समास सामान्य MCQ Quiz in मराठी - Objective Question with Answer for समास सामान्य - मोफत PDF डाउनलोड करा

Last updated on Mar 19, 2025

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समास सामान्य Question 1:

सूची - 1 और सूची - 2 की जोड़ी मिलाओ और सूची के नीचे दिए गए कूट के द्वारा सही जवाब का चयन करें।

सूची - 1 सूची - 2
(A) सद्धर्म (1) द्विगु समास
(B) अष्टसिद्धि (2) तत्पुरुष समास
(C) प्रत्यक्ष (3) कर्मधारय समास
(D) अनुदार (4) अव्ययीभाव समास

  1. A - 3, B - 4, C - 2, D - 1
  2. A - 3, B - 1, C - 4, D - 2
  3. A - 1, B - 3, C - 4, D - 2
  4. A - 4, B - 3, C - 2, D - 1

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : A - 3, B - 1, C - 4, D - 2

समास सामान्य Question 1 Detailed Solution

सूची - 1 और सूची - 2 की सही जोड़ी -
सूची - 1 सूची - 2
सद्धर्म कर्मधारय समास 
अष्टसिद्धि द्विगु समास 
प्रत्यक्ष अव्ययीभाव समास
अनुदार तत्पुरुष समास
Key Points

अन्य विकल्पों के समास व समास-विग्रह -

  1. सद्धर्म = सत् है जो धर्म (कर्मधारय समास)
  2. अष्टसिद्धि = आठ सिद्धियों का समाहार (द्विगु समास)
  3. अनुदार = न उदार (नञ् तत्पुरुष)
    • कारकीय-चिह्न रहित तत्पुरुष समास 
  4. प्रत्यक्ष = प्रति + आँखों के सामने (अव्ययीभाव समास) 
    • (जिस समास का पहला पद कोई अव्यय (अविकारी शब्द) होता है, उस समास को अव्ययीभाव समास कहते हैं।)

Important Pointsकुछ महत्त्वपूर्ण उदाहरण -

कर्मधारय समास द्विगु समास नञ् तत्पुरुष अव्ययीभाव समास
श्यामसुन्दर - श्याम जो सुन्दर है नौलखा - नौ लाख के मूल्य का समाहार नास्तिक - न आस्तिक रातभर - पूरी रात
अन्धविश्वास - अन्धा विश्वास दुअन्नी - दो आना का समाहार अनजान - न जान साफ़-साफ़ - बिलकुल स्पष्ट
घनश्याम - घन के समान है जो श्याम सतसई - सात सौ (दोहों) का समाहार अज्ञान - न ज्ञान बेशक - बिना शक के
उषानगरी - उषा रूपी नगरी चौमासा - चार मासों का समूह अनुपयोगी - न उपयोगी निस्संदेह - बिना संदेह के
श्वेतपत्र - श्वेत है जो पत्र पंजाब - पाँच आबों (नदियों) का समूह अविवेक - न विवेक रातोंरात - रात ही रात में

Additional Informationदो या दो से अधिक सार्थक शब्दों के परस्पर मेल को समास कहते है।

समास के छ: भेद हैं-

समास

परिभाषा

समास-विग्रह उदाहरण 

द्वंद्व समास

इस समास में दोनों पद प्रधान होते हैं। इसमें तथा, और, या, अथवा आदि शब्दों का लोप हो जाता है। 

शस्त्रास्त्र = शस्त्र और अस्त्र

द्विगु समास

इस समास में पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है और दूसरा पद उसका विशेष्य होता है। 

अठन्नी = आठ आनों का समूह

तत्पुरुष समास

इस समास में प्रथम पद गौण तथा द्वितीय पद प्रधान होता है। 

चर्मरोग = चर्म का रोग

जन्मान्ध = जन्म से अन्धा

कर्मधारय समास

इस समास में पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य हो अथवा एक पद उपमान तथा दूसरा पद उपमेय हो

चरणकमल = कमल के समान चरण

अव्ययीभाव समास

इस समास में पहला पद अव्यय होता है और पहला पद प्रधान भी होता है।
 

यथायोग्य = योग्यता के अनुसार

बहुव्रीहि समास

इस समास में कोई भी पद प्रधान नहीं होता बल्कि समस्त पद किसी अन्य के विशेषण का कार्य करते हैं।  

दीर्घबाहु- दीर्घ हैं बाहु जिसके अर्थात् विष्णु

समास सामान्य Question 2:

सामासिक पदों के घटकों को अलग करने की रीति को कहते हैं :

  1. समास
  2. विग्रह
  3. निग्रह
  4. विच्छेद

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : विग्रह

समास सामान्य Question 2 Detailed Solution

सामासिक पदों के घटकों को अलग करने की रीति को 'विग्रह' कहते हैं।
निग्रह का अर्थ - रोक, अवरोध।
समास - आपस में संबंध रखने वाले जब दो या दो से अधिक शब्दों के बीच में से विभक्ति हटाकर उन दोनों शब्दों को मिलाया जाता है तब इस मेल को समास कहते हैं।Key Points

  • उदाहरण - चौराहा = चार राहों का समूह
  • नवरत्न = नौ रत्नों का समूह

Additional Information

संधि की परिभाषा - दो वर्णों के मेल से उत्पन्न विकार संधि कहलाता है।और इसको पुनः अलग अलग करने को विच्छेद कहते है।   'अत्यूष्म' = अति + ऊष्म

समास सामान्य Question 3:

प्रत्येक, परमेश्वर, लम्बोदर में क्रमशः कौन-सा समास होगा?  

  1. बहुव्रीहि, अव्ययीभाव, कर्मधारय 
  2. अव्ययीभाव, कर्मधारय, बहुव्रीहि 
  3. द्वंद्व, बहुव्रीहि, अव्ययीक्षाव 
  4. कर्मधारय, बहुव्रीहि, अव्ययीभाव 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अव्ययीभाव, कर्मधारय, बहुव्रीहि 

समास सामान्य Question 3 Detailed Solution

सही उत्तर है अव्ययीभाव, कर्मधारय, बहुव्रीहि। 

Key Points

  • समास का शाब्दिक अर्थ होता है संछिप्तीकरण अर्थात दो या दो से अधिक शब्दों को मिलकर जो छोटा शब्द बनता है उसको समास कहते है। 

हिंदी भाषा में समास के 6 भेद होते है। 

तत्पुरुष समास जिस समास में प्रथम पद गौण और उत्तर पद की प्रधानता होती है और समास करते वक्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है।  आनंदमग्न, आपबीती
द्विगु समास  जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। चारपाई, चौमासा 
द्वन्द समास जिस समास में दोनों पद प्रधान हों तथा विग्रह करने पर उनके बीच ‘तथा’, ‘या’, ‘अथवा’, ‘एवं’, ‘और’ का प्रयोग होता है ।

अमीर-गरीब,

देश-विदेश 

बहुव्रीहि समास जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं।  चंद्रमौलि, चंद्रशेखर 
अव्ययीभाव समास जहाँ प्रथम पद या पूर्व पद प्रधान हो तथा समस्त पद क्रिया विशेषण अव्यय हो उसे अव्ययीभाव समास कहते हैं। यथासंभव, यथाशक्ति 
कर्मधारय समास जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। ऋषिवर, महाजन 

समास सामान्य Question 4:

समास के कितने भेद होते हैं?

  1. तीन
  2. दो
  3. दस
  4. छः

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : छः

समास सामान्य Question 4 Detailed Solution

सही उत्तर छः है।   

Key Points

  • समास के छः भेद हैं- तत्पुरुष, बहुव्रीहि, द्विगु, द्वंद्व, अव्ययीभाव, कर्मधारय।

Additional Information 

समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं -

समास का नाम

परिभाषा

उदाहरण

तत्पुरुष समास

जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

बहुव्रीहि समास

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

कर्मधारय समास

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो। 

पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

द्विगु समास

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

अव्यययीभाव समास

जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। 

प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

द्वंद्व समास 

द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।

माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न 

समास सामान्य Question 5:

‘सहस्रबाहु' में कौन सा समास है?

  1. बहुव्रीहि
  2. अव्‍ययी भाव
  3. द्वंद्व
  4. द्विगु

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : बहुव्रीहि

समास सामान्य Question 5 Detailed Solution

‘सहस्रबाहु' में बहुव्रीहि समास है।Key Points

  • बहुव्रीहि समास- जिस समास में कोई भी पद प्रधान नही होता जबकि किसी तीसरे पद की प्रधानता होती है,वहाँ बहुव्रीहि समास होता है। 
  • सहस्रबाहु=सहस्र भुजाएँ है जिसकी अर्थात्  कार्तवीर्यअर्जुन। अर्थात पुराणों का एक पात्र  
  • सहस्त्रबाहु का मूल नाम कार्तवीर्य अर्जुन था। वह बड़ा प्रतापी तथा शूरवीर था।
  • उसने अपने गुरु दत्तात्रेय को प्रसन्न करके वरदान के रूप में उनसे हज़ार भुजाएँ प्राप्त की थीं। हज़ार भुजाएँ होने के कारण ही कार्तवीर्य अर्जुन सहस्त्रबाहु के नाम से भी जाना गया था। 
  • बहुव्रीहि समास के अन्य उदाहरण-
  • चतुर्भुज=चार है भुजाएँ जिसकी अर्थात् विष्णु जी।  
  • पंकज=पंक में जो पैदा हो अर्थात् कमल।  

Additional Information

समास  परिभाषा  उदाहरण 
अव्‍ययी भाव इस समास का पूर्व पद प्रधान रहता है।   यथाशक्ति=शक्ति के अनुसार 
द्वन्द्व  इस समास में दोनों पदों की प्रधानता रहती है।   रात-दिन= रात और दिन 
द्विगु जिस समास का पहला पद संख्यावाचक हो।  चौराहा= चार राहों का समूह 

समास सामान्य Question 6:

  शब्द   समास
(क) त्रिभुवन 1. बहुव्रीहि 
(ख) पीताम्बर 2. तत्पुरूष
(ग) प्रतिदिन 3. अव्ययीभाव
(घ) शरणागत 4. द्विगु

उपर्युक्त को सुमेलित कीजिए -

  1. (क) - 2, (ख) - 3, (ग) - 1, (घ) - 4
  2. (क) - 4, (ख) - 3, (ग) - 1, (घ) - 2
  3. (क) - 2, (ख) - 1, (ग) - 3, (घ) - 4
  4. (क) - 4, (ख) - 1, (ग) - 3, (घ) - 2

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : (क) - 4, (ख) - 1, (ग) - 3, (घ) - 2

समास सामान्य Question 6 Detailed Solution

उपर्युक्त को सुमेलित कीजिए - (क) - 4, (ख) - 1, (ग) - 3, (घ) - 2

Key Points

     शब्द         समास विग्रह  समास
(क)  त्रिभुवन  1.  तीन भुवनों का समाहार  द्विगु
(ख)  पीताम्बर  2.  पीत है अम्बर जिसका अर्थात् 'कृष्ण'  बहुव्रीहि
(ग)  प्रतिदिन  3.  हर एक दिन   अव्ययीभाव
(घ)  शरणागत  4.  शरण को आगत ( कर्म तत्पुरुष )  तत्पुरूष

Additional Information

द्विगु:-

  • वह समास जिसका पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है तथा समस्तपद किसी समूह या फिर किसी समाहार का बोध करता है तो वह द्विगु समास कहलाता है। 

उदाहरण-

  • दोपहर = दो पहरों का समाहार
  • शताब्दी = सौ सालों का समूह

बहुव्रीहि:-

  • वह समास जिसका कोई भी पद प्रधान नहीं होता एवं दोनों पद मिलकर किसी तीसरे पद की और संकेत करते हैं वह समास बहुव्रीहि समास कहलाता है। 

उदाहरण-

  • गजानन = गज से आनन वाला (गणेश )
  • चतुर्भुज = चार हैं भुजाएं जिसकी (विष्णु)

अव्ययीभाव:-

  • इस समास में पहला या पूर्वपद अव्यय होता है और उसका अर्थ प्रधान होता है। अव्यय के संयोग से समस्तपद भी अव्यय बन जाता है। इसमें पूर्वपद प्रधान होता है।
  • अव्ययीभाव समास के पहले पद में अनु, आ, प्रति, यथा, भर, हर आदि आते है।

उदाहरण-

  • यथामति = मति के अनुसार
  • बेकाम = बिना काम का

तत्पुरूष:-

  •  वह समास जिसमें उत्तरपद प्रधान होता है, अर्थात प्रथम पद गौण होता है एवं उत्तर पद की प्रधानता होती है व समास करते वक़्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है।
  • इस समास में आने वाले कारक चिन्हों को, से, के लिए, से, का/के/की, में, पर आदि का लोप होता है।

उदाहरण-

  • रसोईघर : रसोई के लिए घर
  • शोकाकुल = शौक से आकुल

समास सामान्य Question 7:

समास का सरल अर्थ बताइए ।

  1. समास बहुत ही कठिन है।
  2. समास में कम-से-कम दो पदों का मेल होता है।
  3. समास संधि का दूसरा रूप है।
  4. समास एवं अलंकार दोनों एक ही है।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : समास में कम-से-कम दो पदों का मेल होता है।

समास सामान्य Question 7 Detailed Solution

सही उत्तर 'समास में कम-से-कम दो पदों का मेल होता है।' है। 

Key Points 
  • दिए गए विकल्पों में से उचित विकल्प 'समास में कम-से-कम दो पदों का मेल होता है।' है।
  • समास का तात्पर्य है 'संक्षिप्तीकरण'। दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने हुए एक नवीन एवं सार्थक शब्द को समास कहते हैं। कम से कम दो शब्दों में अधिक से अधिक अर्थ प्रकट करना समास का लक्ष्य होता है। 'रसोई के लिए घर' इसे हम 'रसोईघर' भी कह सकते हैं।

Additional Information 

समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं -

समास 

परिभाषा 

उदाहरण 

तत्पुरुष 

जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो।

धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत।

बहुव्रीहि 

जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। 

जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव।

कर्मधारय 

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो,

पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

द्विगु 

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

अव्यययीभाव 

जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। 

प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक

द्वंद्व  

द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है।

माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न 

समास सामान्य Question 8:

'पतझड़' में समास है

  1. करण तत्पुरुष
  2. कर्म तत्पुरुष
  3. बहुव्रीहि 
  4. द्वन्द्व

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : बहुव्रीहि 

समास सामान्य Question 8 Detailed Solution

उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प "बहुव्रीहि" सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

Key Points
  • पतझड़ शब्द में बहुव्रीहि समास है।
  • समास विग्रह :- पत्तों का झड़ जाना
  • बहुव्रीहि समास के उदाहरण
    • नाकपति- वह जो नाक (स्वर्ग) का पति है (इन्द्र)
    • विषधर- विष को धारण करने वाला (साँप)
    • व्रजायुध- वह जिसके वज्र का आयुध है (इन्द्र)

Mistake Points

  • वह मौसम जिसमे वृक्षों के पत्ते झड़ जाते है अर्थात एक ऋतु जिसे पतझड़ ऋतु कहते है।
  • इसलिए यहाँ बहुब्रीहि समास होगा।
  • करण तत्पुरुष वो होता है जिसमे विग्रह करने पर 'से' मध्य में आए।
  • रेखांकित – रेखा से अंकित
  • भयाकुल – भय से आकुल
    • ​पेड़ से पत्ते अलग होगा या हमेशा अलग होने की स्थिति में अपादान कारक होता है।
Additional Information
  • द्वंद्व समास के उदाहरण
    • भूल-चूक : भूल या चूक
    • सुख-दुख : सुख या दुःख
    • गौरीशंकर : गौरी और शंकर
  • तत्पुरुष समास के उदाहरण
    • राजा को धोखा देने वाला :-राजद्रोही
    • खुद को मारने वाला :- आत्मघाती
    • मांस को खाने वाला :- मांसाहारी
    • शाक को खाने वाला :- शाकाहारी

समास सामान्य Question 9:

समास विग्रह की दृष्टि से असंगत विकल्प चुनिए - 

  1. आजीवन - जीवन भर
  2. महर्षि - महान नहीं है जो ऋषि
  3. प्रतिदिन - हर दिन
  4. कालीमिर्च - काली है जो मिर्च

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : महर्षि - महान नहीं है जो ऋषि

समास सामान्य Question 9 Detailed Solution

समास विग्रह की दृष्टि से असंगत:-- महर्षि - महान नहीं है जो ऋषि

  • महर्षि का सही समास विग्रह - महान है जो ऋषि

Key Pointsअन्य विकल्प 

  • आजीवन - जीवन भर (अव्ययीभाव समास)
  • प्रतिदिन - हर दिन (अव्ययीभाव समास)
  • कालीमिर्च - काली है जो मिर्च (कर्मधारय समास)

Additional Information

शब्द 

अर्थ 

परिभाषा 

उदाहरण 

समास 

योग, मेल।

संचय, संग्रह।

"दो या दो से अधिक शब्दों के योग से जब कोई नया शब्द बनता है तब वह सामासिक शब्द होता है, और उन शब्दों के मेल को समास कहते हैं"।

जनाधार= जन का आधार।

शोक ग्रस्त-शोक से ग्रस्त — शोक ग्रस्त

समास के भेद 

परिभाषा 

उदाहरण 

अव्ययीभाव समास 

"जिस भी समास का पहला पद(शब्द) मुख्य या अव्यय होता है, उसे अव्ययीभाव समास कहते है"।

निरोग = रोग से रहित

प्रतिदिन = प्रत्येक दिन

एक-एक (एकाएक) = एक के बाद एक

आजीवन = जीवन-भर

तत्पुरुष समास

"तत्पुरुष शब्द का अर्थ = तत् + पुरुष के योग से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है – ‘उसका पुरुष"

शरणागत   = शरण को आगत

कृष्णार्पण   = कृष्ण को अर्पण

कर्मधारय समास 

"जिस समास का प्रथम पद विशेषण तथा दूसरा पद विशेष्य होता है। वहाँ कर्मधारय समास होता है"।

प्राणप्रिय  – प्राणों से प्रिय

मृगनयनी  – मृग के समान नयन

विद्यारत्न  – विद्या ही रत्न है

नीलकमल   – नीला कमल

द्विगु समास 

"द्विगु समास में सामासिक शब्द का पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है। यानी कि जिस सामासिक शब्द के पहले पद से संख्या का पता चलता है वह द्विगु समास कहलाता है"

शताब्दी =     सौ अब्दो (वर्षों) का समू

अठन्नी =   आठ आनों का समूह

सतसई = सात सौ दोहों का समूह

द्वन्द्व  समास 

"द्विगु समय के विपरीत द्वंद समास उसे कहा जाता है जिसमें दोनों ही पद प्रधान होते हैं"।

आग – पानी  = आग और पानी

गुण – दोष    = गुण और दोष

पाप –  पुण्य   = पाप या पुण्य

ऊंच – नीच   = ऊंच या नीच 

बहुब्रीहि   समास 

"जब समास के समस्त पद में कोई भी पद प्रधान नहीं हो बल्कि इसके अलावा कोई तीसरा पद बहुब्रीहि समास कहते हैं"। 

गिरि को धारण किया है जिसने (कृष्ण) – गिरिधर

लंबा है उदर जिसका (गणेश) – लंबोदर 

चक्र है पाणी में जिसके (विष्णु) – चक्रपाणि

मृत्यु को जीतने वाला (शिव) – मृत्युंजय

समास के उदाहरण 

रसोईघर=सोई के लिए घर 

हथकड़ी=हाथ के लिए कड़ी 

नीलकमल=नील और कमल 

राजपुत्र=रजा का पुत्र  

भरपेट- पेट भरकर

हररोज़ =रोज़-रोज़

हाथोंहाथ =हाथ ही हाथ में

रातोंरात =रात ही रात में

प्रतिदिन =प्रत्येक दिन

बेशक =शक के बिना

तुलसीदासकृत = तुलसीदास द्वारा कृत (रचित)

दशानन=दश है आनन (मुख) जिसके अर्थात् रावण

नीलकंठ=नीला है कंठ जिसका अर्थात् शिव

सुलोचना=सुंदर है लोचन जिसके अर्थात् मेघनाद की पत्नी

पीतांबर=पीला है अम्बर (वस्त्र) जिसका अर्थात् श्रीकृष्ण

समास सामान्य Question 10:

पीताम्बर शब्द में कौन सा समास है?

  1. बहुव्रीहि
  2. अव्ययीभाव
  3. कर्मधारय 
  4. द्विगु

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : बहुव्रीहि

समास सामान्य Question 10 Detailed Solution

‘पीताम्बर’ शब्द का सामासिक विग्रह करने पर होगा ‘पीले हैं वस्त्र जिसके’ अर्थात कृष्ण। यहाँ यह बहुव्रीहि समास का उदाहरण है। बहुव्रीहि समास में कोई भी पद प्रधान नहीं होता। जब दो पद मिलकर तीसरा पद बनाते हैं तब वह तीसरा पद प्रधान होता है। इसका विग्रह करने पर “वाला, है, जो, जिसका, जिसकी, जिसके, वह” आदि आते हैं, वह बहुव्रीहि समास कहलाते हैं। अतः सही विकल्प बहुव्रीहि समास है।

अन्य विकल्प

अव्ययीभाव समास

जिस समास में पहला पद (पूर्वपद) अव्यय तथा प्रधान हो।

अव्ययीभाव समास जैसे – जन्म से लेकर = आजन्म, मति के अनुसार = यथामति।

कर्मधारय समास

जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो।

पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं।

कर्मधारय समास जैसे कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव।

द्विगु समास

जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो।

जैसे दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक।

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