पादपों में साइटोकाइनिन जैव संश्लेषण के सन्दर्भ में निम्न कथनें बनाएं गये:

A. ट्रान्स - जियाटिन (tZ) तथा आइसो-पेप्टाइनिलएडिनाईल (iP) आइसोप्रीनाएड CKs का सक्रिय प्रकार है।

B. CKs न्यूक्लियोसाइड तथा ग्लाइकोसिडिक संयुग्मीयों के रूप में उपस्थित होते है परन्तु न्यूक्लियोटाइड संयुग्मीयों जैसा नहीं।

C. सक्रिय CK के निर्माण के लिए द्वि-चरण पथ में विफास्फोरिलीभवन तथा डिराइबोसिलेसन चरणें शामिल होते है।

D. CK उपापचय में लोनली गाइ (LOG) एन्जाइम शामिल होता है।

निम्नांकित कौन सा एक विकल्प सभी सही कथनों के मेल को दर्शाता है? 

This question was previously asked in
CSIR-UGC (NET) Life Science: Held on (6 June 2023 Shift 2)
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  1. A, B तथा C
  2. A, B तथा D
  3. A, C तथा D
  4. B, C तथा D

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : A, C तथा D
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10 Questions 20 Marks 15 Mins

Detailed Solution

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सही उत्तर विकल्प 3 अर्थात A,C और D है

अवधारणा:

  • साइटोकाइनिन N-एडेनिन व्युत्पन्न, फेनिल यूरिया यौगिक हैं, जिनका पौधे के कई शारीरिक कार्यों पर विविध प्रभाव पड़ता है।
  • प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले साइटोकाइनिन एडेनिन होते हैं, जिनमें \(N^6\) स्थिति पर आइसोप्रेनॉइड या एरोमैटिक साइड चेन होती है।
  • इन्हें काइनेटिन कहा जाता है क्योंकि ये साइटोकाइनेसिस को बढ़ावा देते हैं।
  • प्राकृतिक रूप से पाया जाने वाला पहला साइटोकाइनिन मिलर और लेथम द्वारा स्वतंत्र रूप से मक्के से अलग किया गया था और इसे ज़ेटिन कहा गया।
  • साइटोकाइनिन का जैवसंश्लेषण:
    • साइटोकाइनिन सामान्यतः मेरिस्टेमेटिक क्षेत्र और बढ़ते ऊतकों में उच्च सांद्रता में पाए जाते हैं।
    • साइटोकाइनिन का संश्लेषण जड़ में होता है और फिर जाइलम के माध्यम से टहनियों तक स्थानांतरित हो जाता है।
    • एडेनिन का जैव रासायनिक रूपांतरण साइटोकाइनिन के जैवसंश्लेषण में शामिल है।
    • जैवसंश्लेषण आइसोपेंटेनिल AMP के निर्माण से शुरू होता है।
    • इसके बाद फॉस्फेट समूह को हटाकर आइसोपेंटेनिल AMP को आइसोपेंटेनिल एडेनोसिन में परिवर्तित कर दिया जाता है।
    • इसके बाद राइबोज समूह के हाइड्रोलिटिक निष्कासन द्वारा आइसोपेंटेनिल एडेनोसिन को आइसोपेंटेनिल एडेनिन में परिवर्तित कर दिया जाता है।
    • आइसोपेंटेनिल एडेनिन को आगे ऑक्सीकृत किया जाता है, जिससे आइसोपेंटेनिल पार्श्व श्रृंखला के मिथाइल समूह में एक हाइड्रोजन के स्थान पर हाइड्रॉक्सिल समूह प्रतिस्थापित हो जाता है, जिससे ज़ेटिन बनता है।

स्पष्टीकरण:

  • ट्रान्स - जियाटिन (tZ) तथा आइसो-पेप्टाइनिलएडिनाईल (iP) आइसोप्रीनाएड CKs का सक्रिय प्रकार है।
    • अतः कथन A सही है।
  • पौधों में साइटोकाइनिन मुक्त क्षार के रूप में तथा न्यूक्लियोसाइड और न्यूक्लियोटाइड के रूप में भी पाए जाते हैं। साइटोकाइनिन क्षार एडेनिन रिंग के N3, N7, और N9 स्थानों पर तथा साइड चेन के हाइड्रॉक्सिल पर ग्लूकोज से संयुग्मित होकर संयुग्मित साइटोकाइनिन बनाते हैं।
    • अतः कथन B गलत है
  • आइसोपेंटेनिल AMP का आइसोपेंटेनिल एडेनोसिन में डीफॉस्फोरिलीकरण तथा सोपेंटेनिल एडेनोसिन का आइसोपेंटेनिल एडेनिन में डेरिबोसिलीकरण, ज़ेटिन नामक सक्रिय साइटोकाइनिन के जैवसंश्लेषण में शामिल दो महत्वपूर्ण चरण हैं।
    • अतः कथन C सही है।
  • साइटोकाइनिन राइबोसाइड 5′-मोनोफॉस्फेट फॉस्फोरिबोहाइड्रोलेज़ (लोनली गाइ) एंजाइम फूल वाले पौधों में साइटोकाइनिन के प्रत्यक्ष सक्रियण में शामिल रहा है। यह साइटोकाइनिन राइबोटाइड्स से एकल एंजाइमेटिक चरण में मुक्त-आधार, सक्रिय साइटोकाइनिन स्पीशीज के स्राव को उत्प्रेरित करता है।
    • अतः कथन D सही है।

अतः, सही उत्तर विकल्प 3 है।

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