भारतेन्दु युग MCQ Quiz - Objective Question with Answer for भारतेन्दु युग - Download Free PDF

Last updated on May 22, 2025

Latest भारतेन्दु युग MCQ Objective Questions

भारतेन्दु युग Question 1:

‘प्रेमचंद घर में’ के आधार पर निम्नलिखित में से कौन-से कथन सत्य हैं?

(A) प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को बनारस जिले के लमही गाँव में हुआ था।

(B) प्रेमचंद की पहली पत्नी उम्र में उनसे छोटी और सुंदर थी।

(C) प्रेमचंद ने अपनी पुत्री कमला के विवाह में कन्यादान नहीं किया।

(D) प्रेमचंद की मृत्यु 8 अक्टूबर 1936 को असाध्य रोग के कारण हुई।

(E) प्रेमचंद ने अपनी पहली कहानी ‘साहस’ चाँद पत्रिका में प्रकाशित की थी।

 

  1. केवल (B), (D), (E)
  2. केवल (A), (C), (D)
  3. केवल (A), (C), (E)
  4. केवल (A), (B), (C)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : केवल (A), (C), (D)

भारतेन्दु युग Question 1 Detailed Solution

 

उत्तर- केवल (A), (C), (D)

विस्तृत समाधान (हिंदी में):

  • (A) सत्य: पुस्तक में स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि प्रेमचंद का जन्म 31 जुलाई 1880 को बनारस जिले के लमही गाँव में हुआ था। यह तथ्य सही है।
  • (B) असत्य: प्रेमचंद की पहली पत्नी उम्र में उनसे बड़ी और देखने में बदसूरत थी, जैसा कि पुस्तक में वर्णित है। इसलिए यह कथन गलत है।
  • (C) सत्य: प्रेमचंद ने अपनी पुत्री कमला के विवाह में कन्यादान नहीं किया, क्योंकि उनका मानना था कि जानदार चीजों का दान नहीं हो सकता। यह पुस्तक में उल्लिखित है और सही है।
  • (D) सत्य: प्रेमचंद की मृत्यु 8 अक्टूबर 1936 को असाध्य रोग के कारण हुई, जैसा कि पुस्तक में बताया गया है। यह कथन सही है।
  • (E) असत्य: प्रेमचंद ने ‘साहस’ कहानी नहीं लिखी। यह शिवरानी देवी की पहली कहानी थी, जो चाँद पत्रिका में प्रकाशित हुई थी। इसलिए यह कथन गलत है।

भारतेन्दु युग Question 2:

‘आवारा मसीहा’ में शरतचंद्र के बचपन के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है?

(A) शरतचंद्र का जन्म 15 सितंबर 1876 को बंगाल के हुगली जिले के देवानंदपुर में हुआ था।

(B) उनके पिता मोतीलाल चट्टोपाध्याय एक सख्त अनुशासक थे।

(C) शरतचंद्र की माँ भुवन मोहिनी ने उन्हें साहित्यिक प्रेरणा दी।

(D) शरतचंद्र की पढ़ाई कभी बाधित नहीं हुई।

  1. केवल (A), (C)
  2. केवल (B), (D)
  3. केवल (A), (B)
  4. केवल (A)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : केवल (A)

भारतेन्दु युग Question 2 Detailed Solution

उत्तर - केवल (A)


विश्लेषण: शरतचंद्र का जन्म 15 सितंबर 1876 को देवानंदपुर में हुआ था (सत्य)। उनके पिता मोतीलाल कल्पनाजीवी थे, न कि सख्त अनुशासक। उनकी माँ भुवन मोहिनी ने साहित्यिक प्रेरणा नहीं दी, और उनकी पढ़ाई आर्थिक तंगी के कारण बाधित हुई थी।

भारतेन्दु युग Question 3:

शरतचंद्र के साहित्यिक जीवन के संदर्भ में ‘आवारा मसीहा’ में निम्नलिखित में से कौन-से तथ्य सही हैं?

(A) उनकी कहानियाँ ‘यमुना’ पत्रिका में प्रकाशित होती थीं।

(B) उनकी रचना ‘पाथेर दाबी’ को अंग्रेजों ने जब्त कर लिया था।

(C) ‘चरित्रहीन’ को कभी अश्लील नहीं माना गया।

(D) शरतचंद्र ने ‘कुन्तलीन’ पुरस्कार के लिए ‘मंदिर’ कहानी लिखी थी।

  1. केवल (A), (B)
  2. केवल (C), (D)
  3. केवल (A), (B), (D)
  4. केवल (A), (C)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : केवल (A), (B), (D)

भारतेन्दु युग Question 3 Detailed Solution

उत्तर- केवल (A), (B), (D)

विश्लेषण: ‘यमुना’ पत्रिका में उनकी कहानियाँ छपती थीं (सत्य), ‘पाथेर दाबी’ को अंग्रेजों ने जब्त किया (सत्य), और ‘मंदिर’ कहानी ‘कुन्तलीन’ पुरस्कार के लिए लिखी गई (सत्य)। लेकिन ‘चरित्रहीन’ को अश्लील माना गया था, इसलिए (C) गलत है। 

भारतेन्दु युग Question 4:

‘आवारा मसीहा’ के आधार पर शरतचंद्र के व्यक्तिगत जीवन के बारे में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सत्य है?

(A) शरतचंद्र की पहली पत्नी शांति की मृत्यु प्लेग से हुई थी।

(B) उनकी दूसरी पत्नी का नाम मोक्षदा था, जिसे उन्होंने हिरण्यमयी देवी नाम दिया।

(C) शरतचंद्र ने कभी पशु-पक्षियों से प्रेम नहीं किया।

(D) उनकी मृत्यु 16 जनवरी 1938 को कैंसर के कारण हुई।

  1. केवल (A), (B)​
  2. केवल (A), (B), (D)
  3. केवल (C), (D)
  4. केवल (B), (C)

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : केवल (A), (B), (D)

भारतेन्दु युग Question 4 Detailed Solution

उत्तर- केवल (A), (B), (D)

Key Points

  • शांति की मृत्यु प्लेग से हुई (सत्य), मोक्षदा को हिरण्यमयी देवी नाम दिया गया (सत्य), और उनकी मृत्यु 16 जनवरी 1938 को कैंसर से हुई (सत्य)।
  • लेकिन शरतचंद्र पशु-पक्षियों से प्रेम करते थे, इसलिए (C) गलत है।

भारतेन्दु युग Question 5:

निम्नलिखित कथन “मैं सूर्य, गंगा और हिमालय को साक्षी करके प्रतिज्ञा करता हूँ कि मैं जीवन-भर सौन्दर्य की उपासना करूंगा, कि मैं जीवन-भर अन्याय के विरुद्ध लडूंगा, कि मैं कभी छोटा काम नहीं करूँगा।” किस पात्र का है?

  1. मोतीलाल चट्टोपाध्याय
  2. केदारनाथ
  3. शरतचंद्र
  4. सुरेन्द्रनाथ

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : शरतचंद्र

भारतेन्दु युग Question 5 Detailed Solution

उत्तर- शरतचंद्र

Key Points
विश्लेषण:

  • यह कथन शरतचंद्र का है, जो उनकी जीवन दृष्टि और साहित्यिक साधना को दर्शाता है, जैसा कि ‘आवारा मसीहा’ में वर्णित है।

Top भारतेन्दु युग MCQ Objective Questions

'न खास हिन्दी, न खास उर्दू

जबान गोया मिली-जुली हो।' -

उपर्युक्त कथन किसका है?

  1. शिवप्रसाद 'सितारे हिन्द'
  2. भारतेन्दु हरिश्चन्द्र
  3. राजा लक्ष्मणसिंह
  4. जॉर्ज ग्रियर्सन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : शिवप्रसाद 'सितारे हिन्द'

भारतेन्दु युग Question 6 Detailed Solution

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  • सही उत्तर विकल्प 1 है।
  • यह पंक्तियां राजा शिव प्रसाद सितारे हिंद की हैं।

Key Points
  • हिंदी और उर्दू दोनों के पक्षधर थे।
  • दोनों भाषाओं में रचनाएं की।
  • भारतेंदु के गुरु थे।

Important Points
  • 'बनारस' अखबार निकालते थे।
  • बनारस अखबार - 1845 - साप्ताहिक
  • यह काशी से निकलता था।

Additional Information
  • भारतेंदु हरिश्चंद्र निज भाषा यानी हिंदी के समर्थक थे।
  • " निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल " - भारतेंदु
  • राजा लक्ष्मण सिंह संस्कृत निष्ठ हिंदी को वरीयता देते थे।
  • जॉर्ज ग्रियर्सन लल्लू लाल और सदल मिश्र को खड़ी बोली का आविष्कारक बताते हैं।

किसे आधुनिक हिन्दी साहित्य का निर्माता माना जाता है?

  1. भारतेंदु हरिश्चंद्र
  2. मैथिली शरण गुप्त
  3. प्रेमचंद
  4. इनमें से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : भारतेंदु हरिश्चंद्र

भारतेन्दु युग Question 7 Detailed Solution

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भारतेंदु हरिश्चंद्र को आधुनिक हिन्दी साहित्य के निर्माता माना जाता है। अत: सही उत्तर विकल्प 1 भारतेंदु हरिश्चंद्र है। 

Key Points

  • भारतेंदु हरिश्चंद्र को आधुनिक हिन्दी साहित्य का निर्माता माना जाता है।


अन्य विकल्प- 

रचनाकार

परिचय

मैथिली शरण गुप्त 

राष्ट्रकवि मैथिलीशरण गुप्त  हिन्दी के प्रसिद्ध कवि थे। हिन्दी साहित्य के इतिहास में वे खड़ी बोली के प्रथम महत्त्वपूर्ण कवि हैं। उन्हें साहित्य जगत में 'दद्दा' नाम से सम्बोधित किया जाता था। उनकी कृति भारत-भारती (1912) भारत के स्वतन्त्रता संग्राम के समय में काफी प्रभावशाली सिद्ध हुई थी और और इसी कारण महात्मा गांधी ने उन्हें 'राष्ट्रकवि' की पदवी भी दी थी। उनकी जयन्ती ३ अगस्त को हर वर्ष 'कवि दिवस' के रूप में मनाया जाता है। भारत सरकार ने उन्हें पद्मभूषण से सम्मानित किया।

रचनाएँ - साकेत, यशोधरा, रंग में भंग , राजा-प्रजा, वन वैभव, जयद्रथ वध, भारत-भारती, पंचवटी, द्वापर आदि

प्रेमचंद 

धनपत राय श्रीवास्तव (31 जुलाई 1880 – 8 अक्टूबर 1936) जो नाम से जाने जाते हैं, वो हिन्दी और उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकारकहानीकार एवं विचारक थे। उन्होंने हिंदी समाचार पत्र जागरण  तथा साहित्यिक पत्रिका हंस का संपादन और प्रकाशन भी किया।  हिंदी कहानी तथा उपन्यास के क्षेत्र में 1918 से 1936 तक के कालखंड (कालखण्ड) को 'प्रेमचंद युग' या 'प्रेमचन्द युग' कहा जाता है।

रचनाएँ - सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि ।


Additional Information

भारतेंदु हरिश्चंद्र​ का परिचय- 

  • भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (9 सितंबर 1850-6 जनवरी 1885) आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह कहे जाते हैं। वे हिन्दी में आधुनिकता के पहले रचनाकार थे।
  • इनका मूल नाम 'हरिश्चन्द्र' था, 'भारतेन्दु' उनकी उपाधि थी। उनका कार्यकाल युग की सन्धि पर खड़ा है।
  • हिन्दी साहित्य में आधुनिक काल का प्रारम्भ भारतेन्दु हरिश्चन्द्र से माना जाता है हिंदी में नाटकों का प्रारम्भ भारतेन्दु
  • रचनाएँ - अंधेर नगरी, भारत आरत, भारत दुर्दशा, नील देवी, प्रेम प्रलाप, कृष्ण चरित्र आदि।

डॉ. तुलसीराम के ननिहाल में स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व किसने किया था?

  1. तेजबहादुर सिंह 
  2. मुशाफिर लाल
  3. परशुराम सिंह
  4. हरिहर दास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : तेजबहादुर सिंह 

भारतेन्दु युग Question 8 Detailed Solution

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डॉ तुलसीराम के ननिहाल में स्वतंत्रता आंदोलन का नेतृत्व तेज बहादुर सिंह ने किया।Key Points

  • डॉ तुलसीराम की दलित आत्मकथा मुर्दहिया अनुठी साहित्यिक कृति है।
    • मुर्दहिया का 2010 में प्रथम भाग प्रकाशित हुआ एवं मणिकर्णिका दूसरा भाग  2014 में
    • मुर्दहिया संभवत हिंदी की पहली आत्मकथा है जिसमें केवल दलित ही नहीं अपितु गांव का संपूर्ण लोग जीवन ही केंद्र में है।
    • मुर्दहिया दलित समाज की त्रासदी और भारतीय समाज की विडंबना का सांस्कृतिक, सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक आख्यान है।
    • अंधविश्वास हिंदू सांस्कृतिक सत्ता को बनाए रखने के लिए रचे गए हैं मुर्दहिया इसका पर्दाफाश करती हैं।

Important Points

  • 184 पृष्ठों की आत्मकथा में उन्होंने अपनी आरंभिक पढ़ाई से लेकर मैट्रिक तक की पढ़ाई का चित्रण किया है।
  • डॉ तुलसीराम ने अपनी आत्मकथा को 7 उपशीर्षक के माध्यम से अपने जीवन के एक पड़ाव को पाठकों के सामने रख दिया है।
    • भुतही पारिवारिक पृष्ठभूमि
    • मुर्दहिया और स्कूली जीवन
    • अकाल में अंधविश्वास
    • मुर्दहिया के गिद्ध तथा लोकजीवन
    • भूतनिया नागिन
    • चले बुध की रह
    • आजमगढ़ में फाकाकशी
  • पूर्वी उत्तर प्रदेश के दलितों की जीवन स्थितियों तथा 60 और 70 के दशक में इस क्षेत्र में वाम आंदोलन की सरगर्मियां का जीवित खजाना है।

Additional Information

  • मुर्दहिया के प्रमुख पात्र
    • परशुराम सिंह -प्रधानाध्यापक ( हेडमास्टर),धीरज - लेखक की मां साधारण ग्रामीण और ग्रहणी, जूठन - लेखक के दादाजी जी ने अंधविश्वास के अनुसार भूतों ने पीट-पीटकर मार डाला, मूसरिया -शतायु अवस्था में जीवित लेखक की दादी, सोम्मर - लेखक के पिता के बड़े भाई जो 112 गांव के चमारों के चौधरी थे।, मुन्नेसर काका -  लेखक के पिता के दूसरे नंबर के भाई 'शिव नारायण पंथी' धर्मगुरु, नग्गर काका - लेखक के पिता के तीसरे भाई स्वभावत: गुस्सैल और हिंसक सभाव के थे यह भी 'शिव नारायण पंथी 'धर्म गुरु थे।, मुन्नार काका- लेखक के पिता के सबसे छोटे भाई यह सहज और सामंजस्यवादी तथा पूरे संयुक्त परिवार के मुखिया थे।

भारतीय पत्रकारिता का पितामह किसे माना जाता है?

  1. जेम्स हिक्की
  2. गणेश शंकर विद्यार्थी
  3. मदन मोहन मालवीय
  4. उपर्युक्त में से एक से अधिक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : जेम्स हिक्की

भारतेन्दु युग Question 9 Detailed Solution

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भारतीय पत्रकारिता का पितामह जेम्स हिक्की माना जाता है

Key Pointsजेम्स ऑगस्टस हिक्की-

  • हिक्की का बंगाल गजट या मूल कलकत्ता जनरल विज्ञापनदाता ब्रिटिश भारत की राजधानी कोलकाता (तब कलकत्ता) में प्रकाशित एक अंग्रेजी भाषा का साप्ताहिक समाचार पत्र था।
  • यह एशिया में छपा पहला अखबार था और दो साल के लिए 1780 और 1782 के बीच प्रकाशित हुआ था, इससे पहले कि ईस्ट इंडिया कंपनी ने अखबार के प्रकारों और प्रिंटिंग प्रेस को जब्त कर लिया।
  • जेम्स ऑगस्टस हिक्की द्वारा एक अत्यधिक सनकी आयरिश व्यक्ति द्वारा स्थापित, जिसने पहले कर्ज के लिए दो साल जेल में बिताए थे, अखबार गवर्नर-जनरल वारेन हेस्टिंग्स के प्रशासन का एक मजबूत आलोचक था। 
  • अखबार अपनी उत्तेजक पत्रकारिता और भारत में मुक्त अभिव्यक्ति के लिए अपनी लड़ाई के लिए महत्वपूर्ण था।
  • हिक्की ने पहली बार एक तटस्थ संपादन नीति को बनाए रखा (उनका नारा था "सभी पार्टियों के लिए खुला, लेकिन किसी के द्वारा प्रभावित नहीं हुआ") लेकिन जब उन्हें पता चला कि ईस्ट इंडिया कंपनी के साथ प्रतिद्वंद्वियों ने प्रतिद्वंद्वी अखबार, भारत गजट लॉन्च करने का इरादा था, वह उनका संपादकीय रुख बदल गया।
  • हिक्की ने ईस्ट इंडिया कंपनी के एक कर्मचारी, शिमोन ड्रोज़ पर आरोप लगाया कि हिक्की के इनकार और मारियन हेस्टिंग्स, वारेन हेस्टिंग्स की पत्नी को रिश्वत देने के लिए सजा के रूप में भारत राजपत्र का समर्थन कर रहा है।
  • हिक्की ने दावा किया कि हेस्टिंग्स के आदेश ने उनकी अभिव्यक्ति के अधिकार का उल्लंघन किया और हेस्टिंग्स पर भ्रष्टाचार, अत्याचार का आरोप लगाया। 

Important Pointsगणेश शंकर विद्यार्थी-

  • गणेश शंकर विद्यार्थी एक भारतीय पत्रकार, भारतीय राष्ट्रीय सम्मेलन के नेता और स्वतंत्रता आंदोलन के कार्यकर्ता थे।
  • इसे गणेश शंकर 'विद्यार्थी' ने सन् 1913  से कानपुर से निकालना आरम्भ किया।
  • साप्ताहिक "प्रताप" के प्रकाशन के 7 वर्ष बाद 1920 ई. में विद्यार्थी जी ने उसे दैनिक कर दिया और "प्रभा" नाम की एक साहित्यिक तथा राजनीतिक मासिक पत्रिका भी अपने प्रेस से निकाली।
  • "प्रताप" किसानों और मजदूरों का हिमायती पत्र रहा।

मदन मोहन मालवीय-

  • जन्म-1861-1946ई.
  • काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्रणेता एवं युग के आदर्श पुरुष भी थे।
  • वे भारत के पहले और अन्तिम व्यक्ति थे जिन्हें महामना की सम्मानजनक उपाधि से विभूषित किया गया।
  • इन्होंने 'अभ्युदय' पत्रिका का सम्पादन 1907 ई. में काशी से किया।  

महादेवी वर्मा की गद्य कृति नहीं है-

  1. अतीत के चलचित्र
  2. माटी की मूरतें
  3. पथ के साथी
  4. स्मृति की रेखाएँ

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : माटी की मूरतें

भारतेन्दु युग Question 10 Detailed Solution

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महादेवी वर्मा की गद्य कृति नहीं है- माटी की मूरतें

Key Pointsमाटी की मूरतें-

  • रचनाकार- रामवृक्ष बेनीपुरी 
  • प्रकाशन वर्ष-1946ई.
  • रेखाचित्र-संकलन है, जिसमें बारह रेखाचित्रों का संकलन किया गया है।
  • बारह रेखाचित्र हैं-
    • रजिया
    • बलदेव सिंह
    • सरजू भैया
    • मंगर
    • रूपा की आजी
    • देव
    • बालगोबिन भगत
    • भौजी
    • परमेसर
    • बैजू मामा
    • सुभान खाँ
    • बुधिया

Important Pointsरामवृक्ष बेनीपुरी-

  • जन्म-1899-1968ई.
  • अन्य रेखाचित्र-
    • गेंहू और गुलाब(1950ई.)
    • लाल तारा(1938ई.)
    • मिल के पत्थर आदि। 

Additional Information

रेखा चित्र

रचना वर्ष 

संस्मरण

रचना वर्ष 

निबंध

रचना वर्ष 

अतीत के चलचित्र

1941

 पथ के साथी

1956

शृंखला की कड़ियाँ

1942

स्मृति की रेखाएं

1943

मेरा परिवार

1972

विवेचनात्मक गद्य

1942

संस्मरण

1983

साहित्यकार की आस्था तथा अन्य निबंध

1962

संकल्पिता

 

भारतेन्दु युग के कवियों ने अधिकांशत: किस भाषा में कविता की है?

  1. उर्दू
  2. अवधी
  3. ब्रजभाषा
  4. खड़ी बोली

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : ब्रजभाषा

भारतेन्दु युग Question 11 Detailed Solution

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भारतेन्दु युग के कवियों ने अधिकांशत: ब्रजभाषा भाषा में कविता की है। 

  • भारतेन्दु युग के अधिकत्तर सभी कवियों की रचनाएँ ब्रज भाषा में मिलती है। 
  • इस समय काव्य की भाषा ब्रज व गद्य के लिए खड़ी बोली का प्रयोग होता था। 

Key Pointsभारतेन्दु युग-

  • समय-1868-1993ई.(शुक्ल के अनुसार)
  • साहित्यिक प्रवृतियाँ-
    • अंतर्विरोधों का साहित्य 
    • शृंगारिकता की चेतना 
    • भक्ति भावना 
    • समस्यापूर्ति आदि। 
  • मुख्य कवि-
    • भारतेन्दु हरिश्चंद्र 
    • बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन'
    • प्रतापनारायण मिश्र 
    • ठाकुर जगमोहन सिंह 
    • अंबिकादत्त व्यास आदि। 

Important Pointsकुछ कवियों की रचनाएँ हैं-

कवि  रचनाएँ 
भारतेन्दु हरिश्चंद्र भक्ति सर्वस्व,प्रेम मालिका,प्रेम प्रलाप,प्रेम तरंग,बकरी विलाप आदि। 
बदरीनारायण चौधरी जीर्ण जनपद,आनंद अरुणोदय,मयंक महिमा आदि। 
प्रतापनारायण मिश्र प्रेम पुष्पांजलि,मन की लहर,लोकोक्ति शतक, हरगंगा आदि। 
ठाकुर जगमोहन सिंह प्रेमसंपत्तिलता,श्यामलता,श्यामा सरोजिनी, देवयानी आदि।  

Additional Informationखड़ी बोली-

  • इसका प्रयोग द्विवेदी युग से प्रारंभ हुआ। 
  • द्विवेदी युगीन मुख्य कवि-
    • श्रीधर पाठक 
    • महावीर प्रसाद द्विवेदी 
    • हरिऔध 
    • मैथिलीशरण गुप्त 
    • गयाप्रसाद शुक्ल 'सनेही' आदि। 

उर्दू-

  • अंग्रेजी राज में अधिकत्तर कवियों ने इसी भाषा में रचना की। 
  • उनकी भाषा में कही न कही उर्दू का समावेश मिलता था। 

अवधी-

  • इस भाषा का प्रयोग भक्तिकाल में मुख्य रूप से देखने के लिए मिलता है। 
  • तुलसीदास ने अपनी अधिकत्तर रचनाएँ इसी भाषा में लिखी है। 

"एक रूप हिन्दू तुरुक दूजी दशा न कोय।

मन की द्विविधा मानकर भये एक सों दोय।।"

यह कविता किस कवि की है?

  1. नरोत्तम दास
  2. वली दक्कनी
  3. नवल दास
  4. बनारसी दास

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : बनारसी दास

भारतेन्दु युग Question 12 Detailed Solution

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"एक रूप हिंदू तुरक दूजी दशा न कोय!

मन की द्विविधा मानकर भये एक सों  दोय!"- यह कविता बनारसीदास कवि की है।Key Points

  • बनारसी दास- (1643 संवत)
    • ये जौनपुर के रहने वाले एक जैन जोहरी थे जो आमेर में भी  रहा करते थे।
    • इन्होंने संवत 1698 तक का अपना जीवनवृत 'अर्द्धकथानक' नामक ग्रंथ में दिया है।
    • पुराने हिंदी साहित्य में रचित यही एक आत्मचरित्र है।
    • पहले यह शृंगार रस की कविता किया करते थे पर पीछे ज्ञान हो जाने पर इन्होंने वे सब कविताएं गोमती नदी में फेंक दी और ज्ञानोपदेश पूर्ण कविताएं करने लगे।
    • इनके कुछ उपदेश ब्रजभाषा गद्य में भी है।
    • जैन धर्म संबंधी अनेक पुस्तकों के सारांश हिंदी में कहें।

Important Points

  • बनारसी दास की रचनाएं –
    • बनारसी बिलास - फुटकल कवितों का संग्रह
    • नाटक समयसार - कुंदकुंदाचार्य कृत ग्रंथ का सार है
    • नाममाला - कोश ग्रंथ है।
    • अर्ध कथानक, बनारसी पद्धति मोक्षपदी, ध्रुववंदना, कल्याण मंदिर भाषा, वेद निर्णय पंचाशिका, मारगन विद्या.
    • इनकी रचना शैली पुष्ट है और इनकी कविता दादूपंथी सुंदर दास की कविता से मिलती जुलती है।

Additional Information

  • नरोत्तमदास –
    • इनका 'सुदामा' चरित्र ग्रंथ बहुत प्रसिद्ध है।
    • सुदामा चरित ग्रंथ के सवैया  बहुत लोगों के मुंह पर सुनाई पड़ते हैं।
    • 'ध्रुव चरित्र ' इनका एक खंडकाव्य है।
  • वली दक्कनी -
  • इनका नाम बली मोहम्मद था।
    • पुरानी प दखिनी धारा की परसमाप्ति और उर्दू काव्य धारा के आरंभ युग के संधि काल के महाकवि है।
    • इन्हें उर्दू कविता के पिता के रूप में जाना जाता है।
    • उर्दू भाषा में ग़ज़ल बनाते थे।
    • इन्होंने अपनी गजलों में भारतीयों विषयों मुहावरों और इमेजरी का भी प्रयोग किया है।
  • नवल दास
    • नवल संप्रदाय के संस्थापक संत नवल दास है।
    • संत नवल दास जी का जन्म हसोलाव गांव नागौर में हुआ
    • नवल संप्रदाय की मुख्य पीठ जोधपुर में है।
    • इनके भाषणों का संग्रह 'नवले श्वर अनुभव वाणी' में है।

'बगियान बसंत बसेरो कियो, बसिए, तेहि त्यागि तपाइए ना |

दिन काम-कुतूहल के जो बने, तिन बीच बियोग बुलाइए ना ||

'उपर्युक्त काव्य पंक्तियों के रचनाकार हैं:

  1. प्रतापनारायण मिश्र
  2. बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन'
  3. ठाकुर जगन्मोहन सिंह
  4. भारतेन्दु हरिश्चंद्र

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन'

भारतेन्दु युग Question 13 Detailed Solution

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उपर्युक्त काव्य पंक्तियों के रचनाकार-2) बदरीनारायण चौधरी 'प्रेमघन' हैं।

Important Points

  • प्रेमघन की रचनाओं का क्रमशः तीन खंडों में विभाजन किया जाता है-
  1. प्रबंध काव्य
  2. संगीत काव्य
  3. स्फुट निबंध 
  • "भारत सौभाग्य" नाटक 1888 में कांग्रेस महाधिवेशन के अवसर पर खेले जाने के लिए लिखा गया था।

Additional Information 

  • प्रेमघन की रचनायें-भारत सौभाग्य,प्रयाग रामागमन,संगीत सुधासरोवर,भारत भाग्योदय काव्य।
  • 1881 को मिर्जापुर से 'आनन्द कादम्बनी' इनके द्वारा ही संपादित की गई।

''कलिकौतुक' के रचयिता कौन हैं? 

  1. भारतेन्‍दु हरिक्ष्‍चन्‍द्र
  2. प्रतापनारायण  म‍िश्र
  3. बालकृष्‍ण भट्ट
  4. बालमुकुंद गुप्‍त

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : प्रतापनारायण  म‍िश्र

भारतेन्दु युग Question 14 Detailed Solution

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  • सही उत्तर विकल्प 2 है।
  • प्रताप नारायण मिश्र
Key Points
  • कलि कौतुक - 1886 (प्रहसन)
  • प्रताप नारायण मिश्र - भारतेंदु मंडल के कवि, लेखक और पत्रकार
  • आचार्य शुक्ल ने हिंदी का एडीसन कहा।
Important Points
  • महत्त्वपूर्ण रचनाएँ
  1. नाटक: गो संकट, कलिकौतुक, कलिप्रभाव, हठी हम्मीर।
  2. निबंध संग्रह -, प्रताप पीयूष, प्रताप समीक्षा
  3. अनूदित गद्य कृतियाँ: राजसिंह, अमरसिंह, इन्दिरा, राधारानी, चरिताष्टक, पंचामृत, नीतिरत्नमाला,
  4. कविता : प्रेम पुष्पावली, मन की लहर,
Additional Information
  • हिंदी, हिंदू, हिंदुस्तान का नारा दिया।

'निज भाषा उन्नति अहै, सब उन्नति को मूल' – किस प्रसिद्ध कवि की काव्यपंक्ति है ? 

  1. प्रताप नारायण मिश्र
  2. भवानी प्रसाद मिश्र
  3. सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
  4. भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : भारतेन्दु हरिश्चन्द्र

भारतेन्दु युग Question 15 Detailed Solution

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'निज भाषा उन्‍नति अहै, सब उन्‍नति कौ मूल।' 'भारतेन्दु हरिश्चंद्र' की पंक्ति  है।

  • भारतेन्दु हरिश्चन्द्र (9 सितंबर 1850-6 जनवरी 1885) "आधुनिक हिंदी साहित्य के पितामह" कहे जाते हैं।
  • इनका मूल नाम 'हरिश्चन्द्र' था, 'भारतेन्दु' उनकी उपाधि थी।
  • इनके निबंध संग्रह निम्नलिखित हैं:-
    • नाटक
    • कालचक्र (जर्नल)
    • लेवी प्राण लेवी
    • भारतवर्षोन्नति कैसे हो सकती है?
    • कश्मीर कुसुम
    • जातीय संगीत
    • संगीत सार
    • हिंदी भाषा
    • स्वर्ग में विचार सभा

Important Points

  • हिंदी में नाटकों का प्रारम्भ भारतेन्दु हरिश्चंद्र से माना जाता है।
  • भारतेन्दु के नाटक लिखने की शुरुआत बंगला के विद्यासुन्दर (1867) नाटक के अनुवाद से होती है।

भारतेंदु हरिश्चंद्र के मौलिक नाटक निम्नलिखित हैं:-

नाटक

रचना वर्ष

नाटक का प्रकार

वैदिकी हिंसा हिंसा न भवति

1873

प्रहसन

सत्य हरिश्चन्द्र

1875

नाटक

श्री चंद्रावली

1876

नाटिका

विषस्य विषमौषधम्

1876

भाण

भारत दुर्दशा

1880

नाट्य रासक

नीलदेवी

1881

ऐतिहासिक गीति रूपक

अंधेर नगरी

1881

प्रहसन

प्रेमजोगिनी

1875

नाटिका

सती प्रताप

1883

गीतिरूपक

 
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