अलंकार MCQ Quiz - Objective Question with Answer for अलंकार - Download Free PDF

Last updated on Jun 13, 2025

Latest अलंकार MCQ Objective Questions

अलंकार Question 1:

'चरण कमल बन्द हरि राई' में कौन-सा अलंकार है ?

  1. उपमा
  2. रुपक
  3. अतिशयोक्ति
  4. श्लेष
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : रुपक

अलंकार Question 1 Detailed Solution

'चरण कमल बन्द हरि राई' में अलंकार है - रुपक

Key Points

  • (इस पंक्ति में चरणों की तुलना कमल से की गई है, यहां चरणों को कमल के समान बताया गया है, इस तरह रुपक अलंकार का प्रयोग हुआ है।)
  • जब एक वस्तु पर दूसरी वस्तु का आरोप किया जाये अर्थात् जब एक वस्तु को दूसरी वस्तु का रूप दिया जाये तो रुपक अलंकार कहलाता है।
  • उदाहरण-
    • पायो जी मैंने राम रतन धन पायो। 
    • (यहाँ पर राम रतन को ही धन बता दिया गया है।)

Additional Information

उपमा:-

  • जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए, तब वहां उपमा अलंकर होता है।

उदाहरण-

  • ​हरि पद कोमल कमल।
  • (यहाँ पर हरि के चरणों को कमल के फूल के सामान कोमल बताया गया है।)

अतिशयोक्ति-

  • जब किसी वस्तु, व्यक्ति आदि का वर्णन बहुत बाधा चढ़ा कर किया जाए तब वहां अतिशयोक्ति अलंकार होता है।
  • इस अलंकार में नामुमकिन तथ्य बोले जाते हैं।

 उदाहरण-

  • हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आग,
  • लंका सिगरी जल गई गए निशाचर भाग। 
  • (यहाँ हनुमान की पूंछ में आग लगने से पहले ही पूरी लंका जलकर राख हो गयी और सारे राक्षस भाग खड़े हुए।)

श्लेष:-

  • श्लेष का अर्थ होता है चिपका हुआ या मिला हुआ। जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं, तब श्लेष अलंकार होता है।

उदाहरण-

  • रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून।
    पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।।
  • (यहां पानी के तीन अर्थ है- कांति, आत्म-सम्मान और जल।)

अलंकार Question 2:

'अम्बर पनघट में डुबो रही तारा-घट ऊषा नागरी' में कौन-सा अलंकार है?

  1. उपमा
  2. रूपक
  3. यमक
  4. उत्प्रेक्षा
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : रूपक

अलंकार Question 2 Detailed Solution

'अम्बर पनघट में डुबो रही तारा-घट ऊषा नागरी' काव्य पंक्ति में रूपक अलंकार है।

  • विधा-गीत
  • रचनाकार-जयशंकर प्रसाद

Key Points

  • इस काव्य पंक्तियों में रूपक अलंकार है क्योंकि यहां 'अम्बर-पनघट' 'तारा-घट' एवं 'ऊषा-नगरी' को उपमेय उपमान माना गया है।
  • जहाँ गुण की अत्यंत समानता के कारण उपमेय में ही उपमान का अभेद आरोप कर दिया हो, वहाँ रूपक अलंकार होता है।

रूपक अलंकार-

  • जब गुण की अत्यंत समानता के कारण उपमेय को ही उपमान बता दिया जाए यानी उपमेय ओर उपमान में अभिन्नता दर्शायी जाए तब वह रूपक अलंकार कहलाता है।
  • रूपक अलंकार अर्थालंकारों में से एक है।
  • रूपक अलंकार में उपमान और उपमेय में कोई अंतर नहीं दिखायी पड़ता है।
  • उदाहरण-
    • ​पायो जी मैंने राम रतन धन पायो।

Important Points

  • इस गीत में मानवीकरण द्वारा प्रात:काल की शोभा का सुन्दर चित्रण किया गया है।
  • एक सखी दूसरी सखी से कहती है कि हे सखी! रात बीत चुकी है। अब तू उठ।
  • आकाशरूपी पनघट पर ऊषारूपी चतुर नारी तारारूपी घड़ा डुबो रही है; अर्थात् तारे एक-एक करके छिपते चले जा रहे हैं।

Additional Informationयमक अलंकार- 

  • जब एक शब्द प्रयोग दो बार होता है और दोनों बार उसके अर्थ अलग-अलग होते हैं तब यमक अलंकार होता है।
  • उदाहरण-
    • सजना है मुझे सजना के लिए।
    • माला फेरत जग गया, फिरा न मन का फेर।

उत्प्रेक्षा अलंकार-

  • जहाँ पर उपमान के ना होने पर उपमेय को ही उपमान मान लिया जाए वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।
  • इस अलंकार में मनु,जनु,जनहु,जानो,मानहु,मानो आदि शब्द आते हैं।
  • उत्प्रेक्षा अलंकार के तीन भेद होते हैं-
    • वस्तुप्रेक्षा
    • हेतुप्रेक्षा
    • फलोत्प्रेक्षा
  • उदाहरण-
    • ​नेत्र मानो कमल है।

उपमा अलंकार-

  • उपमा शब्द का अर्थ है-तुलना। जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दुसरे वस्तु या व्यक्ति से की जाए तो वहां पर उपमा अलंकार होता है।
  • उदाहरण
    • ​पीपर पात सरिस मन डोला।

अलंकार Question 3:

हे खग मृग हे मधुकर श्रेनी ।

तुम देखी सीता मृग नैनी ॥

इस पद्यांश में किस अलंकार की योजना है ?

  1. मानवीकरण
  2. उपमा
  3. उत्प्रेक्षा
  4. रूपक
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : मानवीकरण

अलंकार Question 3 Detailed Solution

हे खग मृग हे मधुकर श्रेनी ।

तुम देखी सीता मृग नैनी ॥

इस पद्यांश में अलंकार की योजना है - मानवीकरण

Key Points

  • इस पद्यांश में "मानवीकरण" अलंकार का प्रयोग किया गया है। 
  • खग (पक्षी), मृग (हिरण) और मधुकर (मधु मक्खियां) को मानवीय गुण प्रदान किए गए हैं। उनसे प्रश्न पूछे जा रहे हैं जैसे वे उत्तर दे सकते हैं।
  • जब किसी पदार्थ अथवा प्रकृति के अंग (नदी, पेड़, पर्वत, झरने, लताएँ, हवा, पक्षी, पत्थर) इत्यादि पर मानवीय क्रियाओ का आरोप लगाया जाता है, 
  • अर्थात मानव के जैसा व्यवहार को दर्शाया जाता है, वहाँ पर मानवीकरण अलंकार होता है।

उदाहरण-

  • मेघ आये बड़े बन-ठन के संवर के। 
  • (यहाँ बादल बड़े सज कर आये लेकिन ये सब क्रियाएं तो मनुष्य कि होती हैं न कि बादलों की।)

Additional Information

उपमा:-

  • जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए, तब वहां उपमा अलंकर होता है।

उदाहरण-

  • पीपर पात सरिस मन ड़ोला। 
  • (यहाँ पर मन को पीपल के पत्ते कि तरह हिलता हुआ बताया जा रहा है।)

उत्प्रेक्षा:-

  • जहाँ उपमेय में उपमान होने की संभावना या कल्पना की जाती है, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। पहचान- जनु, मनु, इव, मानो, मनो, मनहुँ, आदि।

उदाहरण-

  • नेत्र मानो कमल हैं। 
  • (यहाँ ‘नेत्र’ – उपमेय की ‘कमल’ – उपमान होने कि कल्पना कि जा रही है।)

रूपक:-

  • जब एक वस्तु पर दूसरी वस्तु का आरोप किया जाये अर्थात् जब एक वस्तु को दूसरी वस्तु का रूप दिया जाये तो रूपक अलंकार कहलाता है।

उदाहरण-

  • मुनि पद कमल बंदि दोउ भ्राता।
  • (​यहाँ मुनि के चरणों (उपमेय) पर कमल (उपमान) का आरोप।)

अलंकार Question 4:

जहाँ शिलष्ट शब्दों से दो अर्थ लगाकर अन्य अर्थ की कल्पना होती है वहाँ कौन सा अलंकार होता है?

  1. वक्रोक्ति
  2. श्लेष
  3. श्लेष वक्रोक्ति
  4. काकु वक्रोक्ति
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : श्लेष वक्रोक्ति

अलंकार Question 4 Detailed Solution

जहाँ शिलष्ट शब्दों से दो अर्थ लगाकर अन्य अर्थ की कल्पना होती है वहाँ श्लेष वक्रोक्ति अलंकार होता है।

  • अतः सही उत्तर श्लेष वक्रोक्ति होगा।

Key Points

जहाँ एक शब्द अनेक अर्थों में प्रयुक्त होता है, वहाँ शब्द-श्लेष होता है।

  • रहिमन पानी राखिए, बिन पानी सब सून। पानी गए न ऊबरे, मोती, मानुस, चून।।
  • इस एक शब्द के द्वारा अनेक अर्थों का बोध कराए जाने के कारण यहाँ श्लेष अलंकार है।

Additional Information

अन्य विकल्प:

वक्रोक्ति अलंकार

 जहाँ किसी उक्ति का अर्थ जान बूझकर वक्ता के अभिप्राय से अलग लिया जाता है, वहाँ वक्रोक्ति अलंकार होता है।

श्लेष अलंकार

जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है पर उसके एक से अधिक अर्थ निकलते हैं तब श्लेष अलंकार होता है। 

काकु वक्रोक्ति अलंकार

कण्ठध्वनि की विशेषता से अन्य अर्थ कल्पित हो जाना ही काकु वक्रोक्ति है।

अलंकार Question 5:

नीचे दी गई  पंक्तियों में कौन सा अलंकार है?

मेखलाकार पर्वत अपार, अपने सहस्त्र दृग सुमन फाड़ा,

अवलोक रहा था बार – बार, नीचे जल में निज महाकार|

  1. उपमा अलंकार
  2. अतिशयोक्ति अलंकार
  3. उत्प्रेक्षा अलंकार
  4. रूपक अलंकार
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : रूपक अलंकार

अलंकार Question 5 Detailed Solution

दी गयी पंक्तियों मेंपर्वतों को मेखलाकार कहा गया है यहाँ तुलना नहीं अपितु आरोपित किया जा रहा है इसीलिए यहाँ रूपक अलंकार होगा। रूपक अलंकार अर्थात जहां उपमेय और उपमान भिन्नता हो और वह एक रूप दिखाई दे जैसे : चरण कमल बंदों हरि राइ। अतः सही विकल्प रूपक अलंकार है।  

Key Points

अन्य विकल्प

उपमा अलंकार में किसी वस्तु की तुलना सामान्य गुण धर्म के आधार पर वाचक शब्दों से अभिव्यक्त होकर किसी अन्य वस्तु से की जाती है। जैसे : पीपर पात सरिस मन डोला।

उत्प्रेक्षा अलंकार अर्थात जब समानता होने के कारण उपमेय में उपमान के होने कि कल्पना की जाए या संभावना हो तब वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। यदि पंक्ति में -मनु, जनु, जनहु, जानो, मानहु मानो, निश्चय, ईव, ज्यों आदि आता है वहां उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। जैसे :  चला साथ मैं तुझे कनक। ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण।।

जहां किसी वस्तु का वर्णन बढ़ा चढ़ाकर किया जाए वहां अतिशयोक्ति अलंकार होता है। जैसे – हनुमान की पूंछ में लगन न पाई आगि, लंका सिगरी जल गई , गए निशाचर भागी।

Top अलंकार MCQ Objective Questions

“रघुपति राघव राजा राम।” में कौन सा अलंकार है?

  1. श्लेष
  2. अनुप्रास
  3. रूपक
  4. उपमा

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अनुप्रास

अलंकार Question 6 Detailed Solution

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अनुप्रास अलंकर, यहाँ सही विकल्प है, अन्य विकल्प असंगत है।

यहाँ रघुपति राघव राजा राम में वर्ण की आवृति हुई है, अत: यह 2 अनुप्रास अलंकर है।

  • जब  वाक्य में एक ही वर्ण का बार-बार प्रयोग किया जाता है तो उसे अनुप्रास अलंकर कहते है। जैसे- सेवक सचिव सुमंत्र बुलाए

अन्य अलंकार:-

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

श्लेष

जहाँ एक शब्द अनेक अर्थों में प्रयुक्त हो

पानी गए न ऊबरे, मोती, मानुस, चून।

रूपक

उपमेय और उपमान को अभेद रूप में बताना।

अम्बर-पनघट, रात-दिन, चन्द्र खिलौना

उपमा

किसी से किसी की तुलना।

राम का चाँद सा मुखड़ा।

“यह जीवन क्या है, निर्झर है।” इस वाक्य में प्रयुक्त अलंकार पहचानिए।

  1. उत्प्रेक्षा अलंकार
  2. अतिशयोक्ति अलंकार
  3. व्यतिरेक अलंकार
  4. रूपक अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : रूपक अलंकार

अलंकार Question 7 Detailed Solution

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रूपक अलंकार, यहाँ सही विकल्प है। अन्य विकल्प असंगत है। अत: सही विकल्प 4 'रूपक अलंकार' है।

इस उदाहरण में जीवन को निर्झर के समान न बताकर जीवन को ही निर्झर कहा गया है। अतएव, यहाँ रूपक अलंकार हुआ। जब उपमेय पर उपमान का निषेध-रहित आरोप करते हैं, तब रूपक अलंकार होता है।

अन्य विशेष

अलंकार

परिभाषा

उदहारण

उत्प्रेक्षा

जहाँ उपमेय में उपमान की संभावना का वर्णन हो, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।

फूले कास सकल महि छाई।

जनु बरसा रितु प्रकट बुढ़ाई।।

अतिश्योक्ति

जहाँ किसी का वर्णन इतना बढ़ा-चढ़ाकर किया जाय कि सीमा या मर्यादा का उल्लंघन हो जाय, वहाँ 'अतिशयोक्ति अलंकार' होता है।

बाँधा था विधु को किसने, इन काली जंजीरों से,

मणिवाले फणियों का मुख, क्यों भरा हुआ हीरों से।

व्यतिरेक

 जहाँ कारण बताते हुए उपमेय की श्रेष्ठता उपमान से बताई जाए वहाँ व्यतिरेक अलंकार होता है।

स्वर्ग कि तुलना उचित ही है यहाँ,

किन्तु सुर सरिता कहाँ सरयू कहाँ।

अलंकार के मुख्य भेद कितने होते है?

  1. दस
  2. पाँच
  3. तीन
  4. छ:

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : तीन

अलंकार Question 8 Detailed Solution

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अलंकार मुख्यतः तीन प्रकार के होते है-शब्दालंकार, अर्थालंकार, उभयालंकार। अत: 3 तीन सही विकल्प है।

अलंकार-

  • जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है।
  • दूसरे अर्थ में- काव्य अथवा भाषा को शोभा बनाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते है।

अलंकार

परिभाषा

उदहारण

शब्दालंकार

जहाँ अलंकार शब्द पर आश्रित हों अर्थात शब्द के बदल देने पर अलंकारत्व नष्ट हो जाता हो।

अनुप्रास, यमक अलंकार इत्यादि।

अर्थालंकार

जहाँ अलंकार अर्थ पर आश्रित हों। अर्थालंकार में शब्द बदल देने पर भी अलंकारत्व नष्ट नहीं होता।

उपमा, रूप, उत्प्रेक्षा अलंकार इत्यादि।

उभयालंकार

जो अलंकार शब्द और अर्थ दोनों पर आश्रित रहकर दोनों को चमत्कृत करते है, वे 'उभयालंकार' कहलाते है।

 संसृष्टि, संकर अलंकार।

निम्नलिखित प्रश्न में, चार विकल्पों में से, उस सही विकल्प का चयन करें जो दिए गए पद्य के उचित अलंकार रूप का सबसे अच्छा विकल्प है|

रघुपति राघव राजा राम

  1. अनुप्रास अलंकार
  2. यमक अलंका
  3. रूपक अलंकार
  4. उमपा अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अनुप्रास अलंकार

अलंकार Question 9 Detailed Solution

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रघुपति राघव राजा राम में अनुप्रास अलंकार है, अत: विकल्प 1 अनुप्रास अलंकार सही है |

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अनुप्रास अलंकार - जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति होती है। जैसे - चारु चन्द्र की चंचल किरणें खेल रही थी जल थल में।

 

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अलंकार
· काव्य अथवा भाषा की शोभा बढ़ाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते हैं।
1. अनुप्रास अलंकार - जब किसी काव्य को सुंदर बनाने के लिए किसी वर्ण की बार-बार आवृति होती है। जैसे - चारु चन्द्र की चंचल किरणें खेल रही थी जल थल में।
2. यमक अलंकार - जहाँ एक ही शब्द जितनी बार आए उतने ही अलग-अलग अर्थ दे। जैसे - काली ‘घटा’ का घमंड ‘घटा’।
3. श्लेष अलंकार - जब एक ही शब्द के विभिन्न अर्थ निकलते हों। जैसे – ‘रहिमन पानी राखिए बिन पानी सब सून ‘पानी’ गए न ऊबरे मोती मानस चून’ यहाँ ‘पानी’ मोती के सन्दर्भ में ‘चमक’, मनुष्य के सन्दर्भ में ‘विनम्रता’ तथा ‘चून (आटा)’ के सन्दर्भ में ‘जल अर्थात पानी’ है।

काली घटा का घमंड घटा। इसमें किस अलंकार का प्रयोग हुआ है?

  1. यमक अलंकार
  2. उपमा अलंकार
  3. श्लेष अलंकार
  4. अनुप्रास अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : यमक अलंकार

अलंकार Question 10 Detailed Solution

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उपर्युक्त पंक्ति मेंयमक अलंकार है। अतः इसका सही उत्तर विकल्प 1 यमक अलंकार है। अन्य विकल्प सही नहीं हैं।

  • काली घटा का घमंड घटा। अर्थात कवि कहना चाहता है की काली घटा अथवा बदली का घमंड घट गया है घट गया अर्थात कम हो गया।
    • हम जानते हैं की यहाँ घटा का अर्थ: ऊपर पर छाने वाली घटा, दूसरा अर्थात घटना , कम होना।

Key Points

स्पष्टीकरण:

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

यमक

जहां एक शब्द एक से अधिक बार आए और उसका अर्थ भिन्न हो, वहाँ यमक अलंकार होता है।

काली घटा का घमंड घटा।

Additional Information

अन्य विकल्प:

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

उपमा

जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूससरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है।

सागर-सा गंभीर हृदय हो,

गिरि-सा ऊंचा हो जिसका मन

श्लेष

जहां पर किसी एक शब्द का अनेक अर्थों में प्रयोग हो, वहाँ श्लेष अलंकार होता है।

मधुवान की छाती को देखो,

सुखी कितनी इसकी कलियाँ।

अनुप्रास

जहां एक ही वर्ण की आवृत्ति एक से अधिक बार हो वह अनुप्रास अलंकार होता है।

चारु चंद्र की चंचल किरणे,

खेल रही थी जल थल में

उषा सुनहरे तीर बरसाती, जय लक्ष्मी-सी उदित हुई। में अलंकार है।

  1. उपमा अलंकार 
  2. मानवीकरण अलंकार
  3. अतिशयोक्ति अलंकार
  4. विशेषोक्ति अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : मानवीकरण अलंकार

अलंकार Question 11 Detailed Solution

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उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प 2 मानवीकरण अलंकार इसका सही उत्तर है। अन्य विकल्प सही उत्तर नहीं हैं।

  • ‘उषा सुनहरे तीर बरसाती, जय लक्ष्मी-सी उदित हुई।’ पंक्ति में मानवीकरण अलंकार है।
  •  दिए गए उदाहरण में उषा यानी भोर को सुनहरे तीर बरसाती हुई नायिका के रूप में दिखाया जा रहा है। यहाँ भी निर्जीवों में मानवीय भावनाओं का होना दिख रहा है। हम जानते हैं की नायिका एक मनुष्य होती हैं ना की एक निर्जीव अतः यह संभव नहीं है। हम यह भी जानते हैं की जब सजीव भावनाओं का वर्णन चीज़ों में किया जाता है तब यह मानवीकरण अलंकार होता है।


अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

उपमा 

जब काव्य में किसी वस्तु या व्यक्ति की तुलना किसी अत्यंत प्रसिद्ध वस्तु या व्यक्ति से की जाती है तो

उसे उपमा अलंकार कहते हैं।

पीपर पात सरिस मन डोला।

अतिशयोक्ति

जहाँ किसी व्यक्ति, वस्तु आदि को गुण, रूप सौंदर्य आदि का वर्णन इतना बढ़ा-चढ़ाकर किया जाए कि जिस पर विश्वास करना कठिन हो, वहाँ अतिशयोक्ति अलंकार होता है।

एक दिन राम पतंग उड़ाई। देवलोक में पहुँची जाई।।

विशेषोक्ति

जहाँ कारण के रहने पर भी कार्य नहीं होता है वहाँ विशेषोक्ति अलंकार होता है।

पानी बिच मीन पियासी।

मोहि सुनि सुनि आवै हासी।।

अलंकार के कितने भेद होते है ?

  1. दो
  2. तीन
  3. चार
  4. पाँच

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : तीन

अलंकार Question 12 Detailed Solution

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अलंकार के 'तीन’ भेद हैं। ​Key Pointsअलंकार 

  • काव्य अथवा भाषा की शोभा बढ़ाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते हैं। 
  • अलंकार के तीन भेद हैं -
    • शब्दालंकार
    • अर्थालंकार
    • उभयालंकार 

शब्दालंकार - 

  • जहाँ शब्दों के प्रयोग से सौंदर्य में वृद्धि होती है और काव्य में चमत्कार आ जाता है, वहाँ शब्दालंकार होता है।
  • शब्दालंकार के भेद -
    • 1. अनुप्रास अलंकार
    • 2. श्लेष अलंकार
    • 3. यमक अलंकार
    • 4. वक्रोक्ति अलंकार

अर्थालंकार - 

  • जिस वाक्य पंक्ति में अर्थ के कारण चमत्कार या सुंदरता उत्पन्न हो, उसे अर्थालंकार कहते हैं।
  • अर्थालंकार के भेद -
    • 1. उपमा
    • 2.रूपक
    • 3. उत्प्रेक्षा 
    • 4. विभावना

उभयालंकार - 

  • जहाँ काव्य में शब्द और अर्थ दोनों का चमत्कार एक साथ उत्पन्न होता है वहाँ उभयालंकार होता है।

'बिनु पद चलै सुनै बिनु काना' – पंक्ति में कौन सा अलंकार है ? 

  1. विभावना
  2. विशेषोक्ति
  3. विरोधाभास
  4. अतिशयोक्ति

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : विभावना

अलंकार Question 13 Detailed Solution

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उपर्युक्त पद्य में विभावना अलंकार है। जब कोई कार्य किसी कारण के न होते हुए भी हो रहा हो तो वहां विभावना अलंकार होता है।

  • "बिनु पद चलइ, सुनइ बिनु काना। कर बिनु करम, करइ बिधि नाना॥" का अर्थ है कि वह ईश्वर बिना पैरों के चलता है, बिना कान के सुनता है, हाथ न होते हुए भी विभिन्न तरह के कार्य करता है अर्थात यहाँ बिना किसी कारण के ही कार्य हो रहा है। इसीलिए सही उत्तर - 1 'विभावना अलंकार' है।

Key Points

  • विषेशोक्ति अलंकार - जहाँ कारण के होते हुए भी कार्य नहीं होता वहां विषेशोक्ति अलंकार होता है।
  • अन्योक्ति अलंकार - जहाँ किसी दूसरे के माध्यम से किसी को बात कही जाती है वहां अन्योक्ति अलंकार होता है।
  • अतिशयोक्ति अलंकार - जब किसी वस्तु या व्यक्ति के बारे में बात को बढ़ा - चढ़ाकर कहा जाए वहां अतिशयोक्ति अलंकार होता है।

निम्नलिखित में कौन-सा शब्दालंकार है?

  1. उपमा
  2. रुपक
  3. उत्प्रेक्षा
  4. यमक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : यमक

अलंकार Question 14 Detailed Solution

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उपरोक्त विकल्पों में से 'यमक अलंकर' शब्दालंकार है. अत: सही उत्तर विकल्प 4 'यमक अलंकार' होगा. अन्य विकल्प अनुचित उत्तर हैं. 

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  • यमक अलंकार - जब कविता में एक ही शब्द दो या दो से अधिक बार आए और उसका अर्थ हर बार भिन्न हो वहाँ यमक अलंकार होता है। जैसे - 
  • काली घटा का घमण्ड घटा।  यहाँ 'घटा' शब्द की आवृत्ति भिन्न-भिन्न अर्थ में हुई है। पहले 'घटा' शब्द 'वर्षाकाल' में उड़ने वाली 'मेघमाला' के अर्थ में प्रयुक्त हुआ है और दूसरी बार 'घटा' का अर्थ है 'कम हुआ'। अतः यहाँ यमक अलंकार है।

    • यमक अलंकार शब्दालंकार है क्योंकि इसमें शब्दों में चमत्कार उत्पन्न होता है. 

​शब्दालंकार और अर्थालंकार में भेद - 

  • जिस अलंकार में शब्दों के प्रयोग के कारण कोई चमत्कार उपस्थित हो जाता है और उन शब्दों के स्थान पर समानार्थी दूसरे शब्दों के रख देने से वह चमत्कार समाप्त हो जाता है, वह शब्दालंकार माना जाता है। 
  • जिस अलंकार में अर्थ प्रयोग के कारण कोई चमत्कार उपस्थित हो जाता है, वह अर्थालंकार माना जाता है।

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अलंकार - काव्य अथवा भाषा की शोभा बढ़ाने वाले मनोरंजक ढंग को अलंकार कहते हैं।

"मेघमय आसमान से उतर रही है वह संध्या-सुंदरी परी सी धीरे धीरे'।

दी गई पंक्ति में कौन-सा अलंकार है?

  1. उपमा अंलकार
  2. मानवीकरण अलंकार
  3. विभावना अलंकार
  4. उत्प्रेक्षा अलंकार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : मानवीकरण अलंकार

अलंकार Question 15 Detailed Solution

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सही उत्तर "मानवीकरण अलंकार" है।

Key Pointsमानवीकरण अलंकार-

  • जहाँ अचेतन वस्तु का चेतन अथवा जीवित (प्राणी) के समान वर्णन किया जाये अर्थात जब प्रकृति के पदार्थो पर मानवीय क्रियाकलापों का आरोप कर दिया अथवा प्रकृति की वस्तुओं को मनुष्य की तरह कार्य करते हुए प्रकट किया जाये, वहां मानवीकरण अलंकार होता है।

Important Pointsअन्य विकल्प - 

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

उपमा अंलकार

जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे यक्ति या वस्तु से की जाए वहाँ पर उपमा अलंकार होता है। 

कर कमल-सा कोमल।

विभावना अलंकार

जहाँ पर कारण के न होते हुए भी कार्य का हुआ जाना पाया जाए वहाँ पर विभावना अलंकार होता है। अर्थात हेतु क्रिया (कारण) का निषेध होने पर भी फल की उत्पत्ति विभावनालंकार है।

बिनु पग चलै सुनै बिनु काना। कर बिनु कर्म करै विधि नाना। आनन रहित सकल रस भोगी। बिनु वाणी वक्ता बड़ जोगी।

उत्प्रेक्षा अलंकार

जहाँ उपमेय में उपमान होने की संभावना या कल्पना की जाती है, वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है। इसके लक्षण है- जनु, मनु, इव, मानो, मनो, मनहुँ, आदि। पहचान – मनो, मानो, मनु, मनुह, जानो, इव, जनु, जानहु, ज्यों आदि शब्द अगर किसी अलंकार में आते है तो वह उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।

ले चला मैं तुझे कनक, ज्यों भिक्षुक लेकर स्वर्ण झनक।

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अलंकार की​ परिभाषा

अलंकार का शाब्दिक अर्थ होता है- 'आभूषण', जिस प्रकार स्त्री की शोभा आभूषण से उसी प्रकार काव्य की शोभा अलंकार से होती है अर्थात जो किसी वस्तु को अलंकृत करे वह अलंकार कहलाता है।

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