Question
Download Solution PDFसिद्धों से संबंधित रामचंद्र शुक्ल के कौन - से कथन सही हैं ?
(1) ब्रजयान में आकर महासुखवाद का प्रवर्तन हुआ।
(2) नाथ पंत सिद्धों की परंपरा से नहीं निकला है।
(3) सिद्धों का साहित्य शुद्ध साहित्य के अंतर्गत नहीं आता है।
(4) सिद्धों की बानियाँ सांकेतिक नहीं हैं।
सही विकल्प चुनिए :
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFसिद्धों से संबंधित रामचंद्र शुक्ल के सही कथन है -
- ब्रजयान में आकर महासुखवाद का प्रवर्तन हुआ।
- सिद्धों का साहित्य शुद्ध साहित्य के अंतर्गत नहीं आता है।
- सिद्धों ने बौद्ध धर्म की वज्रयान तत्व का प्रचार प्रसार करने के लिए जो साहित्य लिखा वह सिद्ध साहित्य की श्रेणी में आता है।
- हिंदी काव्यधारा (1910 ई.) के रचयिता राहुल सांकृत्यायन ने सिद्धों की संख्या 84 मानी है।
- सिद्ध साहित्य का विकास पूर्वी भारत में हुआ है।
- सिद्धों की साधना का प्रधान केंद्र श्री पर्वत था।
- मध्ययुगीन संत साहित्य पर सिद्ध साहित्य का प्रभाव है।
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- वज्रयान बौद्ध धर्म की विकृत शाखा थी इस वज्रयान में वज्र शब्द हिंदू विचार पद्धति से लिया गया।
- बौद्धों ने वज्र का अर्थ शून्यवाद लिया है बुद्ध को वज्रसत्व की संज्ञा मिली है।
- वज्रयान यानी शून्यवाद को प्राप्त करने के लिए सिद्धों ने विकृत मार्ग अर्थात वामाचार को अपनाया।
- सिद्धों ने अपने मत का प्रचार करने के लिए संध्या भाषा को चुना।
- सिद्धों की वामाचार भोग प्रधान साधना प्रवृत्ति पर शेव मत के कौल संप्रदाय का प्रभाव है।
- पंडित हर प्रसाद शास्त्री ने सिद्धों के चर्यागीतों और दोहों का संपादन 'बोधगान और दोहा' नाम से (1917 ई.)में करवाया।
- नाथ पंथ सिद्धों की परंपरा से ही निकला है।
- सिद्धों की वाणीयां सांकेतिक है।
Last updated on May 25, 2025
-> BPSC Senior Secondary Teacher, BPSC TRE 4.0 is to be conducted in August, 2025.
-> CTET/STET-qualified candidates can appear for the BPSC TRE 4.0.
-> The Bihar Senior Secondary Teacher eligibility is PG + B.Ed./ B.El.ED + STET Paper-2 Pass.
-> The selection process includes a written exam. To boost your exam preparation, refer to the Bihar Senior Secondary Teacher Test Series.