हनुमान की पूँछ में लगन न पाई आग। 

लंका सिगरी जल गई, गए निसाचर भाग।।'

इसमें अलंकार है?

This question was previously asked in
DSSSB JE Electrical 16 Mar 2022 Official Paper
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  1. उत्प्रेक्षा
  2. उपमा
  3. रूपक
  4. अतिशयोक्ति

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Option 4 : अतिशयोक्ति
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DSSSB JE Civil: Full Test 1
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उपरोक्त पंक्तियों में 'अतिशयोक्ति' अलंकार है। 

Key Points

हनुमान की पूंछ में, लगन न पायी आग। 

सिगरी लंका जरि गई, चले निसाचर भाग। । 

  •  उपरोक्त पंक्ति में हनुमान द्वारा लंका जलाने की घटना का बढ़ा- चढ़ा कर वर्णन किया गया है, इसलिए अतिशयोक्ति अलंकार है। 
  •  जहां प्रस्तुत व्यवस्था का वर्णन कर उसके माध्यम से किसी अप्रस्तुत वस्तु को व्यंजना की जाती है वहां और अतिशयोक्ति अलंकार होता है। 

Additional Information

अलंकार

परिभाषा

उदाहरण

उपमा

जहां एक वस्तु या प्राणी की तुलना किसी दूसरी वस्तु या प्राणी से की जाए, वहाँ उपमा अलंकार होता है।

सागर-सा गंभीर हृदय हो,

गिरि-सा ऊंचा हो जिसका मन।

रूपक 

रूपक साहित्य में एक प्रकार का अर्थालंकार है जिसमें बहुत अधिक साम्य के आधार पर प्रस्तुत में अप्रस्तुत का आरोप करके अर्थात् उपमेय या उपमान के साधर्म्य का आरोप करके और दोंनों भेदों का अभाव दिखाते हुए उपमेय या उपमान के रूप में ही वर्णन किया जाता है। 

इसके सांग रूपक, अभेद रुपक, तद्रूप रूपक, न्यून रूपक, परम्परित रूपक आदि अनेक भेद हैं।

“उदित उदयगिरी मंच पर रघुबर बाल पतंग,

बिकसे संत सरोज सब हरषे लोचन भृंग |”

उत्प्रेक्षा

उपमान के न होने पर उपमेय को ही उपमान मान लिया जाए वहाँ उत्प्रेक्षा अलंकार होता है।

सोहत ओढ़े पीत पट, स्याम सलौने गात।

मनहु नीलमणि सैल  पर, आवत परयो प्रभात।

अन्य अलंकार- 

  • उल्लेख अलंकार - जब एक ही वस्तु का अनेक व्यक्तियों द्वारा अनेक प्रकार से वर्णन होता है, वहाँ 'प्रथम उल्लेख अलंकार' होता है।
  • व्यतिरेक अलंकार - जहाँ कारण बताते हुए उपमेय की श्रेष्ठता उपमान से बताई जाए वहाँ व्यतिरेक अलंकार होता है।
  • निदर्शना अलंकार - जब उपमेय और उपमान के वाक्यों में भिन्नता होते हुए भी, एक दूसरे से ऐसा सम्बन्ध स्थापित हुआ हो की उनमें समानता दिखाई पड़े, वहाँ निदर्शना अलंकार होता है।

Important Points

अलंकार

अलंकार का अर्थ है आभूषण। अतः काव्य में आभूषण अर्थात सौंदर्यवर्धक गुण अलंकार कहलाते हैं। मुख्य रूप से अलंकार के दो भेद माने गए हैं- शब्दालंकार और अर्थालंकार। जब शब्दों में चमत्कार उत्पन्न होता है तो शब्दालंकार कहलाता है। जब अर्थों में चमत्कार उत्पन्न होता है तो अर्थालंकार कहलाता है।

जैसे - सिंधु से अथाह ( उपमा) - शब्दालंकार

काली घटा का घमंड घटा (अनुप्रास) - अर्थालंकार

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Last updated on Jun 26, 2025

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