'मधुर मधुर मुस्कान मनोहर, मनुज वेश का उजियाला' पंक्ति में कौन-सा अलंकार है? 

This question was previously asked in
JSSC Stenographer Examination - 2015 Mains (English) Official Paper
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  1. उपमा
  2. अनुप्रास
  3. श्लेष
  4. यमक

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : अनुप्रास
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JSSC CGL Paper 1 : Hindi Mock Test
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15 Questions 45 Marks 15 Mins

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सही उत्तर 'अनुप्रास' है। 

Key Points 
  •  'मधुर मधुर मुस्कान मनोहर, मनुज वेश का उजियाला' पंक्ति में 'अनुप्रास' अलंकार है। 
  • क्योंकि प्रस्तुत पंक्ति में अनुप्रास अलंकार है। इसमें एक ही वर्ण का बार बार प्रयोग हुआ है ।

अन्य विकल्प: ​

  • उपमा -  जब किसी व्यक्ति या वस्तु की तुलना किसी दूसरे यक्ति या वस्तु से की जाए वहाँ पर उपमा अलंकार होता है। अर्थात जब किन्ही दो वस्तुओं के गुण, आकृति, स्वभाव आदि में समानता दिखाई जाए या दो भिन्न वस्तुओं कि तुलना कि जाए, तब वहां उपमा अलंकर होता है। 

           उदाहरण - मुख चन्द्रमा-सा सुन्दर है

  • श्लेष - जब किसी शब्द का प्रयोग एक बार ही किया जाता है लेकिन उससे अर्थ कई निकलते हैं तो वह श्लेष अलंकार कहलाता है।

          उदाहरण- रहिमन पानी राखिये,बिन पानी सब सून।
           पानी गये न ऊबरै, मोती मानुष चून।

  • यमक - यमक अलंकार में किसी काव्य का सौन्दर्य बढ़ाने के लिए एक शब्द की बार-बार आवृति होती है।
    उदाहरण : कनक कनक ते सौगुनी मादकता अधिकाय। या खाए बौरात नर या पा बौराय।

Additional Information 

अलंकार के तीन भेद हैं- 

अलंकार

परिभाषा

प्रकार

शब्दालंकार

जब अलंकार किसी विशेष शब्द की स्थिति में ही रहे और उस शब्द की जगह पर कोई और पर्यायवाची शब्द का इस्तेमाल कर देने से फिर उस शब्द का अस्तित्व ही न बचे तो ऐसी स्थिति को शब्दालंकार कहते हैं। 

अनुप्रास, यमक, श्लेष, पुनरुक्ति, विप्सा, वक्रोक्ति

अर्थालंकार

काव्य में जहाँ शब्दों के अर्थ से चमत्कार उत्पन्न होता है, वहाँ अर्थालंकार होता है।

उपमा, रूपक, उत्प्रेक्षा, अतिशयोक्ति, अन्योक्ति, विरोधाभास,  अपह्नुति, भ्रांतिमान, संदेह,  व्याजस्तुति,  व्याजनिंदा,  विशेषोक्ति,  विभावना, मानवीकरण,  व्यतिरेक, दृष्टान्त,

उभयालंकार

जहाँ काव्य में ऐसा प्रयोग किया जाए जिससे शब्द और अर्थ दोनों में चमत्कार हो वहाँ उभयालंकार होता है।

संसृष्टि, संकर

 
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