एक महानगर मजिस्ट्रेट द्वारा चोरी के एक अभियुक्त को तीन माह के साधारण कारावास व दो सौ रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया जाता है। अभियुक्त द्वारा उक्त निर्णय की अपील की जा सकती है;

  1. सत्र न्यायालय में।
  2. उच्च न्यायालय में।
  3. मुख्य महानगर मजिस्ट्रेट के न्यायालय में।
  4. अपील नहीं की जा सकती है।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : अपील नहीं की जा सकती है।

Detailed Solution

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सही उत्तर विकल्प 4 है। Key Points

  • दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 374 दोषसिद्धि के विरुद्ध अपील से संबंधित है।
  • (1) किसी उच्च न्यायालय द्वारा उसके असाधारण आरंभिक आपराधिक क्षेत्राधिकार में आयोजित मुकदमे में दोषी ठहराया गया कोई भी व्यक्ति सर्वोच्च न्यायालय में अपील कर सकता है।
  • (2) कोई भी व्यक्ति जो सत्र न्यायाधीश या अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश द्वारा आयोजित परीक्षण में या
    किसी अन्य न्यायालय द्वारा जिसमें उसके विरुद्ध सात वर्ष से अधिक कारावास की सजा पारित की गई हो, या
    उसी मुकदमे में दोषसिद्ध किसी अन्य व्यक्ति के विरुद्ध] उच्च न्यायालय में अपील कर सकेगा।
  • (3) उपधारा (2) में अन्यथा उपबंधित के सिवाय, कोई व्यक्ति,—
    • (क) किसी महानगर मजिस्ट्रेट या सहायक सत्र न्यायाधीश या प्रथम श्रेणी या द्वितीय श्रेणी मजिस्ट्रेट द्वारा चलाए गए मुकदमे में दोषी ठहराया गया हो, या
    • (ख) धारा 325 के अंतर्गत दण्डित किया गया हो, या
    • (ग) जिसके संबंध में किसी राज्य सरकार द्वारा धारा 360 के अधीन कोई आदेश दिया गया हो या कोई दण्डादेश पारित किया गया हो।
      मजिस्ट्रेट, सेशन न्यायालय में अपील कर सकता है
  • (4) जब धारा 376, धारा 376ए, धारा 376एबी के तहत पारित सजा के खिलाफ अपील दायर की गई है,
    भारतीय दंड संहिता (1860 का 45) की धारा 376बी, धारा 376सी, धारा 376डी, धारा 376डीए, धारा 376डीबी या धारा 376ई के अंतर्गत किसी अपराध के संबंध में कोई अपील दायर की जाती है, तो अपील का निपटारा ऐसी अपील दायर करने की तारीख से छह महीने की अवधि के भीतर किया जाएगा।
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