Question
Download Solution PDFनिम्नलिखित में से कौन एकल-झिल्ली द्वारा घिरा हुआ होता है?
This question was previously asked in
Bihar STET TGT (Science) Official Paper-I (Held On: 08 Sept, 2023 Shift 1)
Answer (Detailed Solution Below)
Option 1 : लयनकाय (लाइसोसोम)
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Bihar STET Paper 1 Mathematics Full Test 1
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Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर लयनकाय (लाइसोसोम) है।
स्पष्टीकरण-
- लयनकाय: लयनकाय, एकल-झिल्ली वाली संरचनाएँ होती हैं जो जंतुओं की कोशिकाओं में पाई जाती हैं।
- ये मुख्य रूप से वृहत् अणु के पाचन और अपशिष्ट निपटान में शामिल होती हैं।
- इनमें व्यापक किस्म के एंजाइम (लगभग 50 विभिन्न प्रकार) होते हैं जो सभी प्रकार के जैविक बहुलक-प्रोटीन, न्यूक्लिक अम्ल, कार्बोहाइड्रेट और लिपिड को विघटित कर सकते हैं।
- ये एंजाइम अम्लीय pH पर बेहतर ढंग से कार्य करते हैं, जो लयनकाय के अंदर बना रहता है।
- लयनकाय के आस-पास की एकल झिल्ली इन शक्तिशाली एंजाइमों को कोशिका के बाकी भागों से अलग करने का कार्य करती है, जिससे कोशिका के अपने स्वयं के घटकों के एंजाइमी पाचन को रोका जा सकता है।
Additional Information
- सूत्रकणिका भी दोहरी-झिल्ली वाला कोशिकांग है, जो लगभग सभी यूकैरियोटिक कोशिकाओं में पाया जाता है।
- इन्हें कोशिका के "शक्ति गृह (पावरहाउस)" के रूप में जाना जाता है क्योंकि ये कोशिका की एडीनोसिन ट्राइफॉस्फेट (ATP) की अधिकांश आपूर्ति को उत्पन्न करते हैं , जिसका उपयोग रासायनिक ऊर्जा के स्रोत के रूप में किया जाता है।
- सूत्रकणिका की बाहरी झिल्ली काफी छिद्रित होती है और आयनों तथा छोटे प्रोटीनों को पारित होने की अनुमति देती है, जबकि आंतरिक झिल्ली अधिकांश पदार्थों के लिए अपारगम्य होती है।
- सूत्रकणिका का आंतरिक भाग, जिसे आधात्री कहा जाता है, ऐसा स्थान है जहाँ सिट्रिक अम्ल चक्र (इसे क्रेब्स चक्र या TCA चक्र के रूप में भी जाना जाता है) होता है। आंतरिक झिल्ली में अंदर की ओर अनेक वलन दिखाई देते हैं, जिन्हें क्रिस्टी कहा जाता है, जो ऑक्सकरणी फॉस्फोरिलीकरण के लिए पृष्ठीय क्षेत्रफल को बढ़ाती हैं, यह मुख्य प्रक्रिया है जिसके द्वारा ATP का उत्पादन होता है।
- केंद्रक: कोशिका का केंद्रक, केंद्रक आवरण या केंद्रक झिल्ली से घिरा होता है। यह केंद्रक झिल्ली एक दोहरी-झिल्ली वाली संरचना है, जिसका अर्थ है कि इसमें दो परतें होती हैं, एक बाहरी झिल्ली, और एक आंतरिक झिल्ली।
- बाहरी केंद्रक झिल्ली: यह अंतर्द्रव्यी जालिका (ER) की झिल्ली के साथ निरंतर स्थित होती है, यह कोशिकाद्रव्य में झिल्लीदार नलिकाओं का एक जाल (नेटवर्क) है। बाहरी केंद्रक झिल्ली अंतर्द्रव्यी जालिका की तरह राइबोसोम से आवरित होती है, और यह प्रोटीन संश्लेषण और लिपिड उपापचय में शामिल होती है।
- आंतरिक केंद्रक झिल्ली: यह झिल्ली केंद्रिका और अन्य केंद्रक निकायों सहित केंद्रक को कोशिका द्रव्य से अलग करती है। आंतरिक केंद्रक झिल्ली में प्रोटीन होते हैं जो केंद्रक लैमिना को बाँधते हैं, यह प्रोटीन तंतुओं का एक जाल जैसा नेटवर्क जो केंद्रक को यांत्रिक आधार प्रदान करता है और DNA प्रतिकृति तथा कोशिका विभाजन जैसी महत्वपूर्ण कोशिकीय घटनाओं को भी नियंत्रित करता है।
- बाहरी और आंतरिक केंद्रक झिल्लियों के बीच परिकेंद्रक (पेरिन्यूक्लियर) स्थान होता है, जो अंतर्द्रव्यी जालिका के अंदर के स्थान के साथ निरंतर स्थित होता है
- हरितलवक: ये दोहरी-झिल्ली वाले कोशिकांग हैं जो पादपों की कोशिकाओं में पाए जाते हैं और प्रकाश संश्लेषण के लिए उत्तरदायी होते हैं, यह ऐसी प्रक्रिया जिसके द्वारा पादप प्रकाश ऊर्जा को रासायनिक ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं।
- हरितलवक की बाहरी झिल्ली चिकनी होती है और छोटे अणुओं तथा प्रोटीनों को अंतराझिल्ली अवकाश में जाने की अनुमति देती है। आंतरिक झिल्ली कम पारगम्य होती है और इसमें परिवहन प्रोटीन अंतर्निहित होते हैं।
- आंतरिक झिल्ली के अंदर पीठिका होती है, यह एक तरल पदार्थ से भरा स्थान जिसमें DNA, राइबोसोम और प्रकाश संश्लेषण के लिए आवश्यक एंजाइम होते हैं।
- सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि पीठिका में थाइलेकॉइड नामक कई चपटी थैली होती हैं, जो ग्रेना नामक ढेर (स्टैक) में व्यवस्थित होती हैं। थाइलेकॉइड में प्रकाश संश्लेषक वर्णक (पर्णहरित) होते हैं जहाँ प्रकाश संश्लेषण के लिए प्रकाश अवशोषण होता है।
निष्कर्ष- लयनकाय, प्रकृति में एकल झिल्ली वाला होता है।
Last updated on Jan 29, 2025
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