शुक्लोत्तर युगीन निबन्ध MCQ Quiz in தமிழ் - Objective Question with Answer for शुक्लोत्तर युगीन निबन्ध - இலவச PDF ஐப் பதிவிறக்கவும்

Last updated on Apr 1, 2025

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Latest शुक्लोत्तर युगीन निबन्ध MCQ Objective Questions

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शुक्लोत्तर युगीन निबन्ध Question 1:

''हमारे समाज के पुरुष के विवेकहीन जीवन का चित्र देखना हो तो, विवाह के समय गुलाब-सी खिली हुई, स्वस्थ बालिका को पांच वर्ष बाद देख लीजिए। उस समय अममय प्रौढ़ हुई दुर्बल संतानों की रोगिणी पीली माता में कौन-सी विवशता, कौन-सी रूला देनेवाली करुणा न मिले।"

उपरोक्त कथन किस लेखिका का है ?

  1. रमणिका गुप्‍ता
  2. मन्नू भंडारी
  3. प्रभा खेतान
  4. महादेवी वर्मा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : महादेवी वर्मा

शुक्लोत्तर युगीन निबन्ध Question 1 Detailed Solution

  • यह कथन छायावाद की प्रमुख लेखिका महादेवी वर्मा का है।
  • यह पंक्तियां उनके निबंध संग्रह श्रृंखला की कड़ियां से ली गईं हैंI

Key Points
  • महादेवी वर्मा छायावाद के चार प्रमुख स्तंभों में से एक हैंI
  • यह निबंध संग्रह नारीवादी निबंधों के लिए महत्वपूर्ण हैI
  • प्रकाशन वर्ष - 1943

Important Points

  • महादेवी वर्मा - जन्म - 26 मार्च, 1907
  • मृत्यु - 11 सितंबर, 1987

 

  • कविता संग्रह -
  1. नीहार (1930)
  2. रश्मि (1932)
  3. नीरजा (1934)
  4. सांध्यगीत (1936)
  5. दीपशिखा (1942),
  6. सप्तपर्णा (अनूदित 1959)
  7. प्रथम आयाम (1974)
  8. अग्निरेखा (1990)

  • कथेतर -
  1. अतीत के चलचित्र (1941)
  2. स्मृति की रेखाएं (1943)
  3. श्रृंखला की कड़ियां (1943)
  4. मेरा परिवार
  5. पथ के साथी (1956 )

 

Additional Information

  • रमणिका गुप्ता आदिवासी रचनाकार हैंI
  • मुख्य कृति -
  1. हादसे ( आत्मकथा भाग 1 )
  2. आपहुदरी (आत्मकथा भाग 2)
  3. आदिवासी कौन ?

 

  • मन्नू भंडारी तथा प्रभा खेतान नारीवादी लेखिका हैं।
  • मन्नू भंडारी - एक कहानी यह भी (आत्मकथा), आपका बंटी (उपन्यास), मैं हार गई (कहानी), यही सच है (कहानी), त्रिशंकु (कहानी)
  • प्रभा खेतान - अन्या से अनन्या (आत्मकथा), छिन्नमस्ता (उपन्यास),

शुक्लोत्तर युगीन निबन्ध Question 2:

जन्मकाल के अनुसार निम्नलिखित निबन्धकारों का सही क्रम है।

(A) रामवृक्ष बेनीपुरी

(B) नलिन विलोचन शर्मा

(C) रामविलास शर्मा

(D) नंद दुलारे वाजपेयी

 नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए :

  1. (A), (D), (C), (B)
  2. (A), (B), (C), (D)
  3. (B), (C), (D), (A)
  4. (C), (D), (A), (B)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : (A), (D), (C), (B)

शुक्लोत्तर युगीन निबन्ध Question 2 Detailed Solution

जन्मकाल के अनुसार निम्नलिखित निबन्धकारों का सही क्रम है-(A) रामवृक्ष बेनीपुरी,(D) नंद दुलारे वाजपेयी,(C) रामविलास शर्मा,(B) नलिन विलोचन शर्मा

Key Points

निबंधकार  जन्मकाल 
रामवृक्ष बेनीपुरी (1899-1968ई.)
नंद दुलारे वाजपेयी (1906-1967ई.)
रामविलास शर्मा (1912-2000ई.)
नलिन विलोचन शर्मा (1916-1961ई.)

Important Points

  • रामवृक्ष बेनीपुरी के निबंध-गेहूँ और गुलाब(1950),वन्दे वाणी विनायको(1954)आदि।
  • नंद दुलारे वाजपेयी के निबंध-हिंदी साहित्य:बीसवीं शताब्दी(1942),नया साहित्य नये प्रश्न(1955),नयी कविता(1976),रस सिद्धान्त(1977)आदि।
  • रामविलास शर्मा के निबंध-प्रगति और परंपरा(1949),साहित्य और संस्कृति(1949),भाषा,साहित्य और संस्कृति(1954),प्रगतिशील साहित्य की समस्याएं(1954),आस्था और सौंदर्य(1961)आदि।
  • नलिन विलोचन शर्मा के निबंध-मानदण्ड(1963)आदि।

Additional Information

  • शुक्ल-'यदि गद्य कवियों य्य लेखकों की कसौटी है तो निबन्ध गद्य की कसौटी है।भाषा की पूर्ण शक्ति का विकास निबंधो में ही सबसे अधिक संभव है।"

शुक्लोत्तर युगीन निबन्ध Question 3:

कुबेरनाथ राय की कौन-सी ललित-निबंध कृति नहीं है?

  1. वाणी का क्षीरसागर
  2. पत्र मणिपुतुल के नाम
  3. जगत् तपोवन सो कियो
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 5 : उपर्युक्त में से कोई नहीं

शुक्लोत्तर युगीन निबन्ध Question 3 Detailed Solution

सही उत्तर है- उपर्युक्त में से कोई नहीं

Key Pointsकुबेरनाथ राय- 

  • जन्म- 1933- 2016 ईo
  • इनके निबंधों में भारतीय संस्कृति और भारतीय चिंतन के विभिन्न पक्षों की पहचान और व्याख्या की है।
  • निबंध संग्रह- 
    • प्रिया नीलकंठी (1969)
    • रस आखेटक (1971 )
    • गंधमादन (1972)
    • विषाद योग (1973)
    • निषाद बाँसुरी (1974)
    • पर्ण मुकुट (1978)
    • महाकवि की तर्जनी (1979)

शुक्लोत्तर युगीन निबन्ध Question 4:

हरिशंकर परसाई के निबंध-संग्रहों का सही अनुक्रम है :

  1. पगडंडियों का जमाना, ठिठुरता हुआ गणतंत्र, विकलांग श्रद्धा का दौर
  2. ठिठुरता हुआ गणतंत्र, पगडंडियों का जमाना, विकलांग श्रद्धा का दौर
  3. विकलांग श्रद्धा का दौर, पगडंडियों का जमाना, ठिठुरता हुआ गणतंत्र
  4. ठिठुरता हुआ गणतंत्र, विकलांग श्रद्धा का दौर, पगडंडियों का जमाना

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : पगडंडियों का जमाना, ठिठुरता हुआ गणतंत्र, विकलांग श्रद्धा का दौर

शुक्लोत्तर युगीन निबन्ध Question 4 Detailed Solution

हरिशंकर परसाई के निबंध-संग्रहों का सही अनुक्रम है :-पगडंडियों का जमाना, ठिठुरता हुआ गणतंत्र, विकलांग श्रद्धा का दौर

  • पगडंडियों का जमाना - (1966ई०)
  • ठिठुरता हुआ गणतंत्र - (1970ई०)
  • विकलांग श्रद्धा का दौर - र(1980ई०)

Key Points

हरिशंकर परसाई -

  • प्रसिद्धि - हिंदी के प्रसिद्ध लेखक और व्यंगकार
  • प्रमुख रचनाएं -
  • निबंध-संग्रह -
    • ​पगडंडियों का जमाना(1966ई०)
    • जैसे उनके दिन फिरे(1963ई०)
    • सदाचार की ताबीज (1967ई०)
    • शिकायत मुझे भी है(1970ई०)
    • ठिठुरता हुआ गणतंत्र(1970ई०)
    • अपनी-अपनी बीमारी (1972ई०)
    • वैष्णव की फिसलन(1967 ई०)
    • विकलांग श्रद्धा का दौर(1980ई०)
    • सुनो भाई साधो (1983ई०)
    • तुलसीदास चंदन घिसे(1986ई०)
    • कहत कबीर(1987ई०)
    • ऐसा भी सोचा जाता है(1993ई०)
    • पाखण्ड का अध्यात्म(1998ई०)
    • आवारा भीड़ के खतरे(1998ई०)

शुक्लोत्तर युगीन निबन्ध Question 5:

'चीड़ों पर चाँदनी' किसका निबंध है?

  1. कृष्णा सोबती
  2. निर्मल वर्मा
  3. भीष्म साहनी
  4. ममता कालिया

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : निर्मल वर्मा

शुक्लोत्तर युगीन निबन्ध Question 5 Detailed Solution

सही उत्तर 'निर्मल वर्मा' है।
Key Points

  • यात्रा वृतांत लिखने की परंपरा का सूत्रपात भारतेंदु से माना जाता है।
  • भारतेंदु ने 'सरयू पार की यात्रा', लखनऊ की यात्रा आदि यात्रा वृत्तांत लिखें हैं।
  • चीड़ों पर चाँदनी  ( 1964 ई. ) यात्रा वृत्तांत निर्मल वर्मा द्वारा लिखित है।

Additional Information

अन्य विकल्प: 

  • कृष्णा सोबती का यात्रा वृतान्त - बुद्ध का कमण्डल : लद्दाख़
  • ममता कालिया का नाटक संग्रह : यहाँ रहना मना है, आप न बदलेंगे
  • भीष्म साहनी के कहानी संग्रह - मेरी प्रिय कहानियां, भाग्यरेखा, वांगचू, निशाचर

शुक्लोत्तर युगीन निबन्ध Question 6:

नन्ददुलारे बाजपेयी द्वारा लिखित निबन्ध कौनसा है?

  1. रीति और शैली
  2. हिन्दी और छायावाद
  3. वृत्त और विकास
  4. यथार्थ वाद और छायावाद

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : रीति और शैली

शुक्लोत्तर युगीन निबन्ध Question 6 Detailed Solution

  • "रीती और शैली " नंदुलारे वाजपेयी का प्रमुख निबन्ध है जो 1979 में प्रकाशित हुआ |

Key Points

  • वाजपयी जी का जन्म 27 अगस्त 1906 में उज्जैन में हुआ |
  • ये साहित्यकार , अलोचक , पत्रकार , संपादक के रूप में जाने जाते है |​
  • नंददुलारे वाजपेयी जी ने सर्वप्रथम छायावाद को प्रतिष्ठित किया |
  • वाजपेयी जी ने काशी नागरिणी  सभा से सूरसागर  का 'संपादन' किया |
  • प्रमुख रचनाएँ :-
रचना प्रकाशन वर्ष 
हिन्द साहित्य - बींसवी शताब्दी  1942
आधुनिक साहित्य  1950
नया साहित्य नए प्रश्न  1955
नयी कविता  1976
राष्ट्रिय साहित्य  1969
रस सिद्धांत  1977
हिंदी साहित्य का आधुनिक युग  1978
रीती और शैली  -

शुक्लोत्तर युगीन निबन्ध Question 7:

निम्नलिखित में से हजारी प्रसाद द्विवेदी का निबन्ध कौनसा है?

  1. कविता क्या है
  2. नाखून क्यों बढ़ते है
  3. दिल्ली दरबार दर्पण
  4. मजदूरी और प्रेम 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : नाखून क्यों बढ़ते है

शुक्लोत्तर युगीन निबन्ध Question 7 Detailed Solution

"नाखून क्यों बढ़ते हैं", "हजारी प्रसाद द्विवेदी" का निबंध है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (2) नाखून क्यों बढ़ते हैं सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

Key Points
  • नाखून क्यों बढते है' हजारी प्रसाद द्विवेदी का प्रसिद्ध निबन्ध है।
  • नाखून मनुष्य आदिम हिंसक मनोवृत्ति का परिचायक है।
  • नाखून बार-बार बढते हैं और मनुष्य उन्हें बार-बार काट देता है तथा हिंसा से मुक्त होने और सभ्य बनने का प्रयत्न करता है।
Important Points
  • हजारीप्रसाद द्विवेदी (19 अगस्त 1907 - 19 मई 1979) हिन्दी निबन्धकार, आलोचक और उपन्यासकार थे।
  • 1957 में राष्ट्रपति द्वारा 'पद्मभूषण' की उपाधि से सम्मानित किये गये।
  • 1973 में 'आलोक पर्व' निबन्ध संग्रह के लिए उन्हें 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
  • इनके निबंध संग्रह निम्नलिखित हैं:-
    • अशोक के फूल (1948)
    • कल्‍पलता (1951)
    • विचार और वितर्क (1954) 
    • विचार-प्रवाह (1959)
    • कुटज (1964)
    • विश के दन्त
    • कल्पतरु
    • गतिशील चिंतन
    • साहित्य सहचर

 Additional Information

  • कविता क्या है, रामचंद्र शुक्ल जी का निबंध है।
  • दिल्ली दरबार दर्पण के रचनाकार भारतेंदु हरिश्चंद हैं। भारतेंदु ने दिल्‍ली दरबार दर्पण निबंध को वर्णात्मक शैली में लिखा है।
  • मजदूरी और प्रेम, सरदार पूर्ण सिंह का प्रसिद्ध निबंध है। इसके लेखक ने मजदूरों के श्रम तथा उसके सच्चे मूल्य का विवेचन किया है।

शुक्लोत्तर युगीन निबन्ध Question 8:

"मनुष्य की बर्बरता घटी कहाँ है वह तो बढ़ती जा रही है मनुष्य के इतिहास में हिरोशिमा का हत्याकांड बार-बार थोड़े ही हुआ है यह तो उसका नवीनतम रूप है।" उद्धरण किस निबंध से है ?

  1. कविता क्या है
  2. नाखून क्यों बढ़ते हैं
  3. शिव शंभू के चिट्ठे
  4. राम का मुकुट भीग रहा है

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : नाखून क्यों बढ़ते हैं

शुक्लोत्तर युगीन निबन्ध Question 8 Detailed Solution

"मनुष्य की बर्बरता घटी कहाँ है वह तो बढ़ती जा रही है मनुष्य के इतिहास में हिरोशिमा का हत्याकांड बार-बार थोड़े ही हुआ है यह तो उसका नवीनतम रूप है।" यह उद्धरण नाखून क्यों बढ़ते हैं निबंध से है।

Key Points

  •  रचनाकार-हजारीप्रसाद द्विवेदी
  • विधा-निबंध
  • प्रकाशन वर्ष-1951 ई.

Important Points

  •  नाखून क्यों बढ़ते हैं हजारी प्रसाद द्विवेदी के "कल्पलता" निबंध-संग्रह में संकलित है।
  • यह विचार-प्रधान व्यक्तिनिष्ठ निबंध है।
  • इसमें नाख़ून का बढ़ना पशुता का प्रतीक है और नाख़ून का काटना मानवता का प्रतीक है।
  • हजारीप्रसाद द्विवेदी ललित निबंधकार है।
  • प्रमुख निबंध-
    • ​अशोक के फूल 1948 ई.
    • मध्यकालीन धर्म साधना 1952 ई.
    • विचार और वितर्क 1957 ई.
    • कुटज 1964 ई.
    • आलोक पर्व 1972 ई. आदि।

Additional Information अन्य निबंध और उनके रचनाकार-

निबंध रचनाकार प्रकाशन वर्ष
कविता क्या है राम्चंद्र शुक्ल 1909 ई.
शिव शंभू के चिट्ठे बालकृष्ण भट्ट  1903 ई.
राम का मुकुट भीग रहा है विद्यानिवास मिश्र 1974 ई.

शुक्लोत्तर युगीन निबन्ध Question 9:

'आज का हिंदी - निबंध साहित्य अधिकांश में आलोचना की ओर दौड़ा जा रहा है। आजकल आचार्यत्व की चाह रीतिकाल से भी कुछ बढ़ी - चढ़ी है।' -  यह किसका कथन है?

  1. नंद किशोर नवल 
  2. बाबू गुलाब राय
  3. मुक्तिबोध
  4. मलयज

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : बाबू गुलाब राय

शुक्लोत्तर युगीन निबन्ध Question 9 Detailed Solution

'आज का हिंदी - निबंध साहित्य अधिकांश में आलोचना की ओर दौड़ा जा रहा है।आजकल आचार्यत्व की चाह रीतिकाल से भी कुछ बढ़ी - चढ़ी है।' - यह कथन बाबू गुलाब राय का है।

Key Points

  • बाबू गुलाबराय-हिंदी के आलोचक तथा निबन्धकार थे।
  • आलोचनात्मक रचनाएँ-नवरस(1933),हिंदी साहित्य का सुबोध इतिहास(1940),सिद्धन्त और अध्ययन(1946),काव्य के रूप(1947)आदि।

Additional Information

  • मलयज की रचनाएं-कविता से साक्षात्कार(1979),संवाद और एकालाप(1984),रामचन्द्र शुक्ल(1987)आदि।
  • नंदकिशोर नवल की रचनाएँ-कविता की मुक्ति(1980),हिंदी आलोचना का विकास(1981),मुक्तिबोध:ज्ञान और संवेदना(1993)आदि।
  • मुक्तिबोध की रचनाएं- कामायनी एक पुनर्विचार(1961),नई कविता का आत्मसंघर्ष तथा अन्य निबंध(1964),नए साहित्य का सौंदर्यशास्त्र(1971)आदि।

Important Points

  • मुक्तिबोध व नंदकिशोर नवल मार्क्सवादी या प्रगतिवादी आलोचक है।
  • मलयज नयी समीक्षा के आलोचक है।

शुक्लोत्तर युगीन निबन्ध Question 10:

अज्ञेय का पहला निबंध-संग्रह है :

  1. अद्यतन
  2. त्रिशंकु
  3. लिखि कागद कोरे
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक 
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : त्रिशंकु

शुक्लोत्तर युगीन निबन्ध Question 10 Detailed Solution

अज्ञेय का पहला निबंध-संग्रह है : त्रिशंकु 

त्रिशंकु -

  • विधा - प्रथम निबंध-संग्रह
  • प्रकाशन वर्ष - 1945
  • रचनाकार - सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' 

Key Pointsसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' -

  • प्रसिद्धि -  प्रयोगवाद एवं नई कविता को साहित्य जगत में प्रतिष्ठित करने वाले कवि हैं। 
  • प्रमुख रचनाएँ -
    • ​त्रिशंकु (1945) पहला निबंध -संग्रह
    • सबरंग और कुछ राग (1956)
    • आत्मनेपद (1960)
    • आलबाल(1971)
    • लिखि कागद कोरे (1972)
    • अद्यतन (1977)
    • जोग लिखी (1977)
    • स्रोत और सेतु (1978)
    • युगसंधियों पर(1982)
    • धार और किनारे (1982)
    • कहाँ है द्वारका (1982)
    • छाया का जंगल (1984)
    • स्मृतिछंदा (1989)         ​

Confusion Points

रचना  विधा  रचनाकार 
​त्रिशंकु (1967)  नाटक   बृजमोहन शाह 
​त्रिशंकु (1978) कहानी-संग्रह   मन्नू भंडारी

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