'भारतेन्दु युगीन साहित्य केवल राजनीतिक स्वाधीनता का साहित्य न होकर मनुष्य की एकता, समानता और भाईचारे का भी साहित्य है ।' यह कथन किस आलोचक का है ?

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MPPSC Assistant Prof 2022 (Hindi) Official Paper-II (Held On: 28 Jan, 2024)
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  1. आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
  2. आचार्य हजारी प्रसाद द्विवेदी
  3. डॉ. राम विलास शर्मा
  4. डॉ. नामवर सिंह

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Option 3 : डॉ. राम विलास शर्मा
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MPPSC Assistant Professor UT 1: MP History, Culture and Literature
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'भारतेन्दु युगीन साहित्य केवल राजनीतिक स्वाधीनता का साहित्य न होकर मनुष्य की एकता, समानता और भाईचारे का भी साहित्य है ।' यह कथन आलोचक का है - डॉ. राम विलास शर्मा

Key Pointsडॉ. राम विलास शर्मा-

  • जन्म- 1912 2000 ई.
  • आधुनिक हिन्दी साहित्य के सुप्रसिद्ध आलोचक, निबंधकार, विचारक एवं कवि थे।
  • आलोचनात्मक ग्रंथ-
    • प्रेमचन्द (1941)
    • भारतेन्दु युग (1943)
    • निराला (1946)
    • भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (1953) 
    • प्रगतिशील साहित्य की समस्याएँ (1954)
    • आचार्य रामचन्द्र शुक्ल और हिन्दी आलोचना (1955)
    • निराला की साहित्य साधना-1 (जीवनी) (1969)
    • महावीरप्रसाद द्विवेदी और हिन्दी नवजागरण (1977)
    • नयी कविता और अस्तित्ववाद (1978) आदि।  

Additional Information आचार्य रामचन्द्र शुक्ल-

  • जन्म - 1884-1941 ई. 
  • हिन्दी आलोचक, कहानीकार, निबन्धकार,
    • साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार और कवि थे।
  • आलोचनात्मक ग्रन्थ-
    • गोस्वामी तुलसीदास (1923 ई.)
    • जायसी ग्रंथावली (1924 ई.)
    • भ्रमरगीत सार (1925 ई.)
    • हिन्दी साहित्य का इतिहास (1929 ई.)
    • काव्य में रहस्यवाद (1929 ई.) आदि।

हजारी प्रसाद द्विवेदी-

  • जन्म-1907-1979ई.
  • हिन्दी निबन्धकारआलोचक और उपन्यासकार थे।
  • आलोचनात्मक ग्रन्थ-
    • सूर साहित्‍य (1936ई.)
    • हिन्‍दी साहित्‍य की भूमिका (1940ई.)
    • हिन्‍दी साहित्‍य का आदिकाल (1952ई.)
    • अशोक के फूल (1948ई.)
    • कल्‍पलता (1951ई.) आदि।

डॉ. नामवर सिंह-

  • जन्म - 1926 - 2019 ई. 
  • एक भारतीय साहित्यिक आलोचक, भाषाविद्, शिक्षाविद और सिद्धांतकार थे।
  • आलोचनात्मक ग्रन्थ- 
    • आधुनिक साहित्य की प्रवृत्तियाँ (1954 ई.)
    • छायावाद (1955 ई.)
    • इतिहास और आलोचना (1957 ई.)
    • कहानी: नयी कहानी (1964 ई.)
    • कविता के नए प्रतिमान (1968 ई.)
    • दूसरी परंपरा की खोज (1982 ई.)
    • वाद विवाद संवाद (1989 ई.) 
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