नई कविता MCQ Quiz in हिन्दी - Objective Question with Answer for नई कविता - मुफ्त [PDF] डाउनलोड करें
Last updated on Mar 17, 2025
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नई कविता Question 1:
'अंधेरे में' कविता से सम्बन्धित कौन-सी टिप्पणियाँ रामविलास शर्मा की हैं?
a) 'अंधेरे में' कविता की मूल समस्या यही है कि मध्यवर्ग का बुद्धिजीवी सर्वहारा वर्ग से तादात्म्य कैसे स्थापित करे।
b) कवि मुक्तिबोध के लिए अस्मिता की खोज व्यक्ति की खोज नहीं, बल्कि अभिव्यक्ति की खोज है।
c) मुक्तिबोध के काव्य-संसार की पट-भूमि असंदिग्ध रूप से ऐसी शासन व्यवस्था है जो निहायत चालाक होने के साथ ही बेहद आततायी है।
d) मुक्तिबोध की मुख्य समस्या है, अपना वर्ग छोड़कर दूसरे वर्ग के साथ तादात्म्य स्थापित करना।
Answer (Detailed Solution Below)
नई कविता Question 1 Detailed Solution
- सही उत्तर विकल्प 4 है।
- A और D विकल्प सही हैंI
-
'अंधेरे में' कविता से सम्बन्धित कौन-सी टिप्पणियाँ रामविलास शर्मा की हैं?
a) 'अंधेरे में' कविता की मूल समस्या यही है कि मध्यवर्ग का बुद्धिजीवी सर्वहारा वर्ग से तादात्म्य कैसे स्थापित करे।
d) मुक्तिबोध की मुख्य समस्या है, अपना वर्ग छोड़कर दूसरे वर्ग के साथ तादात्म्य स्थापित करना
Key Points
- कविता - अंधेरे में
- लेखक - गजानन माधव मुक्तिबोध
- पहला प्रकाशन - 1964
- कल्पना पत्रिका में ' आशंका के द्वीप अंधेरे में ' नाम से पहला प्रकाशन
- फैंटेसी शैली की कविता
Important Points
- अन्य कविताएं - ब्रह्म राक्षस, अंतः करण का आयतन, भूल गलती
- रामविलास शर्मा मार्क्सवादी आलोचक हैं।
- उनके अनुसार इस कविता में मुक्तिबोध ने अपना बुद्धिजीवी वर्ग छोड़ कर मजदूर वर्ग से तारतम्य बैठने की कोशिश की है।
Additional Information
- नामवर सिंह के अनुसार यह कविता - आत्मा की खोज
- रामविलास शर्मा के अनुसार - अपराध भावना का अनुसंधान, अरक्षित जीवन की कविता
- शमशेर बहादुर सिंह के अनुसार - एक दहकता इस्पाती दस्तावेज
नई कविता Question 2:
निम्नलिखित कविता-संग्रहों को, उनके प्रथम प्रकाशन वर्ष के अनुसार, पहले से बाद के क्रम में लगाइये।
A. सुदामा पांडे का प्रजातंत्र
B. पत्थर फेंकता हूँ
C. चाँद की वर्तनी
D. चाँद का मुँह टेढ़ा है
E. नए इलाके में
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए :
Answer (Detailed Solution Below)
नई कविता Question 2 Detailed Solution
सही उत्तर है- D, A, E, C, B
Key Pointsकविता संग्रहों के प्रकाशन वर्ष और लेखकों के नाम दिए गए हैं-
कविता-संग्रह | प्रकाशन वर्ष | लेखक |
---|---|---|
चाँद का मुँह टेढ़ा है | 1964 | मुक्तिबोध |
सुदामा पांडे का प्रजातंत्र | 1984 | धूमिल |
नए इलाके में | 1996 | अरुण कमल |
चाँद की वर्तनी | 2006 | राजेश जोशी |
पत्थर फेंकता हूँ | 2010 | चंद्रकांत देवताले |
Important Pointsमुक्तिबोध-
- जन्म-1917-1964 ई.
- काव्य रचनाएँ-
- चाँद का मुँह टेढ़ा(1964 ई.)
- भूरि-भूरि खाक धूल(1980 ई.) आदि।
सुदामा पांडेय धूमिल-
- जीवनकाल- 1936-1975 ई.
- जन्मस्थान- वाराणसी
- धूमिल के तीन काव्य-संग्रह प्रकाशित हैं-
- संसद से सड़क तक-1972
- कल सुनना मुझे-1976
- सुदामा पांडे का प्रजातंत्र- 1984
अरुण कमल-
- जन्म-1954 ई.
- आधुनिक हिन्दी साहित्य में समकालीन दौर के प्रगतिशील विचारधारा संपन्न, अकाव्यात्मक शैली के ख्यात कवि हैं।
- काव्य संग्रह-
- अपनी केवल धार(1980 ई.)
- सबूत(1989 ई.)
- नये इलाके में(1996 ई.)
- पुतली में संसार(2004 ई.)
- मैं वो शंख महाशंख(2012 ई.)
- योगफल(2019 ई.) आदि।
राजेश जोशी-
- जन्म-1946-2014 ई.
- काव्य संग्रह-
- एक दिन बोलेंगे पेड़
- मिट्टी का चेहरा
- समरगाथा
- चाँद की वर्तनी आदि।
चंद्रकांत देवताले:
- जन्म: 1936
- प्रमुख कृतियां:
- हड्डियों में छिपा ज्वर
- दीवारों पर खून से
- लकडभग्घा हंस रहा है
- भूखंड तप रहा है
- पत्थर की बेंच
- इतनी पत्थर रौशनी
- उजाड़ में संग्रहालय।
नई कविता Question 3:
रचनाओं के प्रथम प्रकाशन वर्ष की दृष्टि से पहले से बाद के क्रम में लगाइए:
A. सब कुछ होना बचा रहेगा
B. मगध
C.अपनी केवल धार
D. चाँद की वर्तनी
E. अकाल में सारस
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर का चयन कीजिए:
Answer (Detailed Solution Below)
नई कविता Question 3 Detailed Solution
रचनाओं के प्रथम प्रकाशन वर्ष की दृष्टि से पहले से बाद का सही क्रम है- C, B, E, A, D
Key Points
अपनी केवल धार –
- रचनाकार - अरुण कमल
- रचनाकाल - 1980 ई.
मगध –
- रचनाकार - श्रीकांत वर्मा
- रचनाकाल - 1987 ई.
अकाल में सारस –
- रचनाकार - केदारनाथ सिंह
- रचनाकाल - 1988 ई.
सब कुछ होना बचा रहेगा –
- रचनाकार - विनोद कुमार शुक्ल
- रचनाकाल - 1992 ई.
चांद की वर्तनी –
- रचनाकार - राजेश जोशी
- रचनाकाल - 2006 ई.
Important Points
अरुण कमल की रचनाएं –
- सबूत (1989 ई.)
- नए इलाके में (1996 ई.)
- पुतली में संसार (2001 ई.)
श्रीकांत वर्मा की रचनाएं-
- दिनारंभ (1967 ई.)
- माया दर्पण (1967 ई.)
- जलसाघर (1973 ई.)
केदारनाथ सिंह की रचनाएं –
- अभी बिल्कुल अभी (1960 ई.)
- ज़मीन पक रही है’ (1980 ई.)
- यहाँ से देखो (1983 ई.)
- अकाल में सारस (1988 ई.)
- उत्तर कबीर और अन्य कविताएँ (1995 ई.)
- बाघ (1996 ई.)
- तालस्ताय और साइकिल (2005 ई.)
- सृष्टि पर पहरा (2014 ई.)
विनोद कुमार शुक्ल के कविता संग्रह-
- लगभग जयहिंद (1971ई.)
- वह आदमी चला गया नया गरम कोट पहिनकर विचार की तरह (1981 ई.)
- सब कुछ होना बचा रहेगा (1992 ई.)
- अतिरिक्त नहीं (2000 ई.)
- कविता से लंबी कविता (2001 ई.)
- आकाश धरती को खटखटाता है (2006 ई.)
- पचास कविताएँ (2011 ई.)
- कभी के बाद अभी (2012 ई.)
- कवि ने कहा (चुनी हुई कविताएँ 2012 ई.)
- प्रतिनिधि कविताएँ (2013 ई.)
राजेश जोशी के काव्य संग्रह –
- समर गाथा (लंबी कविता)
- एक दिन बोलेंगे पेड़
- मिट्टी का चेहरा
- नेपथ्य में हंसी
- दो पंक्तियों के बीच
Additional Information
अरुण कमल –
- 'नए इलाके में' काव्य संग्रह के लिए (1998 ई.) में साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला।
श्रीकांत वर्मा-
- को मगध काव्य संग्रह के लिए (1987 ई.)साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला।
केदारनाथ सिंह –
- 'अकाल में सारस' (1989 ई.) में कृति के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला।
- 2013 ई. में भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला।
- इन्हें व्यास सम्मान, मैथिलीशरण गुप्त सम्मान,और भारत भारती सम्मान भी मिले हैं।
विनोद कुमार शुक्ल –
- 'दीवार में एक खिड़की' के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला।
- 1979 ई. नौकर की कमीज नाम से उनका उपन्यास आया जिस पर फिल्मकार मणिकौल ने इसी नाम से फिल्म बनाई।
राजेश जोशी-
- 'दो पंक्तियों के बीच ' काव्य संग्रह के लिए (2002 ई.) मैं साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला।
नई कविता Question 4:
'अँधेरे में' कविता में काव्य-वाचक किसे 'पितः पितः ओ' कहकर संबोधित करता है?
Answer (Detailed Solution Below)
नई कविता Question 4 Detailed Solution
'अँधेरे में' कविता में काव्य-वाचक तिलक को 'पितः पितः ओ' कहकर संबोधित करता है।
- उक्त पंक्तिया 'अँधेरे में' कविता से अवतरित है।
- 'अँधेरे में' मुक्तिबोध की लंबी कविता है।
Key Pointsमुक्तिबोध-
- जन्म-1916-1964ई.
- हिन्दी साहित्य के प्रमुख कवि, आलोचक, निबंधकार, कहानीकार तथा उपन्यासकार थे।
- इन्हें प्रगतिशील कविता और नयी कविता के बीच का एक सेतु भी माना जाता है।
- मुख्य रचनाएँ-
- चाँद का मुँह टेढ़ा है (1964ई.)
- भूरी-भूरी खाक धूल(1980ई.) आदि।
Additional Informationपूर्ण पंक्तियाँ हैं-
- हाय, हाय, पितः पितः ओ,
चिन्ता में इतने न उलझो
हम अभी ज़िन्दा हैं ज़िन्दा,
चिन्ता क्या है!!
मैं उस पाषाण-मूर्ति के ठण्डे
पैरों की छाती से बरबस चिपका
रुआँसा-सा होता
देह में तन गये करुणा के काँटे
छाती पर, सिर पर, बाँहों पर मेरे
गिरती हैं नीली
बिजली की चिनगियाँ
रक्त टपकता है हृदय में मेरे
आत्मा में बहता-सा लगता
ख़ून का तालाब।
नई कविता Question 5:
'जमीन पक रही है' किसका काव्य संग्रह है ?
Answer (Detailed Solution Below)
नई कविता Question 5 Detailed Solution
'जमीन पक रही है' केदारनाथ सिंह का काव्य संग्रह है।
जमीन पक रही है-
- रचनाकार-केदारनाथ सिंह
- प्रकाशन वर्ष-1980 ई.
Key Pointsकेदारनाथ सिंह-
- जन्म-1934-2018 ई.
- तीसरा सप्तक के महत्तवपूर्ण कवि है।
- रचनाएँ-
- अभी बिल्कुल अभी (1960 ई.)
- जमीन पक रही है(1980 ई.)
- यहाँ से देखो(1983 ई.)
- बाघ(1996 ई.)
- अकाल में सारस(1988 ई.)
- उत्तर कबीर और अन्य कविताएँ(1995 ई.)
- तालस्ताय और साइकिल(2005 ई.) आदि।
Important Pointsत्रिलोचन-
- जन्म-1917-2000 ई.
- रचनाएँ-
- धरती(1945 ई.)
- गुलाब और बुलबुल(1956 ई.)
- दिगंत(1957 ई.)
- ताप के ताए हुए दिन(1980 ई.)
- शब्द(1980 ई.)
- उस जनपद का कवि हूँ (1981 ई.) आदि।
धूमिल-
- रचनाएँ-
- संसद से सड़क तक(1972 ई.)
- कल सुनना मुझे(1976 ई.)
- सुदामा पांडे का प्रजातंत्र(1984 ई.) आदि।
केदारनाथ अग्रवाल-
- जन्म-1911-2000 ई.
- प्रगतिशील काव्यधारा के कवि रहे हैं ।
- रचनाएँ-
- नींद के बादल (1947 ई.)
- फूल नहीं रंग बोलते हैं (1965 ई.)
- गुल मेंहदी (1978 ई.)
- पंख और पतवार (1979 ई.)
- अपूर्वा (1984 ई.) आदि।
Additional Information तीसरा सप्तक(1959 ई.) के कवि है-
- कुँवर नारायण
- कीर्ति चौधरी
- सर्वेश्वर दयाल सक्सेना
- मदन वात्स्यायन
- प्रयाग नारायण त्रिपाठी
- केदारनाथ सिंह
- विजयदेवनरायण साही
नई कविता Question 6:
सूची - 1 में दिए गए कवियों को सूची - 2 में दिए कविता - संग्रहों से सुमेलित कीजिए:
सूची - 1 |
सूची – 2 |
A. रघुवीर सहाय |
I. काठ की घंटियाँ |
B. केदारनाथ सिंह |
II. आत्महत्या के विरूद्ध |
C. कुँवर नारायण |
III. आत्मजयी |
D. सर्वेश्वर दयाल सक्सेना |
IV. जमीन पक रही है |
नीचे दिए गए विकल्पों मे से सही उत्तर चुनिए:
Answer (Detailed Solution Below)
नई कविता Question 6 Detailed Solution
कवि और उनके कविता संग्रह-4) A-II,B-IV,C-III,D-I है।
Key Points
सूची - 1 |
सूची – 2 |
A. रघुवीर सहाय |
II.आत्महत्या के विरूद्ध |
B. केदारनाथ सिंह |
IV.जमीन पक रही है |
C. कुंवरनारायण |
III.आत्मजयी |
D. सर्वेश्वर दयाल सक्सेना |
I.काठ की घंटिया |
Important Points
- रघुवीर सहाय को कविता संग्रह 'लोग भूल गए हैं' के लिए 1984 में साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- केदारनाथ सिंह की प्रमुख कृतियां-‘जमीन पक रही है',‘यहां से देखो’,‘उत्तर कबीर’,‘टालस्टॉय और साइकिल’और ‘बाघ’,‘कल्पना और छायावाद’,‘आधुनिक हिंदी कविता में बिंबविधान’और ‘मेरे समय के शब्द’ हैं।
- नयी कविता आन्दोलन के सशक्त हस्ताक्षर कुँवर नारायण अज्ञेय द्वारा संपादित तीसरा सप्तक(1959) के प्रमुख कवियों में रहे हैं।
- सर्वेश्र्वरदयाल सक्सेना की संपूर्ण गद्य रचनाओं को चार खण्डों में किताबघर दिल्ली ने छापा है।
Additional Information
- आत्महत्या के विरूद्ध कविता संग्रह में 'रघुवीर सहाय' ने प्रकृति के नाना दृश्यों का वर्णन किया है।
- 'जमीन पक रही है' का प्रकाशन वर्ष 1980 है।
- कुंवरनारायण का प्रथम काव्य संग्रह चक्रव्यूह नाम से प्रकाशित हुआ।
- 1982 में दयाल सक्सेना जी प्रमुख बाल पत्रिका पराग के सम्पादक बने।
नई कविता Question 7:
निम्न में कौन सा सही सुमेलित नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
नई कविता Question 7 Detailed Solution
निम्न में संसद से सड़क तक - नागार्जुन सही सुमेलित नहीं है।
संसद से सड़क तक - धूमिल द्वारा लिखी गयी एक कविता है।
Key Pointsसुदामा पांडेय 'धूमिल(1958-1996)
- सुदामा पाण्डेय धूमिल हिंदी की समकालीन कविता के दौर के मील के पत्थर सरीखे कवियों में एक है।
- धूमिल की कविताओं में आजादी के सपनों के मोहभंग की पीड़ा और आक्रोश की सबसे सशक्त अभिव्यक्ति मिलती है।
- व्यवस्था जिसने जनता को छला है, उसको आइना दिखाना मानों धूमिल की कविताओं का परम लक्ष्य है।
धूमिल के तीन काव्य-संग्रह प्रकाशित हैं-
- संसद से सड़क तक-1972
- कल सुनना मुझे-1976
- सुदामा पांडे का प्रजातंत्र- 1984
नागार्जुन (1911- 1998)
- नागार्जुन हिन्दी और मैथिली के अप्रतिम लेखक और कवि थे।
- नागार्जुन अनेक भाषाओं के ज्ञाता तथा प्रगतिशील विचारधारा के साहित्यकार थे।
- नागार्जुन ने हिन्दी के अतिरिक्त मैथिली संस्कृत एवं बाङ्ला में मौलिक रचनाएँ भी कीं तथा संस्कृत, मैथिली एवं बाङ्ला से अनुवाद कार्य भी किया।
कविता-संग्रह-
- युगधारा -1953
- सतरंगे पंखों वाली -1959
- प्यासी पथराई आँखें -1962
- तालाब की मछलियाँ-1974
Additional Information
लेखक | रचनाएँ |
भवानी प्रसाद मिश्र (1914-1985) | गीत फरोश (कविता संग्रह) चकित है दुख (कविता संग्रह) गान्धी पंचशती (कविता संग्रह) बुनी हुई रस्सी (कविता संग्रह) |
सर्वेश्वर दयाल सक्सेना (1927-1983) | पागल कुत्तों का मसीहा (लघु उपन्यास)–1977 (कथा-साहित्य) सोया हुआ जल (लघु उपन्यास)–1977 (कथा-साहित्य) कच्ची सड़क–1978 (कथा-साहित्य) अंधेरे पर अंधेरा–1980 (कथा-साहित्य) |
रघुवीर सहाय (1929-1990) | हँसो हँसो जल्दी हँसो (कविता संग्रह) रास्ता इधर से है (कहानी संग्रह) दिल्ली मेरा परदेश (निबंध संग्रह) |
नई कविता Question 8:
निम्न में से कौन-सी शेखर जोशी की रचना नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
नई कविता Question 8 Detailed Solution
शेखर जोशी की रचना नहीं है- नए पत्ते
- शेखर जोशी की रचना-
- साथ के लोग
- हलवाहा
- एक पेड़ की याद
Key Points
- नए पत्ते एक कविता संग्रह है।
- इसकी रचना सूर्यकांत त्रिपाठी निराला ने की थी।
- इसका प्रकाशन वर्ष मार्च 1946 माना जाता है।
Important Pointsशेखर जोशी:-
- शेखर जोशी का जन्म उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के ओलिया गांव में सितम्बर सन् 1932 में हुआ था।
- शेखर जोशी का प्रारंभिक शिक्षा अजमेर और देहरादून में हुई थी।
अन्य प्रमुख रचनाएं:-
- कोसी का घटवार
- नौरंगी बीमार है
- मेरा पहाड़
- प्रतिनिधि कहानियां
- बिरादरी
- किस्सागो
- बच्चे का सपना
Additional Informationसूर्यकांत त्रिपाठी निराला की प्रमुख रचनाएं:-
- गीतिका (1936)
- अनामिका (1923)
- कुकुरमुत्ता (1942)
- परिमल (1930)
- तुलसीदास (1939)
नई कविता Question 9:
वीरेन डंगवाल को किस कृति के लिए साहित्य अकादमी पुरस्कार मिला है?
Answer (Detailed Solution Below)
नई कविता Question 9 Detailed Solution
अन्य विकल्पों का विश्लेषण:
- उन्हें 'इसी दुनिया में' पर रघुवीर सहाय स्मृति पुरस्कार मिला। उन्हें श्रीकांत वर्मा स्मृति पुरस्कार और कविता के लिए शमशेर सम्मान भी प्राप्त हो चुका है। डंगवाल जी ने विपुल परिमाण में अनुवाद कार्य भी किए हैं ।
- तुर्की के महाकवि नाजिम हिकमत की कविताओं के अनुवाद उन्होंने 'पहल पुस्तिका' के रूप में किया।
- उन्होंने विश्वकविता से पाब्लो नेरुदा, वर्तोल्त ब्रेख्त, वास्को पोपा, मीरोस्लाव होलुब, तदेऊष रूजेविच आदि की कविताओं के अलावा कुछ आदिवासी लोक कविताओं के भी अनुवाद किए ।
- समसामयिक कवि वीरेन डंगवाल की कविताओं के संकलन 'दुष्चक्र में भ्रष्टा' से उनकी कविता 'हमारी नींद' यहाँ प्रस्तुत है।
- सुविधाभोगी आराम पसंद जीवन अथवा हमारी बेपरवाहियों के बाहर विपरीत परिस्थितियों से लगातार लड़ते हुए बढ़ते जानेवाले जीवन का चित्रण करती है यह कविता।
नई कविता Question 10:
'मुझे भ्रम होता है कि प्रत्येक वाणी में। महाकाव्य पीड़ा है' काव्य-पंक्ति निम्न में से किसकी है ?
Answer (Detailed Solution Below)
नई कविता Question 10 Detailed Solution
'मुझे भ्रम होता है कि प्रत्येक वाणी में। महाकाव्य पीड़ा है' काव्य-पंक्ति है :- गजानन माधव 'मुक्तिबोध'
'मुझे क़दम-क़दम पर'-
- विधा - काव्य
- रचनाकार - गजानन माधव 'मुक्तिबोध'
- विषय -
- रचनात्मक जीवन के प्रति सौंदर्य, राग-विराग, विरह आदि भावों को भाषा के दृष्टिकोण को दर्शाती है।
Key Points'गजानन माधव 'मुक्तिबोध'-
- प्रसिद्धि - हिन्दी साहित्य के प्रमुख कवि, आलोचक, निबंधकार, कहानीकार तथा उपन्यासकार थे।
- प्रमुख रचनाएं -
- चाँद का मुँह टेढ़ा है – (कविता संग्रह), (1964)
- नई कविता का आत्मसंघर्ष तथा अन्य निबंध (निबंध संग्रह), (1964)
- एक साहित्यिक की डायरी (निबंध संग्रह), (1964)
- काठ का सपना (कहानी संग्रह), (1967)
- विपात्र (उपन्यास), (1970)
- नये साहित्य का सौंदर्यशास्त्र, (1971)
- सतह से उठता आदमी (कहानी संग्रह), (1971)
- कामायनी: एक पुनर्विचार, (1973)
- भूरी-भूरी खाक धूल – (कविता संग्रह), (1980)
Additional Information रामधारी सिंह 'दिनकर'-
- प्रसिद्धि - आधुनिक युग के श्रेष्ठ वीर रस के कवि व निबन्धकार थे।
- प्रमुख रचनाएं -
- बारदोली-विजय संदेश (1928)
- प्रणभंग (1929)
- रेणुका (1935)
- हुंकार (1938)
- रसवन्ती (1939)
- द्वंद्वगीत (1940)
- कुरूक्षेत्र (1946)
- धूप-छाँह (1947)
- सामधेनी (1947)
'नागार्जुन'-
- प्रसिद्धि - प्रगतिशील विचारधारा के साहित्यकार
- प्रमुख रचनाएं -
- तुमने कहा था -(1980)
- खिचड़ी विप्लव देखा हमने -(1980)
हजार-हजार बाँहों वाली -(1981)
- पुरानी जूतियों का कोरस -(1983)
- रत्नगर्भ -(1984)
- तालाब की मछलियाँ -(1974)
शमशेर बहादुर सिंह -
- प्रसिद्धि -
- प्रमुख रचनाएं -
- कुछ कविताएं' (1956)
- 'कुछ और कविताएं' (1961)
- 'शमशेर बहादुर सिंह की कविताएं' (1972)
- 'इतने पास अपने' (1980)
- 'उदिता : अभिव्यक्ति का संघर्ष' (1980)
- 'चुका भी हूं नहीं मैं' (1981)
- 'बात बोलेगी' (1981)
- 'काल तुझसे होड़ है मेरी' (1988)