Question
Download Solution PDFअलंकार का नाम बताएँ:
हनुमान की पूंछ में, लगन न पायी आग।
सिगरी लंका जरि गई, चले निसाचर भाग।।
Answer (Detailed Solution Below)
Detailed Solution
Download Solution PDFउपरोक्त पंक्तियों में 'अतिशयोक्ति' अलंकार है।
Key Points
- हनुमान की पूंछ में, लगन न पायी आग।
- सिगरी लंका जरि गई, चले निसाचर भाग।।
- उपरोक्त पंक्ति में हनुमान द्वारा लंका जलाने की घटना का बढ़ा- चढ़ा कर वर्णन किया गया है, इसलिए अतिश्योक्ति अलंकार है।
- जहां प्रस्तुत व्यवस्था का वर्णन कर उसके माध्यम से किसी अप्रस्तुत वस्तु को व्यंजना की जाती है वहां और अतिशयोक्ति अलंकार होता है।
Important Pointsअन्य विकल्प -
- उल्लेख अलंकार - जब एक ही वस्तु का अनेक व्यक्तियों द्वारा अनेक प्रकार से वर्णन होता है, वहाँ 'प्रथम उल्लेख अलंकार' होता है।
उदाहरण -हरीतिमा का सुविशाल सिंधु-सा, मनोज्ञता की स्मरणीय भूमि-सा।, विचित्रता का शुभ सिध्द पीठ-सा ,प्रशांत वृन्दावन दर्शनीय था।
- व्यतिरेक अलंकार - जहाँ कारण बताते हुए उपमेय की श्रेष्ठता उपमान से बताई जाए वहाँ व्यतिरेक अलंकार होता है।
उदाहरण: जनम सिंधु पुनि बंधु विष, दिन मलीन सकलंक। सिय मुख समता पाव किमि, चंद बापुरो रंक।। -
प्रस्तुत पद में उपमान (चन्द्र) की अपेक्षा उपमेय (सिय मुख) की शोभा का उत्कर्षपूर्ण वर्णन किया गया है, अतः यहाँ व्यतिरेक अलंकार है।
-
निदर्शना अलंकार - जब उपमेय और उपमान के वाक्यों में भिन्नता होते हुए भी, एक दूसरे से ऐसा सम्बन्ध स्थापित हुआ हो की उनमें समानता दिखाई पड़े, वहाँ निदर्शना अलंकार होता है।
उदाहरण -कविता समुझाइबो मुढ़न को
सविता गहि भूमि मै डारिबो है ।इन पंक्ति में कहा गया है कि मूर्खो को कविता समझाना सूर्य को भूमि पर लाना है । यहाँ दो वाक्य है - 1- मूर्खो को कविता समझाना और 2 -सूर्य को पृथ्वी पर लाना । इन दोनों वाक्यों का अर्थ अलग - अलग है किन्तु फल दोनों का एक ही है - असंभवता । अर्थात् जिस प्रकार सूर्य को पृथ्वी पर लाना असंभव है , उसी प्रकार मूर्खो को कविता समझाना भी असंभव है । इस तरह दोनों वाक्यों में अभेद - सा प्रतीत होता है। अतः यहाँ निदर्शना अलंकार है।
Additional Information
अलंकार |
अलंकार का अर्थ है आभूषण। अतः काव्य में आभूषण अर्थात सौंदर्यवर्धक गुण अलंकार कहलाते हैं। मुख्य रूप से अलंकार के दो भेद माने गए हैं- शब्दालंकार और अर्थालंकार। जब शब्दों में चमत्कार उत्पन्न होता है तो शब्दालंकार कहलाता है। जब अर्थों में चमत्कार उत्पन्न होता है तो अर्थालंकार कहलाता है। |
जैसे - सिंधु से अथाह ( उपमा) - शब्दालंकार काली घटा का घमंड घटा (अनुप्रास) - अर्थालंकार |
Last updated on Feb 6, 2025
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