Question
Download Solution PDF"या भाषा अध्यापनीया, सा स्वमाध्यमेनैव बोधनीया।" इत्यत्र भाषाशिक्षणस्य विधिरस्ति-
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFप्रश्नानुवाद - "जो भाषा पढ़ानी है, वह उसी माध्यम से समझायी/समझी जाए।" यहाँ भाषा शिक्षण की विधि है-
स्पष्टीकरण - किसी भी भाषा के शिक्षण हेतु अनेकों विधियाँ है। इन विधियों में प्रत्यक्ष विधि वह शिक्षण विधि है, जिसमें भाषा को उसी के माध्यम से पढ़ाया जाता है। इसमें किसी अन्य भाषा का उपयोग नहीं किया जाता। जैसे - यदि संस्कृत भाषा को पढ़ाना है, तो सभी क्रिया कलाप संस्कृत में ही होंगे।
Important Points
शिक्षण विधियाँ -
- जिस ढंग से शिक्षक शिक्षार्थी को ज्ञान प्रदान करता है उसे शिक्षण विधि कहते हैं। शिक्षण विधि' पद का प्रयोग बड़े व्यापक अर्थ में होता है। एक ओर तो इसके अंतर्गत अनेक प्रणालियाँ एवं योजनाएँ सम्मिलित की जाती हैं, दूसरी ओर शिक्षण की बहुत सी प्रक्रियाएँ भी सम्मिलित कर ली जाती हैं।
- अतः संस्कृत भाषा शिक्षण में भी अनेक विधियों का समावेश किया जाता है उनमे से एक सर्वोत्तम विधि है प्रत्यक्ष विधि। प्रत्यक्ष विधि यह एक आधुनिक विधि मानी जाती है।
प्रत्यक्ष विधि (Direct Method) -
यह छात्रों की सक्रिय भागीदारी को सुलभ करता है। इसमें बोलने के कौशल पर ध्यान केंद्रित करते हैं और लक्ष्य भाषा को सीधे मातृभाषा में अनुवाद किए बिना सीखने पर जोर देते है। प्रो. वी. पी. बोकील ने प्रत्यक्ष विधि को प्रतिपादित किया है।
- प्रत्यक्ष विधि को ही सुगम विधि/ प्राकृतिक विधि / निर्बाध विधि भी कहते हैं।
- प्रत्यक्ष में प्रति उपसर्ग + अक्ष् धातु है जिसका अर्थ गौर से देखना होता है, अतः प्रत्यक्ष विधि का अर्थ- वस्तुओं को प्रत्यक्ष रूप मे दिखाना है।
- इससे तात्पर्य यह है कि वस्तुओं व जीव जन्तुओं का चित्र अथवा प्रतिमान दिखा कर क्रियाओं को करके दिखाना मतलबा प्रत्यक्ष विधि।
- इस पद्धति का मुख्य सिद्धांत यह है कि जिस प्रकार बालक अनुकरण द्वारा मातृभाषा सीख लेता है, उसी प्रकार बालक श्रवण और अनुकरण द्वारा दूसरी भाषा भी सीख सकता है ।
- इस विधि में सीमित शब्दावली का ही ज्ञान दिया जाता है।
- इस विधि में श्रवण तथा पठन कौशल पर जोर दिया जाता है। अतः पढ़ना और लिखना कौशल गौण हो जाते हैं।
- इस विधि में उन्ही शब्दों का ज्ञान दिया जा सकता है जो मूर्त रूप म उपस्थित हों तथा उन्हे कक्षा कक्ष मे लाया जा सके।
- 'प्रत्यक्ष विधि' भाषा शिक्षण की वह विधि है, जिसमें लक्ष्य भाषा सीखते समय मातृभाषा का प्रयोग नहीं किया जाता है।
- इस विधि को प्राकृतिक और व्याकरण विरोधी विधि के रूप में भी जाना जाता है।
- प्रत्यक्ष विधि व्यक्तित्व के आकलन में मदद करती है और उन बाधाओं को खत्म करने में मदद करती है जो किसी व्यक्ति के व्यक्तित्व का आकलन करने में बाधा उत्पन्न करती है।
- यह व्यवहार कौशल का विकास करती है।
अतः कहा जा सकता है कि जो भाषा पढ़ानी है, वह उसी माध्यम से समझायी/समझी जाए, यह शिक्षण विधि प्रत्यक्ष विधि है।
Last updated on Jul 19, 2025
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