद अव्यय होता है और उसका अर्थ प्रधान होता है। (उसमें कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता)

जन्म से लेकर = आजन्म

माती के अनुसार = यथामति

  कर्मधारय समास

पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य होता है अथवा इसके पूर्वपद और उत्तर पद में उपमान और उपमेय का संबंध होता है।

कमल के समान चरण = चरणकमल

नव है जो युवक  = नवयुवक

  द्विगु समास

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

चार राहों का समूह = चौराहा

पांच तंत्रों का समाहार = पंचतंत्र

बहुव्रीहि समास Question 9:

'वीणापाणि' में समास है

  1. कर्मधारय
  2. तत्‍पुरूष
  3. बहुब्रीहि
  4. द्विगु

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : बहुब्रीहि

बहुव्रीहि समास Question 9 Detailed Solution

उपर्युक्त प्रश्न का सही उत्तर बहुब्रीहि समस है ।

Key Points

  •  समास के नियमों से निर्मित शब्द सामासिक शब्द कहलाता है।
  • इसे समस्तपद भी कहते हैं। समास होने के बाद विभक्तियों के चिह्न (परसर्ग) लुप्त हो जाते हैं।
  • जैसे-राजपुत्र।
  • बहुव्रीहि समास-
    जिस समास के दोनों पद अप्रधान हों और समस्तपद के अर्थ के अतिरिक्त कोई सांकेतिक अर्थ प्रधान हो उसे बहुव्रीहि समास कहते हैं।
  • जैसे -
    दशानन - दश है आनन (मुख) जिसके अर्थात् रावण
    नीलकंठ- नीला है कंठ जिसका अर्थात् शिव
    सुलोचना- सुंदर है लोचन जिसके अर्थात् मेघनाद की पत्नी
    पीतांबर- पीला है अम्बर (वस्त्र) जिसका अर्थात् श्रीकृष्ण
    लंबोदर- लंबा है उदर (पेट) जिसका अर्थात् गणेशजी
    दुरात्मा- बुरी आत्मा वाला ( दुष्ट)
    श्वेतांबर- श्वेत है जिसके अंबर (वस्त्र) अर्थात् सरस्वती जी

Additional Information

  •  समास-विग्रह
  • सामासिक शब्दों के बीच के संबंधों को स्पष्ट करना समास-विग्रह कहलाता है।
  • विग्रह के पश्चात सामासिक शब्दों का लोप हो जाता है जैसे-राज+पुत्र-राजा का पुत्र।
  • समास के छः भेद हैं:

    अव्ययीभाव
    तत्पुरुष
    द्विगु
    द्वन्द्व
    बहुव्रीहि
    कर्मधारय

बहुव्रीहि समास Question 10:

'चंद्रशेखर' में है।

  1. बहुब्रीहि समास
  2. द्वंद्व समास
  3. तत्पुरुष समास
  4. द्विगु समास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : बहुब्रीहि समास

बहुव्रीहि समास Question 10 Detailed Solution

'चंद्रशेखर' में है - 'बहुब्रीहि समास'

  • चंद्रशेखर का समास विग्रह = चंद्रमा है सिर पर जिसके अर्थात भगवान शिव
  • (यहाँ पूर्व पद ‘चंद्रमा’ एवं उत्तर पद ‘सिर’ में से कोई भी पद प्रधान नहीं है और ये दोनों पद मिलने के बाद सिर पर चंद्रमा धारण करने वाला अर्थात ‘शिव’ की और संकेत कर रहे हैं।)
  • वह समास जिसके समस्त पदों में से कोई भी पद प्रधान नहीं होता एवं दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की ओर संकेत करते हैं वह समास बहुव्रीहि समास कहलाता है। 

उदाहरण -

  • दशानन = दस हैं आनन जिसके अर्थात रावण
  • चतुर्मुख = चार हैं मुख जिसके अर्थात ब्रह्म

Important Points 

द्वंद्व:-

  • जिस समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं
  • दोंनों पदों को मिलाते समय ‘और’, ‘अथवा’, ‘या’, ‘एवं’ आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है। 

उदाहरण -

  • खरा-खोटा = खरा या खोटा
    राधा-कृष्ण = राधा और कृष्ण
    राजा-प्रजा = राजा एवं प्रजा

तत्‍पुरूष:-

  • तत्पुरुष समास वह होता है, जिसमें उत्तरपद प्रधान होता है, अर्थात प्रथम पद गौण होता है एवं उत्तर पद की प्रधानता होती है व समास करते वक़्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है।
  • इस समास में आने वाले कारक चिन्हों को, से, के लिए, से, का/के/की, में, पर आदि का लोप होता है।

उदाहरण -

  • शोकाकुल = शौक से आकुल
  • रसोईघर = रसोई के लिए घर
  • राष्ट्रगौरव = राष्ट्र का गौरव

द्विगु समास:-

  • वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है। 

उदाहरण -

  • त्रिराहा = तीन रास्तों का समाहार
  • नवरत्न = नौ रत्नों का समूह

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