छायावादी युग MCQ Quiz - Objective Question with Answer for छायावादी युग - Download Free PDF
Last updated on Jun 19, 2025
Latest छायावादी युग MCQ Objective Questions
छायावादी युग Question 1:
जयशंकर प्रसाद का आरम्भिक उपनाम क्या था ?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 1 Detailed Solution
जयशंकर प्रसाद का आरम्भिक उपनाम कलाधर था।
- जयशंकर प्रसाद 'कलाधर' उपनाम से ब्रजभाषा में कविताएँ लिखते थे।
Key Pointsजयशंकर प्रसाद-
- जन्म-1889-1937 ई.
- बाल्य नाम-झारखंडी
- छायावादी युग के महत्त्वपूर्ण कवि है।
- रचनाएँ-
- उर्वशी(1909 ई.)
- वन मिलन(1909 ई.)
- कानन कुसुम(1913 ई.)
- प्रेमपथिक(1913 ई.)
- चित्राधार(1918 ई.)
- झरना(1918 ई.)
- आँसू(1925 ई.) आदि।
Important Pointsमधुप-
- यह उपनाम मैथिलीशरण गुप्त का है।
- इन्होंने मधुप उपनाम से बांग्ला रचनाओं का अनुवाद किया।
रसिक-
- यह उपनाम सन्तकुमार टंडन 'रसिक' का है।
Additional Informationमैथिलीशरण गुप्त-
- जन्म-1886-1964 ई.
- द्विवेदी युगीन मुख्य रचनाकार है।
- रचनाएँ-
- रंग में भंग(1909 ई.)
- पंचवटी(1925 ई.)
- साकेत(1931 ई.)
- यशोधरा(1932 ई.)
- द्वापर(1936 ई.)
- जयभारत(1952 ई.) आदि।
छायावादी युग Question 2:
जयशंकर प्रसाद की किस रचना में सर्वप्रथम छायावादी प्रवृत्तियों की झलक मिलती है ?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 2 Detailed Solution
जयशंकर प्रसाद की रचना झरना में सर्वप्रथम छायावादी प्रवृत्तियों की झलक मिलती है।
झरना --
- प्रकाशन वर्ष -- 1918 ई.
- विधा -- काव्य
- झरना को छायावाद की प्रथम रचना स्वीकार किया जाता है।
- झरना को छायावाद की प्रयोगशाला भी कहा जाता है
Key Pointsजयशंकर प्रसाद --
- जन्म -- 1889 - 1937 ई.
- काव्य कृतियां -
- उर्वशी (1954 )
- मिलन (1909)
- प्रेमराज ( 1909 )
- अयोध्या का उद्धार (1910),
- प्रेम-पथिक (1914)
- करुणालय
- महाराणा का महत्त्व (1914)
- चित्राधार (1918)
- कानन कुसुम (1913)
Important Pointsआँसू --
- प्रकाशन वर्ष -- 1925 ई.
- आँसू को हिंदी का मेघदूत कहा जाता है।
- आँसू 133 छंदों का विरह प्रधान स्मृति काव्य है।
कामायनी --
- प्रकाशन वर्ष -- 1935 ई.
- कामायनी जयशंकर प्रसाद का प्रसिद्ध महाकाव्य है।
- शांतिप्रिय द्विवेदी ने कामायनी को छायावाद का उपनिषद कहा है।
- कामायनी में 15 सर्ग हैं।
- चिंता, आशा, श्रद्धा, काम, वासना, लज्जा , कर्म, ईर्ष्या, ईड़ा, स्वप्न, संघर्ष, निर्वेद, दर्शन, रहस्य ,आनंद।
छायावादी युग Question 3:
'नीहार' तथा 'रश्मि' काव्य संग्रह किस रचनाकार के हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 3 Detailed Solution
- महादेवी वर्मा ने अधिकतर भावप्रधान गीत लिखें हैं ।
- महादेवी का अज्ञात प्रिय के प्रति दुःख प्रणय दुःखप्रधान है ।
- छायावाद कवियों में सर्वाधिक रहस्यभावना महादेवी वर्मा में पाई जाती है।
- महादेवी वर्मा की रचना 'यामा' में 'निहार' , 'रश्मि' , 'नीरजा' तथा 'सांध्यगीत' के महत्वपूर्ण गीतों का संकलन किया गया।
- नीहार - 1930 ई.
- सांध्यगीत - 1936 ई.
- नीरजा - 1935 ई.
अन्य विकल्प -
रचनाकार |
रचनाएँ |
सुभद्राकुमारी चौहान |
मुकुल , त्रिधारा |
सियारामशरण गुप्त |
खण्ड काव्य- मौर्य विजय(1914), अनाथ(1917), आर्द्रा(1927), विषाद(1925), दूर्वा दल(1924), आत्मोत्सर्ग(1931), पाथेय(1933), मृण्मयी(1936), बापू(1937), उन्मुक्त(1940), दैनिकी(1942), नकुल(1946), सुनन्दा और गोपिका। |
सोहनलाल द्विवेदी |
भैरवी,पूजागीत सेवाग्राम, प्रभाती,युगाधार, कुणाल, चेतना, बाँसुरी |
छायावादी युग Question 4:
सुमित्रानंदन 'पंत' की कृति है
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 4 Detailed Solution
सही उत्तर लोकायतन है।
Key Points
- 'लोकायतन' छायावादी कवि सुमित्रानन्दन पंत का महाकाव्य है।
- 1964 में विशाल महाकाव्य 'लोकायतन' का प्रकाशन हुआ।
- पंत जी की कृति 'लोकायतन' में भारतीय जीवन की स्वतंत्रता के पहले और बाद की कथा को काव्य रूप दिया गया है।
- सुमित्रानंदन 'पंत' के जीवनकाल में उनकी 28 पुस्तकें प्रकाशित हुईं, जिनमें कविताएं, पद्य-नाटक और निबंध शामिल हैं।
- सुमित्रानंदन 'पंत' हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं।
- हिंदी साहित्य सेवा के लिए उन्हें पद्मभूषण (1961), ज्ञानपीठ (1968) साहित्य अकादमी तथा सोवियत लैंड नेहरू पुरस्कार से सम्मनित किया गया।
- सुमित्रानंदन पंत की कुछ अन्य काव्य कृतियाँ हैं- ग्रन्थि, गुंजन, ग्राम्या, युगांत, स्वर्णकिरण।
Additional Information
- लहर जयशंकर प्रसाद का कविता-संग्रह है, जिसका प्रकाशन सन् 1933 ई॰ में भारती भंडार, इलाहाबाद से हुआ था।
- त्रिधारा हिन्दी की सुप्रसिद्ध कवयित्री और लेखिका सुभद्रा कुमारी चौहान का (कविता-संग्रह) है।
- परिमल एक कविता संग्रह है, इसकी रचना सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने की थी। यह पहली बार सन्1929 में प्रकाशित हुआ।
छायावादी युग Question 5:
आचार्य शुक्ल के अनुसार छायावाद के प्रथम व प्रतिनिधि कवि हैं-
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 5 Detailed Solution
सही उत्तर है - 'सुमित्रानंदन पंत।'Key Points
- आचार्य शुक्ल के अनुसार छायावाद के प्रथम व प्रतिनिधि कवि हैं - 'सुमित्रानंदन पंत' l
- आचार्य रामचंद्र शुक्ल हिन्दी आलोचक, कहानीकार, निबन्धकार, साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार और कवि थे।
- उनके द्वारा लिखी गई सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण पुस्तक है हिन्दी साहित्य का इतिहास, जिसके द्वारा आज भी काल निर्धारण एवं पाठ्यक्रम निर्माण में सहायता ली जाती है।
- अन्य विकल्प :- रामचंद्र शुक्ल, सूर्यकांत त्रिपाठी, जयशंकर प्रसाद - तीनों प्रसिद्ध कवि हैं, परंतु आचार्य शुक्ल के अनुसार छायावाद के प्रथम वह प्रतिनिधि कवि नहीं है l
Additional Information
- हिन्दी साहित्य के आधुनिक चरण मे द्विवेदी युग के पश्चात हिन्दी काव्य की जो धारा विषय वस्तु की दृष्टि से स्वच्छंद प्रेमभावना, पकृति मे मानवीय क्रिया कलापों तथा भाव-व्यापारों के आरोपण और कला की दृष्टि से लाक्षणिकता प्रधान नवीन अभिव्यंजना-पद्धति को लेकर चली, उसे छायावाद कहा गया।
- जयशंकर प्रसाद, सूर्यकान्त त्रिपाठी 'निराला', सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा, पंडित माखन लाल चतुर्वेदी इस काव्य धारा के प्रतिनिधि कवि माने जाते हैं।
- छायावाद नामकरण का श्रेय मुकुटधर पाण्डेय को जाता है।
- सुमित्रानंदन पंत नये युग के प्रवर्तक के रूप में आधुनिक हिन्दी साहित्य में उदित हुए।
Top छायावादी युग MCQ Objective Questions
निम्नलिखित में से कौन सी 'सुमित्रानंदन पंत' की कृति नहीं है ?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDF"कुरुक्षेत्र" सुमित्रानंदन पंत की कृति नहीं है। अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points
- कुरुक्षेत्र रामधारी सिंह दिनकर काव्य रचना है।
- कुरुक्षेत्र प्रकाशन वर्ष- 1946
रचनाकार | रचनाऍं |
रामधारी सिंंह दिनकर | बारदोली-विजय संदेश (1928), प्रणभंग (1929), रेणुका (1935), हुंकार (1938), रसवन्ती (1939), धूप-छाँह (1947), रश्मिरथी (1952) आदि। |
Important Points
- वीणा, पल्लव और स्वर्णधूलि आदि सभी रचनाऍं 'सुमित्रानंदन पंत' की हैं।
- 'सुमित्रानंदन पंत' की अन्य रचनाऍं- गुंजन, युगान्त, युगवाणी, उत्तरा, लोकायतन आदि।
'अनामिका' काव्य किनके द्वारा रचित है?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFअनामिका महाप्राण निराला की प्रसिद्ध रचना है, अन्य विकल्प यहाँ असंगत है।
अत: यहाँ सही विकल्प 2) निराला ही होगा।
Key Points
- अनामिका - यह एक काव्य संग्रह है।
- 8 कविताएँ इसमें संकलित है।
Additional Information
निराला की अन्य श्रेष्ठ रचनाएँ-
- राम की शक्ति पूजा
- सरोज स्मृति
- परिमल
- तुलसीदास आदि
कौन सी काव्य रचना महादेवी वर्मा की नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDF- बेला (1946 ई.) सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' की रचना है ।
- निराला को छायावाद का 'शलाका पुरुष' भी कहा जाता है ।
Key Points
- महादेवी वर्मा ने अधिकतर भावप्रधान गीत लिखें हैं ।
- महादेवी का अज्ञात प्रिय के प्रति दुःख प्रणय दुःखप्रधान है ।
- छायावाद कवियों में सर्वाधिक रहस्यभावना महादेवी वर्मा में पाई जाती है ।
- महादेवी वर्मा की रचना 'यामा' में 'निहार' , 'रश्मि' , 'नीरजा' तथा 'सांध्यगीत' के महत्वपूर्ण गीतों का संकलन किया गया ।
- नीहार - 1930 ई.
- सांध्यगीत - 1936 ई.
- नीरजा - 1935 ई.
'चिदम्बरा' पर ज्ञानपीठ पुरस्कार किसे प्राप्त हुआ?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDF'चिदम्बरा' पर ज्ञानपीठ पुरस्कार-2) सुमित्रानंदन पंत को प्राप्त हुआ।
Key Points
- यह पुरस्कार 1968 में मिला।
- 1960 में 'कला और बूढ़ा चाँद' काव्य संग्रह के लिए 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' प्राप्त हुआ।
- 1961 में 'पद्मभूषण' की उपाधि से विभूषित हुये।
- 1964 में विशाल महाकाव्य 'लोकायतन' का प्रकाशन हुआ।
Important Points
- पन्त जी की साहित्यिक यात्रा के तीन प्रमुख पडाव हैं- छायावादी,प्रगतिवादी तथा तीसरे में अरविन्द दर्शन से प्रभावित अध्यात्मवादी।
- इनकी अन्य रचनायें-वाणी,उच्छास(1922),पल्लव(1926),ग्रंथि,गुंजन,युगांत,स्वर्णकिरण,स्वर्णधूलि,लोकायतन आदि हैं।
- 1953 ई. में मैथिलीशरण गुप्त को पद्म विभूषण से सम्मानित किया।
- उनकी कृति भारत-भारती (1912) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के समय में काफी प्रभावशाली सिद्ध हुई थी।
- महात्मा गाँधी ने उन्हें 'राष्ट्रकवि' की पदवी भी दी थी।
Additional Information
- हिंदी खड़ी बोली का प्रथम महाकाव्य प्रिय-प्रवास(1914) है,जिसके लिए अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध को मंगलाप्रसाद पुरस्कार मिला।
- इनकी अन्य रचनायें-वैदेही वनवास(1940),पारिजात(1937),रस-कलश(1940),ठेठ हिंदी का ठाठ,अधखिला फूल आदि हैं।
- रामधारी सिंह दिनकर को संस्कृति के चार अध्याय(1956) के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला।
- उर्वशी(1961) के लिए भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला।
'सुन्दर है विहग, सुमन सुन्दर, मानव तुम सबसे सुन्दरतम' उक्त पंक्ति किस कवि की है-
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDFउपयुक्त पंक्ति सुमित्रानंदन पंत की है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (2) सुमित्रानंदन पंत सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
- उपयुक्त पंक्ति सुमित्रानंदन पंत की है।
- यह "मानव कविता" की पंक्तियां हैं।
- मानव कविता :- 1935
- सुमित्रानंदन पंत (20 मई 1900 - 28 दिसम्बर 1977) हिंदी साहित्य में छायावादी युग के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैं।
- इस युग को जयशंकर प्रसाद, महादेवी वर्मा, सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला' और रामकुमार वर्मा जैसे कवियों का युग कहा जाता है।
- सुमित्रानंदन पंत "प्रकृति के सुकुमार कवि" कहे जाते हैं।
- पंत जी कोमल कल्पना के लिए प्रसिद्ध रहे हैं।
- पंत जी ने अपने जीवन के 1945-1959 काल को 'नव मानवता का स्वप्न काल' कहा है।
- सुमित्रानंदन पंत की कुछ काव्य कृतियाँ हैं - ग्रन्थि, गुंजन, ग्राम्या, युगांत, स्वर्णकिरण, स्वर्णधूलि, कला और बूढ़ा चाँद, लोकायतन, चिदंबरा, सत्यकाम आदि।
- जयशंकर प्रसाद के काव्य-
- प्रेम-पथिक - (1909) , करुणालय (काव्य नाटक) - 1913 ई, महाराणा का महत्त्व - 1924 ई, चित्राधार - 1918 ई॰ ,कानन कुसुम - 1918 ई , झरना - 1918 ई , आँसू - 1925 ई , लहर - 1933 ई ,कामायनी - 1936 ई
- निराला के काव्यसंग्रह
- अनामिका (1923), परिमल (1930), गीतिका (1936), अनामिका (द्वितीय) (1938), तुलसीदास (1938), कुकुरमुत्ता (1942), अणिमा (1943), बेला (1946), नये पत्ते (1946), अर्चना(1950), आराधना (1953), गीत कुंज (1954), सांध्य काकली (1969), अपरा (संचयन)
- मैथिलीशरण गुप्त
- काविताओं का संग्रह - उच्छवास
- पत्रों का संग्रह - पत्रावली
- महाकाव्य- साकेत, यशोधरा
इनमें से कौन-सी रचना जयशंकर प्रसाद की नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFअनामिका रचना जयशंकर प्रसाद की नहीं है।
- अनामिका निराला की रचना है।
निराला के काव्यसंग्रह
- अनामिका (1923), परिमल (1930), गीतिका (1936), अनामिका (द्वितीय) (1938)
- तुलसीदास (1938), कुकुरमुत्ता (1942), अणिमा (1943), बेला (1946)
- नये पत्ते (1946), अर्चना(1950), आराधना (1953), गीत कुंज (1954), सांध्य काकली (1969)
- अपरा (संचयन)
Additional Informatio
जयशंकर प्रसाद की रचनाएँ हैं-
- काव्य: झरना, आँसू, लहर, कामायनी, प्रेम पथिक।
- नाटक: स्कंदगुप्त, चंद्रगुप्त, ध्रुवस्वामिनी, जन्मेजय का नाग यज्ञ, राज्यश्री, अजातशत्रु, विशाख, एक घूँट, कामना, करुणालय, कल्याणी परिणय, अग्निमित्र, प्रायश्चित, सज्जन।
- कहानी संग्रह: छाया, प्रतिध्वनि, आकाशदीप, आँधी, इंद्रजाल।
- उपन्यास : कंकाल, तितली और इरावती।
जयशंकर प्रसाद का जन्म किस वर्ष हुआ था ?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDFजयशंकर प्रसाद का जन्म 1889 वर्ष में हुआ था।
Key Pointsजयशंकर प्रसाद-
- जन्म-1889-1937 ई.
- बाल्य नाम-झारखंडी
- छायावादी युग के महत्त्वपूर्ण कवि है।
- रचनाएँ-
- उर्वशी(1909 ई.)
- वन मिलन(1909 ई.)
- कानन कुसुम(1913 ई.)
- प्रेमपथिक(1913 ई.)
- चित्राधार(1918 ई.)
- झरना(1918 ई.)
- आँसू(1925 ई.) आदि।
'बादल-राग' के रचयिता है:
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFबादल राग कविता निराला जी की प्रसिद्ध कविताओं में से एक कविता है।
अत: सही विकल्प 3) निराला ही होगा।
'बादल राग' निराला जी की प्रसिद्ध कविता है। वे बादलों को क्रांतिदूत मानते हैं। बादल शोषित वर्ग के हितैषी हैं, जिन्हें देखकर पूँजीपति वर्ग भयभीत होता है।' बादल राग ' कविता 'परिमल' काव्य से ली गई है। निराला को वर्षा ऋतु अधिक आकृष्ट करती है, क्योंकि बादल के भीतर सृजन और ध्वंस की ताकत एक साथ समाहित है। बादल किसान के लिए उल्लास और निर्माण का अग्रदूत है तो मजदूर के संदर्भ में क्रांति और बदलाव।
"चित्राधार" किस कवि की कृति है?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFचित्राधार कृति जयशंकर प्रसाद की कृति है।
Key Pointsजयशंकर प्रसाद की प्रमुख रचनाएं:-
- कानन-कुसुम
- करूणालय,
- महाराणा का महत्व
- प्रेम-पथिक
- झरना आँसू
- लहर
- कामायनी और प्रसाद-संगीत।
Important Pointsजयशंकर प्रसाद का जीवन परिचय:-
जन्म | 30 जनवरी 1889 वाराणसी उत्तर प्रदेश, भारत |
मृत्यु | 15 नवम्बर 1937 (उम्र 48) वाराणसी, भारत |
व्यवसाय | कवि,नाटककार,कहानीकार,उपन्यासकार |
Additional Information
कुछ महत्वपूर्ण रचनाएं सोहनलाल द्विवेदी:-
सुमित्रानंदन पंत:-
रामकुमार वर्मा:-
|
'उर्वशी' महाकाव्य किस हिन्दी कवि की रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
छायावादी युग Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDFउर्वशी' महाकाव्य-4) रामधारी सिंह 'दिनकर' कवि की रचना है।
Important Points
- उर्वशी,(1961) राष्ट्रवाद और वीर रस प्रधान रचना है।
- इसके लिए 1972 में उन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया गया।
Additional Information
- कवि ने प्रेम की छवियों को मनोवैज्ञानिक धरातल पर पहचाना है।
- पुरुरवा धरती पुत्र है और उर्वशी देवलोक से उतरी हुई नारी है।
- उर्वशी में भाषा की सादगी अलंकृति और आभिजात्य की चमक पहन कर आयी है।