यण संधि MCQ Quiz - Objective Question with Answer for यण संधि - Download Free PDF

Last updated on Jun 27, 2025

Latest यण संधि MCQ Objective Questions

यण संधि Question 1:

'अत्युक्ति' शब्द में संधि है?

  1. दीर्घ
  2. गुण
  3. यण
  4. अयादि
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : यण

यण संधि Question 1 Detailed Solution

'अत्युक्ति' शब्द में यण संधि है। शेष विकल्प सही नहीं हैं। अतः विकल्प यण’ सही है।

Key Points

  • अति + उक्ति = अत्युक्ति (इ + उ = यु) 
  • यण संधि- 
  • (क) इ, ई के आगे कोई विजातीय (असमान) स्वर होने पर इ ई को ‘य्’ हो जाता है।
  • (ख) उ, ऊ के आगे किसी विजातीय स्वर के आने पर उ ऊ को ‘व्’ हो जाता है।
  • (ग) ‘ऋ’ के आगे किसी विजातीय स्वर के आने पर ऋ को ‘र्’ हो जाता है। इन्हें यण-संधि कहते हैं।

अन्य विकल्प

  • दीर्घ संधि - जब दो सवर्णी स्वर पास-पास आते हैं तो दोनों मिलकर दीर्घ हो जाते हैं।नियम : हस्व या दीर्घ ‘अ’, ‘ई’, ‘उ’, के पश्चात क्रमशः हस्व या दीर्घ ‘अ’, ‘ई’, ‘उ’ स्वर आए तो दोनों को मिलाकर दीर्घ, ‘आ’, ‘ई’, ‘ऊ’, हो जाते हैं।
  • गुण संधियदि ‘अ,’औ’, ‘आ’ के बाद ‘इ’, या ‘ई’ ‘उ’ या ‘ऊ’ और ‘ऋ’ स्वर आए तो दोनों के मिलने से क्रमशः ‘ए’, ‘औ’ और अर हो जाते हैं।
  • अयदि संधियदि ए, ऐ, ओ, औ स्वरों का मेल दूसरे स्वरों से हो तो ए का अय ऐ का आय, ओ, व  अव, तथा औ का आव के रूप में परिवर्तन हो जाता हैं।

 

Additional Information

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।

संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग।

संधि

परिभाषा

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

जैसे -  विद्या + अर्थी = विद्यार्थी; महा + ईश = महेश।

व्यंजन

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

जैसे - अहम् + कार = अहंकार; उत् + लास = उल्लास।

विसर्ग

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

जैसे - दुः + आत्मा =दुरात्मा; निः + कपट =निष्कपट।

यण संधि Question 2:

‘प्रत्याशा’ का संधि-विच्छेद क्या होगा?

  1. प्रत + आशा
  2. प्रती + आशा
  3. प्रति + आशा
  4. प्रत्य + आशा
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : प्रति + आशा

यण संधि Question 2 Detailed Solution

सही उत्तर प्रति+आशा होगा। 

Key Points

  • ‘प्रत्याशा’ का संधि-विच्छेद ‘प्रति+आशा’ होगा।
  • इ + आ= या
  • ‘प्रत्याशा’ में ‘यण’ संधि है क्योंकि जहां पर जब इ, ई के बाद कोई भिन्न स्वर हो तो ‘य’ उ, ऊ के बाद कोई भिन्न स्वर हो तो ‘व्’, ऋ के बाद कोई भिन्न स्वर हो तो ‘र’ में बदल जाता है, वहाँ यण संधि होती है।

यण संधि Question 3:

'अन्वेषण' के लिए सही संधि विच्छेद को चुनिए।

  1. अनु + एषण
  2. अनु + वेषण
  3. अनु + वषण
  4. अन + एषण
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अनु + एषण

यण संधि Question 3 Detailed Solution

'अन्वेषण' का शुद्ध संधि-विच्‍छेद है - अनु + एषण

Key Points

  • 'अन्वेषण' में यण संधि है।
  • अनु + एषण = अन्वेषण (उ + ए = व् + ए), यहाँ 'उ' और 'ए​' के मेल से 'व् + ए' बना है। 
  • जब संधि करते समय इ, ई के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ' य ' बन जाता है, जब उ, ऊ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ' व् ' बन जाता है , जब ऋ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ' र ' बन जाता है।

Additional Information

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर 2. व्यंजन और 3. विसर्ग।

स्वर संधि

दो स्वरों के मेल से उत्पन्न होने वाले विकार को स्वर संधि कहते हैं। इसके इसके पाँच भेद हैं- दीर्घ, गुण, वृद्धि, यण, अयादि।

स्वार्थ = स्व + अर्थ

व्यंजन संधि

व्यंजन के बाद यदि किसी स्वर या व्यंजन के आने से उस व्यंजन में जो विकार / परिवर्तन उत्पन्न होता है वह व्यंजन संधि कहलाता है।

दिग्गज = दिक् + गज

विसर्ग संधि

विसर्ग के साथ स्वर अथवा व्यंजन के मिलने से जो विकार उत्पन्न होता है, उसे विसर्ग संधि कहते हैं।

शिरोमणि = शिर: + मणि

 

यण संधि Question 4:

'अन्वीक्षण' शब्द में सन्धि है :

  1. यण सन्धि
  2. गुण सन्धि
  3. दीर्घ सन्धि
  4. वृद्धि सन्धि
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : यण सन्धि

यण संधि Question 4 Detailed Solution

'अन्वीक्षण' शब्द में यण सन्धि है।Key Points

  • अन्वेषण का संधि विच्छेद अनु + एषण है।
  • 'अन्वीक्षण' शब्द में यण सन्धि है।
  • उ + ए = वे का निर्माण होता है।

यण संधि:-

  • जब संधि करते समय (इ, ई) के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘य्' बन जाता है,
  • जब (उ, ऊ) के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘व्' बन जाता है,
  • जब (ऋ) के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘र्' बनता है, तो उसे यण संधि कहते है। 
  • उदाहरण-

  • इति + आदि = इत्यादि (इ + आ = या )
  • अनु + इत = अन्वित (उ + इ = वि)
  • पितृ + आनंद = पित्रानंद (ऋ + आ = रा)

अन्य विकल्प - 

संधि परिभाषा उदाहरण 
दीर्घ सन्धि जब दो शब्दों की संधि करते समय (अ, आ) के साथ (अ, आ) हो तो ‘आ‘ बनता है, जब (इ, ई) के साथ (इ, ई) हो तो ‘ई‘ बनता है, जब (उ, ऊ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ऊ‘ बनता है, तो उसे दीर्घ संधि कहते है।

धर्म + अर्थ = धर्मार्थ (अ + अ = )

नारी + इंदु = नारींदु (ई + इ = )

 भानु + उदय = भानूदय (उ + उ = ऊ)

गुण सन्धि जब संधि करते समय (अ, आ) के साथ (इ, ई) हो तो ‘ए‘ बनता है, जब (अ, आ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ओ‘ बनता है, जब (अ, आ) के साथ (ऋ) हो तो ‘अर्‘ बनता है तो यह गुण संधि कहलाती है।

नर + ईश= नरेश (अ + ई = ए)

जल + ऊर्मि = जलोर्मि (अ +  = )

महा + ऋषि = महर्षि (आ + ऋ = अर्)

वृद्धि सन्धि जब संधि करते समय जब अ , आ  के साथ  ए , ऐ  हो तो 'ऐ' बनता है और जब अ , आ  के साथ ओ , औ हो तो 'औ' बनता है। उसे वृद्धि संधि कहते हैं। मत + ऐक्य = मतैक्य ( + ऐ = )
वन + औषधि = वनौषधि (  + ओ = )

Additional Information

संधि- दो शब्‍दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है, उसे संधि कहते है। संधि के तीन प्रकार हैं-  

स्‍वर संधि 

स्‍वर वर्ण के साथ स्‍वर वर्ण के मेल से विकार   उत्‍पन्‍न होता है।

जैसे- विद्या + अर्थी   = विद्यार्थी, महा + ईश = महेश।    

व्‍यंजन संधि

एक व्‍यंजन से दूसरे व्‍यंजन या स्‍वर के मेल से विकार उत्‍पन्‍न होता है।

जैसे- अहम् + कार = अहंकार, उत् + लास = उल्‍लास।   

विसर्ग संधि 

विसर्ग के साथ स्‍वर या व्‍यंजन के मेल से विकार उत्‍पन्‍न होता है।

जैसे - दु: + आत्‍मा = दुरात्‍मा,  नि: + कपट = निष्‍कपट।   

यण संधि Question 5:

'देव्यर्थ' का संधि विच्छेद हैं-

  1. देवी + व्यर्थ
  2. देव + व्यर्थ
  3. देव + यर्थ
  4. देवी + अर्थ

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : देवी + अर्थ

यण संधि Question 5 Detailed Solution

'देव्यर्थ' का संधि विच्छेद हैं- देवी + अर्थ

Key Points

  •  "देव्यर्थ" का संधि विच्छेद "देवी + अर्थ" (ई + अ = ) है।
  •  "देव्यर्थ" शब्द में यण सन्धि है।
  • "देव्यर्थ" का अर्थ है "देवी के लिए" या "देवी का"। 

Additional Informationयण संधि:-

  • जब संधि करते समय (इ, ई) के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘य्' बन जाता है,
  • जब (उ, ऊ) के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘व्' बन जाता है,
  • जब (ऋ) के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘र्' बनता है, तो उसे यण संधि कहते है। 

उदाहरण-

  • इति + आदि = इत्यादि (इ + आ = या )
  • अनु + इत = अन्वित (उ + इ = वि)
  • पितृ + आनंद = पित्रानंद (ऋ + आ = रा)

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'मात्रनुमति' शब्द में कौन सी संधि है?

  1. गुण संधि 
  2. यण संधि 
  3. अयादि संधि 
  4. वृद्धि संधि 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : यण संधि 

यण संधि Question 6 Detailed Solution

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सही उत्तर 'यण संधि' है।

  • 'मात्रनुमति' शब्द में यण संधि है।
  • 'मात्रनुमतिका संधि विच्छेद = मातृ + अनुमति
  • 'मात्रनुमतिशब्द में 'ऋ + अ = र' का मेल हो रहा है इसलिए यहां यण संधि है।
  • जब संधि करते समय इ, ई, उ, ऊ या ऋ के साथ यदि असमान स्वर इ, ई का 'य'; उ, ऊ का 'व' और ऋ का 'र' होता है, तो वहां यण संधि होती हैं।

Key Points

अन्य विकल्पों का विश्लेषण:

स्वर संधि के भेद:

दीर्घ स्वर संधि - दो सवर्ण, ह्रस्व या दीर्घ, स्वरों के मेल होने पर दीर्घ स्वर बन जाता है, जैसे – शिव + आलय (अ + आ) = शिवालय, गिरि + इन्द्र (इ + इ) = गिरीन्द्र।

यण स्वर संधि -  इ, ई, उ, ऊ या ऋ का मेल यदि असमान स्वर से हो तो इ, ई का 'य'; उ, ऊ का 'व' और ऋ का 'र' हो जाता है, जैसे - यदि + अपि (इ + अ) = यद्यपि, अनु + एषण = अन्वेषण।

गुण स्वर संधि -  अ, आ के साथ इ, ई का मेल होने पर 'ए'; उ, ऊ का मेल होने पर 'ओ'; तथा ऋ का मेल होने पर 'अर्' हो जाता है, जैसे – देव + इन्द्र (अ + इ) = देवेन्द्र

वृद्धि स्वर संधि - अ, आ का मेल ए, ऐ के साथ होने पर 'ऐ' तथा ओ, औ के साथ होने पर 'औ' में परिवर्तित हो जाता है, जैसे – एक + एक (अ + ए) = एकैक, परम + ओजस्वी (अ + ओ) = परमौजस्वी।

अयादि स्वर संधि- यदि ए, ऐ, ओ, औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ए का अय, ऐ का आय, ओ का अव, औ का आव हो जाता है।  

Additional Information

संधि-दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं। संधि के तीन प्रकार हैं -

स्वर संधि

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – विद्या + अर्थी = विद्यार्थी, महा + ईश = महेश।

व्यंजन संधि

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे - अहम् + कार = अहंकार, उत् + लास = उल्लास।

विसर्ग संधि

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है। जैसे – दुः + आत्मा =दुरात्मा, निः + कपट =निष्कपट।

निम्नलिखित प्रश्न में चार विकल्पों से, उस विकल्प का चयन करें जो सही संधि - विच्छेद वाला विकल्प है।

अत्यधिक 

  1. अ + त्याधिक
  2. अति + अधिक
  3. अत्य + अधिक
  4. अत + अधिक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अति + अधिक

यण संधि Question 7 Detailed Solution

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अत्यधिक का सही संधि - विच्छेद अति + अधिक होता है । यहाँ  स्वर संधि है । अन्य विकल्प असंगत है ।अतः सही उत्तर विकल्प 2 अति + अधिक होगा ।

Key Points

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर संधि

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

जैसे – विद्या + अर्थी = विद्यार्थी, महा + ईश = महेश।

 

Additional Information

स्वर संधि

संधि

परिभाषा

उदाहरण

दीर्घ संधि

दो सवर्ण, ह्रस्व या दीर्घ, स्वरों के मेल होने पर दीर्घ स्वर बन जाता है।

जैसे – शिव + आलय (अ + आ) = शिवालय, गिरि + इन्द्र (इ + इ) = गिरीन्द्र।

गुण संधि

अ, आ के साथ इ, ई का मेल होने पर 'ए'; उ, ऊ का मेल होने पर 'ओ'; तथा ऋ का मेल होने पर 'अर्' हो जाता है।

जैसे – देव + इन्द्र (अ + इ) = देवेन्द्र, देव + ऋषि (अ + ऋ) = देवर्षि।

वृद्धि संधि

अ, आ का मेल ए, ऐ के साथ होने पर 'ऐ' तथा ओ, औ के साथ होने पर 'औ' में परिवर्तित हो जाता है।

जैसे – एक + एक (अ + ए) = एकैक, परम + ओजस्वी (अ + ओ) = परमौजस्वी।

यण संधि

इ, ई, उ, ऊ या ऋ का मेल यदि असमान स्वर से हो तो इ, ई का 'य'; उ, ऊ का 'व' और ऋ का 'र' हो जाता है।

जैसे - यदि + अपि (इ + अ) = यद्यपि, अनु + एषण = अन्वेषण।

अयादी संधि

ए, ऐ तथा ओ, औ का मेल किसी अन्य स्वर के साथ होने से क्रमशः ए का अय्, ऐ का आय, ओ का अव् तथा औ का आव् हो जाता है।

जैसे – ने + अन (ए + अ) = नयन, गै + अक (ऐ + अ) = गायक।

 

 

शब्द 'स्वागत' में कौन-सी संधि है?

  1. गुण संधि
  2. यण संधि
  3. व्यंजन संधि
  4. अयादि संधि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : यण संधि

यण संधि Question 8 Detailed Solution

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शब्द 'स्वागत' में संधि है- 'यण संधि'

  • सु + आगत = स्वागत (उ + आ = वा) 
  • इसमें यण संधि है 
  • 'सु' (अच्छा) उपसर्ग और 'आगत' (आया हुआ) मूलशब्द
  • अर्थ: अभिनंदन, सत्कार, आवभगत, अभिवादन, इस्तिकबाल।  
  • विलोम शब्द- 'तिरस्कार'

Key Pointsयण संधि:- 

  • जब संधि करते समय (इ, ई) के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘य‘ बन जाता है,
  • जब (उ, ऊ) के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘व‘ बन जाता है, जब (ऋ) के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘र‘ बन जाता है।
  • तो इसे यण संधि कहते है।

उदाहरण-

  • अधि + आय = अध्याय (इ + आ = या)
  • अनु + एषण = अन्वेषण (उ + ए = वे)
  • पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा ( ऋ + आ = र )

Additional Information

गुण संधि:-

  • जब संधि करते समय (अ, आ) के साथ (इ, ई) हो तो ‘ए‘ बनता है,
  • जब (अ, आ) के साथ (उ, ऊ) हो तो ‘ओ‘ बनता है,
  • जब (अ, आ) के साथ (ऋ) हो तो ‘अर‘ बनता है तो यह गुण संधि कहलाती है।

उदाहरण-

  • महा + ईश = महेश (आ + ई = ए)
  • ज्ञान + उपदेश = ज्ञानोपदेश (अ + उ = ओ)
  • देव + ऋषि = देवर्षि (अ + ऋ = अर्)

अयादि संधि:-

  • जब संधि करते समय ए , ऐ , ओ , औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो (ए का अय), (ऐ का आय), (ओ का अव), (औ – आव) बन जाता है। यही अयादि संधि कहलाती है।

उदाहरण-

  • ने + अन = नयन (ए + अ = अय)
  • गै + अक = गायक (ऐ + अ = आय)
  • भो + अन = भवन (ओ + अ =अव)
  • भौ + अयति = भावति ( + अ =आव)

व्यंजन संधि:-

  • जब संधि करते समय व्यंजन के साथ स्वर या कोई व्यंजन के मिलने से जो रूप में परिवर्तन होता है, उसे ही व्यंजन संधि कहते हैं।

उदाहरण-

  • दिक् + अम्बर = दिगम्बर (क् + अ = ग)
  • उत् + नति = उन्नति (त् + न = न्न)

‘अभि़ + उदय’ की सन्धि कीजिए।

  1. अभ्युदय
  2. अभ्योदय
  3. अभीउदय
  4. अभिउदय

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अभ्युदय

यण संधि Question 9 Detailed Solution

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‘अभि़ + उदय’ की सन्धि 'अभ्युदय' है, इसमें यण स्वर संधि है और इसका नियम 'इ + उ = य' है। अन्य विकल्प असंगत हैं। अतः सही विकल्प 'अभ्युदय' है।

स्पष्टीकरण

जब इ, ई के आगे कोई विजातीय (असमान) स्वर होने पर इ, ई का ‘य्’ हो जाता है तो वहाँ 'यण स्वर संधि' होती है।

विशेष

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।

संधि

परिभाषा

उदाहरण

यण स्वर संधि

इ, ई, उ, ऊ या ऋ का मेल यदि असमान स्वर से हो तो इ, ई का 'य'; उ, ऊ का 'व' और ऋ का 'र' हो जाता है।

यदि + अपि (इ + अ) = यद्यपि, अनु + एषण = अन्वेषण

 

'अत्यावश्यक' उदाहरण है:

  1. यण् संधि
  2. अयादि संधि
  3. दीर्घ संधि
  4. गुण संधि

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : यण् संधि

यण संधि Question 10 Detailed Solution

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'अत्यावश्यक' शब्द में यण् संधि है। शेष विकल्प असंगत हैं। अतः विकल्प 1 ‘यण् संधि’ सही उत्तर है।

Key Points

  • 'अत्यावश्यक' में यण् संधि है।
  • अति = आवश्यक = अत्यावश्यक' (इ +आ = य), यहाँ '' और 'आ' के मेल से 'यबना है। 
  • जब संधि करते समय इ, ई के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ' य ' बन जाता है, जब उ, ऊ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ' व् ' बन जाता है , जब ऋ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ' र ' बन जाता है।
  •  

अन्य विकल्प - 

संधि

परिभाषा

उदाहरण

गुण संधि

जब संधि करते समय (अ, आ) के साथ (इ, ई) हो तो 'ए' बनता है, जब (अ, आ) के साथ (उ, ऊ) हो तो 'ओ' बनता है, जब (अ, आ) के साथ (ऋ) हो तो 'अर' बनता है तो यह गुण संधि कहलाती है

सर्व + ईक्षण  = सर्वेक्षण

दीर्घ संधि

जब दो शब्दों की संधि करते समय (अ, आ) के साथ (अ, आ) हो तो 'आ' बनता है, जब (इ, ई) के साथ (इ, ई) हो तो 'ई' बनता है, जब (उ, ऊ) के साथ (उ, ऊ) हो तो 'ऊ' बनता है।

पुस्तक + आलय = पुस्तकालय
अयादि संधि

जब संधि करते समय ए , ऐ , ओ , औ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो (ए का अय), (ऐ का आय), (ओ का अव), (औ – आव) बन जाता है। यही अयादि संधि कहलाती है।

नै+ अक = नायक

 

Additional Information

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।

संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

 विद्या + अर्थी = विद्यार्थी 

महा + ईश = महेश

व्यंजन

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

अहम् + कार = अहंकार

उत् + लास = उल्लास

विसर्ग

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

दुः + आत्मा =दुरात्मा

निः + कपट =निष्कपट

 

''व्याकुल' का सन्धि विच्छेद होता है 

  1. व्या + कुल
  2. वि + आकुल
  3. व्या + आकुल
  4. विया + आकुल

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : वि + आकुल

यण संधि Question 11 Detailed Solution

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दिए गए विकल्पों में उचित उत्तर विकल्प 2 'वि + आकुल है। अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं। 

Key Points

 ‘व्याकुल’ शब्द का उचित संधि-विच्छेद ‘वि + आकुल’

  • ​यह यण संधि का उदाहरण है। 

संधि

परिभाषा

उदाहरण

यण  संधि

जब इ, ई, उ, ऊ, ऋ के आगे कोई भिन्न स्वर आता है तो ये क्रमश: य, व, र, ल् में परिवर्तित हो जाते हैं, इस परिवर्तन को यण सन्धि कहते हैं।

व्याकुल – वि + आकुल 

Additional Information 

संधि

परिभाषा

यण संधि

जब इ, ई, उ, ऊ, ऋ के आगे कोई भिन्न स्वर आता है तो ये क्रमश: य, व, र, ल् में परिवर्तित हो जाते हैं, इस परिवर्तन को यण सन्धि कहते हैं।

 दीर्घ संधि

जब दो शब्दों की संधि करते समय (अ, आ) के साथ (अ, आ) हो तो 'आ' बनता है, जब (इ, ई) के साथ (इ, ई) हो तो 'ई' बनता है, जब (उ, ऊ) के साथ (उ, ऊ) हो तो 'ऊ' बनता है।

व्यंजन संधि

जब दो वर्णों में संधि होती है तो उनमे से पहला यदि व्यंजन होता है और दूसरा स्वर या व्यंजन होता है तो उसे हम व्यंजन संधि कहते हैं।

‘यद्यपि’ का संधि विच्छेद है:

  1. यदि + अपि
  2. अति + पि
  3. यदा + अपि
  4. यति + अपी

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : यदि + अपि

यण संधि Question 12 Detailed Solution

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'यद्यपि' का सही संधि विच्छेद है - यदि + अपि। शेष विकल्प त्रुटिपूर्ण हैं। अतः विकल्प 1 यदि + अपि सही है।

Key Points

  • 'यद्यपि' में यण संधि है। 
  • यदि + अपि = यद्यपि (इ + अ = य् ), यहाँ 'इ' और 'अ' के मेल से 'यबना है। 
  • यण संधि  में  संधि करते समय इ, ई के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ' य ' बन जाता है,
  • जब उ, ऊ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ' व् ' बन जाता है ,
  • जब ऋ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ' र ' बन जाता है।

Additional Information

संधि - दो शब्दों के मेल से जो विकार (परिवर्तन) होता है उसे संधि कहते हैं।

संधि के तीन प्रकार हैं - 1. स्वर, 2. व्यंजन और 3. विसर्ग,

संधि

परिभाषा

उदाहरण

स्वर

स्वर वर्ण के साथ स्वर वर्ण के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

 विद्या + अर्थी = विद्यार्थी 

महा + ईश = महेश

व्यंजन

एक व्यंजन से दूसरे व्यंजन या स्वर के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

अहम् + कार = अहंकार

उत् + लास = उल्लास

विसर्ग

विसर्ग के साथ स्वर या व्यंजन के मेल से विकार उत्पन्न होता है।

दुः + आत्मा =दुरात्मा

निः + कपट =निष्कपट

'व्याप्त' का संधि-विच्छेद होगा:

  1. वि + अप्त
  2. वि + आप्त
  3. व्यय + अप्त
  4. व्यय + आप्त

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : वि + आप्त

यण संधि Question 13 Detailed Solution

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'व्याप्त' का संधि-विच्छेद होगा- 'वि + आप्त'

  • वि + आप्त = व्याप्त (इ + आ = या)
  • व्याप्त शब्द में यण संधि है। 
  • अर्थ: सब ओर से आच्छादित या ढका हुआ
  • विलोम शब्द - 'अव्याप्त'

Key Pointsयण संधि:- 

  • जब संधि करते समय (इ, ई) के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘ य ‘ बन जाता है,
  • जब (उ, ऊ) के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘ व् ‘ बन जाता है , जब (ऋ) के साथ कोई अन्य स्वर हो तो  र ‘ बन जाता है।

उदाहरण-

  • अधि + अयन = अध्ययन (इ + अ = य)
  • अनु + एषण = अन्वेषण (उ + ए = व्)
  •  पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा (ऋ + आ = र)

'अन्वय' का संधि विच्छेद होगा:-

  1. अनु + एव
  2. अन् + वय
  3. अनू + अय
  4. अनु + अय

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : अनु + अय

यण संधि Question 14 Detailed Solution

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अन्वय' का संधि विच्छेद होगा:- 'अनु + अय'

  • अनु + अय = अन्वय
  • अन्वय शब्द में यण संधि है
  • 'अनु' (पीछे) उपसर्ग और 'अय' (गति) मूल शब्द है।
  • अर्थ: शब्दों का तर्कपूर्ण क्रम। 
  • विलोम शब्द- 'अनन्वय'
    • अर्थ: ​संबंध का अभाव।

Key Pointsयण संधि:-

  • जब संधि करते समय इ, ई के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘य‘ बन जाता है,
  • जब उ, ऊ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘व‘ बन जाता है , जबके साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘र‘ बन जाता है, तो उसे यण संधि कहते है
  • जैसे-
    • अति + अधिक = अत्यधिक (इ + अ = य)

Additional Informationकुछ महत्वपूर्ण उदाहरण:-

  • प्रति + अक्ष = प्रत्यक्ष (इ + अ = य)
  • अधि + अयन = अध्ययन (इ + अ = य)
  • अनु + एषण = अन्वेषण (उ + ए = व)
  • सु + अच्छ = स्वच्छ (उ + ए = व)
  • पितृ + आज्ञा = पित्राज्ञा (ऋ + आ = र)
  • मातृ + आदेश = मात्रादेश (ऋ + आ = र)

'गत्यंतर' शब्द का सर्वाधिक उपयुक्त संधि-विच्छेद है-  

  1. गति + अंतर 
  2. गत्य + अंतर 
  3. गत + यंतर 
  4. गत् + अंतर

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : गति + अंतर 

यण संधि Question 15 Detailed Solution

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'गत्यंतर' शब्द का सर्वाधिक उपयुक्त संधि-विच्छेद है-  गति + अंतर 

  • (इ +अ = य)।
  • इसमें यण संधि है। 

Key Points

संधि

परिभाषा

उदहारण

यण संधि

जब संधि करते समय इ, ई के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘य‘ बन जाता है, जब उ, ऊ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘व्‘ बन जाता है , जब ऋ के साथ कोई अन्य स्वर हो तो ‘र‘ बन जाता है।

अधि + आय : अध्याय

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