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Download Solution PDFआचार्य रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार भारतेन्दु युगीन काव्यधारा में भारतेन्दु की वाजी का सबसे ऊँचा स्वर क्या था ?
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MPPSC Assistant Prof 2022 (Hindi) Official Paper-II (Held On: 28 Jan, 2024)
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Option 1 : देशभक्ति
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MPPSC Assistant Professor UT 1: MP History, Culture and Literature
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Detailed Solution
Download Solution PDFआचार्य रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार भारतेन्दु युगीन काव्यधारा में भारतेन्दु की वाजी का सबसे ऊँचा स्वर था - देशभक्ति
Key Points
- आचार्य रामचन्द्र शुक्ल के अनुसार, भारतेन्दु युगीन काव्यधारा में भारतेन्दु हरिश्चंद्र की वाणी का सबसे ऊँचा स्वर "देशभक्ति" था।
- भारतेन्दु हरिश्चंद्र ने अपनी रचनाओं में देश के प्रति प्रेम, निष्ठा और देशहित की भावना को प्रमुखता से उभारा।
- उन्होंने भारतीय समाज में जागरूकता लाने और राष्ट्रीयता की भावना को बढ़ावा देने का कार्य किया।
- उनके साहित्य में देशभक्ति का स्वर अत्यधिक प्रखर और प्रभावशाली रूप में प्रकट होता है।
Additional Informationआचार्य रामचन्द्र शुक्ल-
- जन्म - 1884-1941 ई.
- हिन्दी आलोचक, कहानीकार, निबन्धकार,
- साहित्येतिहासकार, कोशकार, अनुवादक, कथाकार और कवि थे।
- उनके निबन्ध चिंतामणि नामक ग्रंथ के दो भागों में संग्रहीत हैं।
- आलोचनात्मक ग्रन्थ-
- गोस्वामी तुलसीदास (1923 ई.)
- जायसी ग्रंथावली (1924 ई.)
- भ्रमरगीत सार (1925 ई.)
- हिन्दी साहित्य का इतिहास (1929 ई.)
- काव्य में रहस्यवाद (1929 ई.) आदि।
भारतेन्दु हरिश्चंद्र -
- जन्म - 1850-1885 ई.
- आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह कहे जाते हैं।
- वे हिन्दी में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे।
- इनका मूल नाम 'हरिश्चन्द्र' था, 'भारतेन्दु' उनकी उपाधि थी।
- नाटक -
- वैदिक हिंसा हिंसा न भवति (1873 ई.)
- भारत दुर्दशा (1875 ई.)
- साहित्य हरिश्चंद्र (1876 ई.)
- नीलदेवी (1881 ई.)
- अंधेर नगरी (1881 ई.)
- चंद्रावली (1881 ई.) आदि।
- निबंध संग्रह -
- कालचक्र (जर्नल)
- लेवी प्राण लेवी
- भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है?
- कश्मीर कुसुम
- जातीय संगीत
- स्वर्ग में विचार सभा
Last updated on Jul 7, 2025
-> The MPPSC Assistant Professor exam for Group 1 posts will be held on 27th July 2025.
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