अनुप्रास MCQ Quiz in తెలుగు - Objective Question with Answer for अनुप्रास - ముఫ్త్ [PDF] డౌన్‌లోడ్ కరెన్

Last updated on Mar 18, 2025

పొందండి अनुप्रास సమాధానాలు మరియు వివరణాత్మక పరిష్కారాలతో బహుళ ఎంపిక ప్రశ్నలు (MCQ క్విజ్). వీటిని ఉచితంగా డౌన్‌లోడ్ చేసుకోండి अनुप्रास MCQ క్విజ్ Pdf మరియు బ్యాంకింగ్, SSC, రైల్వే, UPSC, స్టేట్ PSC వంటి మీ రాబోయే పరీక్షల కోసం సిద్ధం చేయండి.

Latest अनुप्रास MCQ Objective Questions

Top अनुप्रास MCQ Objective Questions

अनुप्रास Question 1:

सुनत स्याम जसुमति वचन, बदन कीन्ह विस्तार। - में निम्न में से कौन सा अलंकार है?

  1. उत्प्रेक्षा अलंकार
  2. श्लेष अलंकार
  3. अनुप्रास अलंकार
  4. उपमा अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : अनुप्रास अलंकार

अनुप्रास Question 1 Detailed Solution

सुनत स्याम जसुमति वचन, बदन कीन्ह विस्तार। - में अलंकार है- अनुप्रास अलंकार

Key Points

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

अनुप्रास

जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो वह अनुप्रास अलंकार होता है।

चारु चंद्र की चंचल किरणे,

खेल रही थी जल थल में

 

अन्य विकल्प 

अलंकार परिभाषा उदाहरण
उत्प्रेक्षा अलंकार

 जहाँ उपमेय में उपमान होने की संभावना या कल्पना की जाती है, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।

 

सोहत ओढ़े पीत पर, स्याम सलोने गात। मनहु नील मनि सैण पर, आतप परयौ प्रभात।।

श्लेष अलंकार जहां पर किसी एक शब्द का अनेक अर्थों में प्रयोग हो, वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

मधुवन की छाती को देखो,

सुखी कितनी इसकी कलियाँ।

उपमा अलंकार जब दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाती है या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाती है, तब वहाँ उपमा अलंकर होता है। हरि पद कोमल कमल।

Additional Information

अलंकार-

  • अर्थ-अलंकृत करना या सजाना।
  • अलंकार सुन्दर वर्णो से बनते हैं और काव्य की शोभा बढ़ाते हैं।
  • ‘अलंकार शास्त्र’ में आचार्य भामह ने इसका विस्तृत वर्णन किया है।
  • वे अलंकार सम्प्रदाय के प्रवर्तक कहे जाते हैं।

अनुप्रास Question 2:

'मधुर मधुर मुस्कान मनोहर, मनुज वेश का उजियाला' पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? 

  1. उपमा
  2. अनुप्रास
  3. श्लेष
  4. यमक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अनुप्रास

अनुप्रास Question 2 Detailed Solution

सही उत्तर 'अनुप्रास' है। 

Key Points 
  •  'मधुर मधुर मुस्कान मनोहर, मनुज वेश का उजियाला' पंक्ति में 'अनुप्रास' अलंकार है। 
  • क्योंकि प्रस्तुत पंक्ति में अनुप्रास अलंकार है। इसमें एक ही वर्ण का बार बार प्रयोग हुआ है ।

अन्य विकल्प: ​

  • उपमा -  जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे यक्ति या वस्तु से की जाए वहाँ पर उपमा अलंकार होता है। अर्थात जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए, तब वहां उपमा अलंकर होता है। 

           उदाहरण - मुख चन्द्रमा-सा सुन्दर है

  • श्लेष - जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है लेकिन उससे अर्थ कई निकलते हैं तो वह श्लेष अलंकार कहलाता है।

          उदाहरण- रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून।
           पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।

  • यमक - यमक अलंकार में किसी काव्य का सौन्दर्य बढ़ाने के लिए एक शब्द की बार-बार आवृति होती है।
    उदाहरण : कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौरात नर या पा बौराय।

Additional Information 

अलंकार के तीन भेद हैं- 

अलंकार

परिभाषा

प्रकार

शब्दालंकार

जब अलंकार किसी विशेष शब्द की स्थिति में ही रहे और उस शब्द की जगह पर कोई और पर्यायवाची शब्द का इस्तेमाल कर देने से फिर उस शब्द का अस्तित्व ही न बचे तो ऐसी स्थिति को शब्दालंकार कहते हैं। 

अनुप्रास, यमक, श्लेष, पुनरुक्ति, विप्सा, वक्रोक्ति

अर्थालंकार

काव्य में जहाँ शब्दों के अर्थ से चमत्कार उत्पन्न होता है, वहाँ अर्थालंकार होता है।

उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, अतिशयोक्ति, अन्योक्ति, विरोधाभास,  अपह्नुति, भ्रांतिमान, संदेह,  व्याजस्तुति,  व्याजनिंदा,  विशेषोक्ति,  विभावना, मानवीकरण,  व्यतिरेक, दृष्टान्त,

उभयालंकार

जहाँ काव्य में ऐसा प्रयोग किया जाए जिससे शब्द और अर्थ दोनों में चमत्कार हो वहाँ उभयालंकार होता है।

संसृष्टि, संकर

 

अनुप्रास Question 3:

‘चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही थी जल-थल में’ इन पंक्तियों में कौन सा अलंकार होगा? 

  1. यमक 
  2. अनुप्रास 
  3. श्लेष 
  4. उपमा 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अनुप्रास 

अनुप्रास Question 3 Detailed Solution

दिए गए विकल्पों में से ‘अनुप्रास’ अलंकार यहाँ उचित है। अन्य विकल्प असंगत हैं। अत: इसका सही उत्तर विकल्प 2 अनुप्रासइसका सही उत्तर होगा।

स्पष्टीकरण:

‘चारु चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही थी जल-थल में’ इन पंक्तियों में ‘च’ वर्ण कई बार प्रयुक्त हुआ है। अत: यहाँ ‘अनुप्रास अलंकार’ होगा।

अनुप्रास

जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो वह अनुप्रास अलंकार होता है।

तरनि तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए।

विशेष:

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

यमक

जहां एक शब्द एक से अधिक बार आए और उसका अर्थ भिन्न हो, वहाँ यमक अलंकार होता है।

काली घटा का घमंड घटा।

श्लेष

जहां पर किसी एक शब्द का अनेक अर्थों में प्रयोग हो, वहाँ श्लेष अलंकार होहा है।

मधुवान की छाती को देखो,

सुखी कितनी इसकी कलियाँ।

उपमा

जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूससरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है।

सागर-सा गंभीर हृदय हो,

गिरि-सा ऊंचा हो जिसका मन।

 

अनुप्रास Question 4:

बंदऊं गुरु पद पदुम परागा - पंक्ति में अलंकार है-

  1. उत्प्रेक्षा अलंकार
  2. विरोधाभास अलंकार
  3. रूपक अलंकार
  4. अनुप्रास अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : अनुप्रास अलंकार

अनुप्रास Question 4 Detailed Solution

बंदऊं गुरु पद पदुम परागा - पंक्ति में अलंकार है- अनुप्रास अलंकार

  • (यहाँ पर ‘प’ वर्ण की आवृति हो रही है, यह आवृति वाक्य का सौंदर्य बढ़ा रही है। अतएव यह उदाहरण अनुप्रास अलंकार के अंतर्गत आयेगा।)

अनुप्रास अलंकार:-

  • जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति हो तो वह अनुप्रास अलंकार कहलाता है।
  • उदाहरण -
    • मुदित हापति मंदिर आये। 
    • (यहाँ पर ‘म’ वर्ण की आवृति हो रही है।)

Mistake Points

  • बंदउँ गुरुपद-पदुम परागा, सुरुचि सुवास सरस अनुरागा। 
  • इस पंक्ति में अनुप्रास और रूपक दोनों अलंकार होंगे:
    • प और स वर्ण की आवृति के कारण अनुप्रास अलंकार।
    • इसका अर्थ है- गुरु के कमल रूपी चरण के पराग रूपी रज की वंदना करता हूँ जो सुंदर सुगंधित और प्रेम रूपी रस से परिपूर्ण है।
    • इस पंक्ति में चरण पर कमल का, रज पर पराग का, कमल के रस स्वाद ,सुगंध और रस पर प्रेम का आरोप किया गया है,इसलिए रुपक अलंकार है।
  • ऑफिसियल आंसर के में इसका उत्तर अनुप्रास अलंकार माना गया है। 

Key Pointsपंक्ति का भाव- 

  • कवि कहता है कि मैं गुरु महाराज के चरण कमलों की रज की वन्दना करता हूँ
Important Points

उत्प्रेक्षा अलंकार:-

  • जब समानता होने के कारण उपमेय में उपमान के होने कि कल्पना की जाए या संभावना हो तब वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। 
  • यदि पंक्ति में -मनु, जनु, जनहु, जानो, मनहुँ मानो, निश्चय, ईव, ज्यों आदि आता है।

उदाहरण-

  • सोहत ओढ़े पीत पट, स्याम सलोने गात
    मनहुँ नीलमनि सैल पर, आतप परयौ प्रभात ।।
  • (यहाँ इन पंक्तियों में श्रीकृष्ण के सुंदर श्याम शरीर में नीलमणि पर्वत की और शरीर पर शोभायमान पीताम्बर में प्रभात की धूप की मनोरम संभावना की गई है।)

विरोधाभास अलंकार:-

  • जहाँ वास्तविक विरोध न होकर केवल विरोध का आभास हो, वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है। 

उदाहरण-

  • जल उठो फिर सींचने को।
  • (यहाँ पर जल के उठने की बात कही गई है जबकि जल की प्रकृति बहने की है।)

रूपक अलंकार:-

  • जब एक वस्तु पर दूसरी वस्तु का आरोप किया जाये अर्थात् जब एक वस्तु को दूसरी वस्तु का रूप दिया जाये तो रूपक अलंकार कहलाता है।

उदाहरण-

  • पायो जी मैंने राम रतन धन पायो। 
  • (यहाँ पर राम रतन को ही धन बता दिया गया है।)

अनुप्रास Question 5:

मधुर मधुर मुस्कान मनोहर, मनुज वेश का उजियाला। इसमें किस अलंकार का प्रयोग हुआ है?

  1. यमक अलंकार
  2. उपमा अलंकार
  3. श्लेष अलंकार
  4. अनुप्रास अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : अनुप्रास अलंकार

अनुप्रास Question 5 Detailed Solution

जहां किसी वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार होती है वहाँ पर ‘अनुप्रास अलंकार’ होता है। अतः इसका सही उत्तर विकल्प 4 ‘अनुप्रास अलंकार’ है। अन्य विकल्प सही नहीं हैं।

स्पष्टीकरण:

यहाँ पर ‘म’ वर्ण की आवृत्ति हुई है। इसलिए अनुप्रास अलंकार है।

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

अनुप्रास

जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो वह अनुप्रास अलंकार होता है।

चारु चंद्र की चंचल किरणे,

खेल रही थी जल थल में

 

अन्य विकल्प:

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

उपमा

जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूससरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है।

सागर-सा गंभीर हृदय हो,

गिरि-सा ऊंचा हो जिसका मन

श्लेष

जहां पर किसी एक शब्द का अनेक अर्थों में प्रयोग हो, वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

मधुवान की छाती को देखो,

सुखी कितनी इसकी कलियाँ।

यमक

जहां एक शब्द एक से अधिक बार आए और उसका अर्थ भिन्न हो, वहाँ यमक अलंकार होता है।

काली घटा का घमंड घटा।

अनुप्रास Question 6:

निम्नलिखित में से कौन सा विकल्प अनुप्रास अलंकार का उदाहरण  नहीं  है?

  1. जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीश तिहुँ लोक उजागर
  2. कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय
  3. तरनी तनुजा तात तमाल तरुवर बहु छाए
  4. बल बिलोकी बहुत मैं बाचा 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय

अनुप्रास Question 6 Detailed Solution

‘कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय’ में अनुप्रास अलंकार नहीं है। अतः इसका सही उत्तर विकल्प 2 कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय होगा। 

Key Points

  1. “जय हनुमान ज्ञान गुन सागर। जय कपीश तिहुँ लोक उजागर”। - यहाँ दोनों पदों के अन्त में 'आगर' की आवृत्ति हुई है, अत: अन्त्यानुप्रास अलंकार
  2. कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय – यमक अलंकार
  3. "तरनि-तनूजा तट तमाल तरुवर बहु छाए। झुके कूल सो जल परमन हित मनहुँ सुहाए॥" - वृत्त्यानुप्रास अलंकार 
  4. बल बिलोकी बहुत मैं बाचा – अनुप्रास अलंकार

 

अलंकार  परिभाषा  उदाहरण 

यमक

जहां एक शब्द एक से अधिक बार आए और उसका अर्थ भिन्न हो, वहाँ यमक अलंकार होता है।

काली घटा का घमंड घटा।

 

Additional Information

अन्य विकल्प:

शेष सभी विकल्प अनुप्रास अलंकार के उदाहरण हैं।

अलंकार  परिभाषा  उदाहरण 

अनुप्रास

जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो वह अनुप्रास अलंकार होता है।

चारु चंद्र की चंचल किरणे,

खेल रही थी जल थल में

अनुप्रास Question 7:

‘कर कानन कुंडल मोरपखा उर पा बनमाल बिराजती है।’ इस काव्य पंक्ति में कौन सा अलंकार है?

  1. यमक अलंकार 
  2. उपमा अलंकार
  3. अनुप्रास अलंकार
  4. श्लेष अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : अनुप्रास अलंकार

अनुप्रास Question 7 Detailed Solution

उपर्युक्त काव्य पंक्ति में ‘क’ वर्ण की आवृत्ति हो रही है। अत: इसका उचित उत्तर विकल्प 3 अनुप्रास अलंकार  हैं। अन्य विकल्प इसके अनुचित उत्तर होंगे।

स्पष्टीकरण:

‘कर कानन कुंडल मोरपखा उर पा बनमाल बिराजती है।’ दी गई काव्य पंक्ति में शुरू तीन के वर्णों में ‘क’ वर्ण आया है, इसलिए यहाँ अनुप्रास अलंकार होगा।

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

अनुप्रास

जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो वह अनुप्रास अलंकार होता है।

चारु चंद्र की चंचल किरणे,

खेल रही थी जल थल में


विशेष:

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

यमक

जहां एक शब्द एक से अधिक बार आए और उसका अर्थ भिन्न हो, वहाँ यमक अलंकार होता है।

काली घटा का घमंड घटा।

उपमा

जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूसरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है।

सागर-सा गंभीर हृदय हो,

गिरि-सा ऊंचा हो जिसका मन

श्लेष

जहां पर किसी एक शब्द का अनेक अर्थों में प्रयोग हो, वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

मधुवान की छाती को देखो,

सुखी कितनी इसकी कलियाँ।

अनुप्रास Question 8:

'मोहन ने मोहक मुस्कान से अपनी माँ का दिल मोह लिया'। प्रस्तुत पंक्ति में कौन सा अलंकार है?

  1. उत्प्रेक्षा
  2. श्लेष
  3. अनुप्रास
  4. उपमा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : अनुप्रास

अनुप्रास Question 8 Detailed Solution

उक्त पंक्ति में 'म' वर्ण की बार-बार आवृत्ति हो रही है, इसलिए यहाँ अनुप्रास अलंकार होगा।

  • म, क,ख... :- वर्ण
  • मोहक, मनोज.... :- शब्द

Key Points

  • अनुप्रास अलंकार के उदाहरण:
    • मुदित महिपति मंदिर आए। ...
    • बंदौ गुरु पद पदुम परगा। ...
    • चारु चंद्र की चंचल किरणें खेल रही थी जल थल में ( 'च' की आवृत्ति )

Additional Information

  • श्लेष अलंकार:
    • एक ही शब्द के कई अर्थ निकलते हैं तो वहां श्‍लेष अलंकार होता है ध्यान रखने योग्य बात यह है कि यमक के शब्द आवृत्ति होती है,
    • और एकाधिक अर्थ होते हैं जबकि श्‍लेष में बिना शब्द की आवृत्ति ही शब्द के एकाधिक अर्थ होते हैं।
  • उत्प्रेक्षा अलंकार:
    • जब समानता होने के कारण उपमेय में उपमान के होने कि कल्पना की जाए या संभावना हो तब वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।
    • यदि पंक्ति में -मनु, जनु, जनहु, जानो, मानहु मानो, निश्चय, ईव, ज्यों आदि आता है वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। जैसे :
      • ले चला साथ मैं तुझे कनक। ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण।।
  • उपमा अलंकार:
  • जहाँ उपमे और उपमान में तुलना की जाए
    • हरि पद कोमल कमल इस उदाहरण में हरि के पैरों कि तुलना कमल के फूल से की गयी है। हरि के चरणों को कमल के फूल के जैसे कोमल बताया गया है।

अनुप्रास Question 9:

'चारू चंद्र की चंचल किरणे खेल रहीं थी जलथल में उक्त पंक्ति में कौन सा अलंकार है। 

  1. श्लेष
  2. अनुप्रास 
  3. यमक
  4. रूपक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अनुप्रास 

अनुप्रास Question 9 Detailed Solution

सही उत्तर है - ‘अनुप्रास’।
 
 Key Points
  • 'चारू चंद्र की चंचल किरणें, खेल रही हैं जल थल में' इस काव्य - पंक्ति में अनुप्रास अलंकार है।
  • जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति हो तो वह अनुप्रास अलंकार कहलाता है।
 Additional Informationअन्य विकल्प:
 
यमक अलंकार :
  • जिस काव्य में समान शब्द के अलग-अलग अर्थों में आवृत्ति हो, वहाँ यमक अलंकार होता है।
  • उदाहरण : तीन बेर खाती थी वह तीन बेर खाती है।
  • यहाँ ‘बेर’ शब्द का दो बार प्रयोग हुआ है। पहली बार ‘तीन बेर’ दिन में तीन बार खाने की तरफ संकेत कर रहा है तथा दूसरी बार ‘तीन बेर’ का मतलब है तीन फल।
रूपक अलंकार :
  • रूपक साहित्य में एक प्रकार का अर्थालंकार है जिसमें बहुत अधिक साम्य के आधार पर प्रस्तुत में अप्रस्तुत का आरोप करके अर्थात्
  • उपमेय या उपमान के साधर्म्य का आरोप करके और दोंनों भेदों का अभाव दिखाते हुए उपमेय या उपमान के रूप में ही वर्णन किया जाता है।
  • इसके सांग रूपक, अभेद रुपक, तद्रूप रूपक, न्यून रूपक, परम्परित रूपक आदि अनेक भेद हैं।
  • उदाहरण : पायो जी मैंने राम रतन धन पायो। 
  • उदाहरण में राम रतन को ही धन बता दिया गया है। ‘राम रतन’ - उपमेय पर ‘धन’ - उपमान का आरोप है एवं दोनों में अभिन्नता है। यहां आप देख सकते हैं की उपमान एवं उपमेय में अभिन्नता दर्शायी जा रही है।

श्लेष अलंकार:

  • जहां पर किसी एक शब्द का अनेक अर्थों में प्रयोग हो, वहाँ श्लेष अलंकार होता है। 
  • उदाहरण : ‘मधुवन की छाती को देखो, सूखी कितनी इसकी कलियाँ।’
  • इस काव्य पंक्ति में 'कलियाँ' के दो अर्थ हैं, एक फूलों के खिलने के पहले की अवस्था तथा दूसरा नवयौवना के लिए है। 

अनुप्रास Question 10:

बंदऊँ गुरुपद पदुम परागा'

इसमें अलंकार है:

  1. वक्रोक्ति
  2. यमक
  3. उपमा
  4. अनुप्रास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : अनुप्रास

अनुप्रास Question 10 Detailed Solution

बंऊँ गुरुपद पदुरागा' इसमें अलंकार है- 'अनुप्रास'

  • 'प' और 'द' वर्णों की बार-बार आवृत्ति के कारण काव्य में चमत्कार उत्पन्न हो रहा है। अत: यहाँ अनुप्रास अलंकार है 
    • जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति हो तो वह अनुप्रास अलंकार कहलाता है।
  • उदाहरण-
    • मुदित महापति मंदिर आये।
    • (यहां पर "म" वर्ण की आवृत्ति बार-बार आ रही है इसलिए यहां पर अनुप्रास अलंकार है।)

Key Pointsअनुप्रास अलंकार के अन्य उदाहरण:-

  •  बिलोकी हुत मेज बचा। 
  • घुपति राघव राजा राम। 
  • कायर क्रूपूत कुचली यूँ ही मर जाते हैं। 
  • रनी नुजा तामाल रुवर बहु छाए।
  • सुरभित सुंदर सुखद सुमन तुम पर खिलते  हैं।

Additional Information

वक्रोक्ति अलंकार:-

  • जहाँ किसी के कथन का कोई दूसरा व्यक्ति दूसरा अर्थ निकाले, वहाँ वक्रोक्ति अलंकार होता है।

उदाहरण-

  • एक कह्यो वर देत सिव, भाव चाहिए मीत।
    सुनि कह कोउ, भोले भवहिं भाव चाहिए मीत।।
  • (एक ने कहा कि शिव वर देते हैं पर मन में 'भाव' होना चाहिए। सुनकर दूसरे ने कहा-शिव इतने भोले हैं कि उनके रिझाने के लिए ‘भाव’ की भी आवश्यकता नहीं।)

यमक अलंकार:-

  • जब एक शब्द प्रयोग दो बार होता है और दोनों बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं तब वहाँ यमक अलंकार होता है।

उदाहरण-

  • काली घटा का घमंड घटा। 
  • (पहली बार ‘घटा’ शब्द का प्रयोग बादलों के काले रंग की और दूसरी बार ‘घटा’ शब्द बादलों के कम होने का वर्णन कर रहा है)

उपमा अलंकार:-

  • जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए, तब वहां उपमा अलंकर होता है।

उदाहरण-

  • मुख चन्द्रमा-सा सुन्दर है
  • (यहाँ चेहरे की तुलना चाँद से की गयी है अत: यहाँ उपमा अलंकार है)     
Get Free Access Now
Hot Links: teen patti baaz teen patti lotus lucky teen patti teen patti jodi teen patti sweet