वाक्य के तत्व MCQ Quiz - Objective Question with Answer for वाक्य के तत्व - Download Free PDF
Last updated on Jun 28, 2025
Latest वाक्य के तत्व MCQ Objective Questions
वाक्य के तत्व Question 1:
वह हार गया परन्तु यह आश्चर्य है – यह वाक्य है I
Answer (Detailed Solution Below)
वाक्य के तत्व Question 1 Detailed Solution
वह हार गया परन्तु यह आश्चर्य है – यह संयुक्त वाक्य है I अन्य विकल्प असंगत है। अत: विकल्प 4 संयुक्त वाक्य सही उत्तर है।
Key Points
- जिस वाक्य में दो या दो से अधिक उपवाक्य मिले हों, परन्तु सभी वाक्य प्रधान हो तो ऐसे वाक्य को संयुक्त वाक्य कहते है।
दूसरे शब्दो में -
जिन वाक्यों में दो या दो से अधिक सरल वाक्य योजकों (और, एवं, तथा, या, अथवा, इसलिए, अतः, फिर भी, तो, नहीं तो, किन्तु, परन्तु, लेकिन, पर आदि) से जुड़े हों, उन्हें संयुक्त वाक्य कहते है।
सरल |
ऐसे वाक्य जिनमें एक ही क्रिया एवं एक ही कर्ता होता है या जिस वाक्य में एक ही उद्देश्य एवं एक ही विधेय होता है, वे वाक्य सरल वाक्य कहलाते हैं। इसमें कर्ता एक से अधिक हो सकते हैं लेकिन मुख्य क्रिया एक ही होगी। जैसे- राकेश पढ़ता है। |
मिश्र |
जिस वाक्य में एक से अधिक वाक्य मिले हों, किन्तु एक प्रधान उपवाक्य तथा शेष आश्रित उपवाक्य हों, मिश्रित वाक्य कहलाता है। जैसे- वह सुबह गया और शाम को लौट आया । |
प्रश्नवाचक |
प्रश्नवाचक वाक्य, वाक्य का एक प्रकार है। जिस वाक्य में प्रश्न पूछ ने का भाव हो उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं। उदाहरण: तुम कैसे हो? मैं यहाँ क्या कर रहा हूँ? |
वाक्य के तत्व Question 2:
अर्थ के अनुसार वाक्य का प्रकार नहीं है-
Answer (Detailed Solution Below)
वाक्य के तत्व Question 2 Detailed Solution
अर्थ के अनुसार वाक्य का प्रकार नहीं है- सम्बन्धबोधक
Key Points
- संबंध बोधक में संज्ञा या सर्वनाम का संबंध वाक्य के अन्य शब्दों से दर्शाया जाता है, उसे संबंधबोधक अव्यय कहते हैं।
- जैसे: के ऊपर, के बाद, हेतु, लिए, कारण, मारे, चलते, संग, साथ, सहित, बिना, बगैर, अलावा, अतिरिक्त, के बाद, बदले, पलटे, आगे, पीछे, इधर, उधर पास-पास इत्यादि।
- अमित के पास एक कुत्ता खड़ा है।
Important Pointsअर्थ के आधार पर वाक्य के भेद-
- विधानवाचक वाक्य
- विस्मयवाचक वाक्य
- निषेधवाचक वाक्य
- इच्छावाचक वाक्य
- प्रश्नवाचक वाक्य
- आज्ञावाचक वाक्य
- संकेतवाचक वाक्य
- संदेहवाचक वाक्य
Additional Information
वाक्य | परिभाषा | उदाहरण |
विधानवाचक | ऐसे वाक्य जिनसे किसी काम के होने या किसी के अस्तित्व का बोध हो, वह वाक्य विधानवाचक वाक्य कहलाता है। |
सूर्य पूर्व दिशा में उगता है। |
विस्मयवाचक |
ऐसे शब्द जो वाक्य में आश्चर्य, हर्ष, शोक, घृणा आदि भाव व्यक्त करने के लिए प्रयुक्त हों, वे विस्मय वाचक वाक्य कहलाते हैं। ऐसे शब्दों के साथ विस्मयादिबोधक चिन्ह (!) का प्रयोग किया जाता है। जैसे- अरे!, हाय!, ओह!, शाबाश!, काश! |
अरे! इतनी लम्बी रेलगाड़ी! |
निषेधवाचक | जिन वाक्यों से क्रिया न होने या न किए जाने का भाव प्रकट होता है, उसे नकारात्मक वाक्य कहते हैं। इन वाक्यों की पहचान न, मत, नहीं देखकर की जा सकती है। | मैं खाना नहीं खाऊँगा। |
इच्छावाचक | ऐसे वाक्य जिनसे हमें वक्ता की कोई इच्छा, कामना, आकांशा, आशीर्वाद आदि का बोध हो, वह वाक्य इच्छावाचक वाक्य कहलाते हैं। | नववर्ष मंगलमय हो। |
प्रश्नवाचक | जिन वाक्यों में प्रश्न पूछा जाता है तथा जिनमें कुछ उत्तर पाने की जिज्ञासा रहती है, उसे प्रश्नवाचक वाक्य कहते हैं। क्या, कब, क्यों, कैसे, कौन, किसे, किसका आदि प्रश्नवाचक शब्दों का प्रयोग होगा। वाक्य के अंत में लगे प्रश्नवाचक चिह्न (?) को देखकर की जाती है। |
तुम्हें क्या पसंद है? |
आज्ञावाचक | जिन वाक्यों में आज्ञा या अनुमति देने-लेने का भाव प्रकट होता है, उसे आज्ञावाचक वाक्य कहते हैं। इन वाक्यों का दूसरा नाम आज्ञासूचक या विधिवाचक वाक्य भी है। |
अपना काम करो। |
संकेतवाचक | जिन वाक्यों में एक बात या काम का होना दूसरी बात या काम के होने पर निर्भर करता है, उन्हें संकेतवाचक वाक्य कहते हैं। | अगर बारिश अच्छी होती तो फसल भी अच्छी होती। |
संदेहवाचक | जिन वाक्यों में किसी काम के होने में अनिश्चितता हो, उन्हें संदेहवाचक वाक्य कहते हैं। |
शायद आज छुट्टी हो। |
वाक्य के तत्व Question 3:
आज्ञावाचक वाक्य का सही उदहारण इनमें से कौन सा है?
Answer (Detailed Solution Below)
वाक्य के तत्व Question 3 Detailed Solution
आज्ञावाचक वाक्य का सही उदहारण है- परिश्रम करो, सफलता निश्चित है।
Additional Information
वाक्य |
परिभाषा |
उदाहरण |
विधानवाचक |
ऐसे वाक्य जिनसे किसी काम के होने या किसी के अस्तित्व का बोध हो। इन्हें विधिवाचक वाक्य भी कहते हैं। |
ममता ने खाना खा लिया। हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है। |
निषेधवाचक |
जिन वाक्यों में किसी काम के न होने का बोध होता है वे निषेधवाचक वाक्य कहलाते हैं। |
मैं नहीं जाऊंगा। मेरा कोई सामान मत लाना। |
प्रश्नवाचक |
जिन वाक्यों में किसी से प्रश्न करने का बोध हो वे प्रश्न वाचक वाक्य कहलाते हैं। |
कल कहाँ थे तुम? अभी आए हो क्या? |
आज्ञावाचक |
जिन वाक्यों में आज्ञा या प्रार्थना करने का बोध होता है वे आज्ञावाचक वाक्य कहलाते हैं। |
कृपया ध्यान दें। उधर रख दो। |
इच्छावाचक |
जिन वाक्यों में किसी इच्छा अथवा शुभकामना आदि का बोध होता है वे वाक्य इच्छवाचक कहलाते हैं। |
नया साल मुबारक हो। तुम एक दिन बड़े आदमी बनोगे। |
संकेतवाचक |
जिन वाक्यों में क्रिया एक दूसरे पर निर्भर हो या किसी संकेत का बोध होता है वे वाक्य संकेत वाचक होते हैं। |
मकान के उस तरफ रमेश है। |
संदेहवाचक |
जिन वाक्यों में किसी प्रकार का संदेह उत्पन्न हो वे संदेहवाचक वाक्य कहलाते हैं। |
अब तक तो ट्रेन चली गयी होगी। क्या यही विकल्प सही है? |
विस्मयादिवाचक |
जिन वाक्यों में आश्चर्य, शोक, घृणा, ख़ुशी, स्तब्धता होती है वे विस्मयादिबोधक वाक्य होते हैं। |
वाह! ये अद्भुत है। |
वाक्य के तत्व Question 4:
निम्नलिखित में से 'वाह! अच्छा किया' - प्रस्तुत वाक्य में व्यक्त भाव कौन-सा है ?
Answer (Detailed Solution Below)
वाक्य के तत्व Question 4 Detailed Solution
'वाह! अच्छा किया' - प्रस्तुत वाक्य में व्यक्त भाव है - आश्चर्य
Key Points
- वाह! - यह एक विस्मयादिबोधक शब्द है,
- जो आमतौर पर किसी विशेष रूप से अद्भुत, प्रभावशाली या सराहनीय कार्य की प्रतिक्रिया के रूप में प्रयुक्त होता है।
- इससे यह स्पष्ट है कि बोलने वाला व्यक्ति कुछ देखकर, सुनकर या अनुभव करके आश्चर्यचकित है और उसकी प्रशंसा कर रहा है।
Important Points
- जिन वाक्यों में आश्चर्य, हर्ष, शोक, घृणा आदि के भाव व्यक्त हो, उन्हें विस्मय बोधक वाक्य कहते है।
- इन वाक्यों में सामान्यतः विस्मयादिबोधक चिह्न (!) का उपयोग किया जाता है।
- पहचान- अरे!, अरे यार!, ओह!, छिः!, शाबाश!, ये क्या!, हाय!, हे भगवान!, काश!, अच्छा! आदि ।
- उदाहरण-
- अरे! इतनी लम्बी रेलगाड़ी!
- ओह! बड़ा जुल्म हुआ!
- छिः! कितना गन्दा दृश्य!
- शाबाश! बहुत अच्छे!
- व्यख्या - उक्त वाक्यों में आश्चर्य (अरे), दुःख (ओह), घृणा (छिः), हर्ष (शाबाश) आदि भाव व्यक्त किए गए हैँ अतः ये विस्मयादिबोधक वाक्य हैँ।
वाक्य के तत्व Question 5:
सदा प्रसन्न रहो।' वाक्य में क्रिया की वृत्ति है-
Answer (Detailed Solution Below)
वाक्य के तत्व Question 5 Detailed Solution
सदा प्रसन्न रहो वाक्य में इच्छासूचक क्रिया है ।
जिस वाक्य में वक्ता की इच्छा या आशीर्वाद का बोध हो उसे इच्छासूचक कहते है Additional Information
- जिस वाक्य में आदेश या आज्ञा का बोध हो उसे आदेशात्मक या आज्ञापूरक क्रिया कहते है।
- जिस वाक्य में प्रश्न पूछने का वाक्य हो उसे प्रश्नात्मक वाक्य कहते है।
- वे वाक्य जिनसे हमें एक क्रिया का दूसरी क्रिया पर निर्भर होने का बोध हो, ऐसे वाक्य संकेतवाचक क्रिया कहलाते हैं।(जिन वाक्यों में किसी संकेत का बोध होता है)
- संदेह मतलब शक जहा पर हमे शक हो जाता है उसे संदेहसूचक क्रिया बोलते है।
जिन वाक्यों के कार्य के होने में कोई शक अथवा संभावना हो उसे संदेहसूचक बोलते है। ये उत्प्रेक्षा अलंकार के नज़दीक होता है।
वाक्य | उदहारण |
आदेशात्मक वाक्य | कृपया शान्ति बनाये रखे। |
प्रश्नात्मक वाक्य | श्रीराम के पिता कौन थे? |
संकेतवाचक वाक्य | राम उधर रहता है। |
Top वाक्य के तत्व MCQ Objective Questions
“बीना जल्दी चली आ।” में विधेय विस्तारण है?
Answer (Detailed Solution Below)
वाक्य के तत्व Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDFइस वाक्य में जल्दी शब्द विधेय विस्तारण है। अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points
- वाक्य- “बीना जल्दी चली आ।”
- इस वाक्य में जल्दी शब्द विधेय विस्ताारण है।
- इस वाक्य में चली क्रिया शब्द के लिए जल्दी विधेय शब्द का प्रयोग हुआ है।
- विधेय- वाक्य में क्रिया के संबंध में जो कुछ भी कहा जाता है उसे विधेय कहते हैं।
- विधेय के अंतर्गत वाक्य में निहित क्रिया, क्रिया का विस्तारक, कर्म, कर्म का विस्तारक साथ ही पूरक तथा पूरक का विस्तारक को शामिल किया जाता है।
Additional Information
- उद्देश्य- जिसके बारे में कुछ बताया जाए, उद्देश्य कहलाता है।
'मेरे द्वारा पुस्तक पढ़ी गई।' वाक्य में कौन सा वाच्य है?
Answer (Detailed Solution Below)
वाक्य के तत्व Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 'कर्मवाच्य' है।
Key Points
- 'मेरे द्वारा पुस्तक पढ़ी गई।' वाक्य में कर्म वाच्य है।
- वाच्य का वह रूप जिसमें लिंग एवं वचन कर्ता के ना अनुसार ना होकर कर्म के अनुसार हो उन्हें ‘कर्मवाच्य’ कहते हैं।
Additional Information
वाच्य- क्रिया के जिस रूप से यह जाना जाए कि वाक्य में क्रिया का मुख्य सम्बन्ध कर्ता, कर्म या भाव से है, वह वाच्य कहलाता है। |
||
वाच्य |
परिभाषा |
उदाहरण |
कर्तृवाच्य |
जिस वाक्य में कर्ता मुख्य हो और क्रिया कर्ता के लिंग, वचन एवं पुरूष के अनुसार हो, उसे कर्तृवाच्य कहते है। |
लड़किया बाजार जा रही है। |
कर्मवाच्य |
जिस वाक्य में कर्म मुख्य हो तथा इसकी सकर्मक क्रिया के लिंग, वचन व पुरूष कर्म के अनुसार हो, उसे कर्मवाच्य कहते हैं। |
लड़कियों द्वारा बाजार जाया जा रहा है। |
भाववाच्य |
जिस वाक्य में अकर्मक क्रिया का भाव मुख्य हो, उसे भाववाच्य कहते हैं | |
हमसे वहाँ नहीं ठहरा जाता। |
जहाँ गंगा, यमुना बहती है, वह देश उपजाऊ है। वाक्य है
Answer (Detailed Solution Below)
वाक्य के तत्व Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर मिश्र वाक्य है।
Key Points
- जहाँ गंगा, यमुना बहती है, वह देश उपजाऊ है। मिश्र वाक्य है।
- जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य तथा एक या एक से अधिक आश्रित उपवाक्य हों उसे मिश्र वाक्य कहते हैं।
- मिश्र वाक्य के सभी उपवाक्य योजक शब्दों से प्रारंभ हों तो वाक्य का अंतिम उपवाक्य प्रधान उपवाक्य तथा शेष सभी उपवाक्य आश्रित उपवाक्य होंगे।
- उदाहरण- मेरा दृढ़ विश्वास है कि भारत जीतेगा।
- सफल वही होता है जो परिश्रम करता है।
Additional Information
वाक्य |
परिभाषा |
उदाहरण |
सरल |
जिन वाक्यों में एक मुख्य क्रिया हो उन्हें सरल या साधारण वाक्य कहते हैं। |
राकेश पढ़ता है। |
संयुक्त |
जिस वाक्य में दो या दो से अधिक उपवाक्य मिले हों, परन्तु सभी वाक्य प्रधान हो तो ऐसे वाक्य को संयुक्त वाक्य कहते है। |
वह सुबह आगरा गया और शाम को लौट आया। |
मिश्र |
जिस वाक्य में एक से अधिक वाक्य मिले हों, किन्तु एक प्रधान उपवाक्य तथा शेष आश्रित उपवाक्य हों, मिश्रित वाक्य कहलाता है। |
वह औरत जो पार्क में बैठी हैं मेरी मौसी हैं। |
'वह लड़ाई में मारा गया।' वाक्य में प्रयुक्त वाच्य है?
Answer (Detailed Solution Below)
वाक्य के तत्व Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर कर्तृवाच्य है।
Key Points
- 'वह लड़ाई में मारा गया।' वाक्य में प्रयुक्त कर्तृवाच्य है।
- वाक्य में कर्ता की प्रधानता है।
वाच्य- क्रिया के जिस रूप से यह जाना जाए कि वाक्य में क्रिया का मुख्य सम्बन्ध कर्ता, कर्म या भाव से है, वह वाच्य कहलाता है। |
||
वाच्य |
परिभाषा |
उदाहरण |
कर्तृवाच्य |
जिस वाक्य में कर्ता मुख्य हो और क्रिया कर्ता के लिंग, वचन एवं पुरूष के अनुसार हो, उसे कर्तृवाच्य कहते है। |
लड़किया बाजार जा रही है। |
कर्मवाच्य |
जिस वाक्य में कर्म मुख्य हो तथा इसकी सकर्मक क्रिया के लिंग, वचन व पुरूष कर्म के अनुसार हो, उसे कर्मवाच्य कहते हैं। |
लड़कियों द्वारा बाजार जाया जा रहा है। |
भाववाच्य |
जिस वाक्य में अकर्मक क्रिया का भाव मुख्य हो, उसे भाववाच्य कहते हैं | |
हमसे वहाँ नहीं ठहरा जाता। |
"उससे बैठा नहीं जाता है" में कौन सा वाच्य है?
Answer (Detailed Solution Below)
वाक्य के तत्व Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFदिए गये विकल्पों में 'उससे बैठा नहीं जाता है' यह 'भाववाच्य' का उदाहरण है। इसमें कर्ता या कर्म की प्रधानता न होकर भाव की प्रधानता है।Key Points
- भाववाच्य की परिभाषा - क्रिया के जिस रूप में न तो कर्ता की प्रधानता हो न कर्म की, बल्कि क्रिया का भाव ही प्रधान हो, वहाँ भाववाच्य होता है।
- उदाहरण -
- मुझसे उठा नहीं जाता।
- मुझसे सोया नही जाता।
- उक्त वाक्यों में कर्ता या कर्म प्रधान न होकर भाव मुख्य हैं, अतः इनकी क्रियाएँ भाववाच्य का उदाहरण हैं।
Additional Information
- क्रिया के उस रूपान्तरण को वाच्य कहा जाता है जिसके द्वारा यह पता चलता है कि वाक्य में कर्ता, कर्म अथवा भाव में से किसकी प्रधानता है अर्थात् किस के अनुसार क्रिया के पुरुष, वचन तथा लिंग निर्धारित हुए हैं।
- वाच्य के प्रकार-वाच्य के प्रकार अथवा भेद तीन होते हैं-
- कर्तृवाच्य
- कर्मवाच्य
- भाववाच्य
वाक्य के कितने अंग माने गए हैं ?
Answer (Detailed Solution Below)
वाक्य के तत्व Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर 'दो' है।
- वाक्य के 'दो' अंग माने गए हैं।
- एक वाक्य में दो मुख्य भाग होते हैं- उद्देश्य और विधेय।
- उद्देश्य:- जिसके विषय में कुछ कहा जाता है, उसे उद्देश्य कहते है।
- विधेय:- उद्देश्य के बारे में जो कुछ कहा जाता है,उसे विधेय कहते है।
Key Points
वाक्य - शब्दों का वह व्यवस्थित रूप जिसमें विचारों का आदान - प्रदान होता है। एक सामान्य वाक्य में कर्ता, कर्म, क्रिया होते हैं। जैसे - रोहन कलकत्ता में रहता है। उद्देश्य - रोहन विधेय - कलकत्ता में रहता है। |
निम्नलिखित में से संयुक्त वाक्य पहचानिए :
Answer (Detailed Solution Below)
वाक्य के तत्व Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDF'मोहन ने चश्मा लगाया और पुस्तक पढ़ी।' यह वाक्य संयुक्त वाक्य है। अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points
- मोहन ने चश्मा लगाया और पुस्तक पढ़ी। यह संयुक्त वाक्य है।
वाक्य | परिभाषा | उदाहरण |
संयुक्त वाक्य | जिस वाक्य में दो या दो से अधिक स्वतंत्र या मुख्य उपवाक्य समानाधिकरण योजक से जुड़े हों, वह संयुक्त वाक्य कहलाता है। योजक शब्द− और, क्योंकि, परंतु, इसलिए आदि। | मोहन ने चश्मा लगाया और पुस्तक पढ़ी। |
Important Points अन्य विकल्प-
वाक्य | प्रकार |
मोहन धीरे-धीरे पुस्तक पढ़ता है। | सरल वाक्य |
मोहन को चश्मा लगवा दो, ताकि वह शीघ्र पढ़ सके। | मिश्र वाक्य |
मोहन चश्मा लगाकर पुस्तक पढ़ता है। | सरल वाक्य |
Additional Informationरचना के आधार पर वाक्य के तीन भेद हैं-
वाक्य | परिभाषा | उदाहरण |
सरल वाक्य | ऐसा वाक्य जिसमे एक ही क्रिया एवं एक ही कर्ता होता है। या जिस वाक्य में एक ही उद्देश्य एवं एक ही विधेय होता है, वे वाक्य सरल वाक्य कहलाते हैं। | स्कूल बंद होने पर लड़के घर जाने लगे। |
संयुक्त वाक्य | जिस वाक्य में दो या दो से अधिक स्वतंत्र या मुख्य उपवाक्य समानाधिकरण योजक से जुड़े हों, वह संयुक्त वाक्य कहलाता है। योजक शब्द − और, परंतु, इसलिए आदि। | राम आया और मोहन गया। |
जटिल या मिश्र वाक्य | जिस वाक्य में एक प्रधान उपवाक्य हो और शेष उपवाक्य उस पर आश्रित हों, उसे जटिल या मिश्र वाक्य कहा जाता है। |
अमित ने वह घर खरीदा जो उसके चाचा का था। |
निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस सही विकल्प का चयन करें जो निर्देशानुसार वाक्य परिवर्तन वाला सही विकल्प है।
हाथी ने केला खाया। (कर्मवाक्य)
Answer (Detailed Solution Below)
वाक्य के तत्व Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFदिये गए विकल्पों में से विकल्प 3 'हाथी द्वारा केला खाया गया' सही उत्तर है। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।
Key Points
- 'हाथी ने केला खाया' कर्तृवाच्य है, जिसका कर्मवाच्य होगा - 'हाथी द्वारा केला खाया गया'।
-
कर्तृवाच्य से कर्मवाच्य बनाने के लिए –
(i) यदि कर्ता के बाद ‘ने’ परसर्ग लगा है तो उसे हटाकर द्वारा, से, के द्वारा लगाया जाता है।
(ii) क्रिया का प्रयोग कर्म के लिंग पुरुष और वचन के अनुसार करके ‘जा’ धातु को उचित रूप जोड़ देते हैं
Additional Information
वाच्य-
|
||
वाच्य प्रकार |
परिभाषा |
उदाहरण |
कर्तृवाच्य |
जिस वाक्य में कर्ता की प्रमुखता होती है अर्थात क्रिया का प्रयोग कर्ता के लिंग, वचन, कारक के अनुसार होता है और इसका सीधा संबंध कर्ता से होता है तब कर्तृवाच्य होता है। |
मोहन फल खाता है। |
कर्मवाच्य |
जिस वाक्य में कर्म की प्रधानता होती है तथा क्रिया का प्रयोग कर्म के लिंग, वचन और पुरुष के अनुसार होता है और कर्ता की स्थिति में स्वयं कर्म होता है, वहाँ कर्मवाच्य होता है। |
मोहन के द्वारा फल खाया जाता है। |
भाववाच्य |
इस वाच्य में कर्ता अथवा कर्म की नहीं बल्कि भाव अर्थात् क्रिया के अर्थ की प्रधानता होती है। |
मोहन से फल नहीं खाया जाता। |
निम्नलिखित में से कौन-सा मिश्र वाक्य है?
Answer (Detailed Solution Below)
वाक्य के तत्व Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDF'मैंने सुना है कि आपके देश में अच्छा राजप्रबंध है।' एक मिश्र वाक्य है।
- 'यज्ञदत्त देवदत्त को व्याकरण पढ़ाता है।' यह सरल वाक्य है।
- 'वह उड़ती हुई चिड़िया पहचानता है।' यह सरल वाक्य है।
- 'उसमें न पत्ते थे, न फूल थे।' यह संयुक्त वाक्य है।
- इस प्रकार सही विकल्प है 'मैंने सुना है कि आपके देश में अच्छा राजप्रबंध है।'
Key Points
स्पष्टीकरण -
विकल्प |
वाक्य |
स्पष्टीकरण |
मैंने सुना है कि आपके देश में अच्छा राजप्रबंध है। |
मिश्रित |
इसमें प्रधान वाक्य और आश्रित वाक्य है। |
यज्ञदत्त देवदत्त को व्याकरण पढ़ाता है। |
सरल |
इसमें एक मुख्य क्रिया है। |
वह उड़ती हुई चिड़िया पहचानता है। |
सरल |
इसमें एक मुख्य क्रिया है। |
उसमें न पत्ते थे, न फूल थे। |
संयुक्त |
इसमें दो उपवाक्य हैं। |
Additional Information
वाक्य -
रचना की दृष्टि से वाक्य के भेद - |
1. सरल - जिन वाक्यों में एक मुख्य क्रिया हो उन्हें सरल या साधारण वाक्य कहते हैं। |
2. जटिल - ऐसे वाक्य जिनमें एक से अधिक उपवाक्य हों। जटिल वाक्य के दो भेद हैं - संयुक्त वाक्य और मिश्र वाक्य, संयुक्त वाक्य - जिस वाक्य में दो या दो से अधिक उपवाक्य मिले हों, परन्तु सभी वाक्य प्रधान हो तो ऐसे वाक्य को संयुक्त वाक्य कहते है। मिश्र वाक्य - जिस वाक्य में एक से अधिक वाक्य मिले हों, किन्तु एक प्रधान उपवाक्य तथा शेष आश्रित उपवाक्य हों, मिश्रित वाक्य कहलाता है। मिश्र वाक्य के तीन प्रकार हैं - संज्ञा, विशेषण और क्रिया - विशेषण उपवाक्य। |
'मेरा भाई प्रशान्त धार्मिक पुस्तकें पढ़ता है।' वाक्य में उद्देश्य है:
Answer (Detailed Solution Below)
वाक्य के तत्व Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFप्रस्तुत वाक्य ‘मेरा भाई प्रशांत धार्मिक पुस्तकें पढ़ता हैं।’ में 'प्रशांत' - उद्देश्य का विस्तार है और 'धार्मिक पुस्तकें ' - विधेय का विस्तार है।
प्रशांत के बारे में कहा जा रहा है, इसलिए वह उद्देश्य है, धार्मिक पुस्तके उद्देश्य के विषय में कुछ कहा जा रहा है, अतः ये विधेय का विस्तार है।
Key Points
विशेष
वाक्य के प्रमुख दो खंड हैं- उद्देश्य तथा विधेय।
उद्देश्य - जिसके विषय में कुछ कहा जाता है उसे सूचित करने वाले शब्द को उद्देश्य कहते हैं। जैसे-
1. अर्जुन ने जयद्रथ को मारा।
2. कुत्ता भौंक रहा है।
3. तोता डाल पर बैठा है।
इनमें अर्जुन ने, कुत्ता, तोता उद्देश्य हैं; इनके विषय में कुछ कहा गया है। अथवा यों कह सकते हैं कि वाक्य में जो कर्ता हो उसे उद्देश्य कह सकते हैं क्योंकि किसी क्रिया को करने के कारण वही मुख्य होता है।
विधेय - उद्देश्य के विषय में जो कुछ कहा जाता है, अथवा उद्देश्य (कर्ता) जो कुछ कार्य करता है वह सब विधेय कहलाता है। जैसे-
1. अर्जुन ने जयद्रथ को मारा।
2. कुत्ता भौंक रहा है।
3. तोता डाल पर बैठा है।
इनमें ‘जयद्रथ को मारा’, ‘भौंक रहा है’, ‘डाल पर बैठा है’ विधेय हैं क्योंकि अर्जुन ने, कुत्ता, तोता,-इन उद्देश्यों (कर्ताओं) के कार्यों के विषय में क्रमशः मारा, भौंक रहा है, बैठा है, ये विधान किए गए हैं, अतः इन्हें विधेय कहते हैं।
उद्देश्य का विस्तार- कई बार वाक्य में उसका परिचय देने वाले अन्य शब्द भी साथ आए होते हैं। ये अन्य शब्द उद्देश्य का विस्तार कहलाते हैं। जैसे-
1. सुंदर पक्षी डाल पर बैठा है।
2. काला साँप पेड़ के नीचे बैठा है।
इनमें सुंदर और काला शब्द उद्देश्य का विस्तार हैं।