भारत में परमाणु खनिजों के नियमन के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार करें:

1. परमाणु खनिजों को 'रणनीतिक खनिज' के रूप में वर्गीकृत किया गया है और 1962 के परमाणु ऊर्जा अधिनियम द्वारा विनियमित किए जाते हैं।

2. परमाणु ऊर्जा विभाग (DAE) भारत में परमाणु खनिजों की खोज, खनन और प्रसंस्करण के लिए जिम्मेदार है।

3. भारत में निजी कंपनियों को सरकारी पर्यवेक्षण के तहत यूरेनियम और थोरियम का खनन करने की अनुमति है।

4. भारत का मोनाजाइट खनन पर विशेष नियंत्रण है, तथा इसमें थोरियम की उच्च मात्रा के कारण निर्यात पर प्रतिबंध है।

उपरोक्त में से कितने कथन सही हैं?

  1. केवल एक
  2. केवल दो
  3. केवल तीन
  4. सभी चार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : केवल तीन

Detailed Solution

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सही उत्तर विकल्प 3 है।

Key Points

  • कथन 1 - सही - 1962 का परमाणु ऊर्जा अधिनियम, यूरेनियम, थोरियम और अन्य परमाणु खनिजों को रणनीतिक संसाधन के रूप में वर्गीकृत करता है।
  • कथन 2 - सही - परमाणु ऊर्जा विभाग (डीएई) और इसकी सहायक कंपनी, यूसीआईएल (भारतीय यूरेनियम निगम लिमिटेड), परमाणु खनिज खनन का निरीक्षण करती है।
  • कथन 3 - गलत - भारत में निजी कंपनियों को यूरेनियम और थोरियम का खनन करने की अनुमति नहीं है; खनन सरकार द्वारा कड़ाई से नियंत्रित है।
  • कथन 4 - सही - भारत मोनोजाइट खनन को नियंत्रित करता है और थोरियम भंडार की सुरक्षा के लिए इसके निर्यात को प्रतिबंधित करता है।
    • सही उत्तर: (C) केवल तीन

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