भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक, 2023 को भारत के राष्ट्रपति की स्वीकृति कब प्राप्त हुई?

  1. 15 अगस्त, 2023
  2. 25 सितंबर, 2023
  3. 30 अक्टूबर, 2023
  4. 25 दिसंबर, 2023

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : 25 दिसंबर, 2023

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सही उत्तर 25 दिसंबर, 2023 है। 

In News

  • भारत के तीन नए आपराधिक कानून - भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम - आज (1 जुलाई) से प्रभावी हो गए हैं।
  • 11 अगस्त, 2023 को गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता विधेयक, 2023 पेश किया। हालाँकि, 12 दिसंबर 2023 को इस विधेयक को वापस ले लिया गया।
  • उसी दिन, भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक, 2023 को लोकसभा में पेश किया गया। इसके बाद, 20 दिसंबर 2023 को भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक, 2023 को लोकसभा में पारित कर दिया गया।
  • अगले दिन 21 दिसंबर 2023 को इसे राज्यसभा में पारित कर दिया गया। अंततः 25 दिसंबर 2023 को भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता विधेयक, 2023 को भारत के राष्ट्रपति की स्वीकृति मिल गई।

Key Points

  • भारतीय न्याय संहिता (BNSS):
    • उद्देश्य: भारत गणराज्य का आधिकारिक दंड संहिता।
    • प्रभावी तिथि: 1 जुलाई, 2024 को लागू होगी।
    • विधायी पृष्ठभूमि: दिसंबर 2023 में संसद द्वारा पारित किया जाएगा।
    • प्रतिस्थापित कानून: यह भारतीय दंड संहिता (IPC) का स्थान लेता है, जिसे ब्रिटिश भारत के दौरान स्थापित किया गया था।
    • संरचना:
      • इसमें 20 अध्याय और 358 खंड हैं।
      • संरचना आईपीसी के समान है।
  • भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS):
    • उद्देश्य: भारत में मूल आपराधिक कानून के प्रशासन की प्रक्रिया के लिए मुख्य कानून।
    • प्रमुख प्रावधान:
      • जमानत और दलील सौदेबाजी: इससे अभियुक्त के लिए जमानत प्राप्त करना अधिक कठिन हो जाता है तथा दलील सौदेबाजी की गुंजाइश सीमित हो जाती है।
      • डिजिटल उपकरण: पुलिस अधिकारियों को यह अधिकार दिया गया है कि वे जांच के उद्देश्य से अभियुक्त को अपने डिजिटल उपकरण प्रस्तुत करने के लिए बाध्य कर सकें।
      • संपत्ति जब्ती: यह कानून पुलिस को मुकदमे से पहले अभियुक्त की संपत्ति जब्त करने और कुर्क करने का विवेकाधिकार देता है।
      • प्रारंभिक जांच: तीन वर्ष या उससे अधिक परंतु सात वर्ष से कम की सजा वाले प्रत्येक संज्ञेय अपराध के लिए प्राथमिकी दर्ज करने से पहले पुलिस द्वारा प्रारंभिक जांच अनिवार्य है।
  • भारतीय साक्षरता अधिनियम, 2023:
    • उद्देश्य: भारतीय साक्ष्य अधिनियम के रूप में कार्य करना।
    • विधायी परिवर्तन:
      • पिछले भारतीय साक्ष्य अधिनियम में 167 धाराओं की तुलना में इसमें 170 धाराएं हैं।
      • संशोधन: 23 अनुभागों को संशोधित किया गया, पांच अनुभागों को हटाया गया तथा एक नया अनुभाग जोड़ा गया।

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