Question
Download Solution PDFभूमिगत केबलों के परावैद्युतांक में एक समान स्थिरवैद्युत तनाव पैदा करने की विधि को केबलों के ______ के रूप में जाना जाता है।
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFकेवल का श्रेणीकरण:
- केबल में स्थिरवैद्युत तनाव समान रूप से वितरित नहीं होता है। विभव ढाल केबल के केंद्र से दूरी के व्युत्क्रमानुपाती होती है। इसलिए यह चालक की सतह पर अधिकतम (gmax) होगा और तब तक घटता रहेगा जब तक कि यह कोष की सतह पर न्यूनतम (gmin) न हो जाए।
- इसका अर्थ है कि केबल के परावैद्युतांक में स्थिरवैद्युत तनाव चालक की सतह पर अधिकतम और कोष की सतह पर न्यूनतम होता है।
- स्पष्टतः, एक सुरक्षित केबल के लिए, प्रदान किए गए विद्युत रोधन का परावैद्युतांक सामर्थ्य gmax अर्थात विभव ढाल के अधिकतम मान से अधिक होना चाहिए। चूंकि केबल में स्थिरवैद्युत तनाव समान रूप से वितरित नहीं होता है, इसलिए आवश्यक परावैद्युतांक सामर्थ्य भी एक समान नहीं होता है।
- अधिकतम परावैद्युतांक सामर्थ्य की आवश्यकता केवल कोर की सतह पर होती है। शेष परावैद्युतांक अनावश्यक रूप से मजबूत है और इसलिए इसका उचित उपयोग नहीं किया जाता है। इससे केबल अनावश्यक रूप से मोटी भी हो जाती है।
- बिजली के उपकरणों का बड़ा आकार हमेशा नुकसानदेह होता है। इसके अलावा, यदि तनाव वितरण असमान है तो विद्युत रोधन भंजन की संभावना अधिक है। केबलों का श्रेणीकरण करके इन समस्याओं को ठीक किया जाता है।
- केबल के परावैद्युतांक में एक समान स्थिरवैद्युत तनाव प्राप्त करने की प्रक्रिया को केबलों के श्रेणीकरण के रूप में जाना जाता है।
- केबलों के श्रेणीकरण की दो मुख्य विधियाँ निम्नलिखित हैं: धारिता श्रेणीकरण और अंतर-कोष श्रेणीकरण।
Last updated on May 29, 2025
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