शरीर की कई गतियाँ संधि की गति से जुड़ी होती हैं। स्तम्भ A में दी गई शरीर की गति को स्तम्भ B में दिए गए गति के लिए उत्तरदायी संधि के प्रकार से मिलान करिए।

  स्तम्भ A   स्तम्भ B
a) क्रिकेट की गेंद फ़ेंकना (i) धुराग्र संधि
b)  सिर को बाँई या दाँई दिशा में घुमाना (ii) हिंज (कब्ज़ा) संधि
c) कोहनी की गति (iii)  अचल संधि
d) हंँसते हुए ऊपरी जबड़े की गति (iv) कंदुक और खल्लिका संधि

This question was previously asked in
CTET Paper 2 Maths & Science 4th Jan 2022 (English-Hindi)
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  1. a - (iv), b - (i), c - (ii), d - (iii)
  2. a - (iv), b - (ii), c - (i), d - (iii)
  3. a - (i), b - (ii), c - (iv), d - (iii)
  4. a - (ii), b - (i), c - (iii), d - (iv)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : a - (iv), b - (i), c - (ii), d - (iii)
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Detailed Solution

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अवधारणा:

  • कंकाल तंत्र शरीर के मुख्य ढांचे के रूप में कार्य करता है।
  • यह उपास्थि और संधियों से जुड़ी सभी अस्थियों और ऊतकों का संयोजन है।
  • संधि कंकाल तंत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं क्योंकि यह विभिन्न स्थानों पर विभिन्न प्रकार की गति की अनुमति देती है।
  • यदि कंकाल बिना संधियों के होगा, तो मानव शरीर में कोई गति नहीं होगी।
  • कंकाल तंत्र को अक्षीय और उपांगीय तंत्र में विभाजित किया गया है।
  • एक वयस्क शरीर में 206 अस्थियां होती हैं।

अक्षीय कंकाल:

  • यह शरीर के केंद्रीय अक्ष के साथ होता है और 80 अस्थियों से बना है और इसमें निम्नलिखित शामिल हैं
  • कपाल अस्थि, थोरैसिक केज, और कशेरुक दंड

उपांगीय कंकाल:

  • उपांगीय कंकाल 126 अस्थियों से बना है और इसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
  • श्रोणि मेखला, ऊपरी अंग, निम्न अंग, अंस मेखला

 

F1 Savita 25-4-22 Teaching D1 

                               आकृति: मानव कंकाल तंत्र

स्पष्टीकरण:

  • संधि एक जोड़ है जो कंकाल तंत्र में अस्थियों के बीच होती है।
  • संधि गति करने में सहायता करती हैं।
  • संधि हमारे कंधों को घुमाने, घुटनों और कोहनियों को मोड़ने और गर्दन को हिलाने में हमारी मदद करती हैं।

कंदुक और खल्लिका संधि:

  • इस प्रकार की संधि घूर्णन गति में मदद करती है
  • एक अस्थि दूसरी अस्थि के खोखले स्थान से जुड़ी होती है।
  • उदाहरण: कंधे

धुराग्र संधि:

  1. इस प्रकार की संधि एक तरफ तथा आगे और पीछे की ओर गति करती है।
  2. एक अस्थि दूसरी में इस तरह से चिपकी हुई होती है कि पूरा घूर्णन संभव नहीं होता है।
  3. उदाहरण: गर्दन में धुराग्र संधि

हिंज (कब्ज़ा) संधि:

  • हिंज संधि दरवाजे में कब्जे की तरह होती हैं, जहां केवल आगे और पीछे की गति संभव है।
  • उदाहरण टखने, कोहनी और घुटने की संधि हैं।

अचल संधि:

  • इस प्रकार की संधि अस्थियों को आपस में इस तरह से जोड़ा जाता है कि वे एक निश्चित संरचना बनाने के लिए घटक से जुड़ी होती हैं। उदाहरण करोटि और ऊपरी जबड़ा

अतः, सही उत्तर विकल्प (1) है।

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Additional Information

ग्लाइडिंग संधि:

  • यह संधि दो या दो से अधिक गोल या सपाट अस्थियों को बिना रगड़े स्वतंत्र रूप से चलने या एक साथ स्लाइड करने की अनुमति देती है।
  • उदाहरण कलाई, हथेली, टखने और तलवे

सैडल संधि:

  • इस प्रकार की संधि घूर्णन की अनुमति नहीं देती है, यह आगे और पीछे की गति के साथ-साथ अगल-बगल गति की अनुमति भी नहीं देती है।
  • उदाहरण: अंगूठा
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