प्रेमचंद पूर्व कहानीकार MCQ Quiz - Objective Question with Answer for प्रेमचंद पूर्व कहानीकार - Download Free PDF
Last updated on Jun 11, 2025
Latest प्रेमचंद पूर्व कहानीकार MCQ Objective Questions
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 1:
'इंदुमती' के रचनाकार हैं |
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 1 Detailed Solution
"इंदुमती, किशोरी लाल गोस्वामी" की रचना है।
- इंदुमती हिन्दी की प्रथम मौलिक कहानी है|
- रचनाकार :- किशोरी लाल गोस्वामी
- रचना वर्ष :- 1900 ईस्वी
- किशोरी लाल गोस्वामी के कहानियां
- इंदुमती (1900)
- गुलबहार (1902)
- चंद्रिका
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 2:
निम्नलिखित में से कौन-से कथन जयशंकर प्रसाद की कहानियों और उनके वर्ण-विषयों के संदर्भ में सत्य हैं?
(A) ‘ग्राम’ प्रसाद की प्रथम कहानी है, जो 1911 में ‘इंदु’ पत्रिका में प्रकाशित हुई थी।
(B) ‘देवदासी’ में बौद्ध धर्म की शाखा वज्रयान की कुरूपता का चित्रण किया गया है।
(C) ‘आकाशदीप’ में कर्त्तव्य और वैयक्तिक प्रेम के अंतर्द्वंद्व में कर्त्तव्य को प्राथमिकता दी गई है।
(D) ‘गुण्डा’ में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा शासित भारत का परिवेश चित्रित किया गया है।
(E) ‘विरामचिह्न’ में पुलिस के अत्याचार और पैसे के महत्व का यथार्थवादी चित्रण है।
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए-
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 2 Detailed Solution
सही उत्तर है- केवल (A), (D)
विश्लेषण:
- (A) सही: ‘ग्राम’ जयशंकर प्रसाद की प्रथम कहानी है, जो 1911 में ‘इंदु’ पत्रिका में प्रकाशित हुई थी।
- (B) गलत: ‘देवदासी’ में देवदासियों की व्यथा और धार्मिक दुश्चक्र का चित्रण है, न कि बौद्ध धर्म की शाखा वज्रयान की कुरूपता। वज्रयान का चित्रण ‘देवरथ’ कहानी में है।
- (C) सही: ‘आकाशदीप’ में कर्त्तव्य (राष्ट्र और विश्वकल्याण) और वैयक्तिक प्रेम के अंतर्द्वंद्व में कर्त्तव्य को प्राथमिकता दी गई है, जैसा कि ‘मधुआ’ और ‘पुरस्कार’ के साथ इसका उल्लेख है।
- (D) सही: ‘गुण्डा’ में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा शासित भारत का परिवेश चित्रित किया गया है।
- (E) गलत: ‘विरामचिह्न’ में धार्मिक स्थलों पर अछूतों के निषेध की समस्या का चित्रण है, न कि पुलिस के अत्याचार और पैसे के महत्व का। यह विषय ‘बनजारा’ कहानी से संबंधित है।
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 3:
निम्नलिखित में से कौन-से कथन हिंदी कहानीकारों और उनकी कहानियों के संदर्भ में सत्य हैं?
(A) ‘चंद्रदेव से मेरी बातें’ राजेंद्र बाला घोष (बंग महिला) की कहानी है, जो हिंदी की प्रथम राजनीतिक कहानी मानी जाती है और इसमें वायसराय कर्जन के प्रशासन पर व्यंग्य है।
(B) ‘दुलाईवाली’ चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ की हास्य रस प्रधान कहानी है, जिसमें बंग-विभाजन का परिवेश और ग्रामीण स्त्रियों की अवधी मिश्रित भोजपुरी बातचीत दर्शायी गई है।
(C) ‘उसने कहा था’ गुलेरी की कहानी है, जो प्रथम विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित है और हिंदी की पहली कहानी है जिसमें फ्लैश बैक तकनीक का प्रयोग हुआ।
(D) ‘ताई’ विश्वंभरनाथ शर्मा ‘कौशिक’ की कहानी है, जो शरतचंद्र की बांग्ला कहानी ‘बिंदुर छेले’ से प्रभावित है और पारिवारिक समस्याओं का चित्रण करती है।
(E) ‘कानों में कंगना’ राधिकारमण प्रसाद सिंह की कहानी है, जो ‘सरस्वती’ में प्रकाशित हुई और नरेंद्र के पश्चाताप की कथा को दर्शाती है।
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही विकल्प का चयन कीजिए -
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 3 Detailed Solution
सही उत्तर है- केवल (A), (C)
विश्लेषण:
- (A) सही: ‘चंद्रदेव से मेरी बातें’ राजेंद्र बाला घोष (बंग महिला) की कहानी है, जिसे भवदेव पाण्डेय ने हिंदी की प्रथम राजनीतिक कहानी कहा। गोपाल राय के अनुसार, इसमें वायसराय कर्जन के प्रशासन पर व्यंग्य है, और यह गरीबी, भुखमरी, पुरुषवाद, जातिवाद जैसी सामाजिक बुराइयों को उजागर करती है।
- (B) गलत: ‘दुलाईवाली’ चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ की नहीं, बल्कि राजेंद्र बाला घोष (बंग महिला) की कहानी है। यह हास्य रस प्रधान है, बंग-विभाजन के परिवेश पर आधारित है, और इसमें वंशीधर-नवल किशोर की रेल यात्रा के साथ ग्रामीण स्त्रियों की अवधी मिश्रित भोजपुरी बातचीत दर्शायी गई है।
- (C) सही: ‘उसने कहा था’ चंद्रधर शर्मा ‘गुलेरी’ की कहानी है, जो प्रथम विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित है। यह हिंदी की पहली कहानी है जिसमें फ्लैश बैक (पूर्वदीप्ति) तकनीक का प्रयोग हुआ, और इसे ‘सरस्वती’ में प्रकाशित किया गया। आचार्य रामचंद्र शुक्ल ने इसकी सुरुचिपूर्ण प्रेम कथा की प्रशंसा की।
- (D) सही: ‘ताई’ विश्वंभरनाथ शर्मा ‘कौशिक’ की कहानी है, जो शरतचंद्र की बांग्ला कहानी ‘बिंदुर छेले’ से प्रभावित है। रामचन्द्र तिवारी के अनुसार, यह पारिवारिक समस्याओं, बाल-विवाह, और दहेज प्रथा जैसे विषयों को चित्रित करती है।
- (E) गलत: ‘कानों में कंगना’ राधिकारमण प्रसाद सिंह की कहानी है, लेकिन यह ‘सरस्वती’ में नहीं, बल्कि ‘इंदु’ में प्रकाशित हुई थी। इसमें नरेंद्र की पत्नी की उपेक्षा, किन्नरी वेश्या के प्रति आकर्षण, और पश्चाताप की कथा है।
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 4:
रामचन्द्र शुक्ल ने इनमें से किसे हिंदी की प्रथम मौलिक कहानी माना है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 4 Detailed Solution
रामचन्द्र शुक्ल ने हिंदी की प्रथम मौलिक कहानी माना है- इंदुमती
Key Pointsइंदुमती-
- रचनाकार- किशोरी लाल गोस्वामी
- प्रकाशन वर्ष- 1900 ई.
- विषय-
- एक युवती इंदुमती का अपने पिता के साथ विंध्याचल के जंगल में एकांत जीवन और उसके बाद उसकी मृत्यु।
Important Pointsदुलाईवाली-
- रचनाकार- बंग महिला
- विधा- कहानी
- प्रकाशन वर्ष- 1907 ई.
- पात्र-
- बंशीधर, जानकी देई, नकल किशोर आदि।
- विषय-
- दो मित्रों का द्वारा किए गए मजाक का चित्रण किया गया है।
एक टोकरी भर मिट्टी-
- रचनाकार- माधवराव सप्रे
- प्रकाशन वर्ष- 1901 ई.
- विधा- कहानी
- पात्र-
- जमींदार, अनाथ विधवा।
- विषय-
- यह एक बहुत ही छोटी और कर्तव्य श्रेष्ठ कहानी है।
- यह कहानी आज के यथार्थ से जुड़ी हुई है।
- यह कहानी वर्ग भेद पर आधारित है। इसमें एक गरीब के शोषण का चित्रण है।
- इस कहानी में अहंकार और स्वार्थ का चित्रण जमींदार के रूप में किया गया है।
- एक गरीब बुजुर्ग महिला द्वारा जमींदार का हृदय परिवर्तन होना दिखाया गया है।
ग्यारह वर्ष का समय-
- रचनाकार- रामचन्द्र शुक्ल
- प्रकाशन वर्ष- 1903 ई.
- विधा- कहानी
- मुख्य-
- शुक्ल जी ने अपने इतिहास में अपनी इस कहानी को हिन्दी की प्रथम कहानी के दावेदारों में सम्मिलित किया है।
- विषय-
- प्रेम, त्याग, और मानवीय रिश्तों में बदलाव है।
- इसमें एक ऐसे व्यक्ति की कहानी है जो प्यार और स्नेह से बंधा हुआ है, लेकिन समय के साथ, उसके विचार और भावनाएं बदल जाती हैं।
Additional Informationराजेन्द्रबाला घोष-
- जन्म-1882-1951 ई.
- छद्मनाम-बंग महिला
- कहानियाँ-
- चंद्रदेव से मेरी बातें(1904 ई.)
- कुंभ में छोटी बहू(1906 ई.)
- दालिया(1909 ई.) आदि।
माधवराव सप्रे-
- जन्म-1871-1926 ई.
- प्रेमचंद पूर्व युग के कहानीकार है।
- रचनाएँ-
- स्वदेशी आंदोलन और बॉयकाट
- यूरोप के इतिहास से सीखने योग्य बातें
- हमारे सामाजिक ह्रास के कुछ कारणों का विचार
- माधवराव सप्रे की कहानियाँ (संपादन : देवी प्रसाद वर्मा) आदि।
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 5:
'चंद्रदेव से मेरी बातें' कहानी में किस महामारी का प्रयोग है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 5 Detailed Solution
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'दुलाई वाली' कहानी किस रचनाकार द्वारा लिखित है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 6 Detailed Solution
Download Solution PDF- "दुलाईवाली":- हिन्दी की प्रथम कहानी मानी जाती है।
- दुलाईवाली का प्रकाशनवर्ष:- सन् 1907
- लेखक:- बंग महिला (राजेन्द्र बाला घोष)
Confusion Points
- निम्नलिखित सभी कहानियाँ हिन्दी की प्रथम कहानियाँ मानी जाती है।
- इंदुमती --> 1900 ---> किशोरी लाल गोस्वामी
- एक टोकरी भर मिट्टी ---> 1901 ---> माधवराव सप्रे
- ग्यारह वर्ष का समय ---> 1903 ---> आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
Additional Information
- ईदगाह 1933:- मुंशी प्रेमचन्द
- उसने कहा था 1915 :- चन्द्र धर शर्मा गुलेरी
- परिंदे :- 1960:- निर्मल वर्मा
प्रथम विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि पर रचित कहानी है -
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 7 Detailed Solution
Download Solution PDFप्रथम विश्व युद्ध की पृष्ठभूमि पर रचित कहानी-1)उसने कहा था है।
Important Points
- 'उसने कहा था' कहानी के लेखक चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी' हैं।
- इनका जीवनकाल 1883 से 1922 तक रहा है।
- ये हिन्दी के कथाकार, व्यंगकार, निबन्धकार तथा सम्पादक थे।
- उसने कहा था की रचना 1915 में हुई।
- उन्होंने कुल तीन कहानियां लिखी हैं-बुद्धू का कांटा,सुखमय जीवन और उसने कहा था।
Additional Information
कहानी |
लेखक |
प्रकाशन वर्ष |
उसने कहा था |
चन्द्रधर शर्मा 'गुलेरी |
1915 |
सिक्का बदल गया |
कृष्णा सोबती |
1948 |
परिंदे |
निर्मल वर्मा |
1956 |
अमृतसर आ गया है |
भीष्म साहनी |
1973 |
Hint
- सिक्का बदल गया कहानी के माध्यम से भारत विभाजन के समय उभरने वाली परिस्तिथियों का बड़ा ही मार्मिक वर्णन किया है।
- डॉ.नामवर सिंह जी,'परिंदे' कहानी को नयी कहानी आन्दोलन की पहली रचना मानते हैं।
- अमृतसर आ गया है कहानी भारत के विभाजन के परिदृश्य पर लिखी गई है। इस कहानी में पाकिस्तान से भारत के सीमावर्ती शहर अमृतसर की ओर यात्रा के दौरान का भयावहता और विनाश का वर्णन है।
'उसने कहा था' कहानी का प्रकाशन कब हुआ?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 8 Detailed Solution
Download Solution PDF- यह कहानी ‘उसने कहा था (1915)’ चन्द्रधर शर्मा गुलेरी गुलेरी की 3 कहानियों में से एक है।
- वह तीन कहानियाँ हैं – ‘बुद्धू का काँटा’, ‘उसने कहा था’ तथा ‘सुखमय जीवन’।
Additional Information
- यह अपने समय एक मात्र सर्वर्श्रेष्ठ कहानी है।
- त्याग और प्रेम की सबसे अद्भुत कहानी।
- मुख्य पात्र- लहना सिंह, वजीरा सिंह, हजारा सिंह आदि।
'दुलाईवाली' कहानी किसके द्वारा रचित है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 9 Detailed Solution
Download Solution PDF- "दुलाईवाली":- हिन्दी की प्रथम कहानी मानी जाती है।
- दुलाईवाली का प्रकाशनवर्ष:- सन् 1907
- लेखक:- बंग महिला (राजेन्द्र बाला घोष)
- निम्नलिखित सभी कहानियाँ हिन्दी की प्रथम कहानियाँ मानी जाती है।
- इंदुमती --> 1900 ---> किशोरी लाल गोस्वामी
- एक टोकरी भर मिट्टी ---> 1901 ---> माधवराव सप्रे
- ग्यारह वर्ष का समय ---> 1903 ---> आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
'इन्दुमती' कहानी के लेखक कौन थे?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 10 Detailed Solution
Download Solution PDF- 'इन्दुमती' कहानी के लेखक: किशोरीलाल गोस्वामी है।
- प्रकाशन वर्ष:
Additional Information
- हिन्दी की सर्वप्रथम कहानी कौन सी है, इस विषय में विद्वानों में जो मतभेद शुरू हुआ था वह आज भी जैसे का तैसा बना हुआ है।
- हिन्दी की सर्वप्रथम कहानी समझी जाने वाली कड़ी के अर्न्तगत सैयद इंशाअल्ला खाँ की 'रानी केतकी की कहानी', राजा शिवप्रसाद सितारे हिंद की 'राजा भोज का सपना' , किशोरी लाल गोस्वामी की 'इन्दुमती' , माधवराव सप्रे की 'एक टोकरी भर मिट्टी' , आचार्य रामचंद्र शुक्ल की 'ग्यारह वर्ष का समय' और बंग महिला की 'दुलाई वाली' नामक कहानियाँ आती हैं।
- परन्तु किशोरी लाल गोस्वामी द्वारा कृत 'इन्दुमती' को मुख्यतः हिन्दी की प्रथम कहानी का दर्जा प्रदान किया जाता है।
- निम्नलिखित सभी कहानियाँ हिन्दी की प्रथम कहानियाँ मानी जाती है।
- इंदुमती → 1900 → किशोरी लाल गोस्वामी
- एक टोकरी भर मिट्टी → 1901 → माधवराव सप्रे
- ग्यारह वर्ष का समय → 1903 → आचार्य रामचन्द्र शुक्ल
रामचंद्र शुक्ल ने 'उसने कहा था' कहानी के बारे में लिखा है -
(A) ये कहानियाँ जीवन के बड़े मार्मिक रूप में होती थीं I
(B) उसमें भीतर से प्रेम का एक स्वर्गीय स्वरूप झांक रहा है I
(C) दूसरी कोटि की कहानियों में एक बड़ा भारी भेद है I
(D) इसकी घटनाएँ ही बोल रही हैं, पत्रों के बोलने की अपेक्षा नहीं I
नीचे दिये गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए -
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 11 Detailed Solution
Download Solution PDFविकल्प 3 (B और D) सही है।
रामचंद्र शुक्ल ने उसने कहा था कहानी के बारे में लिखा है कि -
- इस कहानी के भीतर से प्रेम का एक स्वर्गीय स्वरूप झांक रहा है।
- इसकी घटनाएं ही बोल रही है, पत्रों के बोलने की अपेक्षा नहीं।
- शुक्ल ने 'उसने कहा था' कहानी को अद्वितीय कहानी माना है।
- “इसके पक्के यथार्थवाद के बीच, सुरुचि की चरम मर्यादा के भीतर, भावुकता का चरम उत्कर्ष अत्यंत निपुणता के साथ संपुटित है।
- घटना इसकी ऐसी है जैसे बराबर हुआ करती है, पर उसमें भीतर से प्रेम का एक स्वर्गीय स्वरूप झांक रहा है- केवल झांक रहा है।
उसने कहा था
लेखक :- चंद्रधर शर्मा गुलेरी
पात्र :- लहना सिंह , सूबेदारनी
लहना सिंह ने अपने प्राण देकर बोधा सिंह और हजारा सिंह के प्राण की रक्षा की।
ऐसा लहना सिंह ने सूबेदारनी के मात्र 'उसने कहा था' वाक्य को ध्यान में रखकर प्राणोत्सर्ग किया था।
राम चन्द्र शुक्ल जी के द्वारा कहे गए प्रमुख कथन
- इस वेदना को लेकर उन्होंने ह्रदय की ऐसी अनुभूतियाँ सामने रखीं, जो लोकोत्तर हैं। कहाँ तक वे वास्तविक अनुभूतियाँ हैं और कहाँ तक अनुभूतियों की रमणीय कल्पना, यह नहीं कहा जा सकता।" ౼ आचार्य रामचंद्र शुक्ल (महादेवी वर्मा के बारे में)
- ''इनकी रहस्यवादी रचनाओं को देख चाहेतो यह कहें कि इनकी मधुवर्षा के मानस प्रचार के लिए रहस्यवाद का परदा मिल गया अथवा यों कहें कि इनकी सारी प्रणयानूभूति ससीम पर से कूदकर असीम पर जा रही।'' (जयशंकर प्रसाद के बार में)
- कबीर की अपेक्षा ख़ुसरो का ध्यान की भाषा की ओर अधिक था।
- जायसी के श्रृंगार में मानसिक पक्ष प्रधान है, शारीरिक गौण हैं।
- 'इसमें कोई सन्देह नहीं कि कबीर को राम नाम रामानन्द जी से ही प्राप्त हुआ पर आगे चलकर कबीर के राम रामानन्द से भिन्न हो गए।'
- भारतेन्दु ने जिस प्रकार हिन्दी गद्य की भाषा का परिष्कार किया, उसी प्रकार काव्य की ब्रजभाषा का भी।
- काव्य की पूर्ण अनुभूति के लिए कल्पना का व्यापार कवि और श्रोता दोनों के लिए अनिवार्य है।
- वैर क्रोध का अचार या मुरब्बा है।
- काव्यानुभूति की जटिलता चित्तवृत्तियों की संख्या पर निर्भर नहीं, बल्कि संवादी-विसंवादी वृत्तियों के द्वन्द्व पर आधारित है।
- ‘आधुनिक काल में गद्य का आविर्भाव सबसे प्रधान घटना है।’
- करुणा दुखात्मक वर्ग में आनेवाला मनोविकार है।
- नाद सौन्दर्य से कविता की आयु बढ़ती है।
- भक्ति धर्म की रसात्मक अनुभूति है।
- करुणा सेंत का सौदा नहीं है।
- प्रकृति के नाना रूपों के साथ केशव के हृदय का सामंजस्य कुछ भी न था।'
- 'विरुद्धों का सामंजस्य कर्मश्रेत्र का सौन्दर्य है।'
'इंदुमती' किस विधा की रचना है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 12 Detailed Solution
Download Solution PDF"इंदुमती, किशोरी लाल गोस्वामी" की कहानी विधा रचना है।Key Points
- इंदुमती
- रचनाकार :- किशोरी लाल गोस्वामी
- रचना वर्ष :- 1900 ईस्वी
- किशोरी लाल गोस्वामी के कहानियां
- इंदुमती (1900)
- गुलबहार (1902)
- चंद्रिका
प्रकाशन वर्ष के अनुसार निम्नलिखित कहानियों का सही क्रम है -
(A) दुलाई वाली
(B) ग्यारह वर्ष का समय
(C) एक टोकरी भर मिट्टी
(D) प्लेग की चुड़ैल
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 13 Detailed Solution
Download Solution PDFप्रकाशन वर्ष के अनुसार कहानियों का सही क्रम है-(C)एक टोकरी भर मिट्टी,(D)प्लेग की चुड़ैल,(B)ग्यारह वर्ष का समय,(A)दुलाई वाली।
Key Points
कहानी | वर्ष(ई.में) | कहानीकार |
एक टोकरी भर मिट्टी | 1901 | माधव सप्रे |
प्लेग की चुड़ैल | 1902 | भगवानदास |
ग्यारह वर्ष का समय | 1903 | रामचन्द्र शुक्ल |
दुलाई वाली | 1907 | बंग महिला |
Additional Information
- 'एक टोकरी भर मिट्टी' कहानी को देवी प्रसाद वर्मा ने हिंदी की प्रथम कहानी माना है।
- 'ग्यारह वर्ष का समय' कहानी को लक्ष्मी नारायण लाल ने हिंदी की प्रथम कहानी स्वीकार किया है।
- 'दुलाईवाली' कहानी को रायकृष्ण दास ने हिंदी की प्रथम कहानी कहा है।
- प्लेग की चुड़ैल,ग्यारह वर्ष का समय,दुलाईवाली कहानियाँ सरस्वती पत्रिका में प्रकाशित हुई है।
- एक टोकरी भर मिट्टी कहानी छत्तीसगढ़ मित्र में प्रकाशित हुई थी।
Important Points
- राजेंद्र बाला घोष(बंग महिला) अन्य कहानियाँ-चन्द्रदेव से मेरी बातें(1904ई.),कुंभ में छोटी बहू(1906ई.),दालिया(1909ई.) आदि।
- रामचन्द्र शुक्ल ने अपनी कहानी ग्यारह वर्ष का समय को 'आख्यायिका' कहा है।
- प्रेमचन्द-"कहानी छोटे मुँह बड़ी बात करती है।"
निम्नलिखित में से कौन-सी कहानी प्रथम विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि को लेकर लिखी गयी है?
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 14 Detailed Solution
Download Solution PDFसही उत्तर है - उसने कहा था।
Key Points
- 'उसने कहा था' कहानी 1915 में सरस्वती पत्रिका में प्रकाशित हुई
- इस कहानी के रचनाकार चंद्रधर शर्मा 'गुलेरी' है
- यह 'प्रथम विश्वयुद्ध की पृष्ठभूमि' पर लिखी गई प्रेम संवेदना की कहानी है
- यह फ्लैश बैक(पूर्वदीप्ति) पद्धति पर लिखी हिंदी की प्रथम कहानी है
- कहानी उसने कहा था को 1960 में इसी नाम से बड़े पर्दे पर लाया गया था
Additional Information
- गुलेरी जी ने तीन कहानियों की रचना की-
- सुखमय जीवन(1911 ई. भारत मित्र पत्रिका)
- बुद्धू का काँटा(1914 ई.)
- उसने कहा था(1915 ई.)
- बिमल रॉय द्वारा निर्मित, फिल्म में सुनील दत्त और नंदा ने अभिनय किया था और इसका निर्देशन मोनी भटाचार्जी ने किया था
सुमेलित कीजिए।
कहानी | लेखक |
1. इन्दुमती | क. रामचंद्र शुक्ल |
2. प्लेग की चुड़ैल | ख. किशोरीलाल गोस्वामी |
3. ग्यारह वर्ष का समय | ग. बंगमहिला |
4. दुलाई वाली | घ. भगवानदास |
Answer (Detailed Solution Below)
प्रेमचंद पूर्व कहानीकार Question 15 Detailed Solution
Download Solution PDF1 - ख, 2 - घ, 3 - क, 4 - ग
- इंदुमती --> किशोरीलाल गोस्वामी 1900
- प्लेग की चुड़ैल --> भगवानदास 1902
- ग्यारह वर्ष का समय --> रामचन्द्र शुक्ल 1903
- दुलाईवाली --> बंग महिला 1907
Additional Information
- हिन्दी की सर्वप्रथम कहानी कौन सी है, इस विषय में विद्वानों में जो मतभेद शुरू हुआ था वह आज भी जैसे का तैसा बना हुआ है।
- हिन्दी की सर्वप्रथम कहानी समझी जाने वाली कड़ी के अर्न्तगत सैयद इंशाअल्ला खाँ की 'रानी केतकी की कहानी', राजा शिवप्रसाद सितारे हिंद की 'राजा भोज का सपना' , किशोरी लाल गोस्वामी की 'इन्दुमती' , माधवराव सप्रे की 'एक टोकरी भर मिट्टी' , आचार्य रामचंद्र शुक्ल की 'ग्यारह वर्ष का समय' और बंग महिला की 'दुलाई वाली' नामक कहानियाँ आती हैं।
- परन्तु किशोरी लाल गोस्वामी द्वारा कृत 'इन्दुमती' को मुख्यतः हिन्दी की प्रथम कहानी का दर्जा प्रदान किया जाता है।
Confusion Points
- निम्नलिखित सभी कहानियाँ हिन्दी की प्रथम कहानियाँ मानी जाती है।
- इंदुमती → 1900 → किशोरी लाल गोस्वामी
- एक टोकरी भर मिट्टी → 1901 → माधवराव सप्रे
- ग्यारह वर्ष का समय → 1903 → आचार्य रामचन्द्र शुक्ल