आदिकाल MCQ Quiz in తెలుగు - Objective Question with Answer for आदिकाल - ముఫ్త్ [PDF] డౌన్‌లోడ్ కరెన్

Last updated on Mar 19, 2025

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Latest आदिकाल MCQ Objective Questions

Top आदिकाल MCQ Objective Questions

आदिकाल Question 1:

खड़ी बोली के आदि कवि के नाम से निम्नलिखित में से किसे  जाना जाता है?

  1. जगनिक
  2. विद्यापति
  3. अमीर खुसरो
  4. श्रीधर

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : अमीर खुसरो

आदिकाल Question 1 Detailed Solution

"अमीर खुसरो" को "खड़ी बोली के आदि कवि" के नाम से जाना जाता है उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (4) अमीर खुसरो सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points

  • अमीर ख़ुसरो (1253-1325) चौदहवीं सदी के लगभग दिल्ली के निकट रहने वाले एक प्रमुख कवि, शायर, गायक और संगीतकार थे।
  • अमीर खुसरो के ग्रंथों की संख्या 100 बताई जाती है|
  • आमिर खुसरो "निजामुद्दीन औलिया" के शिष्य थे|
  • सबसे पहले उन्हीं ने अपनी भाषा के लिए हिन्दवी का उल्लेख किया था।
  • अमीर खुसरो को "हिन्द का तोता" कहा जाता है।

Additional Information

  • अमीर खुसरो की शैलियाँ निम्नलिखित हैं :-
    • गज़ल

    • खयाल

    • कव्वाली

    • रुबाई

    • तराना

आदिकाल Question 2:

शब्दानुशासन किस कवि की रचना है? 

  1. सोमभद्र सूरी
  2. शालिभद्र सूरी
  3. हेमचन्द्र 
  4. मुल्ला दाऊद

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : हेमचन्द्र 

आदिकाल Question 2 Detailed Solution

  • "शब्दानुशासन" "हेमचंद्र" की रचना है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (3) हेमचंद्र सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

Key Points

  • शब्दानुशासन की रचना संवत 1150 में की गई थी।
  • आचार्य हेमचन्द्र (1145-1229) कलिकाल सर्वज्ञ महान गुरु, समाज-सुधारक, धर्माचार्य, गणितज्ञ एवं अद्भुत प्रतिभाशाली मनीषी थे।
  • साहित्य, दर्शन, योग, व्याकरण, काव्यशास्त्र, वाङ्मय के सभी अंङ्गो पर नवीन साहित्य की सृष्टि तथा नये पंथ को आलोकित किया।

Additional Information

  • हेमचंद जी की कृतियों की सूची निम्नलिखित हैं:-
    • काव्यानुशासन
    • छन्दानुशासन
    • सिद्धहैमशब्दानुशासन (प्राकृत और अपभ्रंश का ग्रन्थ)
    • उणादिसूत्रवृत्ति
    • अनेकार्थ कोश
    • देशीनाममाला
    • अभिधानचिन्तामणि
    • द्वाश्रय महाकाव्य
    • काव्यानुप्रकाश
    • त्रिषष्ठिशलाकापुरुषचरित
    • परिशिष्ट-पर्वन
    • अलङ्कारचूडामणि
    • प्रमाणमीमांसा
    • वीतरागस्तोत्र

आदिकाल Question 3:

परमाल रासो  किसकी रचना है?

  1. जगनिक
  2. चंदबरदाई
  3. दलपति विजय
  4. नरपति नाल्ह

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : जगनिक

आदिकाल Question 3 Detailed Solution

परमाल रासो आदिकाल के रासो ग्रन्ध के ग्रन्थ जगनिक की रचना है। अन्य विकल्प असंगत है। अतः सही विकल्प जगनिक है।

स्पष्टीकरण

जगनिक हिंदी साहित्य के आदिकाल के कवि माने जाते है। जगनिक कालिंजर के चंदेल राजा परमार्दिदेव (परमाल 1165-1203ई.) के समकालीन भट्ट राव कुल में जन्मे कवि थे इनका पूरा नाम जगनिक राव था

इन का आल्हखंड नामक ग्रन्थ लोकप्रसिद्ध हुआ था।

 

अन्य विकल्प

कवि

रचनाएँ

चंदबरदाई हिंदी साहित्य के आदिकाल के प्रमुख कवि मने जाते हैं।इसका जन्म लाहौर में हुआ था।

पृथ्वीराज रासो, पद्मावति आदि।

दलपति विजय हिंदी साहित्य के  भक्ति काल के कवि थे।

खुमान रासो आदि।

नरपति नाल्ह हिंदी साहित्य के भक्ति काल के कवी थे।

बीसलदेव रासो आदि।

आदिकाल Question 4:

इनमें से आदिकाल की कौन-सी रचना गद्य में लिखी गयी है?

  1. जयचंद प्रकास 
  2. वर्ण रत्नाकार 
  3. परमाल रासो 
  4. बसंत विलास 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : वर्ण रत्नाकार 

आदिकाल Question 4 Detailed Solution

आदिकाल में 'वर्ण रत्नाकार' रचना गद्य में लिखी गयी है।

Key Points

  • वर्ण रत्नाकर (14 वी सदी) के रचनाकार ज्योतिरीश्वर ठाकुर है।

वर्ण रत्नाकर से संबंधित अन्य बिंदुः-

  • हिन्दी दरबार और भारतीय जीवन पद्धति का यथार्थ चित्रण।
  • मैथिली हिंदी मे इसकी रचना हुई है
  • इसका संपादन सुनीति कुमार चटर्जी ने किया है।

Additional Information 

रचना  रचनाकार
जयचंद प्रकाश (महाकाव्य) केदार भट्ट 
परमाल रासो जगनिक
वसंत विलास

लेखक अज्ञात है।

यह एक अलौकिक श्रृंगारिक कृति है।

Important Pointsआदिकालीन गद्य साहित्यः-

रचना रचनाकार
कुवलयमाला कहा (9 वी सदी) उद्यतन सूरि
राउलवेल (10 वी सदी)  रोड कवि
उक्तिव्यक्तिप्रकरण (12 वी सदी) दामोदर शर्मा
वर्णरत्नाकर (14 वी सदी) ज्योतिरीश्वर ठाकुर 

आदिकाल Question 5:

हिंदी का प्रथम महाकाव्य कौन सा है?

  1. पृथ्वीराज रासो
  2. पद्मावत 
  3. रामचरितमानस 
  4. बिहारी सतसई

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : पृथ्वीराज रासो

आदिकाल Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर है - ‘पृथ्वीराज रासो’
  • ‘पृथ्वीराज रासो’ हिंदी का प्रथम महाकाव्य है।

Key Points​

  • पृथ्वीराज रासो की रचना चंद्रवरदाई ने की है।
  • इसकी रचना 12 वीं शताब्दी में हुई थी।
  • पृथ्वीराज रासो में 69 सर्ग हैं|
  • पृथ्वीराज रासो हिन्दी भाषा में लिखा एक महाकाव्य है जिसमें पृथ्वीराज चौहान के जीवन और चरित्र का वर्णन किया गया है।
  • इसके रचयिता चंदबरदाई पृथ्वीराज के बचपन के मित्र और उनके राजकवि थे और उनकी युद्ध यात्राओं के समय वीर रस की कविताओं से सेना को प्रोत्साहित भी करते थे।

Additional Information

चंदबरदाई 

  • जन्म: 1148 ई० लाहौर वर्तमान पाकिस्तान में 
  • मृत्यु: 1192 ई० गज़नी में
  • पृथ्वीराज रासो हिंदी का सबसे बड़ा काव्य-ग्रंथ है। इसमें 10,000 से अधिक छंद हैं और तत्कालीन प्रचलित 6 भाषाओं का प्रयोग किया गया है।

आदिकाल Question 6:

पउमचरिउ किसकी रचना है? 

  1. सरहपा
  2. स्वयम्भू
  3. देवसेन
  4. पुष्य दंत

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : स्वयम्भू

आदिकाल Question 6 Detailed Solution

"पउमचरिउ", "स्वयंभू" की रचना है अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (2) स्वयंभू सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।

Key Points

  • पउमचरिउ को पूरा स्वयंभू के पुत्र त्रिभुवन ने किया थाl
  • पउमचरिउ, रामकथा पर आधारित अपभ्रंश का एक महाकाव्य है।
  • बारह हजार पद हैं।
  • मूलरूप से इस रामायण में कुल 92 सर्ग थे, जिनमें स्वयंभू के पुत्र त्रिभुवन ने अपनी ओर से 16 सर्ग और जोड़े।
  • गोस्वामी तुलसीदास के 'रामचरित मानस' पर महाकवि स्वयंभू रचित 'पउम चरिउ' का प्रभाव स्पष्ट दिखता है।

Additional Information

रचना

रचनाकार

शताब्दी

रिट्ठमेणी चरिउ

स्वयंभू

आठवीं शताब्दी

नागकुमारचरिउ

स्वयंभू

आठवीं शताब्दी

आदिकाल Question 7:

विद्यापति का उपनाम है

  1. मैथिल कोकिल
  2. अभिनव जयदेव
  3. नवकवि शेखर
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : उपर्युक्त में से एक से अधिक

आदिकाल Question 7 Detailed Solution

इसका सही उत्तर "उपर्युक्त में से एक से अधिक" है
Key Pointsविद्यापति (1350-1450 ई०)
  • विद्यापति के गुरु का नाम पण्डित हरि मिश्र था।
  • विद्यापति बिहार प्रान्त के दरभंगा जिले के 'विपसी' नामक गाँव के निवासी थे।
  • कवि विद्यापति ने दो प्रकार की भाषा का प्रयोग किया है - (1) पुरानी अपभ्रंश का (2) बोलचाल की देशी भाषा का।

विद्यापति का उपनाम

  • मैथिल कोकिल
  • अभिनव जयदेव
  • नवकवि शेखर

भाषा की दृष्टि से विद्यापति द्वारा रचित ग्रन्थ निम्न हैं -

संस्कृत

अवहट्ट मैथिली

शैव सर्वस्व सार

 कीर्तिलता

पदावली

गंगा वाक्यावली

कीर्ति पताका

गोरक्ष विजय (नाटक)

आदिकाल Question 8:

'खुमान रासो' के रचयिता कौन है?

  1. जगनिक
  2. चन्दबरदाई
  3. नरपति नाल्ह
  4. दलपति विजय

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : दलपति विजय

आदिकाल Question 8 Detailed Solution

सही उत्तर दलपति विजय है। 

Key Points

  • 'खुमान रासो' के रचयिता दलपति विजय हैं। 
  • यह पाँच हजार छंदों का विशाल काव्य ग्रंथ है।
  • खुमान रासो नवीं शताब्दी की रचना मानी जाती है। इसमें नवीं शती के चित्तौड़ नरेश खुमाण के युद्धों का चित्रण है।
  • 'खुमान रासो'  रचना में दोहा, सवैया, कवित्त आदि छंद प्रयुक्त हुए हैं तथा इसकी भाषा राजस्थानी हिंदी है।

अन्य विकल्प - 

कवि

परिचय

रचनायें

जगनिक

जगनिक महोबा के चन्देल राजा परमार्दिदेव के समकालीन जिझौतिया नायक परिवार में जन्मे कवि थे। महोबा के आल्हा-ऊदल को नायक मानकर आल्हखण्ड नामक ग्रंथ की रचना की जिसे लोक में 'आल्हा' नाम से प्रसिद्धि मिली।

आल्हखण्ड 

चन्दबरदाई

चन्दबरदाई हिन्दी के प्रथम महाकवि माने जाते हैं। वे षड्भाषा, व्याकरण, काव्य, साहित्य, छंद:शास्र, ज्योतिष, पुराण, नाटक आदि अनेक विद्याओं में पारंगत थे।

पृथ्वीराज रासो 

नरपति नाल्ह

नरपति नाल्ह पुरानी पश्चिमी राजस्थानी की सुप्रसिद्ध रचना "वीसलदेव रासो" के कवि हैं।

गउरिका नंदन त्रिभुवन सार, दूसरइ कडवइ गणपति गाइ, हंस वाहणि देवी करि धरइ वीण, हंस गमणि मृगलोयणी नारि, बारहमासा

आदिकाल Question 9:

सिद्ध-साहित्य के अन्तर्गत चौरासी सिद्धों की वे साहित्यिक रचनाएं आती हैं जो:

  1. प्राकृत में लिखी गई हैं
  2. पैशाची अपभ्रंश में लिखी गई हैं
  3. पूर्ववर्ती अपभ्रंश में लिखी गई हैं
  4. तत्कालीन लोक-भाषा हिन्दी में लिखी गई हैं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : तत्कालीन लोक-भाषा हिन्दी में लिखी गई हैं

आदिकाल Question 9 Detailed Solution

सिद्ध-साहित्य के अन्तर्गत चौरासी सिद्धों की वे साहित्यिक रचनाएं आती हैं जो तात्कालिक लोक भाषा हिंदी में लिखी गई है। Key Points

  • सिद्ध साहित्य के अंतर्गत 84 सिद्धों के समय प्रचलित लोक भाषा हिंदी में जो साहित्य ग्रंथ लिखे गए हैं उनको शामिल किया गया है।
  • सिद्ध बौद्ध धर्म की वज्रयान शाखा से सम्बंधित हैं। सिद्धों ने बौद्ध-धर्म के वज्रयान तत्व का प्रचार करने के लिए जन भाषा में जो साहित्य लिखा वह हिन्दी के सिद्ध साहित्य के अन्तर्गत आता है।
  • राहुल सांकृत्यायन ने चौरासी सिद्धों के नामो का उल्लेख किया है।
  • सिद्ध साहित्य का आरम्भ सिद्ध सरहपा से होता है। सरहपा को प्रथम सिद्ध माना जाता है।
  • इन सिद्धों में सरहपा, शबरपा, लुइपा, डोम्भिपा, कण्हपा तथा कुक्कुरिपा हिन्दी के प्रमुख सिद्ध कवि हैं।

आदिकाल Question 10:

'सखि। पिया को जो मैं न देखूँ, 

तो कैसे काटूँ अंधेरी रितयॉं।'

उपर्युक्त काव्य पंक्तियाँ किस कवि की हैं?

  1. विद्यापति
  2. नरपति नाल्ह
  3. अमीर खुसरो
  4. भट्ट केदार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : अमीर खुसरो

आदिकाल Question 10 Detailed Solution

  • सही उत्तर विकल्प 3 है।
  • यह पंक्तियां अमीर खुसरो की हैं।
Key Points
  • अमीर खुसरो आदिकाल के कवि हैं।
  • खड़ी बोली के आदि कवि
  • गुरु - निजामुद्दीन औलिया
  • बृज भाषा, खड़ी बोली आदि में रचना
Important Points
  • वास्तविक नाम ए अबुल हसन
  • प्रमुख रचनाएं -
  1. खालिकबारी
  2. दो सुखने
  3. ग़ज़ल
  4. पहेलियां, मुकरियां आदि

Additional Information
  • महत्वपूर्ण पंक्ति - "मैं हिंदुस्तान की तूती हूं, अगर तुम वास्तव में मुझसे कुछ पूछना चाहते हो तो हिंदवी में पूछो जिसमें की मैं कुछ अद्भुत बातें बता सकूं।"
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