एक ही कार्य से उत्पन्न होने वाले कई अपराधों के संबंध में भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 9 में अंतर्निहित सिद्धांत क्या है?

  1. अपराधी को यह चुनने की अनुमति होनी चाहिए कि उसे किस अपराध के लिए दंडित किया जाए।
  2. अपराधी को केवल एक बार ही दंडित किया जाना चाहिए, जब तक कि कानून विशेष रूप से एक से अधिक दंड की अनुमति न देता हो।
  3. अपराधी को प्रत्येक अपराध के लिए सदैव अलग से दंडित किया जाना चाहिए।
  4. न्यायालय अपने विवेकानुसार विभिन्न अपराधों के लिए अलग-अलग सजाएं दे सकता है।

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Option 2 : अपराधी को केवल एक बार ही दंडित किया जाना चाहिए, जब तक कि कानून विशेष रूप से एक से अधिक दंड की अनुमति न देता हो।

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सही उत्तर विकल्प 2 है।

मुख्य बिंदु धारा 9 इस सिद्धांत पर प्रकाश डालती है कि जब किसी कार्य के परिणामस्वरूप कई अपराध होते हैं, तो अपराधी को कई बार दंडित नहीं किया जा सकता है जब तक कि कानून में ऐसी सज़ा का विशेष प्रावधान न हो। यह सिद्धांत सुनिश्चित करता है कि सज़ा अत्यधिक न हो और व्यक्तियों को एक ही या संबंधित कार्यों के लिए कई बार अनुचित रूप से दंडित न किया जाए।

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