Question
Download Solution PDFरॉकेट किसके संरक्षण के सिद्धांत पर कार्य करता है?
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFसंकल्पना:
संवेग: द्रव्यमान और वेग का गुणनफल निकाय का संवेग कहलाता है।
संवेग (P) = m × V
जहाँ m = निकाय का द्रव्यमान, V = निकाय का वेग।
संवेग का संरक्षण: जब भी प्रणाली पर कोई बाहरी शुद्ध बल नहीं लगाया जाता है, तो प्रणाली का कुल संवेग स्थिर रहता है।
प्रारंभिक संवेग (P1) = अंतिम संवेग (P2)
अर्थात् \({m_1}{v_1} = {m_2}{v_2}\)
यहाँ, दो वस्तु का द्रव्यमान = m1 और m2, दो वस्तु का वेग = v1 और v2
कोणीय संवेग: इसे जड़त्वाघूर्ण और कोणीय वेग के गुणनफल द्वारा ज्ञात किसी घूर्णित वस्तु के गुण के रूप में परिभाषित किया जाता है।
- यह घूर्णित वस्तु के जड़त्वाघूर्ण और कोणीय वेग के गुणनफल द्वारा ज्ञात घूर्णित निकाय का गुण होता है।
- यह एक सदिश राशि है, जिसका अर्थ है कि यहाँ परिमाण के साथ दिशा को भी लिया जाता है।
वर्णन:
- रॉकेट में उच्च तापमान और दबाव पर गैसें ईंधन के दहन द्वारा निर्मित होते हैं।
- वे नोज़ल के माध्यम से उच्च स्थिर वेग पर बाहर निकलते हैं।
- गैसों का बड़ा पश्च संवेग रॉकेट को बराबर अग्र संवेग प्रदान करता है।
- हालाँकि, रॉकेट की ईंधन प्रणाली के द्रव्यमान में कमी के कारण रॉकेट का त्वरण निरंतर बढ़ता है।
- इसलिए रॉकेट संवेग के संरक्षण के सिद्धांत पर कार्य करता है।
- चूँकि रोकट के ईंधन की ऊर्जा को ऊष्मा ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है जो रॉकेट को आगे बढ़ाता है। इसलिए केवल रॉकेट की ऊर्जा संरक्षित होती है। रॉकेट और वायुमंडल की ऊर्जा संरक्षित होगी लेकिन रॉकेट की नहीं।
- उसीप्रकार, रॉकेट का द्रव्यमान ईंधन के जलने पर कम होता है। इसलिए द्रव्यमान संरक्षित नहीं होता है।
- रॉकेट में कोई घूर्णन नहीं होता है, इसलिए यहाँ घुमाव कोणीय संवेग का कोई अर्थ नहीं है।
अतः रॉकेट रैखिक संवेग के संरक्षण के सिद्धांत पर कार्य करता है।
Last updated on Jul 1, 2025
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