भाषाशिक्षणसन्दर्भे आगमनात्मकपद्धतेः (Inductive method) एषः लाभः अस्ति _______

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CTET Dec 2018 Paper I (L - I/II: Hindi/English/Sanskrit) (Hinglish Solution)
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  1. विद्यार्थिभिः गृहकार्ये (Homework) करणस्य आवश्यकता नास्ति
  2. विद्यार्थिनः रटनाभ्यासं न कुर्वन्ति 
  3. कक्ष्यायाम् अनुशासनं रक्षितं भवति 
  4. विद्यार्थी अल्पे एव समये अधिकं पठितुं शक्नोति

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Option 2 : विद्यार्थिनः रटनाभ्यासं न कुर्वन्ति 
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प्रश्नार्थ- भाषाशिक्षण के आगमनात्मक पद्धति से यह लाभ होता है _______

शिक्षण विधि सिद्धांत, शिक्षाशास्त्र और प्रबंधन रणनीतियों की सहायता से नियमों को व्यवहार में लाने का तरीका है। भाषा शिक्षण की बहुत सी महत्वपूर्ण विधियां हैं जिनमें से आगमन विधि एक है।  

आगमन पद्धति उस विधि को कहते हैं जिसमें विशेष तथ्यों तथा घटनाओं के निरीक्षण तथा विश्लेषण द्वारा सामान्य नियमों अथवा सिद्धान्तों का निर्माण किया जाता हैं। इस विधि में ज्ञात से अज्ञात की ओर, विशिष्ट से सामान्य की ओर तथा मूर्त से अमूर्त की ओर शिक्षण सूत्रों का प्रयोग किया जाता हैं।

  • यह तर्क पर आधारित है कि अगर किसी विशेष मामले के लिए कुछ सच है और उचित रूप से पर्याप्त संख्या में मामलों के लिए सच है, तो यह ऐसे सभी मामलों के लिए सही है।
  • यह सीखने वाले को समान उदाहरणों में सामान्य तत्वों को देखकर और सामान्यीकृत कथन या नियम पर पहुंचने की वजह से विकसित करने में मदद करता है।

आगमन पद्धति  के सोपान:-

  1. उदाहरणों की प्रस्तुतीकरण
  2. विश्लेषण
  3. सामान्यीकरण
  4. परीक्षण

आगमन पद्धति  के लाभ:-

  • य‍ह एक मनोवैज्ञानिक विधि है, जो बालकों को नवीन ज्ञान को खोजने का प्रशिक्षण देता है और उन्हें जीवन में नए नए तथ्यों को खोज निकालने के लिए सदैव प्रेरित करता रहता है। 
  • इसमें ज्ञात से अज्ञात की ओर तथा सरल से जटिल की ओर चलकर मूर्त उदाहरणों द्वारा बालकों से सामान्य नियम निकलवाए जाते हैं, जिससे वे सक्रिय तथा प्रसन्न रहते हैं ज्ञानार्जन हेतु उनकी रुचि निरंतर बनी रहती है एवं उनमें रचनात्मक चिंतन, आत्मविश्वास आदि अनेक गुण विकसित हो जाते हैंl
  • इसमें बालक को सीखने के प्रत्येक सोपान को पार करना पड़ता है, जिससे शिक्षण प्रभावशाली बन जाता हैl
  • इसमें बालक उदाहरणों का विश्लेषण करते हुए सामान्य नियमों एवं सिद्धान्तों को स्वयं निकालते हैं, जिससे उनका मानसिक विकास सफलतापूर्वक हो जाता है और विद्यार्थियों में रटनाभ्यास का अभाव होता हैl
  • इस विधि में बालक सक्रिय भूमिका निभाते हैंl अतः ज्ञान उनके मस्तिष्क का अस्थाई अंग बन जाता हैl
  • यह विधि एक प्राकृतिक विधि हैl अतः व्यवहारिक जीवन के लिए अत्यंत लाभप्रद हैl

अतः स्पष्ट है कि भाषण शिक्षण में आगमन पद्धति का लाभ होता है कि ‘विद्यार्थिषु रटनाभ्यासस्य अभावः भवति’ अर्थात् विद्यार्थियों में रटनाभ्यास का अभाव होता हैl

Additional Information

  • ‘विद्यार्थिभिः गृहकार्य  (Homework)- करणस्य आवश्यकता नास्ति’ अर्थात विद्यार्थियों को गृहकार्य करने की आवश्यकता नहीं होती।
  • ‘कक्ष्यायाम् अनुशासनं रक्षितं भवति’ अर्थात् कक्षा में अनुशासन की रक्षा होती है।
  • ‘विद्यार्थिनः अल्पे एव समये अधिकं पठितुं शक्नोति अर्थात् विद्यार्थी कम समय में अधिक पढ सकते हैं।

उपर्युक्त तीनों विकल्प सही नहीं है क्योंकि इनका संबन्ध आगमन पद्धति के लाभ से नहीं है।

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