Question
Download Solution PDFअभिक्रमित अनुदेशन विधि का सिद्धांत है :
This question was previously asked in
REET Level 1 - 23rd July 2022 (S1) (Hindi-English-Sanskrit)
Answer (Detailed Solution Below)
Option 3 : क्रमित लघु पदों का सिद्धांत।
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Detailed Solution
Download Solution PDFस्वगति, स्वमूल्यांकन, प्रतिपुष्टि आदि से सम्बन्धित विधि अभिक्रमित अनुदेशन विधि है।
- एन.एस.मावी- "अभिक्रमित अनुदेशन, अनुदेशनात्मक क्रिया को अनुदेशन एवं स्व-अधिगम में परिवर्तित करने की तकनीक है। इसमें विषय वस्तु को छोटी-छोटी श्रृंखलाओं मे विभाजित किया जाता है। अधिगमकर्ता इन्हें पढ़कर सही या गलत अनुक्रिया करता है। गलत अनुक्रियाओं को ठीक करता है, सही अनुक्रियाओं की पृष्टि करता है। वह सूक्ष्म रेखीय में पारंगत होने का प्रयास करता है।"
- स्मिथ एवं मूरे- "अभिक्रमित अनुदेशन किसी अधिगम सामग्री को क्रमिक पदों की श्रृंखला में व्यवस्थित करने वाली प्रक्रिया है और प्रायः इसके द्वारा किसी विद्यार्थी को उसकी परिचित पृष्ठभूमि से संप्रत्ययों, प्रनियमों और बोध के एक जटिल और नवीन स्तर पर लाया जाता है ।"
अभिक्रमित अनुदेशन के सिद्धान्त या नियम-
- क्रमिक लघु पदों का सिद्धान्त
- सक्रिय प्रतिभागिता के सिद्धान्त
- प्रतिपुष्टि का सिद्धांत
- स्व-गति का सिद्धान्त
- स्व-परिक्षण का सिद्धांत
अतः निष्कर्ष लिकलता है कि क्रमित लघु पदों का सिद्धांत, अभिक्रमित अनुदेशन विधि का सिद्धांत है।
Last updated on Jul 19, 2025
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