Question
Download Solution PDFधातु मशीनिंग के दौरान द्वितीयक अपरूपण क्षेत्र किसके बीच होता है?
This question was previously asked in
APPSC Lecturer (Polytechnic Colleges) Held on March 2020
Answer (Detailed Solution Below)
Option 1 : धातु चिप और कर्तन उपकरण
Detailed Solution
Download Solution PDFसंकल्पना:
द्वितीयक अपरूपण क्षेत्र (SSZ):
- यह धातु चिप और कर्तन उपकरण के बीच होता है।
- SSZ में चिप उपकरण अंतराफलक पर घर्षण की मौजूदगी के कारण आपूर्ति की गयी ऊर्जा को ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है।
- आपूर्ति की गयी ऊर्जा के लगभग 30 से 35% को SSZ में ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है।
- उत्पादित ऊष्मा में से ऊष्मा की अधिकतम मात्रा का वहन चिप द्वारा किया जाता है, केवल एक छोटी मात्रा को उपकरण में स्थानांतरित किया जाता है।
- ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उपकरण की तापीय चालकता चिप की तुलना में कम होता है।
प्राथमिक अपरूपण क्षेत्र (PSZ):
- यह वस्तु और धातु चिप के बीच में है।
- PSZ में जब अपरूपण क्रिया होती है, तो पदार्थ के अणुओं के बीच मौजूद आणविक बंध टूटने लगती है।
- आणविक बंध को तोड़ने के लिए ऊर्जा की विशिष्ट मात्रा के आपूर्ति करने की आवश्यकता होती है लेकिन आणविक बंध के टूटने के दौरान वे ऊष्मा ऊर्जा के रूप में ऊर्जा की बराबर मात्रा मुक्त करते हैं।
- उत्पादित ऊष्मा में से ऊष्मा की अधिकतम मात्रा (60 से 65%) का वहन चिप द्वारा किया जाता है।
तृतीयक अपरूपण क्षेत्र(TSZ):
- यह वस्तु और कर्तन उपकरण के बीच होता है।
- TSZ में आपूर्ति की गयी ऊर्जा को ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है, जो उपकरण के कार्य अंतराफलक के घर्षण की मौजूदगी के कारण होता है।
- आपूर्ति की गयी ऊर्जा के लगभग 5 से 10% को इस क्षेत्र में ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है।
Last updated on May 17, 2025
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