अन्य काव्य और गद्य MCQ Quiz - Objective Question with Answer for अन्य काव्य और गद्य - Download Free PDF
Last updated on Jun 5, 2025
Latest अन्य काव्य और गद्य MCQ Objective Questions
अन्य काव्य और गद्य Question 1:
विद्यापति कृत कीर्तिलता की भाषा है:
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य काव्य और गद्य Question 1 Detailed Solution
- दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 3 ‘अवहट्ट’ है। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।
Additional Information
- उपरोक्त विकल्पों में से विद्यापति की रचना ‘कीर्तिलता’ अवहट्ट भाषा में है।
- कीर्तिलता, विद्यापति की ऐतिहासिक रचना है। यह रचना 14 वी शताब्दी की मानी जाती है।
- महाकवि विद्यापति कई भाषाओं के ज्ञाता थे।
- इनकी अधिकांश रचना संस्कृत एवं अवहट्ट में है।
- विद्यापति भारतीय साहित्य की भक्ति परंपरा के प्रमुख स्तंभों मे से एक और मैथिली के सर्वोपरि कवि के रूप में जाने जाते हैं।
- इनके काव्यों में मध्यकालीन मैथिली भाषा के स्वरुप का दर्शन किया जा सकता है।
अन्य काव्य और गद्य Question 2:
काव्यकृति 'आवाज भी एक जगह है' के रचयिता हैं :
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य काव्य और गद्य Question 2 Detailed Solution
सही उत्तर - मंगलेश डबराल
Key Pointsमंगलेश डबराल-
- जन्म- 1948 - 2020 ई०
- समकालीन हिन्दी कवियों में सबसे चर्चित नाम हैं।
- काव्य संग्रह-
- पहाड़ पर लालटेन
- घर का रास्ता
- हम जो देखते हैं
- आवाज भी एक जगह है
- नये युग में शत्रु
- गद्य संग्रह-
- लेखक की रोटी
- कवि का अकेलापन
- यात्रावृत्त-
- एक बार आयोवा
Important Pointsराजेश जोशी-
- जन्म-1946-2014 ई.
- काव्य संग्रह-
- एक दिन बोलेंगे पेड़
- मिट्टी का चेहरा
- समरगाथा
- चाँद की वर्तनी आदि।
शरद जोशी:-
- जन्म- 21 मई 1931
- जन्मस्थान- उज्जैन
- मृत्यु- 1991
- ख्याति - हिन्दी व्यंग्य को प्रतिष्ठा दिलवाने में महत्वपूर्ण योगदान।
- प्रमुख रचनायें:-
- व्यंग्य:
- परिक्रमा
- किसी बहाने
- जीप पर सवार इल्लियां
- तिलस्म
- रहा किनारे बैठ
- दूसरी सतह
- प्रतिदिन।
- उपन्यास:- मैं, मैं केवल मैं, उर्फ़ कमलमुख बी ए।
- व्यंग्य नाटक:- अंधों का हाथी, एक था गधा।
गजानन माधव 'मुक्तिबोध'-
- जन्म- 1917 - 1964 ईo
- आलोचना ग्रंथ-
- कामायनी एक पुनर्विचार (1961)
- एक साहित्यिक की डायरी (1964 )
- नई कविता का आत्म संघर्ष तथा अन्य निबंध (1964)
- नए साहित्य का सौंदर्यशास्त्र 1972)
- समीक्षा की समस्याएं (1982)
- कविता संग्रह-
- चाँद का मुँह टेढ़ा है (1964)
- भूरी-भूरी खाक धूल (1980)
- प्रमुख लंबी कविता-
- अंधेरे में
- भूल गलती
- ब्रह्मराक्षस
अन्य काव्य और गद्य Question 3:
निम्नलिखित रचनाओं के कौन से युग्म सही हैं ?
(A) जोइंदु - योगसार
(B) स्वयंभू - रिट्ठणेमि चरिउ
(C) पुष्यदंत - योगशास्त्र
(D) हेमचन्द्र - द्वयाश्रय काव्य
(E) सोमप्रभ सूरि -प्रबंध चिंतामणि
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य काव्य और गद्य Question 3 Detailed Solution
सही उत्तर है- (A), (B), (D)
Key Pointsसही युग्म है-
- (A) जोइंदु - योगसार
- (B) स्वयंभू - रिट्ठणेमि चरिउ
- (D) हेमचन्द्र - द्वयाश्रय काव्य
Important Points(C) पुष्यदंत -
- रचना-
- तिरसठी महापुरिस गुणालंकार (महापुराण)
- णयकुमारचरिउ (नागकुमारचरित)
- जसहर-चरिउ (यशधर चरित्र)
(D) हेमचन्द्र -
- रचना-
- सिद्ध हेम/ शब्दानुशासन ( प्राकृत व्याकरण)
- कुमारपालचरित
- योगशास्त्र
- छंदानुशासन
- देशी नाममाला कोश
- द्वयाश्रय काव्य
(E) सोमप्रभ सूरि -
- रचना- कुमारपालप्रतिबोध
Additional Informationप्रबंध चिंतामणि-
- रचनाकार- जैनाचार्य मेरुतुंग
अन्य काव्य और गद्य Question 4:
इनमें से किसे अपभ्रंश का बाल्मीकि कहा जाता है?
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य काव्य और गद्य Question 4 Detailed Solution
इनमें से स्वयंभू अपभ्रंश का बाल्मीकि कहा जाता है।
Key Pointsस्वयंभू-
- जन्म-783 ई.
- जैन परंपरा का प्रथम कवि है।
- रचनाएँ-
- पउम चरिउ
- रिट् ठेमणि चरिउ
- स्वयंभू छंद आदि।
- स्वयंभू को अपभ्रंश का वाल्मीकि और व्यास कहा जाता है।
- इन्होंने अपनी भाषा को देशी भाषा कहा है।
Additional Informationअरिष्टनेमी-
- जैन धर्म के महापुरुषों में गिने जाते थे।
- अरिष्टनेमी अवसर्पिणी काल के बाईसवें तीर्थंकर हुए थे।
- जिसे नेमिनाथ के नाम से भी जाना जाता है, जैन धर्म के 22वें तीर्थंकर थे।
- उनका नाम "अरिष्ट" (अवरुद्ध) और "नेमि" (पहिए का किनारा) शब्दों से मिलकर बना है,
- जिसका अर्थ है "जिसका पहिया का किनारा सुरक्षित है"।
सरहपा-
- जन्म-9 वीं शती
- सरहपा हिन्दी के पहले कवि माने जाते हैं।
- इन्होने मैथिली, उड़ीया ,बंगाली में भी रचनाएँ की हैं।
- इनको बौद्ध धर्म की वज्रयान और सहजयान शाखा का प्रवर्तक तथा आदि सिद्ध माना जाता है।
- उनका मूल नाम ‘राहुलभद्र’ था और उनके ‘सरोजवज्र’, ‘शरोरुहवज्र’, ‘पद्म‘ तथा ‘पद्मवज्र’ नाम भी मिलते हैं।
- प्रमुख रचनाएँ-
- श्रीबुद्धकपालतन्त्रपञ्जिका
- श्रीबुद्धकपालसाधनानाम
- सर्वभूतबलिबिद्धि
- श्रीबुद्धकपालमण्डलबिद्धिक्रम प्रद्योत्ननामा
- दोहाकोषगीति
- दोहाकोषनाम चर्यागीति
- दोहाकोषोपदेशगीतिनाम
- कखस्यदोहनाम आदि।
शबरपा-
- सिद्ध साहित्य की रचना करने वाले प्रमुख सिद्धों में से एक थे।
- इनका जन्म 780 ई. में हुआ था।
- शबरपा क्षत्रिय थे। सरहपा से इन्होंने ज्ञान प्राप्त किया था।
- ‘चर्यापद’ इनकी प्रसिद्ध पुस्तक है।
अन्य काव्य और गद्य Question 5:
इनमें से वारकरी संप्रदाय के प्रवर्तक कौन हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य काव्य और गद्य Question 5 Detailed Solution
इनमें से वारकरी संप्रदाय के प्रवर्तक हैं- ज्ञानेश्वर
Key Points
- वारकरी संप्रदाय के प्रवर्तक संत ज्ञानेश्वर को माना जाता है। उन्हें इस संप्रदाय का संस्थापक माना जाता है
- और उन्होंने ज्ञानेश्वरी (Dnyaneshwari) नामक भागवत गीता का एक सरलीकृत संस्करण लिखा था।
- भगवान श्री विट्ठल के भक्त को वारकरी कहते हैं तथा इस संप्रदाय को वारकरी सम्प्रदाय कहा जाता है।
Additional Informationसंत ज्ञानेश्वर -
- संत ज्ञानेश्वर महाराष्ट्र तेरहवीं सदी के एक महान सन्त थे। इन्होंने ज्ञानेश्वरी की रचना की।
- संत ज्ञानेश्वर की गणना भारत के महान संतों एवं मराठी कवियों में होती है। ये संत नामदेव के समकालीन थे
- और उनके साथ इन्होंने पूरे महाराष्ट्र का भ्रमण कर लोगों को ज्ञान-भक्ति से परिचित कराया और समता, समभाव का उपदेश दिया।
- वे महाराष्ट्र-संस्कृति के 'आद्य-प्रवर्तकों' में भी माने जाते हैं। शिष्य - साचीदानंद महाराज
- ज्ञानेश्वर जी की लिखी 'ज्ञानेश्वरी', 'अमृतानुभव', 'चांगदेव पासठी' तथा 'अभंग' जैसी कई कृतियाँ सर्वमान्य हैं।
कबीरदास -
- कबीर साहेब 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे।
- कबीर अंधविश्वास, व्यक्ति पूजा , पाखंड और ढोंग के विरोधी थे।
- कबीर बीजक: कबीर की वाणी का संग्रह उनके शिष्य धर्मदास ने बीजक नाम से सन् 1464 में किया।
- इस ग्रंथ में मुख्य रूप से पद्य भाग है। बीजक के तीन भाग किए गए हैं —
- रचना
- रमैनी
- सबद
- साखी
एकनाथ-
- एकनाथ महाराष्ट्र के प्रसिद्ध सन्तों में बहुत ख्याति प्राप्त हैं।
- महाराष्ट्रीय भक्तों में नामदेव के पश्चात् दूसरा नाम एकनाथ का ही आता है।
- इनका जन्म पैठण में हुआ था। 1533 ई. से 1599 ई. के बीच इनका समय माना जाता है।
- मुख्य रचनाएँ-
- ‘चतु: श्लोकी भागवत’,
- ‘भावार्थ रामायण’,
- ‘रुक्मिणी स्वयंवर’,
- ‘पौराणिक आख्यान’,
- ‘संत चरित्र’ और ‘आनन्द लहरी’ आदि।
देवनाथ-
- भागवत संप्रदाय में दीक्षित निवृत्तिमार्गी संत। इनका जन्म सुर्जी (विदर्भ) में हुआ था।
- इनका जन्म 1754 ई. तथा इनकी मृत्यु सन् 1821 ई. में हुई थी। इन्होंने गोविन्दनाथ से दीक्षा ली थी।
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'आध्यात्मिक रंग के चश्में आजकल बहुत सस्ते हो गये है।' रामचंद्र शुक्ल ने यह टिप्पणी किस कवि के सन्दर्भ में की है -
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य काव्य और गद्य Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDF- यह टिप्पणी विद्यापति के संदर्भ में आ. शुक्ल ने अपनी पुस्तक हिंदी साहित्य का इतिहास में लिखी है।
- विद्यापति हिंदी साहित्य के आदिकाल के कवि हैं।
- शृंगार रस के प्रमुख कविI
- मैथिली, संस्कृत, अवहट्ट में रचनाI
- हिन्दी साहित्य में कृष्णगीति परम्परा के प्रवर्तकI
- शैव संप्रदाय से संबंध I
Important Points
- आश्रय - राजा शिव सिंह और कीर्ति सिंह के राजदरबारी कवि
- उपाधियां - अभिनव जयदेव, मैथिल कोकिल, पंचानन
- रचनायें -
संस्कृत | अवहट्ट | मैथिली |
गंगा वाक्यवली | कीर्तिलता | पदावली |
भू परिक्रमा | कीर्तिपताका | गोरक्ष विजय |
पुरुष परीक्षा | ||
विभाग सार |
Additional Information
- निराला ने पदावली के श्रृंगारिक पदों की मादकता को ' नागिन की लहर ' कहा है।
- ह. प्र. द्विवेदी के अनुसार - शृंगार रस के सिद्ध वाक् कवि
- बच्चन सिंह ने विद्यापति को 'जातीय कवि' कहा है।
- मुख्य पंक्तियां -
- " देसिल बअना सब जन मिट्ठा। तें तैं सन जंपओ अवहट्ठा।। "
- " हिन्दू बोले दूरहि निकार। छोटउ तुरूका भभकी मार।। "
इनमें से आदिकाल की कौन-सी रचना गद्य में लिखी गयी है?
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य काव्य और गद्य Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFआदिकाल में 'वर्ण रत्नाकार' रचना गद्य में लिखी गयी है।
Key Points
- वर्ण रत्नाकर (14 वी सदी) के रचनाकार ज्योतिरीश्वर ठाकुर है।
वर्ण रत्नाकर से संबंधित अन्य बिंदुः-
- हिन्दी दरबार और भारतीय जीवन पद्धति का यथार्थ चित्रण।
- मैथिली हिंदी मे इसकी रचना हुई है।
- इसका संपादन सुनीति कुमार चटर्जी ने किया है।
Additional Information
रचना | रचनाकार |
जयचंद प्रकाश (महाकाव्य) | केदार भट्ट |
परमाल रासो | जगनिक |
वसंत विलास |
लेखक अज्ञात है। यह एक अलौकिक श्रृंगारिक कृति है। |
Important Pointsआदिकालीन गद्य साहित्यः-
रचना | रचनाकार |
कुवलयमाला कहा (9 वी सदी) | उद्यतन सूरि |
राउलवेल (10 वी सदी) | रोड कवि |
उक्तिव्यक्तिप्रकरण (12 वी सदी) | दामोदर शर्मा |
वर्णरत्नाकर (14 वी सदी) | ज्योतिरीश्वर ठाकुर |
शुक्ल जी ने आदिकाल की बारह रचनाओं का अपने इतिहास में उल्लेख किया, इनमे साहित्यिक पुस्तकें चार हैं। इनकी भाषा क्या है?
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य काव्य और गद्य Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDF'अपभ्रंश' भाषा की चार पुस्तको को रामचन्द्र ने साहित्यिक पुस्तके माना है।
- चार पुस्तकें
- विजयपाल रासो :- कवि नल्ह
- हम्मीर रासो :- शारंगधर
- कीर्तिलता :- विद्यापति
- कीर्तिपताका :- विद्यापति
Additional Information
- अपभ्रंश भाषा -- अपभ्रंश का परिवर्तित रूप या उत्तरकालीन अवस्था का नाम अवहट्ठ दिया गया है। ग्यारहवीं से चौदहवीं शती के अपभ्रंश रचनाकारों ने अपनी अपनी रचना की भाषा को अवहट्ट कहा है।
- संस्कृत भाषा – संस्कृत (संस्कृतम्) भारतीय उपमहाद्वीप की एक भाषा है। इसे देववाणी अथवा सुरभारती भी कहा जाता है। यह विश्व की सबसे प्राचीन भाषा है।
- पाली भाषा – पाली प्राचीन उत्तर भारत की भाषा थी जो पूर्व बिहार से लेकर पश्चिम में हरियाणा-राजस्थान तक और उत्तर में नेपाल-उत्तरप्रदेश से दक्षिण में मध्यप्रदेश तक बोली जाती थी।
- प्राकृत भाषा – आर्ययुग के मध्ययुग में अनेक प्रादेशिक भाषाओं का उदय हुआ जिसे सामान्य रूप से प्राकृत कहा जाता है।
निम्न में से कौन सी रचना विद्यापति की नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य काव्य और गद्य Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFजयमयंक जस चंद्रिका रचना विद्यापति की नहीं है।
Key Pointsजयमयंक जस चंद्रिका-
- रचनाकार-मधुकर कवि
- समय-12 वीं शती
- काव्य रूप-प्रबंध
- विषय-
- कन्नोज के सम्राट जयचंद के शौर्य और पराक्रम की कथा का वर्णन है।
Important Pointsविद्यापति-
- जन्म-1360-1450ई.
- आदिकालीन मुख्य कवि रहे है।
- इन्होंने संस्कृत,अवधी व मैथिली भाषा मे रचनाएँ लिखी है।
- गुरु-पंडित हरिहर मिश्र
- संस्कृत रचनाएँ-
- शैव सर्वस्व सार
- गंगा वाक्यवाली
- भू परिक्रमा
- पुरुष परीक्षा आदि।
Additional Informationकीर्तिपताका-
- रचनाकार-विद्यापति
- काव्य रूप-प्रबंध
- समय-14 वीं शती
- भाषा-अवहट्ट
- विषय-
- तिरहुत के राजा शिव सिंह की प्रशस्ति है।
कीर्तिलता-
- रचनाकार-विद्यापति
- काव्य रूप-प्रबंध
- समय-14 वीं शती
- भाषा-अवहट्ट
- विषय-
- तिरहुत के राजा कीर्ति सिंह द्वारा अपने पिता का बदला लेने का वर्णन है।
- ऐतिहासिक महत्त्व है।
पदावली-
- रचनाकार-विद्यापति
- समय-14 वीं शती
- भाषा-मैथिली
- विषय-
- शृंगार भक्ति परक मुक्तक काव्य है।
- इसके पदों की मादकता को निराला ने 'नागिन की लहर' कहा है।
अमीर खुसरो की पहेलियां और मुकरियां किस भाषा में है?
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य काव्य और गद्य Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFअमीर खुसरो की पहेलियां और मुकरियां खड़ी बोली में है।
Key Points खड़ी बोली:-
- ठेठ हिन्दी, परिनिष्ठित पश्चिमी हिन्दी का एक रूप।
- खड़ी बोली निम्नलिखित स्थानों के ग्रामीण क्षेत्रों में बोली जाती है- मेरठ, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, देहरादून के मैदानी भाग, अम्बाला, कलसिया और पटियाला के पूर्वी भाग, रामपुर और मुरादाबाद।
- खड़ी बोली में ही अनेक लेखक ने अपनी रचनाएं की हैं जिनमें प्रमुख हैं- अमीर खुसरो, भारतेन्दु हरिश्चन्द्र, प्रताप नारायण मिश्र, अयोध्यासिंह उपाध्याय 'हरिऔध इत्यादि।
Important Points प्रमुख रचनाएँ:-
- मसनवी किरानुससादैन
- मल्लोल अनवर
- शिरीन ख़ुसरो
- मजनू लैला
- आईने-ए-सिकन्दरी
- हश्त विहिश
पूरा नाम | अमीर सैफ़ुद्दीन ख़ुसरो |
जन्म | 1253 ई. |
जन्म भूमि | एटा, उत्तर प्रदेश |
मृत्यु | 1325 ई. |
कर्म-क्षेत्र | संगीतज्ञ, कवि |
भाषा | ब्रज, हिन्दी, फ़ारसी, खड़ी बोली |
विशेष योगदान | मृदंग को काट कर तबला बनाया, सितार में सुधार किए |
Additional Informationउर्दू:-
- उर्दू भाषा हिन्द आर्य भाषा है। उर्दू भाषा हिन्दुस्तानी भाषा की एक मानकीकृत रूप मानी जाती है।
- उर्दू में संस्कृत के तत्सम शब्द न्यून हैं और अरबी-फ़ारसी और संस्कृत से तद्भव शब्द अधिक हैं।
- ये मुख्यतः दक्षिण एशिया में बोली जाती है।
- उर्दू भाषा में ही अनेक कवियों ने अपनी रचनाएं की हैं जिनमें प्रमुख हैं- अमीर खुसरो, नवाज़ बंदो, कबीर, ग़ालिब इत्यादि।
अवधी:-
- अवधी हिंदी क्षेत्र की एक उपभाषा है।
- यह उत्तर प्रदेश में अवधी क्षेत्र लखनऊ,बहराइच, हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, फैजाबाद, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, इलाहबाद तथा फतेहपुर, मिरजापुर, जौनपुर आदि कुछ अन्य जिलों में भी बोली जाती है।
- अवधी भाषा में ही अनेक कवियों ने अपनी रचनाएं की हैं जिनमें प्रमुख हैं- तुलसीदास, कुतुबन, रहीम, कबीर, मलिक मोहम्मद इत्यादि।
ब्रज:-
- ब्रजभाषा एक क्षेत्रीय ग्रामीण भाषा है जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड में बोली जाती है।
- इसके अलावा यह भाषा हरियाणा, राजस्थान और मध्यप्रदेश के कुछ जनपदों में भी बोली जाती है।
- ब्रजभाषा में ही अनेक भक्त कवियों ने अपनी रचनाएं की हैं जिनमें प्रमुख हैं- सूरदास, रहीम, रसखान, केशव, घनानंद, बिहारी, इत्यादि।
आचार्य शुक्ल के अनुसार अमीर खुसरो के विषय में निम्नलिखित में से कौन-सी बातें सही हैं ?
A. कबीर की अपेक्षा खुसरो का ध्यान बोलचाल की भाषा की ओर अधिक था।
B. खुसरो का लक्ष्य जनता का मनोरंजन था।
C. खुसरो के समय में बोलचाल की स्वाभाविक भाषा घिस कर बहुत कुछ उसी रूप में आ गयी थी जिस रूप में खुसरो में मिलती है।
D. खुसरो धर्मोपदेशक थे, अतः उनकी बानी पोथियों की भाषा का सहारा लिए हुए है।
नीचे दिए गए विकत्पों में से सही उत्तर चुनिए:
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य काव्य और गद्य Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDF- सही उत्तर विकल्प 1 है।
- उपरोक्त तीनों वाक्य आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने अपने हिंदी साहित्य का इतिहास में अमीर खुसरो के लिए लिखे हैं।
Key Points
- अमीर खुसरो आदिकाल के कवि हैं।
- पहेलियां, मुकरियां, लोकगीत आदि की रचना की।
- हिन्दी , उर्दू, फ़ारसी, बृज भाषा आदि का ज्ञान।
- संगीतज्ञ।
- खड़ी बोली हिंदी को पहचान दिलाने वाले कवि।
- रचित ग्रंथ - खालिकबारी ,दो सुखने, ग़ज़ल आदि।
Important Points
- गुरु - निज़ामुद्दीन औलिया
- उपाधि - ' हिंद की तूती '
- तबला के आविष्कारक।
- महत्वपूर्ण पंक्तियां -
1. चूक भई कुछ वासों ऐसी। देस छोङ भयो परदेसी। (ब्रजभाषा)
2. एक नार पिया को भानी। तन वाको सगरा ज्यों पानी। (ब्रजभाषा)
3.. ’’एक थाल मोती से भरा। सबके सिर पर औंधा धरा।।
चारों ओर वह थाली फिरे। मोती उससे एक न गिरे।।’’ (आकाश)
2. ’’एक नार ने अचरज किया। साँप मारि पिंजङे में दिया।
जों जों साँप ताल को खाए। सूखे ताल साँप मर जाए।।’’ (दीया-बत्ती)
Additional Information
- डॉ राम कुमार वर्मा - अवधी का प्रथम कवि
- महत्वपूर्ण कथन - ’मैं हिन्दुस्तान की तूती हूँ, अगर तुम भारत के बारे में वास्तव में कुछ पूछना चाहते हो तो हिंदवी में पूछो जिसमें कि मैं कुछ अद्भुत बातें बता सकूं’’
आदिकाल के काव्यों प्रधान भाषा थी:
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य काव्य और गद्य Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDF- आदिकाल के काव्यों की प्रधान भाषा है डिंगल - पिंगल ( मिश्रित ) ।
- रासो काव्यों की भाषा का विश्लेषण विभिन्न आधारों पर किया जाता है क्योंकि रासो साहित्य का रचना क्षेत्र व काल अत्यंत व्यापक रहा है ।
Key Points
- डिंगल वह शैली है जिसमें ओज - गुण की उपस्थिति हो तथा जिसका प्रयोग सामान्यतः अशिक्षित वर्ग द्वारा व्याकरण सम्मत ढंग से न हुआ हो ।
- पिंगल वह शैली है जिसमें व्याकरणिक व्यवस्था तथा माधुर्य गुण की अवस्थिति मानी गयी ।
- डिंगल व पिंगल दो भिन्न भाषाएँ नहीं थीं बल्कि एक ही भाषा की दो शैलियाँ थीं ।
'गोरा बादल की कथा' किसके द्वारा रचित है?
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य काव्य और गद्य Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDF'गोरा बादल की कथा' जटमल द्वारा रचित है।
Key Points
गोरा बादल
- जटमल ने इस कहानी की रचना सन् 1623 ई. मे की थी|
- गोरा बादल की कथा एक कहानी है।
- दिल्ली के अलाउद्दीन खिलजी ने रतनसिंह की पत्नी रानी पद्मावती को प्राप्त करने के लिए चित्तौड़ पर हमला किया और राजा को धोखे से बन्दी बना लिया ।
- गोरा, बादल और उनके सैनिकों ने पद्मिनी और उनके साथियों के रूप में प्रच्छन्न दिल्ली में प्रवेश किया, और राजा को बचाया।
- गोरा इस अभियान में लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुएं, जबकि बादल राजा को चित्तौड़ ले गए।
- वे निर्भीक और सच्चे योद्धा थे।
Additional Information
लेखक | रचनाएँ |
जल्हण | सूक्तिमुक्तावली (काव्य) |
नरपति नाल्ह | वीसलदेव रासो(काव्य) |
दलपति विजय | खुमान रासो(काव्य) |
जटमल | गोरा बादल की कथा(कहानी) |
सरहपाद को हिंदी का प्रथम कवि मानने वाले विद्वान हैं -
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य काव्य और गद्य Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 'राहुल सांकृत्यायन' है।Key Points
- राहुल सांकृत्यायन ने 'सरहपाद' को हिंदी का प्रथम कवि माना है।
- सरहपाद की रचनाओं का संपादन राहुल सांकृत्यायन ने 'दोहकोष' नाम से किया है।
- राहुल सांकृत्यायन ने आदिकाल को 'सिद्ध-सामंत युग' कहा है।
Additional Information
लेखक | प्रथम कवि | कवि की रचनाएँ |
शिवसिंह सेंगर |
पुष्पदंत व पुण्ड | महापुराण , जसहरचरित (यशोधरचरित) और णायकुमारचरिअ (नागकुमारचरित)। |
मिश्रबंधु | गोरखनाथ को हिंदी का प्रथम गद्य लेखक। |
सबदी, सिष्यादर्सन, प्राणसंकली,आत्माबोध (पहला),अभैमात्रा योग,रोमावली,ग्यानतिलक,नवरात्र, रहरास,ग्यानमाल,आत्माबोध (दूसरा), निरंजन पुराण,गोरखवचन,इन्द्री देवता, खाणवारूणी,अष्टमुद्रा,चौबी सिधि, डक्षरी,पंच अग्नि, अष्टचक्र,अवलि सिलूक, क़ाफ़िर बोध। |
रामकुमार वर्मा | स्वयंभू | पउमचरिउ (पद्मचरित), रिट्ठणेमिचरिउ (अरिष्ट नेमिचरित या हरिवंश पुराण) और स्वयंभू छंदस्। |
आदिकाल के किस कवि ने पहेलियाँ और मुकरियाँ लिखी हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
अन्य काव्य और गद्य Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDF- अमीर खुसरो की रचनाओ को 'पहेलियाँ' अथवा 'मुकरियां' कहा जाता है।
- अमीर खुसरो का रचनाकाल :- आदिकाल 1255 ई. है।
Key Points
- तूती - ए - हिन्द :- अमीर खुसरो
- अमीर खुसरो आदिकाल के कवि हैं।
- पहेलियां, मुकरियां, लोकगीत आदि की रचना की।
- हिन्दी , उर्दू, फ़ारसी, बृज भाषा आदि का ज्ञान।
- संगीतज्ञ।
- खड़ी बोली हिंदी को पहचान दिलाने वाले कवि।
- रचित ग्रंथ - खालिकबारी ,दो सुखने, ग़ज़ल आदि।
Additional Information
- विद्यापति :- पदावली , कीर्तिलता , कीर्तिपताका
- चन्दवरदायी :- पृथ्वीराज रासो
- स्वयंभू :- पउम चरिउ
- कुशललाभ :- ढोलामारू रा दोहा
- शालिभद्र सूरी :- भरतेश्वर बाहुबली रास