छायावादी युग MCQ Quiz in తెలుగు - Objective Question with Answer for छायावादी युग - ముఫ్త్ [PDF] డౌన్లోడ్ కరెన్
Last updated on Mar 19, 2025
Latest छायावादी युग MCQ Objective Questions
Top छायावादी युग MCQ Objective Questions
छायावादी युग Question 1:
जयशंकर प्रसाद की रचना नहीं है :
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 1 Detailed Solution
प्रलय जयशंकर प्रसाद की रचना नहीं है।
यह भवानीप्रसाद मिश्र की रचना है।
विधा-काव्य
Key Pointsजयशंकर प्रसाद-
- जन्म-1889-1937ई.
- जयशंकर प्रसाद, हिन्दी कवि, नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार तथा निबन्ध-लेखक थे।
- वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं।
- प्रमुख रचनाएँ-
- प्रेमपथिक-1909ई.
- करुणालय-1913ई.
- झरना--1918ई.
- प्रलय की छाया-1925ई.
- आंसू-1933ई.
- लहर-1935ई.
- कामायनी-1936ई. आदि।
छायावादी युग Question 2:
"दु:ख की पिछली रजनी बीच, विकसता सुख का नवल प्रभात" - यह उक्ति किस रचनाकार की है?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 2 Detailed Solution
"दु:ख की पिछली रजनी बीच, विकसता सुख का नवल प्रभात" - यह उक्ति जयशंकर प्रसाद की है।
पंक्ति - "दु:ख की पिछली रजनी बीच, विकसता सुख का नवल प्रभात"
- रचनाकार - जयशंकर प्रसाद
- रचना - कामायनी (श्रृद्धा सर्ग - 2)
"दुःख की पिछली रजनी बीच, विकसता सुख का नवल प्रभात,
एक परदा यह झीना नील, छिपाये है जिसमें सुख गात।
जिसे तुम समझे हो अभिशाप, जगत की ज्वालाओं का मूल-
ईश का वह रहस्य वरदान, कभी मत इसको जाओ भूल।
विषमता की पीडा से व्यक्त हो रहा, स्पंदित विश्व महान,
यही दुख-सुख विकास का सत्य, यही भूमा का मधुमय दान।
नित्य समरसता का अधिकार, उमडता कारण-जलधि समान,
व्यथा से नीली लहरों बीच, बिखरते सुख-मणिगण-द्युतिमान।"
Important Pointsजयशंकर प्रसाद
- ये छायावादी काव्यधारा के प्रवर्तक थे।
- जन्म - 30 जनवरी, 1889
- निधन - 15 नवम्बर, 1937
- रचनाएँ -
- नाटक = सज्जन, कल्याणी-परिणय, विशाख, जनमेजय का नागयज्ञ, कामना, प्रायश्चित्त, स्कन्दगुप्त, अजात-शत्रु, एक-घूँट, ध्रुवस्वामिनी आदि।
- काव्य = झरना, चित्राधार, करूणालय, महाराणा का महत्व, कानन-कुसुम, प्रेम-पथिक, आँसू, लहर, कामायनी और प्रसाद-संगीत आदि।
- उपन्यास = कंकाल, इरावती (अपूर्ण उपन्यास ), तितली।
- कहानी = प्रतिध्वनि, आँधी और इन्द्रजीत, छाया, आकाशदीप ,आँधी और इन्द्रजीत।
- निबंध = काव्य और कला तथा अन्य निबन्धी।
- चंपू = बभ्रुवाहन, उर्वषी।
- अन्य = पत्र-साहित्य, चन्द्रगुप्त मौर्या।
- सम्मान - मंगलप्रसाद पारितोषिक पुरस्कार
छायावादी युग Question 3:
'सुन्दर है विहग, सुमन सुन्दर, मानव तुम सबसे सुन्दरतम' उक्त पंक्ति किस कवि की है-
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 3 Detailed Solution
उपयुक्त पंक्ति सुमित्रानंदन पंत की है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (2) सुमित्रानंदन पंत सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।Key Points
- उपयुक्त पंक्ति सुमित्रानंदन पंत की है।
- यह "मानव कविता" की पंक्तियां हैं।
- मानव कविता :- 1935
- सुमित्रानंदन पंत (20 मई 1900 - 28 दिसम्बर 1977) हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं।
- इस युग को जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' और रामकुमार वर्मा जैसे कवियों का युग कहा जाता है।
- सुमित्रानंदन पंत "प्रकृति के सुकुमार कवि" कहे जाते हैं।
- पंत जी कोमल कल्पना के लिए प्रसिद्ध रहे हैं।
- पंत जी ने अपने जीवन के 1945-1959 काल को 'नव मानवता का स्वप्न काल' कहा है।
- सुमित्रानंदन पंत की कुछ काव्य कृतियाँ हैं - ग्रन्थि, गुंजन, ग्राम्या, युगांत, स्वर्णकिरण, स्वर्णधूलि, कला और बूढ़ा चाँद, लोकायतन, चिदंबरा, सत्यकाम आदि।
- जयशंकर प्रसाद के काव्य-
- प्रेम-पथिक - (1909) , करुणालय (काव्य नाटक) - 1913 ई, महाराणा का महत्त्व - 1924 ई, चित्राधार - 1918 ई॰ ,कानन कुसुम - 1918 ई , झरना - 1918 ई , आँसू - 1925 ई , लहर - 1933 ई ,कामायनी - 1936 ई
- निराला के काव्यसंग्रह
- अनामिका (1923), परिमल (1930), गीतिका (1936), अनामिका (द्वितीय) (1938), तुलसीदास (1938), कुकुरमुत्ता (1942), अणिमा (1943), बेला (1946), नये पत्ते (1946), अर्चना(1950), आराधना (1953), गीत कुंज (1954), सांध्य काकली (1969), अपरा (संचयन)
- मैथिलीशरण गुप्त
- काविताओं का संग्रह - उच्छवास
- पत्रों का संग्रह - पत्रावली
- महाकाव्य- साकेत, यशोधरा
छायावादी युग Question 4:
निम्न में से कौन-सी रचना महादेवी वर्मा की नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 4 Detailed Solution
आंगन के पार द्वार रचना महादेवी वर्मा की नहीं है। अतः सही उत्तर 'आंगन के पार द्वार' होगा ।
महादेवी वर्मा की अन्य रचनाये:
कविता संग्रह |
आत्मिका, परिक्रमा, सन्धिनी , यामा , गीतपर्व, दीपगीत, स्मारिका, नीलांबरा |
काव्य संकलन |
नीहार , रश्मि , नीरजा सांध्यगीत, दीपशिखा, सप्तपर्णा , प्रथम आयाम और अग्निरेखा |
Important Points
आँगन के पार द्वार (1961) हिन्दी के विख्यात साहित्यकार अज्ञेय द्वारा रचित एक कविता– |
छायावादी युग Question 5:
इनमें से कौन-सी रचना जयशंकर प्रसाद की नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 5 Detailed Solution
अनामिका रचना जयशंकर प्रसाद की नहीं है।
- अनामिका निराला की रचना है।
निराला के काव्यसंग्रह
- अनामिका (1923), परिमल (1930), गीतिका (1936), अनामिका (द्वितीय) (1938)
- तुलसीदास (1938), कुकुरमुत्ता (1942), अणिमा (1943), बेला (1946)
- नये पत्ते (1946), अर्चना(1950), आराधना (1953), गीत कुंज (1954), सांध्य काकली (1969)
- अपरा (संचयन)
Additional Informatio
जयशंकर प्रसाद की रचनाएँ हैं-
- काव्य: झरना, आँसू, लहर, कामायनी, प्रेम पथिक।
- नाटक: स्कंदगुप्त, चंद्रगुप्त, ध्रुवस्वामिनी, जन्मेजय का नाग यज्ञ, राज्यश्री, अजातशत्रु, विशाख, एक घूँट, कामना, करुणालय, कल्याणी परिणय, अग्निमित्र, प्रायश्चित, सज्जन।
- कहानी संग्रह: छाया, प्रतिध्वनि, आकाशदीप, आँधी, इंद्रजाल।
- उपन्यास : कंकाल, तितली और इरावती।
छायावादी युग Question 6:
सबका निचोड़ लेकर तुम सुख से सूखे जीवन में।
बरसो प्रभात हिमकन-सा आँसू इस विश्व सदन में ।।
प्रस्तुत पंक्तियाँ निम्न में किस की हैं।
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 6 Detailed Solution
सबका निचोड़ लेकर तुम सुख से सूखे जीवन में।
बरसो प्रभात हिमकन-सा आँसू इस विश्व सदन में ।।
प्रस्तुत पंक्तियाँ जयशंकर प्रसाद की हैं।
- यह पंक्ति जयशंकर प्रसाद के आंसू काव्य से ली गई है।
- प्रकाशन वर्ष-1925ई.
Key Pointsजयशंकर प्रसाद-
- जन्म-1889-1937ई.
- हिन्दी के कवि, नाटककार, कहानीकार, उपन्यासकार तथा निबन्ध-लेखक थे।
- वे हिन्दी के छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं।
- प्रमुख रचनाएँ-
- प्रेमपथिक 1909
- झरना 1918
- आँसूं 1924
- करुणालय 1913
- चित्राधार 1918
- महाराणा का महत्त्व 1914 आदि।
Additional Informationमहादेवी वर्मा-
- जन्म-1907-1987ई.
- महादेवी वर्मा हिन्दी भाषा की कवयित्री थीं। वे हिन्दी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तम्भों में से एक मानी जाती हैं।
- आधुनिक हिन्दी की सबसे सशक्त कवयित्रियों में से एक होने के कारण उन्हें आधुनिक मीरा के नाम से भी जाना जाता है।
- प्रमुख रचनाएँ-
- नीहार 1930ई.
- रश्मि 1932ई.
- नीरजा 1934ई.
- अग्निरेखा 1990ई. आदि।
सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'-
- जन्म-1899-1961ई.
- छायावाद के स्तम्भ एवं प्रसिद्ध कवि,कहानीकार एवं निबंधकार थे।
- प्रमुख रचनाएँ-
- बेला 1946ई.
- नये पत्ते 1946ई.
- अर्चना 1950ई.
- आराधना 1943ई. आदि।
सुमित्रानंदन पंत-
- जन्म-1900-1977ई.
- पंत छायावाद के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं।
- इस युग को जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' और रामकुमार वर्मा जैसे कवियों का युग कहा जाता है।
- प्रमुख रचनाएँ-
- वीणा 1919ई.
- ग्रंथि 1920ई.
- युगवाणी 1938ई.
- ग्राम्या 1940ई.
- स्वर्णकिरण 1947ई. आदि।
छायावादी युग Question 7:
जयशंकर प्रसाद का आरम्भिक उपनाम क्या था ?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 7 Detailed Solution
जयशंकर प्रसाद का आरम्भिक उपनाम कलाधर था।
- जयशंकर प्रसाद 'कलाधर' उपनाम से ब्रजभाषा में कविताएँ लिखते थे।
Key Pointsजयशंकर प्रसाद-
- जन्म-1889-1937 ई.
- बाल्य नाम-झारखंडी
- छायावादी युग के महत्त्वपूर्ण कवि है।
- रचनाएँ-
- उर्वशी(1909 ई.)
- वन मिलन(1909 ई.)
- कानन कुसुम(1913 ई.)
- प्रेमपथिक(1913 ई.)
- चित्राधार(1918 ई.)
- झरना(1918 ई.)
- आँसू(1925 ई.) आदि।
Important Pointsमधुप-
- यह उपनाम मैथिलीशरण गुप्त का है।
- इन्होंने मधुप उपनाम से बांग्ला रचनाओं का अनुवाद किया।
रसिक-
- यह उपनाम सन्तकुमार टंडन 'रसिक' का है।
Additional Informationमैथिलीशरण गुप्त-
- जन्म-1886-1964 ई.
- द्विवेदी युगीन मुख्य रचनाकार है।
- रचनाएँ-
- रंग में भंग(1909 ई.)
- पंचवटी(1925 ई.)
- साकेत(1931 ई.)
- यशोधरा(1932 ई.)
- द्वापर(1936 ई.)
- जयभारत(1952 ई.) आदि।
छायावादी युग Question 8:
निम्नलिखित में से कौन-सी रचना सुमित्रानंदन पंत की नहीं है ?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 8 Detailed Solution
पथिक रचना सुमित्रानंदन पंत की नहीं है।
Key Points
- पथिक
- रचनाकार - रामनरेश त्रिपाठी।
- विधा - खण्ड काव्य
Important Points
रामनरेश त्रिपाठी द्वारा रचित अन्य रचनाएँ | मिलन (1918) पथिक (1920) मानसी (1927) स्वप्न (1929) |
Additional Information
सुमित्रानंदन पंत द्वारा रचित अन्य रचनाएँ |
ग्रन्थि(1920) गुंजन (1932), ग्राम्या (1940) युगांत (1936) स्वर्णकिरण (1947), कला और बूढ़ा चाँद (1958), लोकायतन (1964), चिदंबरा (1968), आदि। |
छायावादी युग Question 9:
जयशंकर प्रसाद का जन्म किस वर्ष हुआ था ?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 9 Detailed Solution
जयशंकर प्रसाद का जन्म 1889 वर्ष में हुआ था।
Key Pointsजयशंकर प्रसाद-
- जन्म-1889-1937 ई.
- बाल्य नाम-झारखंडी
- छायावादी युग के महत्त्वपूर्ण कवि है।
- रचनाएँ-
- उर्वशी(1909 ई.)
- वन मिलन(1909 ई.)
- कानन कुसुम(1913 ई.)
- प्रेमपथिक(1913 ई.)
- चित्राधार(1918 ई.)
- झरना(1918 ई.)
- आँसू(1925 ई.) आदि।
छायावादी युग Question 10:
'बादल-राग' के रचयिता है:
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 10 Detailed Solution
बादल राग कविता निराला जी की प्रसिद्ध कविताओं में से एक कविता है।
अत: सही विकल्प 3) निराला ही होगा।
'बादल राग' निराला जी की प्रसिद्ध कविता है। वे बादलों को क्रांतिदूत मानते हैं। बादल शोषित वर्ग के हितैषी हैं, जिन्हें देखकर पूँजीपति वर्ग भयभीत होता है।' बादल राग ' कविता 'परिमल' काव्य से ली गई है। निराला को वर्षा ऋतु अधिक आकृष्ट करती है, क्योंकि बादल के भीतर सृजन और ध्वंस की ताकत एक साथ समाहित है। बादल किसान के लिए उल्लास और निर्माण का अग्रदूत है तो मजदूर के संदर्भ में क्रांति और बदलाव।