दो परिनालिका जिनकी लंबाई L और 2L है एवं कुंडलियों की संख्या N और 4N है,दोनों की धारा समान है, तो चुंबकीय क्षेत्र का अनुपात होगा-

  1. 1 : 2
  2. 2 : 1
  3. 1 : 4
  4. 4 : 1

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : 1 : 2
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SSC Scientific Assistant Physics Official Paper (Held On: 22 November 2017 Shift 1)
200 Qs. 200 Marks 120 Mins

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अवधारणा:

  • एक परिनालिका एक ऐसा उपकरण है जिसमे बेलन के ऊपर तांबे की कुंडली बनी होती है जिसे कुंडली के भीतर एक प्रबल चुंबकीय क्षेत्र प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है, क्योंकि कुंडली के माध्यम से धारा प्रवाहित होती है।
  • एक बेलन ऊपर  एक तार को कई बार लपेटने से धारा के प्रवाह के कारण चुंबकीय क्षेत्र काफी प्रबल हो सकता है।
  • इसलिए हम कह सकते हैं कि कुंडली के माध्यम से चुंबकीय क्षेत्र की प्रबलता बदल जाएगी यदि कुंडली की धारा अथवा घुमावों की संख्या बदलती है।
  • चुंबकीय क्षेत्र की प्रबलता एक परिनालिका के बेलन के व्यास से स्वतंत्र है।
  • एक परिनालिका में चुंबकीय क्षेत्र की प्रबलता  घुमावों और एक तार की धारा की मात्रा के समान आनुपातिक होगी और इसकी लंबाई के विलोम आनुपातिक होगी।
  • इस प्रकार इसका मान होगा,
  • जहां N = घुमावों की संख्या और I = धारा , l = परिनालिका की लंबाई

गणना:
दिया गया गया है:

पहली परिनालिका की लंबाई= L

दूसरी परिनालिका की लंबाई= 2L

पहली परिनालिका में घुमावों की संख्या N और

दूसरी परिनालिका में घुमावों की संख्या= 4L

  • परिनालिका के कारण चुंबकीय क्षेत्र द्वारा दिया जाता है

    चूंकि μo और धारा (I) स्थिर है, इसलिए-

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