भक्तिकाल MCQ Quiz - Objective Question with Answer for भक्तिकाल - Download Free PDF

Last updated on Jun 13, 2025

Latest भक्तिकाल MCQ Objective Questions

भक्तिकाल Question 1:

कबीरदास की भाषा थी

  1. सधुक्कड़ी 
  2. खड़ीबोली
  3. कन्नौजी
  4. ब्रज
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : सधुक्कड़ी 

भक्तिकाल Question 1 Detailed Solution

सही उत्तर है - ‘सधुक्कड़ी ’।
  • कबीरदास की भाषा सधुक्कड़ी थी।

Key Points

  • ​कबीरदास की भाषा सधुक्कड़ी एवं पंचमेल खिचड़ी है।
  • अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं।

Additional Information

  • कबीर या भगत कबीर 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे।
  • वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकालीन युग में ज्ञानाश्रयी-निर्गुण शाखा की काव्यधारा के प्रवर्तक थे।
  • वे हिन्दू धर्म व इस्लाम को न मानते हुए धर्म निरपेक्ष थे।
  • उन्होंने सामाज में फैली कुरीतियों, कर्मकांड, अंधविश्वास की निंदा की और सामाजिक बुराइयों की कड़ी आलोचना की थी।

भक्तिकाल Question 2:

‘राग गोविन्द' किसके द्वारा रचित है? 

  1. रसखान
  2. सेनापति
  3. भूषण 
  4. मीराबाई
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : मीराबाई

भक्तिकाल Question 2 Detailed Solution

‘राग गोविन्द' मीराबाई द्वारा रचित है।

  • विधा-काव्य
  • प्रकाशन वर्ष-15वीं शती

Key Pointsमीराबाई-

  • जन्म-1498-1547ई.
  • मीराबाई 16वीं शताब्दी की कृष्ण भक्त और कवियित्री थी।
  • इन्होने कृष्ण भक्ति के स्फूट पदों की रचना की।
  • प्रमुख रचनाएँ-
    • नरसी म्हारो
    • गीत गोविंद टीका
    • राग - गोविंद
    • राग सोरठ के पद।

Additional Informationरसखान-

  • जन्म-1548-1628ई.
  • रसखान कृष्ण भक्त मुस्लिम कवि थे। उनका जन्म पिहानी, भारत में हुआ था।
  • हिन्दी के कृष्ण भक्त तथा रीतिकालीन रीतिमुक्त कवियों में रसखान का अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान है।
  • वे विट्ठलनाथ के शिष्य थे एवं वल्लभ संप्रदाय के सदस्य थे। रसखान को 'रस की खान' कहा गया है।
  • इनके काव्य में भक्ति, शृंगार रस दोनों प्रधानता से मिलते हैं।
  • प्रमुख रचनाएँ-
    • सुजान रसखान
    • प्रेमवाटिका।

सेनापति-

  • सेनापति भक्तिकाल एवं रीतिकाल दोनों के कवि हैं।
  • यह ब्रजभाषा काव्य के महँ कवि माने जाते हैं।
  • इनका रचित एकमात्र ग्रन्थ 'कवित्त रत्नाकर' ही उपलब्ध है।
  • इनकी रचनाओं में भक्ति और श्रृंगार दोनों का मिश्रण है।

भूषण-

  • जन्म-1613-1705ई.
  • रीतिकाल के प्रमुख कवियों में से एक हैं।
  • रीतिकाल में भूषण ने वीर रस में प्रमुखता से रचना कर अपने को सबसे अलग साबित किया।
  • 'भूषण' की उपाधि उन्हें चित्रकूट के राजा हृदयराम के पुत्र रुद्रशाह ने प्रदान की थी।
  • प्रमुख रचनाएँ-
    • शिवराजभूषण
    • शिवाबावनी
    • छत्रसालदशक
    • भूषण उल्लास
    • भूषण हजारा
    • दूषनोल्लासा आदि।

भक्तिकाल Question 3:

इनमें से कौन-सा कथन सही नहीं है?

  1. भक्ति काल का एक अन्य नाम 'उत्तर मध्य काल' है।
  2. आचार्य शुक्ल ने भक्ति का स्त्रोत दक्षिण भारत माना है।
  3. भागवत धर्म के प्रचार-प्रसार के परिणाम स्वरूप भक्ति आंदोलन का सूत्रपात हुआ।
  4. भक्ति को उत्तर भारत में लाने का श्रेय रामानंद को दिया गया है।
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : भक्ति काल का एक अन्य नाम 'उत्तर मध्य काल' है।

भक्तिकाल Question 3 Detailed Solution

सही उत्तर है - भक्तिकाल का एक नाम उत्तर मध्यकाल है।  

Key Points

  • भक्तिकाल पूर्व मध्यकाल है। 
  • उत्तरमध्यकाल रीतिकाल का एक नाम है। 
  • अतः विकल्प एक में दिया गया कथन गलत है। 

Important Points

  • आचार्य शुक्ल ने भक्ति का स्त्रोत दक्षिण भारत माना है।
  • भागवत धर्म के प्रचार-प्रसार के परिणाम स्वरूप भक्ति आंदोलन का सूत्रपात हुआ।
  • भक्ति को उत्तर भारत में लाने का श्रेय रामानंद को दिया गया है।

Additional Information

हिंदी साहित्य का काल विभाजन 
आदिकाल  1050 से 1375 वि० सं० 
भक्तिकाल(पूर्वमध्यकाल) 1375 से 1700 वि० सं० 
रीतिकाल(उत्तरमध्यकाल) 1700 से 1900 वि० सं० 
आधुनिक काल 1900 वि० सं० से आगे

भक्तिकाल Question 4:

'संतन को कहाँ सीकरी सों काम' यह काव्य पंक्ति किसकी है? 

  1. सूरदास  
  2. छीतस्वामी 
  3. कुंभनदास 
  4. नंददास  
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : कुंभनदास 

भक्तिकाल Question 4 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 3 'कुंभनदास है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं। 

Key Points

  • 'संतन को कहाँ सीकरी सों काम' यह काव्य पंक्ति 'कुंभनदास' की है।
  • कुंभनदास परम भगवद्भक्त, आदर्श गृहस्थ और महान विरक्त थे।
  • वे पूरी तरह से विरक्त और धन, मान, मर्यादा की इच्छा से कोसों दूर थे। 
  • अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं। 


Additional Information

  • भक्ति काल में अधिकांश रचनाएं ब्रजभाषा में ही रची गईं।
  • पुष्टिमार्ग यानी बल्लभ कुल का इसमें बहुत बड़ा योगदान है।
  • बल्लभाचार्य जी के पुत्र गोस्वामी विट्ठलनाथ ने अष्टछाप की स्थापना कर हवेली संगीत को पुष्ट किया।
  • अष्टछाप सखा - सूरदास, नंददास, कुंभनदास, गोविंद दास, छीतस्वामी, चतुर्भुजदास, कृष्णदास, परमानंद दास हैं।

भक्तिकाल Question 5:

'साहित्य लहरी' रचना के रचयिता हैं :

  1. प्रेमचंद
  2. सूरदास
  3. देव
  4. बिहारी
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : सूरदास

भक्तिकाल Question 5 Detailed Solution

'साहित्य लहरी' रचना के रचयिता है- सूरदास

Key Pointsसूरदास-

  • जन्म- 1478-1583 ई.
  • भक्तिकाल की कृष्ण भक्ति शाखा के प्रमुखक कवि है। 
  • रचनाएँ-
    • सूरसागर 
    • सुरसरावली(1548 ई.)
    • साहित्य लहरी(1550 ई.) आदि।

Important Pointsदेव-

  • जन्म-1673 ई. 
  • पुरा नाम-देवदत्त 
  • रीतिकाल की रीतिबद्ध शाखा के प्रमुख कवि है। 
  • रचनाएँ-
    • भाव विलास 
    • अष्टयाम 
    • भवानी विलास 
    • प्रेमचंद्रिका 
    • रस विलास 
    • सुखसागर तरंग 
    • देवमाया प्रपंच 
    • सुजान विनोद आदि। 

बिहारी-

  • जन्म-1595-1663 ई.
  • ये रीतिकाल की रीतिसिद्ध शाखा के प्रमुख कवि है। 
  • राजा जयसिंह के दरबारी कवि थे। 
  • प्रमुख रचना-
    • बिहारी सतसई- दोहा छंद में रचित मुक्तक काव्य है।
  • बिहारी को राधचरण गोस्वामी ने 'पीयूषवर्षी मेघ' कहा है। 
  • बिहारी के काव्य को पद्म सिंह शर्मा ने 'शक्कर की रोटी' कहा है।

प्रेमचंद-

  • जन्म- 1880-1936 ई. 
  • अन्य नाम- धनपत राय, नवाबराय 
  • उपन्यास-
    • देवस्थान रहस्य(1905 ई.)
    • प्रेमा(1907 ई.)
    • सेवासदन(1918 ई.)
    • रंगभूमि(1925 ई.)
    • गोदान(1936 ई.) आदि। 

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गोस्वामी विट्ठलनाथ द्वारा 'अष्टछाप' की स्‍थापना का वर्ष है

  1. 1555 ई.
  2. 1558 ई.
  3. 1560 ई.
  4. 1565 ई.

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : 1565 ई.

भक्तिकाल Question 6 Detailed Solution

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उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 1565 सही है अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points
  • गोस्वामी विट्ठलनाथ ने अष्टछाप की स्थापना 1565 में की थी।
  • अष्टछाप, महाप्रभु श्री वल्लभाचार्य जी एवं उनके पुत्र श्री विट्ठलनाथ जी द्वारा संस्थापित 8 भक्तिकालीन कवियों का एक समूह था, जिन्होंने अपने विभिन्न पद एवं कीर्तनों के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का गुणगान किया।
  • "चौरासी वैष्णवन की वार्ता" तथा "दो सौ वैष्ण्वन की वार्ता" में इनका जीवनवृत विस्तार से पाया जाता है।
Additional Information
  • अष्टछाप के कवि
    • वल्लभाचार्य के शिष्य
      • कुम्भनदास
      • सूरदास
      • परमानंद दास
      • कृष्णदास
    • अन्य चार गोस्वामी बिट्ठलनाथ के शिष्य थे -
      • गोविंदस्वामी
      • नंददास
      • छीतस्वामी  
      • चतुर्भुजदास

सूरदास के गुरु कौन थे?

  1. रामानन्द
  2. रामदास
  3. वल्लभाचार्य
  4. विट्ठलनाथ

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : वल्लभाचार्य

भक्तिकाल Question 7 Detailed Solution

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दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 3 'वल्लभाचार्य’ है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं। 

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  •  सूरदास के गुरु का नाम श्री वल्लभाचार्य था।
  • यह भी माना जाता है कि वह अपने गुरु वल्लभाचार्य से महज दस दिन छोटे थे।
  • सूरदास जी द्वारा लिखित पांच ग्रन्थ बताएं जाते हैं।
  • जिनमें से सूर सागर, सूर सारावली और साहित्य लहरी के प्रमाण मिलते हैं।
  • जबकि नल-दमयन्ती और ब्याहलो का कोई प्रमाण नहीं मिलता।

अन्य विकल्प: 

  • रामानन्द - रविदास और कबीरदास के गुरु। 
  • रामदास - छत्रपति शिवाजी के गुरु। 
  • विट्ठलनाथ - नंददास के गुरु। 

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  • कृष्ण भक्ति में सूरदास का नाम सर्वोपरि है।
  • वह एक कवि, संत और एक महान संगीतकार थे।
  • उन्होंने इन सभी रोल को अपने जीवन में बखूबी निभाया।
  • उनके जीवनकाल से संबंधित कोई भी पुख्ता प्रमाण नहीं मिलते।
  • महाकवि सूरदास के जन्म और मृत्यु दोनों को लेकर कई भ्रांतियां हैं।
  • उनके पिता रामदास गायक थे।

'पद्मावत' किसकी रचना है?

  1. कबीर
  2. तुलसीदास
  3. जायसी
  4. सूरदास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : जायसी

भक्तिकाल Question 8 Detailed Solution

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उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 3 जायसी सही उत्तर है।

Key Points

  • जायसी निर्गुण धारा की प्रेमाश्रयी(सूफी) शाखा के महत्वपूर्ण कवि है।
  • जायसी प्रसिद्ध सूफी फकीर शेख मोहिदी के शिष्य व शेरशाह के समकालीन थे।
  • पद्मावत में कुल 57 खण्ड हैं।
  • पद्मावत विषय:नागमती,पद्मावती और रत्नसेन की प्रेम कहानी पर आधारित है।

Important Points

  • आचार्य शुक्ल: पद्मावत की कथा का पूर्वार्द्ध 'कल्पित' और उत्तरार्द्ध 'ऐतिहासिक' माना है।
  • विजयदेव नारायण साही ने 'पद्मावत' को हिंदी में अपने ढंग की अकेली ट्रेजिक कृति कहा है।
  • अन्य रचनाएँ:
रचना विषय
अखरावट वर्णमाला के अक्षरों पर निर्मित सिद्धन्त आधारित।
आख़िरी कलाम कयामत का वर्णन और मुगल बादशाह बाबर की प्रशंसा।
कहरनामा आध्यात्मिक विवाह का वर्णन।
मसलानामा ईश्वर भक्ति के प्रति प्रेम निवेदन।

Additional Information

कवि प्रमुख रचना
कबीर बीजक(3भाग)-रमैनी,सबद,साखी।
तुलसी रामचरितमानस,वैराग्य संदीपनी,कवितावली,गीतावली,रामाज्ञा प्रश्न आदि
सूरदास सूरसागर,सुरसरवाली,साहित्य लहरी।

रसखान ने किससे दीक्षा प्राप्त की?

  1. रामानन्द से
  2. तुलसीदास से
  3. वल्लभाचार्य से
  4. गोस्वामी विट्ठलनाथ से

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : गोस्वामी विट्ठलनाथ से

भक्तिकाल Question 9 Detailed Solution

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रसखान ने 'गोस्वामी विट्ठलनाथ' से दीक्षा प्राप्त की

Key Points

  •  विठ्ठलनाथ की अन्य प्रमुख रचनाएँः-
  • अणुभाष्य
  • यमुनाष्टक
  • विद्वन्मडल 
  • भक्तिनिर्णय आदि ।
  • विट्ठलनाथ ने अष्टछाप की स्थापना 1565 ई.की है। 
  • अष्टछाप मे कुल आठ कवि है।
  • जिसमें चार विट्ठलनाथ और चार वल्लभाचार्य के शिष्य थे।
विट्ठलनाथ के शिष्य वल्लभाचार्य के शिष्य
गोविंद स्वामी कुंभनदास
छीत स्वामी सूरदास
चतुर्भुजदास परमानंद दास
नंददास कृष्णदास

Additional Informatio 

कवि रचना
रामानंद वैष्णवमताब्ज भास्कर
तुलसीदास  वैराग्य संदीपनी , रामाज्ञा प्रश्न , रामललानहछू , रामचरितमानस आदि।
बल्लभाचार्य यमुनाष्टक , सिद्धांत मुक्तावली , नवरत्न स्तोत्र आदि।

निम्नलिखित में से कौन-सा कवि 'अष्टछाप' का कवि नहीं था?

  1. नन्ददास
  2. परमानन्ददास
  3. छीत स्वामी
  4. हरिव्यास देव

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : हरिव्यास देव

भक्तिकाल Question 10 Detailed Solution

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हरिव्यास देव यहाँ सही विकल्प है, क्योंकि यह अष्टछाप में शामिल कवि नही हैं।

अत: सही विकल्प 4)हरिव्यास देव है।

अष्टछाप आठ कवियों का समूह है- (चार वल्लभाचार्य के शिष्य, चार विट्ठलनाथ के शिष्य)

वल्लभाचार्य

विट्ठलनाथ 

सूरदास

चतुर्भुज दास

कुम्भनदास

छीतस्वामी

परमानन्द दास

गोविन्द स्वामी

कृष्णदास

नन्ददास

 

साखी सबदी दोहरा, कहि किहनी उपखान ।

भगति निरूपहिं भगत कलि, निन्‍दहिंहिं बेद पुरान ।।

उपर्युक्त पंक्तियों के रचनाकार हैं

  1. तुलसीदास
  2. कबीर
  3. मलिक मुहम्‍मद जायसी
  4. कुतुबन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : तुलसीदास

भक्तिकाल Question 11 Detailed Solution

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  • प्रस्तुत पंक्तियाँ तुलसीदास द्वारा लिखित हैं।
  • शुक्ल जी तुलसीदास को स्मार्त वैष्णव कहते हैं।
  • तुलसी को हिंदी का जातीय कवि कहा जाता है।

Key Points

  •  कबीर संत काव्य धारा के प्रमुख कवि हैं।
  • कबीर की वाणी का संग्रह उनके शिष्य धर्मदास ने बीजक नाम से किया।
  • जायसी और कुतुबन प्रेममार्गी धारा के प्रमुख कवि हैं।

Important Points

  •  तुलसीदास ने नवधा भक्ति में दास्य भक्ति को प्रमुखता से स्थान दिया।
  • शुक्ल जी ने तुलसी की भक्ति को स्वदेशी भक्ति माना है।

इनमें से कौन-सा कवि अष्टछाप का नहीं है?

  1. सूरदास
  2. कुम्भनदास
  3. नन्ददास
  4. रैदास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : रैदास

भक्तिकाल Question 12 Detailed Solution

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अष्टछाप के कवियो में रैदास का नाम नही लिया जाता है
Key Points
  1. अष्टछाप, महाप्रभु श्री वल्लभाचार्य जी एवं उनके पुत्र श्री विट्ठलनाथ जी द्वारा संस्थापित 8 भक्तिकालीन कवियों का एक समूह था,
  2. जिन्होंने अपने विभिन्न पद एवं कीर्तनों के माध्यम से भगवान श्री कृष्ण की विभिन्न लीलाओं का गुणगान किया। अष्टछाप की स्थापना 1565 ई० में हुई थी।
  3. अष्टछाप के आठ कवियों में चार वल्लभ के शिष्य हैं, जबकि चार विट्ठलनाथ के। 
  • कुम्भनदास
  • परमानन्द दास
  • कृष्ण दास
  • सूरदास
  • गोविंद स्वामी
  • छीत स्वामी
  • चतुर्भुज दास
  • नंददास

कबीरदास की भाषा कौन-सी थी?

  1. ब्रज
  2. खड़ी बोली
  3. कन्नौजी
  4. सधुक्कड़ी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : सधुक्कड़ी

भक्तिकाल Question 13 Detailed Solution

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दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर विकल्प 4 'सधुक्कड़ी है। अन्य विकल्प इसके गलत उत्तर हैं। 

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  • कबीरदास की भाषा सधुक्कड़ी एवं पंचमेल खिचड़ी है।
  • इनकी भाषा में हिंदी भाषा की सभी बोलियों के शब्द सम्मिलित हैं।
  • राजस्थानी, हरयाणवी, पंजाबी, खड़ी बोली, अवधी, ब्रजभाषा के शब्दों की बहुलता है।
  • अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर हैं। 

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  • कबीर या भगत कबीर 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे।
  • वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकालीन युग में ज्ञानाश्रयी-निर्गुण शाखा की काव्यधारा के प्रवर्तक थे।
  • वे हिन्दू धर्म व इस्लाम को न मानते हुए धर्म निरपेक्ष थे।
  • उन्होंने सामाज में फैली कुरीतियों, कर्मकांड, अंधविश्वास की निंदा की और सामाजिक बुराइयों की कड़ी आलोचना की थी

निम्नलिखित में से किसने पुष्टिमार्ग की स्थापना की?

  1. चैतन्य महाप्रभु
  2. वल्लभाचार्य
  3. विट्ठलनाथ
  4. सूरदास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : वल्लभाचार्य

भक्तिकाल Question 14 Detailed Solution

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वल्लभाचार्य यहाँ सही विकल्प है। पुष्टिमार्ग की स्थापना वल्लभाचार्य ने किया है।

अत: सही विकल्प 2) वल्लभाचार्य ही होगा।

पुष्टिमार्ग का अर्थपुष्टि का अर्थ होता है पोषण, वृद्धि। पुष्टि मार्ग एक वैष्णव संप्रदाय है। इसे वल्लभ सम्प्रदाय भी कहते हैं। 

पुष्टिमार्ग का जहाज - सूरदास 

पुष्टिमार्ग का वाद - शुद्धाद्वेतवाद  

इनमें से कौन भक्तिकालीन कवि नहीं हैं ? 

  1. बिहारी
  2. सूरदास
  3. कबीरदास
  4. तुलसीदास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : बिहारी

भक्तिकाल Question 15 Detailed Solution

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दिए गए विकल्पों में से "बिहारी" भक्तिकालीन कवि नहीं हैं। 
Key Points

  • सूरदास, कबीरदास, तुलसीदास भक्तिकालीन कवि है। 
  • बिहारी लाल जयपुर नरेश जयसिंह के दरबार में रहकर काव्य रचना करने वाले रीति काल के कवि थे। 
  • बिहारीलाल की एकमात्र रचना 'बिहारी सतसई' है।
  • यह मुक्तक काव्य है। इसमें 719 दोहे संकलित हैं।
  • 'बिहारी सतसई' श्रृंगार रस की अत्यंत प्रसिद्ध और अनूठी कृति है।

Important Points

आदिकाल के प्रमुख कवि- - अब्दुर्रहमान, नरपति नाल्ह, चंदबरदायी , दलपति विजय, जगनिक , जल्ह कवि, शालिभद्रसूरि , अमीर खुसरो, विद्यापति , स्वयंभू , लक्ष्मीधर, जोइन्दु, केदार  आदि    
भक्तिकाल के प्रमुख कवि- कबीर, रैदास, नानक, दादूदयाल, सुंदर दास, मलूकदास, कुतबन, मंझन, जायसी, उसमान, सूरदास, परमानंददास, कुंभनदास, नंददास, हितहरिवंश, हरिदास, रसखान, ध्रुवदास, मीराबाई, तुलसीदास, अग्रदास, नाभादास आदि ने अपनी भक्तिपूर्ण रचनाओं से हिन्दी साहित्य की श्रीवृद्धि की।
रीतिकाल के प्रमुख कवि-   केशवदास, बिहारीलाल, चिन्तामणि त्रिपाठी, भूषण, मतिराम, देव, भिखारीदास, पद्माकर,घनानन्द आदि 
आधुनिक काल के प्रमुख कवि -  मैथिलीशरण गुप्त, रामचरित उपाध्याय, नाथूराम शर्मा शंकर, ला. भगवान दीन, रामनरेश त्रिपाठी, जयशंकर प्रसाद, गोपाल शरण सिंह, माखन लाल चतुर्वेदी, अनूप शर्मा, रामकुमार वर्मा, श्याम नारायण पांडेय, दिनकर, सुभद्रा कुमारी चौहान, महादेवी वर्मा आदि का नाम विशेष रूप से उल्लेखनीय है।

Additional Information

  • व्यवस्थित और वैज्ञानिक दृष्टि से आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने सन 1929 में “हिंदी साहित्य का इतिहास लिखा”।
  • इसमें साहित्यिक प्रवृत्तियों के आधार पर काल विभाजन कालों का नामकरण तथा विभिन्न कवियों,
  • और उनकी साहित्यिक प्रवृत्तियों का विस्तृत विवेचन किया गया है। 
  • आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने ’काल-विभाजन’ को चार भागों में बांटा है-
  • (1)आदिकाल (संवत 1050 से 1375 तक)- 
  • (2) पूर्व मध्यकाल (भक्तिकाल संवत 1375 से 1700 तक)-
  • ज्ञानमार्गी शाखा, प्रेममार्गी शाखा (निर्गुण साहित्य),रामभक्ति शाखा, कृष्णभक्ति शाखा (सगुण साहित्य)
  • (3) उत्तर मध्यकाल (रीतिकाल-संवत 1700-1900)-
  • रीतिबद्ध ( केशव, देव, चिंतामणि, मतिराम आदि कवि हैं।)
  • रीतिमुक्त (घनानंद, ठाकुर, बोधा तथा आलम आदि कवि हैं।)
  • रीतिसिद्ध (महाकवि बिहारी) 
  • (4) आधुनिक काल (गद्यकाल संवत 1900 से अब तक)-
  • (1)भारतेंदु युग , (2)द्विवेदी युग (3)छायावादी युग,(4)प्रगतिवादी युग, (5)प्रयोगवादी युग
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