विधि के किस प्रावधान के अन्तर्गत न्यायालय बिना आधार गिरफ्तार किये गये एक व्यक्ति को प्रतिकर दिला सकता है?

  1. दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 349 
  2. दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 357 
  3. दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 358
  4. उपरोक्त में से कोई नहीं।

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : दण्ड प्रक्रिया संहिता की धारा 358

Detailed Solution

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सही उत्तर विकल्प 3 है। Key Points

  • दंड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा 358 निराधार रूप से गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों को मुआवजा देने से संबंधित है।
  • उपधारा (1) में कहा गया है कि जब कभी कोई व्यक्ति किसी पुलिस अधिकारी से किसी अन्य व्यक्ति को गिरफ्तार करवाता है, तब यदि उस मजिस्ट्रेट को, जिसके द्वारा मामले की सुनवाई की जा रही है, यह प्रतीत होता है कि ऐसी गिरफ्तारी करवाने के लिए पर्याप्त आधार नहीं था, तो मजिस्ट्रेट गिरफ्तारी करवाने वाले व्यक्ति द्वारा गिरफ्तार किए गए व्यक्ति को मामले में हुई समय की हानि और व्यय के लिए एक हजार रुपए से अधिक का ऐसा प्रतिकर दे सकेगा, जैसा मजिस्ट्रेट ठीक समझे।
  • (2) ऐसे मामलों में, यदि एक से अधिक व्यक्तियों को गिरफ्तार किया जाता है, तो मजिस्ट्रेट प्रत्येक को समान तरीके से पुरस्कार दे सकता है। 
  • उन्हें एक हजार रुपए से अधिक नहीं, ऐसा प्रतिकर दिया जाएगा, जैसा मजिस्ट्रेट ठीक समझे।
  • (3) इस धारा के अधीन अधिनिर्णीत समस्त प्रतिकर ऐसे वसूल किया जा सकेगा मानो वह जुर्माना हो , और यदि वह इस प्रकार वसूल नहीं किया जा सकता तो वह व्यक्ति जिसके द्वारा वह देय है, मजिस्ट्रेट द्वारा निर्दिष्ट अवधि के लिए तीस दिन से अधिक के सादा कारावास से दण्डित किया जाएगा, जब तक कि ऐसी राशि पहले न दे दी जाए।

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