उत्तर छायावाद MCQ Quiz in मराठी - Objective Question with Answer for उत्तर छायावाद - मोफत PDF डाउनलोड करा
Last updated on Mar 19, 2025
Latest उत्तर छायावाद MCQ Objective Questions
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उत्तर छायावाद Question 1:
मैं उनका आदर्श कहीं जो व्यथा न खोल सकेंगे
पूछेगा जग किन्तु पिता का नाम न बोल सकेंगे
जिनका निखिल विश्व में कोई कहीं न अपना होगा
श्रम से नहीं विमुख होंगे जो दुख से नहीं डरेंगे।
पंक्ति किस रचनाकार द्वारा लिखित है?
Answer (Detailed Solution Below)
उत्तर छायावाद Question 1 Detailed Solution
मैं उनका आदर्श कहीं जो व्यथा न खोल सकेंगे.. पंक्तियाँ दिनकर द्वारा रचित है।
- रश्मिरथी में संकलित
- 1952 में प्रकाशित
- आठ सर्ग
- कर्ण की जीवन पर आधरित
- दिनकर की मुख्य रचनाएं -
- रेणुका (1935 ई.) , कुरुक्षेत्र (1946 ई.) , रश्मिरथी (1952 ई.)
- उर्वशी (1961 ई.) , परशुराम की प्रतीक्षा (1963 ई.) ।
- केदारनाथ अग्रवाल की मुख्य रचनाएं -
- युग की गंगा (1947 ई.) , फूल नहीं रंग बोलते हैं (1965 ई.) , अपूर्वा (1984 ई.) ।
- नागार्जुन की मुख्य रचनाएं -
- युगधारा , सतरंगे पंखो वाली , प्यासी पथराई आँखें , तुमने कहा है ।
उत्तर छायावाद Question 2:
कौन-सा कवि 'एक भारतीय आत्मा' के नाम से कविता लिखता था?
Answer (Detailed Solution Below)
उत्तर छायावाद Question 2 Detailed Solution
एक भारत की आत्मा के नाम से 'माखनलाल चतुर्वेदी' कविताएँ लिखते थे |
Key Points
- माखनलाल चतुर्वेदी:
- माखनलाल चतुर्वेदी का समय (1889-1968)।
- ये राष्ट्रीय सांस्कृतिक धारा के कवि है।
- एक भारत की आत्मा के नाम से 'माखनलाल चतुर्वेदी' कविताएँ लिखते थे |
- इनकी प्रमुख कविताः-
- कैदी और कोकिल, पुष्प की अभिलाषा है।
- प्रमुख रचनाएँः-
- हिमकिरीटिनी (1943)
- हिमतरंगिनी (1949)
- माता(1951)
- समर्पण (1956)।
Additional Information
कवि (जन्म) | रचना |
केदारनाथ अग्रवाल | युग की गंगा (1947), नींद के बादल(1947),लोक और आलोक (1965), गुलमेंहदी (1978), पंख और पतवार (1979),हे मेरी तुम (1981), मार प्यार के थापे (1981) आदि। |
शंभूनाथ सिंह | समय की शिला पर, जहाँ दर्द नीला है, हरिजन गीत आदि। |
भवानी प्रसाद मिश्र | गित फरोश, चकित है दुख, गांधी पंचशती, बुनी हुई रस्सी, खुशबु के शिलालेख आदि। |
उत्तर छायावाद Question 3:
निम्नलिखित में से माखनलाल चतुर्वेदी की रचनाएँ हैं -
A. स्वर्णधूलि
B. हिमकिरीटिनी
C. विष्णुप्रिया
D. हिमतरंंगिणी
नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिये:
Answer (Detailed Solution Below)
उत्तर छायावाद Question 3 Detailed Solution
'हिमकिरीटनी व हिम तरंगिणी" "माखनलाल चतुर्वेदी" की रचनाएँ हैं। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (3) B और D सही है तथा अन्य विकल्प असंगत है।
- माखनलाल चतुर्वेदी (4 अप्रैल 1889-30 जनवरी 1968)
- 1943 में उस समय का हिन्दी साहित्य का सबसे बड़ा 'देव पुरस्कार' माखनलालजी को 'हिम किरीटिनी' पर दिया गया था।
- 1963 में भारत सरकार ने 'पद्मभूषण' से अलंकृत किया।
- उनके काव्य संग्रह 'हिमतरंगिणी' के लिये उन्हें 1955 में हिन्दी के 'साहित्य अकादमी पुरस्कार' से सम्मानित किया गया।
Important Points
माखनलाल चतुर्वेदी जी की रचनाएं निम्नलिखित हैं:-
उत्तर छायावाद Question 4:
“किन्तु पाऊँगा नहीं कर आज अपने पर नियंत्रण तीर पर कैसे रूकूँ मैं आज लहरों में निमन्त्रण।”
प्रस्तुत पंक्तियाँ किसके द्वारा रचित हैं?
Answer (Detailed Solution Below)
उत्तर छायावाद Question 4 Detailed Solution
उक्त पंक्तियाँ 'हरिवंश राय बच्चन' जी द्वारा रचित है।
- लहरों का निमंत्रण कविता से ली गई यह पंक्तियाँ,
- मधुकलश काव्य संग्रह में संकलित है।
- प्रमुख कृतियां-
- मधुशाला(1935)
- निशा निमंत्रण(1938)
- नीड़ का निर्माण फिर(1970)
- बसेरे से दूर(1977)
- दशद्वार से सोपान तक(1985)
- हलाहल(1946)आदि हैं।
उत्तर छायावाद Question 5:
निम्न में से कौन सी 'दिनकर' की रचना नहीं है?
Answer (Detailed Solution Below)
उत्तर छायावाद Question 5 Detailed Solution
सही उत्तर मृगनयनी है।
Key Points
- मृगनयनी 'दिनकर' की रचना नहीं है।
- मृगनयनी वृन्दावनलाल वर्मा की प्रसिद्ध ऐतिहासिक रचना है।
- इसमें 15 वीं शती के ग्वालियर राज्य के राजा मानसिंह तोमर तथा उनकी गुर्जरी रानी मृगनयनी की प्रेम कथा है।
- मृगनयनी, कला और सामर्थ्य के संघर्षो के बीच की कहानी।
अन्य विकल्प-
- उर्वशी- उर्वशी रामधारी सिंह 'दिनकर' द्वारा रचित काव्य नाटक है। 1961 ई. में प्रकाशित इस काव्य में दिनकर ने उर्वशी और पुरुरवा के प्राचीन आख्यान को एक नये अर्थ से जोड़ना चाहा है।
- कुरुक्षेत्र- कुरुक्षेत्र प्रसिद्ध लेखक, निबन्धकार और कवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित विचारात्मक काव्य है, यह मानवतावाद के विस्तृत पटल पर लिखा गया आधुनिक काव्य अवश्य है।
- रश्मिरथी- हिन्दी के महान कवि रामधारी सिंह दिनकर द्वारा रचित प्रसिद्ध खण्डकाव्य है। यह 1952 में प्रकाशित हुआ था। इसमें 7 सर्ग हैं।
उत्तर छायावाद Question 6:
'अन्याय जिधर, है उधर शक्ति ! - 'राम की शक्तिपूजा का यह संवाद किसने किससे कहा?
Answer (Detailed Solution Below)
उत्तर छायावाद Question 6 Detailed Solution
'अन्याय जिधर, है उधर शक्ति ! - 'राम की शक्तिपूजा' का यह संवाद राम ने विभीषण से कहा।
राम की शक्तिपूजा-
- विधा-काव्य
- प्रकाशन वर्ष-1936ई.
- रचनाकार-सूर्यकान्त त्रिपाठी निराला
- विषय-
-
इस कविता का मुख्य विषय सीता की मुक्ति है राम-रावण का युद्ध नहीं।
-
Key Points
- 'अनामिका' काव्य-संग्रह में अन्य कविताएं-
- सच है
- रेखा
- वह तोड़ती पत्थर
- सरोज स्मृति(1935) आदि।
- महत्वपूर्ण पंक्तियाँ-
- "रवि हुआ अस्त: ज्योति के पत्र पर लिखा अमर,रह गया राम-रावण का अपराजेय समर।"
- "अन्याय जिधर,हैं उधर शक्ति!"
Important Pointsसूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'-
- जन्म-1899-1961ई.
- छायावाद के स्तम्भ एवं प्रसिद्ध कवि,कहानीकार एवं निबंधकार थे।
- काव्यसंग्रह -
- अनामिका (1923)
- परिमल (1930)
- गीतिका (1936)
- अनामिका (द्वितीय) (1939) (इसी संग्रह में सरोज स्मृति और राम की शक्तिपूजा जैसी प्रसिद्ध कविताओं का संकलन है।
- तुलसीदास (1939)
- कुकुरमुत्ता (1942)
- अणिमा (1943)
- बेला (1946)
- नये पत्ते (1946)
- अर्चना(1950)
- आराधना (1953) आदि।
उत्तर छायावाद Question 7:
रामधारी सिंह दिनकर ने 'कुरुक्षेत्र' में किसका आलम्बन लेकर युद्ध की समस्या के प्रश्न को उपस्थित किया है ?
Answer (Detailed Solution Below)
उत्तर छायावाद Question 7 Detailed Solution
सही उत्तर 'भीष्म एवं युधिष्ठिर दोनों का' है।
Key Points
- कुरुक्षेत्र प्रबंध काव्य है
- कुरुक्षेत्र के रचनाकार रामधारी सिंह दिनकर है।
- कुरुक्षेत्र विचारात्मक एंव समस्या प्रधान काव्य है।
- इसे सात सर्गो मे बाँटा गया है।
- कुरुक्षेत्र का विषयः-
- महाभारत की पृष्ठभूमि पर लिखी गई है।
- महाभारत की युद्ध की समस्या को वर्तमान की समस्या से जोडा है।
- इसके प्रमुख पात्रः- अर्जुन , कृष्ण , भीष्म , युधिष्ठिर , पांडव आदि।
Additional Information दिनकर (1908- 1974 ई.) की अन्य प्रमुख कृतियाँः-
कृतियाँ | रेणुका ( 1935 ) , हुंकार (1939 ) , रसवंति (1940 ) , कुरुक्षेत्र (1946 ) प्रबंध काव्य , रश्मिरथी (1952 ) खंड काव्य , उर्वशी (1961) गीति नाट्य , इतिहास के आँसू (1951) आदि। |
पंक्तियाँ |
1) ओ द्विधाग्रस्त शार्दूल बोल। 2) श्वानों को मिलता दूध - भात बच्चे भूखे अकुलाते हैं। 3) रे रोक युधिष्ठिर को न यहाँ ,जाने दे उनको स्वर्ग धीर। |
Important Points
- दिनकर को समय -सूर्य तथा अधैर्य का कवि कहा जाता है।
- दिनकर को उर्वशी के लिए 1972 में भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला है।
उत्तर छायावाद Question 8:
रश्मिरथी के कौन-से सर्ग में कर्ण तथा कुंती के सवांद का वर्णन है?
Answer (Detailed Solution Below)
उत्तर छायावाद Question 8 Detailed Solution
रश्मिरथी के "पांचवे सर्ग" में "कर्ण तथा कुंती के संवाद" का वर्णन है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (4) पांचवा सर्ग सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।
Key Points
- रश्मिरथी की रचना "रामधारी सिंह दिनकर" जी ने की है।
- इसका रचना वर्ष 1952 ईस्वी है।
- यह एक प्रबंध काव्य है।
- इसमें सात सर्ग है।
उत्तर छायावाद Question 9:
'पुष्प की अभिलाषा' नामक प्रसिद्ध कविता किसने लिखी है ?
Answer (Detailed Solution Below)
उत्तर छायावाद Question 9 Detailed Solution
'पुष्प की अभिलाषा' नामक प्रसिद्ध कविता के रचयिता माखनलाल चतुर्वेदी हैं।
पुष्प की अभिलाषा
- चाह नहीं, मैं सुरबाला के
गहनों में गूँथा जाऊँ,
चाह नहीं प्रेमी-माला में बिंध
प्यारी को ललचाऊँ,
चाह नहीं सम्राटों के शव पर
हे हरि डाला जाऊँ,
चाह नहीं देवों के सिर पर
चढूँ भाग्य पर इठलाऊँ,
मुझे तोड़ लेना बनमाली,
उस पथ पर देना तुम फेंक!
मातृ-भूमि पर शीश- चढ़ाने,
जिस पथ पर जावें वीर अनेक!
- माखनलाल चतुर्वेदी जी की विश्व प्रसिद्ध कविता पुष्प की अभिलाषा हर उस व्यक्ति के जुबान पर रहता है जो हिन्दी साहित्य में थोड़ी भी रूचि लेते हैं।
- पुष्प की अभिलाषा कविता माखन लाल चतुर्वेदी जी की कलम यानी हिन्दी साहित्य के प्रति समर्पण की पराकाष्ठा है।
Additional Information
अन्य विकल्प :
बालकृष्ण शर्मा 'नवीन' |
विप्लव गायन,असिधारा पथ,ओस बिंदु सम ढरके,प्राप्तव्य,फागुन,भिक्षा,मधुमय स्वप्न रंगीले आदि। |
रामधारी सिंह 'दिनकर' |
कुरुक्षेत्र, उर्वशी, रेणुका, रश्मिरथी आदि। |
रामनरेश त्रिपाठी |
'पथिक', 'मिलन' और 'स्वप्न' (खण्ड काव्य), 'मानसी' (स्फुट कविता संग्रह), 'कविता-कौमुदी', 'ग्राम्य गीत' (सम्पादित), 'गोस्वामी तुलसीदास और उनकी कविता' (आलोचना)। |
Important Points
- माखनलाल चतुर्वेदी को 1955 मेें उनकी कृति 'हिम तरंगिणी' के लिए साहित्य अकादमी पुस्कार से सम्मानित किया गया।
- माखनलाल चतुर्वेदी को 1963 मेें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
उत्तर छायावाद Question 10:
'उर्वशी' पर लिखी गई किसकी समीक्षा से विवाद उत्पन्न हो गया था?
Answer (Detailed Solution Below)
उत्तर छायावाद Question 10 Detailed Solution
- सही उत्तर विकल्प 3 है।
- 'उर्वशी' पर लिखी गई भगवत शरण उपाध्याय की समीक्षा से विवाद उत्पन्न हुआ था।
- उर्वशी के रचयिता - रामधारी सिंह दिनकर
- प्रकाशन वर्ष - 1961
- गीतिनाट्य
- 'कल्पना ' पत्रिका के अप्रैल 1963 के अंक में भगवत शरण उपाध्याय का समीक्षात्मक लेख प्रस्तुत हुआ।
- 5 अंकों का नाट्य
- उर्वशी और पुरुरवा का प्राचीन मिथकीय संदर्भ
- दिनकर के अन्य काव्य संग्रह -
- रेणुका - 1935
- हुंकार 1939
- रसवंती - 1940
- कुरुक्षेत्र - 1946
- रस्ग्मिरथी - 1952
- परशुराम की प्रतीक्षा - 1963
Additional Information
- 1972 में उर्वशी पर ज्ञानपीठ पुरुस्कार।
- कई विद्वानों ने इसकी समीक्षा की क्योंकि काम और अश्लीलता जैसे आरोप इस कृति पर लगे।