Electro Chemical Machining (ECM) MCQ Quiz in हिन्दी - Objective Question with Answer for Electro Chemical Machining (ECM) - मुफ्त [PDF] डाउनलोड करें

Last updated on Jun 17, 2025

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Latest Electro Chemical Machining (ECM) MCQ Objective Questions

Electro Chemical Machining (ECM) Question 1:

शुद्ध लोहे के कार्य खंड के साथ एक ECM में, 5 cm³/min का MRR आवश्यक है। आवश्यक धारा क्या होगी? [लोहे का परमाणु भार = 56g, संयोजकता = 2, लोहे का घनत्व = 7.8g/cm³ और F = 96500 कूलम्ब]

  1. 224 amp
  2. 2.24 amp
  3. 2240 amp
  4. 22.4 amp

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : 2240 amp

Electro Chemical Machining (ECM) Question 1 Detailed Solution

संकल्पना:

विद्युत रासायनिक मशीनिंग (ECM) में आवश्यक धारा इस प्रकार दी गई है:

\( I = \frac{\text{MRR} \times \rho \times Z \times F}{M \times 60} \)

दिया गया है:

\( \text{MRR} = 5~\text{cm}^3/\text{min},~\rho = 7.8~\text{g/cm}^3,~Z = 2,~M = 56,~F = 96500~\text{C} \)

गणना:

\( I = \frac{5 \times 7.8 \times 2 \times 96500}{56 \times 60} = \frac{7524000}{3360} \approx 2240~\text{A} \)

Electro Chemical Machining (ECM) Question 2:

विद्युत रासायनिक मशीनिंग का उपयोग _________ के लिए किया जाता है।

  1. कार्यवस्तु से सामग्री को निकालने
  2. आंतरिक सतह को साफ करने
  3. बाहरी सतह को साफ करने
  4. इनमें से कोई भी नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : कार्यवस्तु से सामग्री को निकालने

Electro Chemical Machining (ECM) Question 2 Detailed Solution

व्याख्या:

ECM (विद्युत रासायनिक मशीनिंग):

  • ECM प्रक्रिया में तंत्र EDM संकल्पना के समान होता है। ECM में, EDM की स्थिति में पारद्युतिक के बजाय एक प्रवाहकीय द्रव (विद्युत-अपघट्य) के माध्यम से उपकरण (कैथोड) और कार्यवस्तु (एनोड) के बीच एक उच्च धारा प्रवाहित की जाती है।
  • ECM प्रक्रिया एक विद्युत-अपघट्य और उच्च विद्युत-धारा का उपयोग एक बर-मुक्त सतह से उत्पन्न होने वाले धातु परमाणुओं को आयनित करने और हटाने के लिए करता है।

F1 Ashik 16.12.20 Pallavi D1

लाभ

  • EDM की तरह, ECM विधि को भी मशीनिंग के लिए नई कठोर, और कठिन सामग्री (रॉकेट और विमान उद्योग के लिए) और कठोर अपवर्तक सामग्री के लिए भी विकसित किया गया है।
  • ECM के निम्नलिखित उत्कृष्ट लाभ हैं:
    1. ECM सरल है। तेज और बहुमुखी विधि।
    2. धातु का निष्कासन पूरी तरह से धातु आयन विनिमय द्वारा किया जाता है और इसलिए कोई कर्तन बल नहीं होते हैं और कार्यवस्तु को एक अबाधित, प्रतिबल मुक्त स्थिति में छोड़ दिया जाता है। यह कभी भी उच्च तापमान या प्रतिबल के अधीन नहीं होता है। कर्तन बलों की अनुपस्थिति के कारण, बहुत पतले वर्गों को मशीनीकृत किया जा सकता है। फिर से, प्रचालन के परिणामस्वरूप कार्यवस्तु में कोई अवशिष्ट प्रतिबल नहीं होगा।
    3. यदि उचित इलेक्ट्रोलाइट्स चाप का उपयोग किया जाता है। कोई उपकरण घिसाव बिल्कुल नहीं है।
    4. प्रक्रिया चरित्र धातु के भौतिक गुणों (कठोरता, चर्मलता, आदि) पर बिल्कुल भी निर्भर नहीं करता है।
    5. पृष्ठ परिष्कृति बहुत अच्छी हो सकती है।
    6. कोई बर पैदा नहीं होती है।
    7. काफी अच्छी सहयता प्राप्त की जा सकती है।
    8. प्रक्रिया को आसानी से स्वचालित किया जा सकता है।

ECM की सीमाएं

  1. बड़ी शक्ति खपत, और संबंधित समस्याएं।
  2. तीव्र आंतरिक कोनों को प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
  3. कार्यवस्तु के क्षरण को कम करने के लिए पश्च मशीनन सफाई जरूरी है।
  4. उपकरण डिज़ाइन जटिल है और अंतिम आकार प्राप्त करने के लिए आनुभविक विधि की आवश्यकता है।
  5. उच्च सहयता के रखरखाव के लिए जटिल नियंत्रणों की आवश्यकता होती है।

Electro Chemical Machining (ECM) Question 3:

निम्नलिखित में से कौन सी ECM की सीमाएं है/हैं?

  1. बड़ी शक्ति खपत
  2. उपकरण डिज़ाइन जटिल है
  3. मंद आंतरिक कोण
  4. उपरोक्त सभी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : उपरोक्त सभी

Electro Chemical Machining (ECM) Question 3 Detailed Solution

व्याख्या:

ECM (विद्युत रासायनिक मशीनिंग):

  • ECM प्रक्रिया में तंत्र EDM संकल्पना के समान होता है। ECM में, EDM की स्थिति में पारद्युतिक के बजाय एक प्रवाहकीय द्रव (विद्युत-अपघट्य) के माध्यम से उपकरण (कैथोड) और वस्तु (एनोड) के बीच एक उच्च धारा प्रवाहित की जाती है।
  • ECM प्रक्रिया एक विद्युत-अपघट्य और उच्च विद्युत-धारा का उपयोग एक बर-मुक्त सतह से उत्पन्न होने वाले धातु परमाणुओं को आयनित करने और हटाने के लिए करता है।

F1 Ashik 16.12.20 Pallavi D1

लाभ

  • EDM की तरह, ECM विधि को भी मशीनिंग के लिए नई कठोर, और कठिन सामग्री (रॉकेट और विमान उद्योग के लिए) और कठोर अपवर्तक सामग्री के लिए भी विकसित किया गया है।
  • ECM के निम्नलिखित उत्कृष्ट लाभ हैं:
    1. ECM सरल है। तेज और बहुमुखी विधि।
    2. धातु का निष्कासन पूरी तरह से धातु आयन विनिमय द्वारा किया जाता है और इसलिए कोई कर्तन बल नहीं होते हैं और कार्यवस्तु को एक अबाधित, प्रतिबल मुक्त स्थिति में छोड़ दिया जाता है। यह कभी भी उच्च तापमान या प्रतिबल के अधीन नहीं होता है। कर्तन बलों की अनुपस्थिति के कारण, बहुत पतले वर्गों को मशीनीकृत किया जा सकता है। फिर से, प्रचालन के परिणामस्वरूप कार्यवस्तु में कोई अवशिष्ट प्रतिबल नहीं होगा।
    3. यदि उचित इलेक्ट्रोलाइट्स चाप का उपयोग किया जाता है। कोई उपकरण घिसाव बिल्कुल नहीं है।
    4. प्रक्रिया चरित्र धातु के भौतिक गुणों (कठोरता, चर्मलता, आदि) पर बिल्कुल भी निर्भर नहीं करता है।
    5. पृष्ठ परिष्कृति बहुत अच्छी हो सकती है।
    6. कोई बर पैदा नहीं होती है।
    7. काफी अच्छी सहयता प्राप्त की जा सकती है।
    8. प्रक्रिया को आसानी से स्वचालित किया जा सकता है।

ECM की सीमाएं

  1. बड़ी शक्ति खपत, और संबंधित समस्याएं।
  2. तीव्र आंतरिक कोनों को प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
  3. कार्यवस्तु के क्षरण को कम करने के लिए पश्च मशीनन सफाई जरूरी है।
  4. उपकरण डिज़ाइन जटिल है और अंतिम आकार प्राप्त करने के लिए आनुभविक विधि की आवश्यकता है।
  5. उच्च सहयता के रखरखाव के लिए जटिल नियंत्रणों की आवश्यकता होती है।

Electro Chemical Machining (ECM) Question 4:

नुकीले कोनों का पुनरुत्पादन _______ की सीमा है।

  1. ECM
  2. EDM
  3. लेज़र
  4. प्लाज्मा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : EDM

Electro Chemical Machining (ECM) Question 4 Detailed Solution

विद्युत निर्वहन मशीनिंग (EDM):

  • विद्युत निर्वहन मशीनिंग (EDM) एक विनिर्माण प्रक्रिया है जिसके तहत विद्युत निर्वहन (स्पार्क्स) का उपयोग करके वांछित आकार प्राप्त किया जाता है 
  • पदार्थ को एक पारद्युतिक द्रव्य द्वारा पृथक किये गए और विद्युत वोल्टेज के अधीन, दो इलेक्ट्रॉडों के बीच तीव्रता से पुनरावर्ती धारा निर्वहन की श्रृंखला द्वारा वस्तु से हटाया जाता है।
  • EDM में कार्यवस्तु धनात्मक टर्मिनल से जुड़ा होता है और उपकरण ऋणात्मक टर्मिनल से जुड़ा होता है।
  • EDM की सबसे कम विशिष्ट शक्ति की आवश्यकता होती है और यह पर्याप्त सटीकता प्राप्त कर सकती है।

  • सटीकता और सतह परिष्करण जो उत्पादित ओवर कट पर निर्भर हैं, आसानी से आवृत्ति और धारा को अलग करके नियंत्रित किया जा सकता है। धारा में वृद्धि और आवृत्ति में कमी से ओवर कट होता है।
  • इष्टतम धातु हटाने और बेहतर सतह परिष्करण के लिए उच्च आवृत्ति और अधिकतम संभव धारा का उपयोग किया जाता है।
  • रुक्षण संचालन के लिए, कम आवृत्ति और उच्च धारा का उपयोग किया जाता है और परिष्करण अनुप्रयोग के लिए, उच्च आवृत्ति और कम धारा सेटिंग्स का उपयोग किया जाता है।
  • EDM में एक द्रव को पारद्युतिक के रूप में कार्य करने और मलबे को दूर ले जाने में मदद करने के लिए उपयोग किया जाता है।
  • अक्सर EDM में केरोसीन आधारित तेल का उपयोग पारद्युतिक के रूप में किया जाता है।
  • पारद्युतिक तरल पदार्थ को उपकरण के माध्यम से 0.35 N / m के दबाव में या इसे संक्षारित धातु कणों से मुक्त करने के लिए परिचालित किया जाता है, इसे एक फिल्टर के माध्यम से परिचालित किया जाता है और एक शीतलक के रूप में कार्य करता है।

सीमाएँ

  1. प्रक्रिया महंगी है
  2. ओवरकट के प्रभाव से नुकीले कोनों का पुनरुत्पादन संभव नहीं हो सकता है
  3. महीन सतह परिष्करण के लिए कम MRR इसके अनुप्रयोगों को प्रतिबंधित करता है
  4. मैट सतह को कभी-कभी बाद में निक्षारण की आवश्यकता होती है।
  5. तापीय प्रतिबल गंभीर धातुकर्म क्षति का कारण बन सकते हैं।

Electro Chemical Machining (ECM) Question 5:

रासायनिक मशीनिंग प्रक्रिया में "निक्षारण अनुपात" निम्न में से किसके द्वारा दिया जाता है?

  1. उपकरण घर्षण / कार्य खण्ड घर्षण
  2. कर्तन गहराई /अधः कर्तित 
  3. अधः कर्तित /कर्तन गहराई
  4. कार्य खण्ड घर्षण/उपकरण घर्षण

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : अधः कर्तित /कर्तन गहराई

Electro Chemical Machining (ECM) Question 5 Detailed Solution

स्पष्टीकरण

  • एक रासायनिक मशीनिंग प्रक्रिया में निक्षारण कारक अधः कर्तित का कर्तन गहराई से अनुपात है।
  • इसे अधः कर्तित और निक्षारण गहराई के अनुपात के रूप में भी परिभाषित किया जा सकता है।
  • निक्षारण प्रक्रिया के दौरान, पदार्थ का निष्कासन गहराई के साथ-साथ एक अनपेक्षित हिस्से में और साथ ही मास्क के नीचे की दिशा में होता है।
  • मास्क के नीचे खोदी गई दूरी को अधः कर्तित कहा जाता है।
  • जबकि खुले हिस्से में खोदी गई दूरी को कर्तन गहराई कहा जाता है।
  • अधः कर्तित ,कर्तन गहराई, एंचेंट विलयन की सामर्थ्य और कार्य खण्ड पदार्थ पर निर्भर होती है।
  • निक्षारण की गहराई समय पर निर्भर करती है। 

\(Etch\;factor = \frac{{Undercut}}{{Depth\;of\;cut}}\)

या 

\(Etch\;factor = \frac{{Undercut}}{{Etching\;Depth}}\)

Additional Information

  • रासायनिक मशीनिंग (CHM) गैर-पारंपरिक मशीनिंग प्रक्रियाओं में से एक है जहां पदार्थ को एक मजबूत रासायनिक एंचेंट के संपर्क में लाकर हटा दिया जाता है। विभिन्न रासायनिक मशीनिंग विधियां हैं जैसे रासायनिक मिलिंग, रासायनिक ब्लैंकिंग, फोटोकैमिकल मशीनिंग, आदि।
  •  CHM का कार्य सिद्धांत

रासायनिक मशीनिंग का मुख्य कार्य सिद्धांत रासायनिक निक्षारण है। कार्य खण्ड का वह हिस्सा जिसके पदार्थ को हटाया जाना है, उसे एंचेंट नामक रसायन के संपर्क में लाया जाता है। एंचेंट के रासायनिक हमले से धातु को हटा दिया जाता है। एंचेंट के साथ धातु से संपर्क बनाने की विधि प्रच्छादन है। कार्य खण्ड का वह हिस्सा जहां कोई पदार्थ नहीं निकाला  जाना है, रासायनिक निक्षारण से पहले मास्क लगाया जाता है।

CHM की प्रक्रिया विवरण CHM की प्रक्रिया में सामान्य रूप से निम्नलिखित चरणों का पालन किया जाता है: मार्जन:- प्रक्रिया का पहला चरण एक कार्य खण्ड का मार्जन है, यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि पदार्थ को संसाधित करने के लिए सतहों से समान रूप से हटा दिया जाएगा।

प्रच्छादन:- प्रच्छादन किसी भी मशीनिंग प्रक्रिया में प्रच्छादन क्रिया के समान है। यह उस पदार्थ को चुनने की क्रिया है जिसे हटाया जाना है और दूसरा जिसे हटाया नहीं जाना है। जिस पदार्थ को हटाया नहीं जाना है उस पर आवरण नामक एक सुरक्षात्मक लेप लगाया जाता है। यह नियोप्रीन, पॉलीविनाइलक्लोराइड, पॉलीइथाइलीन, या किसी अन्य बहुलक नामक पदार्थ से बना होता है।

निक्षारण:- इस चरण में, पदार्थ को अंत में हटा दिया जाता है। कार्य खण्ड को एंचेंट में डुबोया जाता है, जहां कार्य खण्ड की बिना सुरक्षात्मक कोटिंग वाले पदार्थ को एंचेंट की रासायनिक क्रिया द्वारा हटा दिया जाता है। कार्य खण्ड पदार्थ और पदार्थ हटाने की दर और आवश्यक सतह फिनिश के आधार पर  एंचेंट का चयन किया जाता है। यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि आवरण और  एंचेंट रासायनिक रूप से सक्रिय हों। सामान्य एंचेंट H2SO4, FeCL3, HNO3 हैं। एचेंट का चयन  MRR को भी प्रभावित करता है क्योंकि CHM प्रक्रिया में MRR को अंतर्वेशन दर (mm/min) के रूप में दर्शाया जाता है।

अप्रच्छादन:- प्रक्रिया पूरी होने के बाद अप्रच्छादन किया जाता है। अप्रच्छादन मशीनिंग के बाद आवरण को हटाने का एक कार्य है।

Top Electro Chemical Machining (ECM) MCQ Objective Questions

विद्युत रासायनिक मशीनिंग (ECM) में सामग्री निष्कासन का प्राथमिक तंत्र क्या है?

  1. रासायनिक संक्षारण
  2. निक्षारण
  3. आयनिक विघटन
  4. स्पार्क अपरदन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : रासायनिक संक्षारण

Electro Chemical Machining (ECM) Question 6 Detailed Solution

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वर्णन:

अपरंपरागत मशीनिंग प्रक्रिया और उनकी विशेषताएं और उनके अनुप्रयोग क्षेत्रों को नीचे दी गयी तालिका में वर्णित किया गया है:

मशीनिंग का प्रकार 

सामग्री निष्कासन की प्रक्रिया 

माध्यम

उपकरण पदार्थ

पदार्थ अनुप्रयोग 

पराध्वनिक मशीनिंग 

उच्च आवृत्ति (टेपरित हॉर्न द्वारा परिवर्धित) पर उपकरण कंपन के कारण अपघर्षक कण के प्रभाव के कारण होने वाला भंगुर भंजन 

गारा 

कठोर और नम्य (नरम इस्पात)

कठोर और भगूर पदार्थ, अर्धचालक, अधातु (उदाहरण - कांच और सिरेमिक)

अपघर्षक जेट मशीनिंग 

उच्च गति पर अपघर्षक कणों को धक्का देकर होने वाला भंगुर भंजन 

वायु, CO2

अपघर्षक (Al2O3, ­­SiC),

नोज़ल (WC, नीला रंग)

कठोर और भगूर धातु और अधात्विक पदार्थ। 

 

विद्युत निर्वहन मशीनिंग 

गुहिकायन की सहायता से पिघलाव और वाष्पीकरण। 

पारद्युतिक तरल पदार्थ 

तांबा, कांसा, ग्रेफाइट 

सभी संवाही धातु और मिश्रधातु 

विद्युत रासायनिक मशीनिंग 

विद्युत अपघटन (आयनिक विघटन)

संवाही विद्युत-अपघट्य

तांबा, कांसा, इस्पात 

सभी संवाही धातु और मिश्रधातु 

इलेक्ट्रॉन बीम मशीनिंग 

 पिघलाव और वाष्पीकरण। 

निर्वात 

उच्च वेग पर गतिमान एक इलेक्ट्रॉन का बीम 

सभी पदार्थ 

लेज़र बीम मशीनिंग 

 पिघलाव और वाष्पीकरण। 

सामान्य वायुमंडल

उच्च शक्ति वाला लेज़र बीम (रूबी छड़)

सभी पदार्थ 

 

विद्युत रासायनिक अपघर्षण प्रक्रिया में पदार्थ निष्कासन दर किसके व्युत्क्रमानुपाती होती है?

  1. कुल आपूर्ति धारा
  2. वस्तु पदार्थ और धारा की आपूर्ति दोनों
  3. वस्तु के पदार्थ का घनत्व
  4. इलेक्ट्रॉड का संभरण दर

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : वस्तु के पदार्थ का घनत्व

Electro Chemical Machining (ECM) Question 7 Detailed Solution

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वर्णन:

विद्युत रासायनिक अपघर्षण

वस्तु को विद्युत रासायनिक प्रभाव (90%) और पारंपरिक अपघर्षण (10%) की सुविचारित क्रिया द्वारा मशीनीकृत किया जाता है।

  • पदार्थ निष्कासन दर वस्तु के पदार्थ के घनत्व के व्युत्क्रमानुपाती होती है।
  • एक घूर्णित अपघर्षण पहिये का उपयोग एक उपकरण के रूप में किया जायेगा।
  • किसी भी आकृति वाला उपकरण सामान्यतौर पर कांसा, तांबा, पीतल या जंगरोधी इस्पात का बना होता है।
  • विद्युत-अपघट्य पानी या सोडियम नाइट्रेट में मिश्रित सोडियम क्लोराइड जैसा एक उच्चतम संवाही वाला अकार्बनिक नमक विलयन होता है।
  • इसे उपकरण में मार्ग के माध्यम से उच्च दर पर पंप किया जाता है।

उपकरण का प्रवेशन दर धारा घनत्व के समानुपाती होती है।

रासायनिक मशीनिंग प्रक्रिया में "निक्षारण अनुपात" निम्न में से किसके द्वारा दिया जाता है?

  1. उपकरण घर्षण / कार्य खण्ड घर्षण
  2. कर्तन गहराई /अधः कर्तित 
  3. अधः कर्तित /कर्तन गहराई
  4. कार्य खण्ड घर्षण/उपकरण घर्षण

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : अधः कर्तित /कर्तन गहराई

Electro Chemical Machining (ECM) Question 8 Detailed Solution

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स्पष्टीकरण

  • एक रासायनिक मशीनिंग प्रक्रिया में निक्षारण कारक अधः कर्तित का कर्तन गहराई से अनुपात है।
  • इसे अधः कर्तित और निक्षारण गहराई के अनुपात के रूप में भी परिभाषित किया जा सकता है।
  • निक्षारण प्रक्रिया के दौरान, पदार्थ का निष्कासन गहराई के साथ-साथ एक अनपेक्षित हिस्से में और साथ ही मास्क के नीचे की दिशा में होता है।
  • मास्क के नीचे खोदी गई दूरी को अधः कर्तित कहा जाता है।
  • जबकि खुले हिस्से में खोदी गई दूरी को कर्तन गहराई कहा जाता है।
  • अधः कर्तित ,कर्तन गहराई, एंचेंट विलयन की सामर्थ्य और कार्य खण्ड पदार्थ पर निर्भर होती है।
  • निक्षारण की गहराई समय पर निर्भर करती है। 

\(Etch\;factor = \frac{{Undercut}}{{Depth\;of\;cut}}\)

या 

\(Etch\;factor = \frac{{Undercut}}{{Etching\;Depth}}\)

Additional Information

  • रासायनिक मशीनिंग (CHM) गैर-पारंपरिक मशीनिंग प्रक्रियाओं में से एक है जहां पदार्थ को एक मजबूत रासायनिक एंचेंट के संपर्क में लाकर हटा दिया जाता है। विभिन्न रासायनिक मशीनिंग विधियां हैं जैसे रासायनिक मिलिंग, रासायनिक ब्लैंकिंग, फोटोकैमिकल मशीनिंग, आदि।
  •  CHM का कार्य सिद्धांत

रासायनिक मशीनिंग का मुख्य कार्य सिद्धांत रासायनिक निक्षारण है। कार्य खण्ड का वह हिस्सा जिसके पदार्थ को हटाया जाना है, उसे एंचेंट नामक रसायन के संपर्क में लाया जाता है। एंचेंट के रासायनिक हमले से धातु को हटा दिया जाता है। एंचेंट के साथ धातु से संपर्क बनाने की विधि प्रच्छादन है। कार्य खण्ड का वह हिस्सा जहां कोई पदार्थ नहीं निकाला  जाना है, रासायनिक निक्षारण से पहले मास्क लगाया जाता है।

CHM की प्रक्रिया विवरण CHM की प्रक्रिया में सामान्य रूप से निम्नलिखित चरणों का पालन किया जाता है: मार्जन:- प्रक्रिया का पहला चरण एक कार्य खण्ड का मार्जन है, यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक है कि पदार्थ को संसाधित करने के लिए सतहों से समान रूप से हटा दिया जाएगा।

प्रच्छादन:- प्रच्छादन किसी भी मशीनिंग प्रक्रिया में प्रच्छादन क्रिया के समान है। यह उस पदार्थ को चुनने की क्रिया है जिसे हटाया जाना है और दूसरा जिसे हटाया नहीं जाना है। जिस पदार्थ को हटाया नहीं जाना है उस पर आवरण नामक एक सुरक्षात्मक लेप लगाया जाता है। यह नियोप्रीन, पॉलीविनाइलक्लोराइड, पॉलीइथाइलीन, या किसी अन्य बहुलक नामक पदार्थ से बना होता है।

निक्षारण:- इस चरण में, पदार्थ को अंत में हटा दिया जाता है। कार्य खण्ड को एंचेंट में डुबोया जाता है, जहां कार्य खण्ड की बिना सुरक्षात्मक कोटिंग वाले पदार्थ को एंचेंट की रासायनिक क्रिया द्वारा हटा दिया जाता है। कार्य खण्ड पदार्थ और पदार्थ हटाने की दर और आवश्यक सतह फिनिश के आधार पर  एंचेंट का चयन किया जाता है। यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि आवरण और  एंचेंट रासायनिक रूप से सक्रिय हों। सामान्य एंचेंट H2SO4, FeCL3, HNO3 हैं। एचेंट का चयन  MRR को भी प्रभावित करता है क्योंकि CHM प्रक्रिया में MRR को अंतर्वेशन दर (mm/min) के रूप में दर्शाया जाता है।

अप्रच्छादन:- प्रक्रिया पूरी होने के बाद अप्रच्छादन किया जाता है। अप्रच्छादन मशीनिंग के बाद आवरण को हटाने का एक कार्य है।

सामग्री को हटाने के लिए मुख्य रूप से तापीय ऊर्जा का उपयोग करने वाली प्रक्रिया कौन सी है?

  1. अल्ट्रासोनिक मशीनिंग
  2. विद्युत रासायनिक मशीनिंग
  3. घर्षण जेट मशीनिंग
  4. लेजर बीम मशीनिंग

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : लेजर बीम मशीनिंग

Electro Chemical Machining (ECM) Question 9 Detailed Solution

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अवधारणा:

मशीनिंग की विभिन्न प्रक्रियाएँ इस प्रकार हैं:

प्रोसेस

व्याख्या

लेजर बीम मशीनिंग

बीम और कार्य सामग्री के बीच थर्मो-ऑप्टिक इंटरैक्शन के माध्यम से मशीनिंग की जाती है।

लेजर - विकिरण के उत्सर्जन से प्रेरित प्रकाश प्रवर्धन

अल्ट्रासोनिक मशीनिंग ,

अपघर्षक कण को प्रभावित करके सामग्री को हटा दिया जाता है।

विद्युत रासायनिक मशीनिंग

इलेक्ट्रोलिसिस के दौरान धातु के आयनिक विघटन की मदद से सामग्री को हटा दिया जाता है।

घर्षण जेट मशीनिंग

उच्च वायु दबाव के साथ अपघर्षक की सहायता से सामग्री के कटाव से सामग्री को हटा दिया जाता है।

विद्युत रासायनिक मशीनिंग में, सामग्री को हटाना ________ का कारण होता है।

  1. संक्षारण 
  2. क्षरण 
  3. संलयन 
  4. आयन विस्थापन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : आयन विस्थापन

Electro Chemical Machining (ECM) Question 10 Detailed Solution

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स्पष्टीकरण:

विद्युत रासायनिक मशीनिंग:

विद्युत रासायनिक मशीनिंग में, धातु को विद्युत रासायनिक क्रिया यानी आयन विस्थापन के कारण वहाँ से हटा दिया जाता है जहां कार्यवस्तु को एनोड बनाया जाता है और उपकरण को कैथोड बनाया जाता है। इलेक्ट्रोलाइट के माध्यम से उपकरण और कार्यवस्तु के बीच एक उच्च धारा प्रवाहित की जाती है। एनोडिक विघटन द्वारा धातु को हटा दिया जाता है और इलेक्ट्रोलाइट द्वारा दूर ले जाया जाता है।

F1 Ashik 16.12.20 Pallavi D1

ECM में प्रयुक्त उपकरण सामग्री में निम्नलिखित गुण होने चाहिए:

  • इसमें उच्च विद्युत चालकता होनी चाहिए
  • यह आसानी से बनाने योग्य होना चाहिए और इसमें उच्च कठोरता होनी चाहिए
  • इसका संक्षारण प्रतिरोध उच्च होना चाहिए।

ECM के लाभों में शामिल हैं

  • जटिल आकृतियों को सटीक रूप से बनाया जा सकता है
  • परमाणु स्तर के विघटन के कारण सतह परिष्करण अच्छा है
  • उपकरण घिसाव व्यावहारिक रूप से अनुपस्थित
  • इसकी सामग्री हटाने की दर उच्चतम है।

26 June 1

मशीनिंग के प्रकार

सामग्री निष्कासन की प्रक्रिया 

पराध्वनिक मशीनिंग

उच्च आवृत्ति (टेपरित हॉर्न द्वारा परिवर्धित) पर उपकरण कंपन के कारण अपघर्षक कण के प्रभाव के कारण होने वाला भंगुर भंजन 

अपघर्षक जेट मशीनिंग 

उच्च गति पर अपघर्षक कणों को धक्का देकर होने वाला भंगुर भंजन 

विद्युत निर्वहन मशीनिंग

गुहिकायन की सहायता से, पिघलाव और वाष्पीकरण।

विद्युत रासायनिक मशीनिंग

आयन-विस्थापन

इलेक्ट्रॉन बीम मशीनिंग

 पिघलाव और वाष्पीकरण

लेजर बीम मशीनिंग

पिघलना और वाष्पीकरण

निम्नलिखित भागों के लिए सबसे उपयुक्त निर्माण प्रक्रियाओं का मिलान करें।

भाग  निर्माण प्रक्रिया
P. कम्प्यूटर चिप    1. विद्युत रासायनिक मशीनन
Q. धातु प्ररूपण डाइस और मोड  2. पराश्रव्य मशीनन
R. टरबाइन ब्लेड 3. विद्युत विसर्जक मशीनन
S. काँच 4. प्रकाश रासायनिक मशीनन

 

  1. P – 4, Q – 3, R – 1, S – 2
  2. P – 4, Q – 3, R – 2, S – 1
  3. P – 3, Q – 1, R – 4, S – 2
  4. P – 1, Q – 2, R – 4, S – 3

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : P – 4, Q – 3, R – 1, S – 2

Electro Chemical Machining (ECM) Question 11 Detailed Solution

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कंप्यूटर चिप → प्रकाश रासायनिक मशीनन

धातु प्ररूपण डाइस और मोड → विद्युत विसर्जक मशीनन

टरबाइन ब्लेड → विद्युत रासायनिक मशीनन

काँच → पराश्रव्य मशीनन

विद्युत रासायनिक मशीनिंग का उपयोग _________ के लिए किया जाता है।

  1. कार्यवस्तु से सामग्री को निकालने
  2. आंतरिक सतह को साफ करने
  3. बाहरी सतह को साफ करने
  4. इनमें से कोई भी नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : कार्यवस्तु से सामग्री को निकालने

Electro Chemical Machining (ECM) Question 12 Detailed Solution

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व्याख्या:

ECM (विद्युत रासायनिक मशीनिंग):

  • ECM प्रक्रिया में तंत्र EDM संकल्पना के समान होता है। ECM में, EDM की स्थिति में पारद्युतिक के बजाय एक प्रवाहकीय द्रव (विद्युत-अपघट्य) के माध्यम से उपकरण (कैथोड) और कार्यवस्तु (एनोड) के बीच एक उच्च धारा प्रवाहित की जाती है।
  • ECM प्रक्रिया एक विद्युत-अपघट्य और उच्च विद्युत-धारा का उपयोग एक बर-मुक्त सतह से उत्पन्न होने वाले धातु परमाणुओं को आयनित करने और हटाने के लिए करता है।

F1 Ashik 16.12.20 Pallavi D1

लाभ

  • EDM की तरह, ECM विधि को भी मशीनिंग के लिए नई कठोर, और कठिन सामग्री (रॉकेट और विमान उद्योग के लिए) और कठोर अपवर्तक सामग्री के लिए भी विकसित किया गया है।
  • ECM के निम्नलिखित उत्कृष्ट लाभ हैं:
    1. ECM सरल है। तेज और बहुमुखी विधि।
    2. धातु का निष्कासन पूरी तरह से धातु आयन विनिमय द्वारा किया जाता है और इसलिए कोई कर्तन बल नहीं होते हैं और कार्यवस्तु को एक अबाधित, प्रतिबल मुक्त स्थिति में छोड़ दिया जाता है। यह कभी भी उच्च तापमान या प्रतिबल के अधीन नहीं होता है। कर्तन बलों की अनुपस्थिति के कारण, बहुत पतले वर्गों को मशीनीकृत किया जा सकता है। फिर से, प्रचालन के परिणामस्वरूप कार्यवस्तु में कोई अवशिष्ट प्रतिबल नहीं होगा।
    3. यदि उचित इलेक्ट्रोलाइट्स चाप का उपयोग किया जाता है। कोई उपकरण घिसाव बिल्कुल नहीं है।
    4. प्रक्रिया चरित्र धातु के भौतिक गुणों (कठोरता, चर्मलता, आदि) पर बिल्कुल भी निर्भर नहीं करता है।
    5. पृष्ठ परिष्कृति बहुत अच्छी हो सकती है।
    6. कोई बर पैदा नहीं होती है।
    7. काफी अच्छी सहयता प्राप्त की जा सकती है।
    8. प्रक्रिया को आसानी से स्वचालित किया जा सकता है।

ECM की सीमाएं

  1. बड़ी शक्ति खपत, और संबंधित समस्याएं।
  2. तीव्र आंतरिक कोनों को प्राप्त नहीं किया जा सकता है।
  3. कार्यवस्तु के क्षरण को कम करने के लिए पश्च मशीनन सफाई जरूरी है।
  4. उपकरण डिज़ाइन जटिल है और अंतिम आकार प्राप्त करने के लिए आनुभविक विधि की आवश्यकता है।
  5. उच्च सहयता के रखरखाव के लिए जटिल नियंत्रणों की आवश्यकता होती है।

लोहे के विद्युत रासायनिक मशीनिंग (ECM) के दौरान (परमाणु भार = 56, संयोजकता = 2) 90% धारा दक्षता के साथ 1000 A के धारा पर, सामग्री हटाने की दर 0.26 gm/s देखी गई थी। यदि टाइटेनियम (परमाणु भार = 48, संयोजकता = 3) को ECM प्रक्रिया द्वारा 2000 A की धारा में 90% धारा दक्षता के साथ मशीनीकृत किया जाता है, तो अपेक्षित सामग्री हटाने की दर ग्राम/सेकेंड में  कितनी होगी?

  1. 0.11
  2. 0.23
  3. 0.30
  4. 0.52

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : 0.30

Electro Chemical Machining (ECM) Question 13 Detailed Solution

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गणना:

ECM में सामग्री हटाने की दर है,

\(MRR = \frac{{IA}}{{FV}} \times η \)

जहाँ I = धारा, A = परमाणु भार, V = संयोजकता, F = फैराडे स्थिरांक = 96500, η = दक्षता

गणना:

दिया गया:

टाइटेनियम के लिए: A = 48, V = 3, I = 2000 A, η = 0.9, MRR = ?

सामग्री हटाने की दर है:

\(MRR = \frac{{IA}}{{FV}} \times η \)

\(MRR = \frac{{2000 \times 48}}{{96500 \times 3}} \times 0.90 = 0.30\;gm/s\)

ECM (वैद्युत रासायनिक मशीनिंग) निम्न में से किसके सिद्धांतों पर काम करता है?

  1. फैराडे का नियम
  2. लेन्ज़ का नियम
  3. एम्पीयर का नियम
  4. प्लैंक का नियम

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : फैराडे का नियम

Electro Chemical Machining (ECM) Question 14 Detailed Solution

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व्याख्या:

फैराडे का नियम:

वैद्युत रासायनिक मशीनिंग विद्युत् अपघटन प्रक्रिया पर आधारित है।

विद्युत् अपघटन प्रक्रिया फैराडे द्वारा प्रस्तावित निम्नलिखित दो नियमों द्वारा नियंत्रित होती है।

  • विद्युत धारा द्वारा उत्पन्न रासायनिक परिवर्तन की मात्रा अर्थात किसी भी पदार्थ के विलीन या निक्षेपित होने की मात्रा, पारित विद्युत की मात्रा के समानुपाती होती है।
  • धारा की समान मात्रा से विलीन या निक्षेपित किए गए विभिन्न पदार्थों की मात्रा उनके रासायनिक तुल्य वजन के समानुपाती होती है।

गणितीय,

M ∝ Itε

\(M = \frac{{It\varepsilon }}{F}\)

जहाँ,

M = विघटित या निक्षेपित पदार्थ का वजन (ग्राम में)

I = धारा (एम्पीयर में)

ε =पदार्थ के ग्राम तुल्य वजन

F = फैराडे स्थिरांक = 96,500 Coulombs

Additional Information    

लेन्ज़ का नियम: 

  • जब चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन से वोल्टेज उत्पन्न होता है, तो फैराडे के नियम के अनुसार, प्रेरित वोल्टेज की ध्रुवता ऐसी होती है कि यह एक धारा उत्पन्न करती है जिसका चुंबकीय क्षेत्र उस परिवर्तन का प्रतिरोध करता है जो इसे उत्पन्न करता है।
  • प्रेरित emf परिपथ से जुड़े चुंबकीय फ्लक्स के परिवर्तन की दर से दिया जाता है यानी

\(e=-\frac{d\text{ }\!\!\Phi\!\!\text{ }}{dt}\)

जहां dΦ = चुंबकीय फ्लक्स में परिवर्तन और e = प्रेरित e.m.f.

एम्पीयर का नियम:

  • किसी भी संवृत वक्र के चारों ओर चुंबकीय क्षेत्र का रेखा समाकलन वक्र से घिरे क्षेत्र के माध्यम से प्रवाहित होने वाली शुद्ध धारा I के μo गुना के बराबर होती है।

\(\oint \vec B \cdot \overrightarrow {dl} = {\mu _0}I\)

यदि सतह पर विद्युत क्षेत्र समय के साथ बदलता रहता है तो इस रूप में एम्पीयर का नियम मान्य नहीं है।Important Points      

प्लैंक का नियम प्लैंक समीकरण यह बताता है कि ऊर्जा आवृत्ति के समानुपाती होती है  

\(E = h\nu\)

h आनुपातिकता स्थिरांक है

गॉस का नियम किसी भी संवृत सतह के माध्यम से शुद्ध बाह्य  सामान्य विद्युत प्रवाह उस संवृत सतह के भीतर संलग्न कुल विद्युत आवेश के समानुपाती होता है। 1. \(\oint E. da = q_{in}/\epsilon \)
फैराडे का नियम चुंबकीय क्षेत्र बदलने के कारण चालक में प्रेरित ईएमएफ (E), फ्लक्स के परिवर्तन की दर के समानुपाती होता है 2.\(E = -\frac{\mathrm{d} \phi }{\mathrm{d} x}\)
एम्पीयर का नियम एक संवृत प्रस्पंद के ऊपर चुंबकीय क्षेत्र की रेखा समाकलन इसके माध्यम से गुजरने वाले धारा प्रस्पंदों की संख्या के बराबर है 3.\(\oint B.dl = \mu_0(J + \epsilon_0 \frac{\partial E}{\partial x})\)

शुद्ध लोहे के कार्य खंड के साथ एक ECM में, 5 cm³/min का MRR आवश्यक है। आवश्यक धारा क्या होगी? [लोहे का परमाणु भार = 56g, संयोजकता = 2, लोहे का घनत्व = 7.8g/cm³ और F = 96500 कूलम्ब]

  1. 224 amp
  2. 2.24 amp
  3. 2240 amp
  4. 22.4 amp

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : 2240 amp

Electro Chemical Machining (ECM) Question 15 Detailed Solution

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संकल्पना:

विद्युत रासायनिक मशीनिंग (ECM) में आवश्यक धारा इस प्रकार दी गई है:

\( I = \frac{\text{MRR} \times \rho \times Z \times F}{M \times 60} \)

दिया गया है:

\( \text{MRR} = 5~\text{cm}^3/\text{min},~\rho = 7.8~\text{g/cm}^3,~Z = 2,~M = 56,~F = 96500~\text{C} \)

गणना:

\( I = \frac{5 \times 7.8 \times 2 \times 96500}{56 \times 60} = \frac{7524000}{3360} \approx 2240~\text{A} \)

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