तत्पुरुष समास MCQ Quiz in தமிழ் - Objective Question with Answer for तत्पुरुष समास - இலவச PDF ஐப் பதிவிறக்கவும்
Last updated on Mar 19, 2025
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तत्पुरुष समास Question 1:
निम्नलिखित में से अपादान तत्पुरुष का उदाहरण कौनसा है?
Answer (Detailed Solution Below)
तत्पुरुष समास Question 1 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में से अपादान तत्पुरुष का उदाहरण "सेवानिवृत्त" है।
Key Points
- सेवानिवृत्ति का समास विग्रह - सेवा (से) निवृत्त।
- जिसका प्रथम पद अपादान के चिह्न (से) युक्त हो।
- उसे अपादान तत्पुरुष कहते हैं।
- अपादान तत्पुरुष ( चिन्ह-‘से’ अलग होने के अर्थ में)
अन्य विकल्प -
समस्त पद | समास विग्रह | समास का प्रकार |
श्रमजीवी | श्रम से जीवित रहनेवाला | करण तत्पुरुष समास |
जनहित | जन के लिए हित | सम्प्रदान तत्पुरुष समास |
ग्रामोत्थान | ग्राम का उत्थान | सम्बन्ध तत्पुरुष समास |
Additional Information
- तत्पुरुष समास - जिस समास में बाद का अथवा उत्तरपद प्रधान होता है।
- तथा दोनों पदों के बीच का कारक-चिह्न लुप्त हो जाता है, उसे तत्पुरुष समास कहते है।
तत्पुरुष समास के भेद -
तत्पुरुष समास के प्रकार | परिभाषा | उदाहरण |
कर्म तत्पुरुष | जिसके पहले पद के साथ कर्म कारक के चिह्न (को) लगे हों। उसे कर्म तत्पुरुष कहते हैं। | गगनचुंबी = गगन को चूमने वाला |
करण तत्पुरुष | जिसके प्रथम पद के साथ करण कारक की विभक्ति (से/द्वारा) लगी हो। उसे करण तत्पुरुष कहते हैं। |
सूररचित = सूर द्वारा रचित |
सम्प्रदान तत्पुरुष | जिसके प्रथम पद के साथ सम्प्रदान कारक के चिह्न (को/के लिए) लगे हों। उसे सम्प्रदान तत्पुरुष कहते हैं। | देशभक्ति = देश (के लिए) भक्ति |
अपादान तत्पुरुष | जिसका प्रथम पद अपादान के चिह्न (से) युक्त हो। उसे अपादान तत्पुरुष कहते हैं। | नेत्रहीन = नेत्र (से) हीन |
सम्बन्ध तत्पुरुष | जिसके प्रथम पद के साथ संबंधकारक के चिह्न (का, के, की) लगी हो। उसे संबंधकारक तत्पुरुष कहते हैं। | राजदरबार = राजा का दरबार |
अधिकरण तत्पुरुष | जिसके पहले पद के साथ अधिकरण के चिह्न (में, पर) लगी हो। उसे अधिकरण तत्पुरुष कहते हैं। | गृहप्रवेश गृह में प्रवेश |
तत्पुरुष समास Question 2:
‘जेबकतरा' किस प्रकार का समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
तत्पुरुष समास Question 2 Detailed Solution
‘जेबकतरा' - "कर्म तत्पुरूष समास"
‘जेबकतरा'- जेब को काटने वाला।
कर्म कारक विभक्ति "को" का लोप।
Key Points
- तत्पुरुष समास- 'उत्तर पद प्रधान होता'।
- पहचान- "कारक चिन्ह" का लोप हों जाना।
तत्पुरुष समास के भेद- 6 भेद
- कर्म तत्पुरुष- कर्म कारक विभक्ति "को" का लोप। उदाहरण- ‘जेबकतरा'।
- करण तत्पुरुष- करण कारक विभक्ति "से", "के द्वारा" का लोप। उदाहरण- 'भयाकुल'।
- सम्प्रदान तत्पुरुष - सम्प्रदान कारक की विभक्ति "के लिए" का लोप। उदाहरण- 'गौशाला'।
- अपादान तत्पुरुष- अपादान कारक की विभक्ति "से" (अलग होने का भाव) का लोप। उदाहरण- 'गुणहीन'।
- संबंध तत्पुरुष- संबंध कारक की विभक्ति "का" "की", "के" का लोप। उदाहरण- 'देशरक्षा'।
- अधिकरण तत्पुरुष- अधिकरण कारक की विभक्ति "मे", "पर" का लोप। उदाहरण- 'लोकप्रिय'।
Additional Informationसमास- दो या दो से अधिक शब्दों से मिलकर बने नये सार्थक शब्द को समास कहते है।
समास भेद- 6 भेद होते हैं।
- 1.अव्ययीभाव समास- 'पहला पद प्रधान तथा अव्यय होता है'
- उदाहरण- प्रतिदिन, यथासंभव
- 2.द्विगु समास- 'उत्तर पद प्रधान होता'।
- उदाहरण- 'चौराहा' शब्द में 'चार राहों के समूह' का ज्ञान हो रहा है।
- 3.तत्पुरुष समास- 'उत्तर पद प्रधान होता'।
- उदाहरण- गगनचुम्बी
- 4.बहुब्रीहि समास- 'अन्य पद प्रधान होता'।
- जैसे- 'लंबोदर' "लंबा है उदर जिसका" अर्थात् "गणेश जी"।
- 5.कर्मधारय समास- 'उत्तर पद प्रधान होता'।
- उदाहरण- 'नीलकंठ' "नीला है जो कंठ"।
- 6.द्वंद्व समास- दोनों पद प्रधान होते है।
- उदाहरण- 'जलवायु' "जल और वायु"।
Mistake Points
- कारक चिन्ह- "से" करण विभक्ति मे 'साधन के तौर पर' तथा,अपादान विभक्ति मे 'अलगाव' होने का भाव' मे लगता।
तत्पुरुष समास Question 3:
'गुरुदक्षिणा' शब्द में कौन सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
तत्पुरुष समास Question 3 Detailed Solution
"गुरुदक्षिणा" शब्द में तत्पुरुष समास है।
- गुरुदक्षिणा शब्द में तत्पुरुष समास है।
- गुरूदक्षिणा
- समास विग्रह :- गुरू के लिए दक्षिणा
- समास :- सम्प्रदान तत्पुरुष समास
- तत्पुरुष समास
- वह समास, जिसका उत्तरपद या अंतिम पद प्रधान हो।
- अर्थात् प्रथम पद गौण हो और उत्तरपद की प्रधानता हो।
समास - समास उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें दो शब्द मिलाकर उनके बीच के संबंधसूचक आदि का लोप करके नया शब्द बनाया जाता है। समास से तात्पर्य 'संक्षिप्तीकरण' से है। समास के माध्यम से कम शब्दों में अधिक अर्थ प्रकट किया जाता है। जैसे - राजा का पुत्र – राजपुत्र, समास के छःप्रकार हैं - |
||
समास का नाम |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष समास |
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिह्न) का लोप हो। |
धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत। |
बहुव्रीहि समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात शिव। |
कर्मधारय समास |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो। पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव। |
द्विगु समास |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
दो पहरों का समूह = दोपहर, तीनों लोकों का समाहार = त्रिलोक। |
अव्यययीभाव समास |
जिस समास में पहला पद प्रधान हो और समस्त शब्द अव्यय का काम करे। |
प्रति + दिन = प्रतिदिन, एक + एक = एकाएक |
द्वंद्व समास |
द्वन्द्व समास में समस्तपद के दोनों पद प्रधान हों या दोनों पद सामान हों एवं दोंनों पदों को मिलाते समय "और, अथवा, या, एवं" आदि योजक लुप्त हो जाएँ, वह समास द्वंद्व समास कहलाता है। |
माता- पिता = माता और पिता, हाँ- न = हाँ या न |
तत्पुरुष समास Question 4:
'शरणागत' में तत्पुरुष समास का कौन सा रूप है ?
Answer (Detailed Solution Below)
तत्पुरुष समास Question 4 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में से कर्म तत्पुरुष सही है। अन्य सभी विकल्प गलत हैं।
- कर्म तत्पुरुष - जिस समास का उत्तरपद अर्थात अंतिम पद प्रधान हो और पूर्वपद गौण एवं 'को' चिह्न का लोप हो वहां कर्म तत्पुरुष समास होता है।
- जैसे - स्वर्गप्राप्त = स्वर्ग को प्राप्त
Key Points
- 'शरणागत' का समास विग्रह : शरण को आगत या आया हुआ ।
- तत्पुरुष समास - जिस समास का अंतिम पद अर्थात उत्तर पद प्रधान हो उसे तत्पुरुष समास कहते हैं।
- तत्पुरुष समास के 6 भेद होते हैं।
- कर्म तत्पुरुष
- करण तत्पुरुष
- सम्प्रदान तत्पुरुष
- अपादान तत्पुरुष
- संबंध तत्पुरुष
- अधिकरण तत्पुरुष
Additional Information
- सम्प्रदान तत्पुरुष - जिस तत्पुरुष समास में सम्प्रदान कारक के कारक चिन्ह (के लिए) का लोप हुआ हो उसे सम्प्रदान तत्पुरुष समास कहते हैं।
- जैसे - गुरुदक्षिणा = गुरु के लिए दक्षिणा
- अपादान तत्पुरुष- जिस तत्पुरुष समास में अपादान कारक के कारक चिन्ह (से अलग होने के अर्थ में) का लोप हुआ हो उसे अपादान तत्पुरुष समास कहते हैं।
- जैसे - ऋणमुक्त = ऋण से मुक्त
- अधिकरण तत्पुरुष - जिस तत्पुरुष समास में अधिकरण कारक के कारक चिन्ह (में, पर) का लोप हुआ हो उसे अधिकरण तत्पुरुष समास कहते हैं।
- जैसे- वनवास = वन में वास
तत्पुरुष समास Question 5:
'सूर्योदय' में कौनसा समास है-
Answer (Detailed Solution Below)
तत्पुरुष समास Question 5 Detailed Solution
'सूर्योदय' में समास है- 'संबंध तत्पुरुष'
- 'सूर्योदय' का समास विग्रह है- सूर्य का उदय (यहाँ पर सूर्य का सम्बन्ध उदय होने से है।)
- जिस तत्पुरुष समास में संबंध कारक के कारक चिन्ह (का, के, की) का लोप हुआ हो उसे संबंध तत्पुरुष समास कहते हैं।
उदाहरण -
- पराधीन = दूसरों के आधीन
- सेनापति = सेना का पति
- देशरक्षा = देश की रक्षा
Key Pointsतत्पुरुष समास के भेद-
- कर्म तत्पुरुष समास
- करण तत्पुरुष समास
- सम्प्रदान तत्पुरुष समास
- अपादान तत्पुरुष समास
- सम्बंध तत्पुरुष समास
- अधिकरण तत्पुरुष समास
कर्म तत्पुरुष:-
उदाहरण -
करण तत्पुरुष:-
उदाहरण -
सम्प्रदान तत्पुरुष:-
उदाहरण -
|
Additional Information तत्पुरूष:-
- तत्पुरुष समास वह होता है, जिसमें उत्तरपद प्रधान होता है, अर्थात प्रथम पद गौण होता है
- एवं उत्तर पद की प्रधानता होती है व समास करते वक़्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है।
-
इस समास में आने वाले कारक चिन्हों को, से, के लिए, से, का/के/की, में, पर आदि का लोप होता है।
उदाहरण-
- भुखमरा = भूख से मरा
- आपबीती = आप पर बीती
- भारतरत्न = भारत का रत्न
तत्पुरुष समास Question 6:
'भयमुक्त' में कौनसा समास है-
Answer (Detailed Solution Below)
तत्पुरुष समास Question 6 Detailed Solution
'भयमुक्त' में समास है- 'अपादान तत्पुरुष'
- 'भयमुक्त' का समास विग्रह है- भय से मुक्त
- (यहाँ पर 'भय' से अलग होने की बात की गयी है, अत: यह अपादान तत्पुरुष समास के अंतर्गत आएगा।)
अपादान तत्पुरुष-
- जिस तत्पुरुष समास में अपादान कारक के कारक चिन्ह (से अलग होने के अर्थ में) का लोप हुआ हो उसे अपादान तत्पुरुष समास कहते हैं।
उदाहरण -
- ऋणमुक्त = ऋण से मुक्त
- दोषमुक्त = दोष से मुक्त
Key Pointsतत्पुरुष समास के भेद-
- कर्म तत्पुरुष समास
- करण तत्पुरुष समास
- सम्प्रदान तत्पुरुष समास
- अपादान तत्पुरुष समास
- सम्बंध तत्पुरुष समास
- अधिकरण तत्पुरुष समास
Important Points
कर्म तत्पुरुष:-
उदाहरण -
करण तत्पुरुष:-
उदाहरण -
सम्प्रदान तत्पुरुष:-
उदाहरण -
|
Additional Informationतत्पुरूष:-
- तत्पुरुष समास वह होता है, जिसमें उत्तरपद प्रधान होता है, अर्थात प्रथम पद गौण होता है
- एवं उत्तर पद की प्रधानता होती है व समास करते वक़्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है।
-
इस समास में आने वाले कारक चिन्हों को, से, के लिए, से, का/के/की, में, पर आदि का लोप होता है।
उदाहरण-
- धनहीन = धन से हीन
- रसोईघर = रसोई के लिए घर
- गगनचुम्बी = गगन को चूमने वाला।
तत्पुरुष समास Question 7:
मुंबई में गगनचुम्बी इमारतें बहुत हैं।
रेखांकित शब्द में कौन सा समास समाहित है?
Answer (Detailed Solution Below)
तत्पुरुष समास Question 7 Detailed Solution
दिए गए विकल्पों में सही उत्तर विकल्प 1 ‘तत्पुरुष समास’ होगा। अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points
- ‘गगनचुंबी’ अर्थात ‘गगन (को) चूमने वाला। यह कर्म तत्पुरुष समास का उदाहरण है, जो तत्पुरुष समास का एक भेद है।
- तत्पुरुष समास में प्रथम पद गौण और उत्तर पद की प्रधानता होती है।
- द्वितीय पद, अर्थात बादवाले पद के विशेष्य होने के कारण इस समास में उसकी प्रधानता रहती है।
- समास करते वक्त बीच की विभक्ति का लोप हो जाता है।
- तत्पुरुष समास के छ: भेद होते हैं-
- कर्म तत्पुरुष
- करण तत्पुरुष
- सम्प्रदान तत्पुरुष
- अपादान तत्पुरुष
- सम्बन्ध तत्पुरुष
- अधिकरण तत्पुरुष
Additional Information
अव्ययीभाव समास |
जिस समास का पहला पद (पूर्वपद) अव्यय तथा प्रधान हो, उसे अव्ययीभाव समास कहते है। |
यथाशक्ति- शक्ति के अनुसार |
कर्मधारय समास |
पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य होता है अथवा इसके पूर्वपद और उत्तर पद में उपमान और उपमेय का संबंध होता है। |
नवयुवक- नव है जो युवक |
द्विगु समास |
जिस समास में पूर्वपद (पहला पद) संख्यावाचक विशेषण हो। |
चौराहा- चार राहों का समूह |
तत्पुरुष समास Question 8:
किस शब्द में 'करण तत्पुरुष' समास नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
तत्पुरुष समास Question 8 Detailed Solution
पदच्युत , शब्द में 'करण तत्पुरुष' समास नहीं है। अन्य विकल्प असंगत है। अतः सही उत्तर विकल्प 4) पदच्युत होगा ।Key Points
- मनमाना - मन से माना हुआ / मन के द्वारा माना हुआ. करण तत्पुरुष समास ( से, के द्वारा )
- ईश्वरदत्त -
ईश्वर द्वारा दत्त (करण तत्पुरुष समास) - तुलसीकृत- तुलसी द्वारा कृत ( करण तत्पुरुष समास )
- पदच्युत - पद से हटा हुआ (अपादान).
Additional Information
समास |
परिभाषा |
उदाहरण |
तत्पुरुष समास |
जिस समास में उत्तरपद प्रधान हो तथा समास करने के उपरांत विभक्ति (कारक चिन्ह) का लोप हो। |
जैसे – धर्म का ग्रन्थ = धर्मग्रन्थ, तुलसीदास द्वारा कृत = तुलसीदासकृत। |
Important Points
कारक |
|||
* संज्ञा या सर्वनाम के जिस रूप से उनका (संज्ञा या सर्वनाम का) क्रिया से सम्बन्ध सूचित हो, उस रूप को 'कारक' कहते हैं। |
|||
कारक के विभक्ति चिन्ह |
|||
कारक |
लक्षण |
चिह्न |
कारक-चिह्न या विभक्तियाँ |
1. कर्ता |
जो काम करें |
ने |
प्रथमा |
2. कर्म |
जिस पर क्रिया का फल पड़े |
को |
द्वितीया |
3. करण |
काम करने (क्रिया) का साधन |
से, के द्वारा |
तृतीया |
4. सम्प्रदान |
जिसके लिए किया की जाए |
को,के लिए |
चतुर्थी |
5. अपादान |
जिससे कोई वस्तु अलग हो |
से (अलग के अर्थ में) |
पंचमी |
6. सम्बन्ध |
जो एक शब्द का दूसरे से सम्बन्ध जोड़े |
का, की, के, रा, री, रे |
षष्ठी |
7. अधिकरण |
जो क्रिया का आधार हो |
में,पर |
सप्तमी |
8. सम्बोधन |
जिससे किसी को पुकारा जाये |
हे! अरे! हो! |
सम्बोधन |
तत्पुरुष समास Question 9:
'पुत्रशोक' में कौन-सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
तत्पुरुष समास Question 9 Detailed Solution
'पुत्रशोक' में तत्पुरुष समास है।
- पुत्रशोक - पुत्र के लिए शोक
- वाक्य प्रयोग - श्यामलाल पुत्रशोक में पागल हो गया।
- तत्पुरुष समास - इस समास में प्रथम पद गौण तथा द्वितीय पद प्रधान होता है।
- उदाहरण -
- अकालपीड़ित = अकाल से पीड़ित
- गृहप्रवेश = गृह में प्रवेश
Important Pointsतत्पुरुष समास के भेद -
तत्पुरुष समास के भेद |
विभक्ति लोप |
उदाहरण |
कर्म तत्पुरुष समास |
इसमें कर्म कारक की विभक्ति 'को' का लोप हो जाता है। |
गृहागत = गृह को आगत |
करण तत्पुरुष समास |
इसमें करण कारक की विभक्ति 'से' का लोप हो जाता है। |
कामचोर = काम से चोर |
संप्रदान तत्पुरुष समास |
इसमें संप्रदान कारक की विभक्ति 'के लिए' का लोप हो जाता है। |
हथघड़ी = हाथ के लिए घड़ी |
अपादान तत्पुरुष समास |
इसमें अपादान कारक की विभक्ति 'से' पृथक का लोप हो जाता है। |
नेत्रहीन = नेत्र से हीन |
सम्बन्ध तत्पुरुष समास |
सम्बन्ध कारक के चिन्ह या विभक्ति 'का, के, की' का लोप होता है। |
प्रसंगानुसार = प्रसंग के अनुसार |
अधिकरण तत्पुरुष समास |
इसमें अधिकरण कारक की विभक्ति 'में, पर, पे' का लोप हो जाता है। |
पुरुषोत्तम = पुरुषों में उत्तम |
Additional Information
- दो या दो से अधिक सार्थक शब्दों के परस्पर मेल को समास कहते है।
समास के छ: भेद हैं-
समास |
परिभाषा |
समास-विग्रह उदाहरण |
द्वंद्व समास |
इस समास में दोनों पद प्रधान होते हैं। इसमें तथा, और, या, अथवा आदि शब्दों का लोप हो जाता है। |
शस्त्रास्त्र = शस्त्र और अस्त्र |
द्विगु समास |
इस समास में पहला पद संख्यावाचक विशेषण होता है और दूसरा पद उसका विशेष्य होता है। |
अठन्नी = आठ आनों का समूह |
तत्पुरुष समास |
इस समास में प्रथम पद गौण तथा द्वितीय पद प्रधान होता है। |
चर्मरोग = चर्म का रोग जन्मान्ध = जन्म से अन्धा |
कर्मधारय समास |
इस समास में पहला पद विशेषण और दूसरा पद विशेष्य हो अथवा एक पद उपमान तथा दूसरा पद उपमेय हो |
चरणकमल = कमल के समान चरण |
अव्ययीभाव समास |
इस समास में पहला पद अव्यय होता है और पहला पद प्रधान भी होता है। |
यथायोग्य = योग्यता के अनुसार |
बहुव्रीहि समास |
इस समास में कोई भी पद प्रधान नहीं होता बल्कि समस्त पद किसी अन्य के विशेषण का कार्य करते हैं। |
दीर्घबाहु- दीर्घ हैं बाहु जिसके अर्थात् विष्णु |
तत्पुरुष समास Question 10:
‘जनप्रिय’ शब्द में कौन सा समास है?
Answer (Detailed Solution Below)
तत्पुरुष समास Question 10 Detailed Solution
‘जनप्रिय’ में कर्म तत्पुरुष समास होगा।
जनप्रिय का समास विग्रह - जन को प्रिय
Key Points
कर्मतत्पुरुष समास |
जिस समास दो पदों में कर्म कारक छुपा हुआ होता है इसका विभक्ति चिन्ह ‘को’ होता है। |
माखनचोर= माखन को चुराने वाला देशगत= देश को गया हुआ |
Additional Information
समास का नाम |
परिभाषा |
उदाहरण |
बहुब्रीहि समास |
जिस समास में दोनों पद प्रधान नहीं होते हैं और दोनों पद मिलकर किसी अन्य विशेष अर्थ की ओर संकेत कर रहे होते हैं। |
जो महान वीर है = महावीर अर्थात हनुमान, तीन आँखों वाला = त्रिलोचन अर्थात् शिव। |
अव्ययीभाव समास |
प्रथम पद अव्यय हो और उसका अर्थ प्रधान हो, अव्ययीभाव समास कहलाता है। |
प्रतिवर्ष=हर वर्ष आजन्म=जन्म से लेकर |
कर्मधारय समास |
जिस समास के दोनों शब्दों के बीच विशेषण-विशेष्य अथवा उपमान-उपमेय का सम्बन्ध हो, पहचान: विग्रह करने पर दोनों पद के मध्य में 'है जो', 'के समान' आदि आते हैं। |
कमल के समान नयन = कमलनयन, महान है जो देव = महादेव। |