भारतीय संविदा अधिनियम, 1872 की धारा 126 के अनुसार "प्रत्याभूति की संविदा" की परिभाषा क्या है?

  1. व्यतिक्रम की स्थिति में किसी तीसरे व्यक्ति के वादे को पूरा करने के लिए संविदा 
  2. ऋणदाता के दायित्व का निर्वहन करने के लिए एक संविदा 
  3. प्रतिभू के वादे को पूरा करने के लिए एक संविदा 
  4. प्रतिभू के दायित्व का निर्वहन करने के लिए एक संविदा 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : व्यतिक्रम की स्थिति में किसी तीसरे व्यक्ति के वादे को पूरा करने के लिए संविदा 

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सही उत्तर विकल्प 1 है। Key Points 

  • भारतीय संविदा अधिनियम 1872 की धारा 126प्रत्याभूति की संविदा”, “प्रतिभू”, “मूल ऋणी” और “लेनदार” से संबंधित है।
  • "प्रत्याभूति की संविदा" किसी तीसरे व्यक्ति के वादा पूरा करने, या उसके द्वारा चूक किए जाने की स्थिति में उसके दायित्व का निर्वहन करने का संविदा है।
  • प्रत्याभूति देने वाले व्यक्ति को "प्रतिभू" कहा जाता है; जिस व्यक्ति के व्यतिक्रम के संबंध में प्रत्याभूति दी जाती है उसे "मूल ऋणी" कहा जाता है, और जिस व्यक्ति को प्रत्याभूति दी जाती है उसे "लेनदार" कहा जाता है। प्रत्याभूति मौखिक या लिखित हो सकती है।

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