Question
Download Solution PDF“इनमें उक्तिवैचित्र्य की प्रधानता थी, यद्यपि कुछ रसीले गीत और दोहे भी इन्होंने कहे हैं।" यह कथन रामचंद्र शुक्ल ने किसके संदर्भ में कहा है ?
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MPPSC Assistant Prof 2025 (Hindi) Official Paper-II (Held On: 01 Jun, 2025)
Answer (Detailed Solution Below)
Option 1 : मतिराम
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MPPSC Assistant Professor UT 1: MP History, Culture and Literature
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Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर है- सूरदास
Key Pointsसूरदास-
- जन्म- 1478-1583 ई.
- भक्तिकाल की कृष्ण भक्ति शाखा के प्रमुखक कवि है।
- रचनाएँ-
- सूरसागर
- सुरसरावली(1548 ई.)
- साहित्य लहरी(1550 ई.) आदि।
Important Pointsबिहारी-
- जन्म-1595-1663 ई.
- ये रीतिकाल की रीतिसिद्ध शाखा के प्रमुख कवि है।
- राजा जयसिंह के दरबारी कवि थे।
- प्रमुख रचना-
- बिहारी सतसई- दोहा छंद में रचित मुक्तक काव्य है।
- बिहारी को राधचरण गोस्वामी ने 'पीयूषवर्षी मेघ' कहा है।
- बिहारी के काव्य को पद्म सिंह शर्मा ने 'शक्कर की रोटी' कहा है।
मतिराम-
- जन्म-1617 ई.
- रीतिकाल की रीतिबद्ध शाखा के कवि है।
- रचनाएँ-
- रसराज(1663 ई.)
- ललित ललाम(1659-88 ई.)
- अलंकार पंचाशिका(1690 ई.)
- वृत्तकौमुदी(1701 ई.)
- फूलमंजरी आदि।
अमीर खुसरो-
- जन्म- 1255-1325 ई.
- जन्मस्थान- पटियाली, एटा उत्तरप्रदेश
- मूलनाम - अबुल हसन
- उपनाम- तुर्क-ए-अल्लाह
- गुरु- निजामुद्दीन औलिया
- ( इन्हीं की मृत्यु पर खुसरो ने लिखा था- "गोरी सोवै सेज पर,मुख पर डारै केस। चल खुसरो घर आपने,रैन भई चहुँ देस।")
- अमीर खुसरो की पहेलियों और मुकरियों में उक्तिवैचित्र्य की प्रधानता है।
- इन्होंने दिल्ली के सिंहासन पर ग्यारह राजाओं का आरोहण देखा था।
Last updated on Jul 7, 2025
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