प्रयोगवाद MCQ Quiz - Objective Question with Answer for प्रयोगवाद - Download Free PDF

Last updated on Jun 11, 2025

Latest प्रयोगवाद MCQ Objective Questions

प्रयोगवाद Question 1:

" 'अंधेरे में' कविता की अन्तिम पंक्तियाँ उस अस्मिता या आइडेंटिटी की खोज की ओर संकेत करती हैं जो आधुनिक मानव की सबसे ज्वलन्त समस्या है। निस्सन्देह इस कविता का मूल कथ्य है अस्मिता की खोज ।” 'अंधेरे में' कविता के विषय में यह कथन किसका है ?

  1. रामविलास शर्मा
  2. नामवर सिंह
  3. निर्मला जैन
  4. विश्वनाथ त्रिपाठी
  5. उपर्युक्त में से कोई नहीं

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : नामवर सिंह

प्रयोगवाद Question 1 Detailed Solution

सही उत्तर है - नामवर सिंह

Key Points

  • 'अंधेरे में' कविता की अन्तिम पंक्तियाँ उस अस्मिता या आइडेंटिटी की खोज की ओर संकेत करती हैं
  • जो आधुनिक मानव की सबसे ज्वलन्त समस्या है। निस्सन्देह इस कविता का मूल कथ्य है अस्मिता की खोज।"
  • 'अंधेरे में' कविता के विषय में यह कथन नामवर सिंह का है।
  • उन्होंने गजानन माधव मुक्तिबोध की इस कविता का आलोचनात्मक विश्लेषण करते हुए यह टिप्पणी की थी।
  • नामवर सिंह हिंदी साहित्य के प्रमुख आलोचक और विचारक हैं।

Important Pointsअंधेरे में -

  • रचनाकार - गजानन माधव मुक्तिबोध जी
  • विधा - कविता 
  • प्रकाशन वर्ष - 1964 ई. 
  • विषय -
    • यह आत्म संघर्ष और सामाजिक संघर्ष तथा आत्म और अनात्म के संघर्ष से गुजरने वाली कविता है।

Additional Informationनामवर सिंह-

  • (28 जुलाई 1926 - 19 फरवरी 2019)
  • एक भारतीय साहित्यिक आलोचक, भाषाविद्, शिक्षाविद और सिद्धांतकार थे।
  • उन्होंने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की,
  • कृतियाँ -
    • पृथ्वीराज रासो की भाषा - 1956 
    • आधुनिक साहित्य की प्रवृत्तियाँ - 1954
    • इतिहास और आलोचना - 1957
    • कहानी : नयी कहानी - 1964
    • कविता के नये प्रतिमान - 1968
    • दूसरी परम्परा की खोज - 1982
    • वाद विवाद संवाद - 1989

रामविलास शर्मा-

  • (10 अक्टूबर 1912- 30 मई 2000 )
  • आधुनिक हिन्दी साहित्य के सुप्रसिद्ध आलोचक, निबंधकार, विचारक एवं कवि थे।
  • कृतियाँ -
    • प्रगति और परंपरा (1949)
    • साहित्य और संस्कृति (1949)
    • प्रेमचंद और उनका युग (1952)
    • प्रगतिशील साहित्य की समस्याएँ (1954)
    • आस्था और सौंदर्य (1961)
    • भाषा और समाज (1961)

निर्मला जैन-

  • (जन्म 28 अक्टूबर 1932)
  • हिन्दी साहित्य की एक महत्वपूर्ण आलोचक,
  • अध्यापक और चर्चित आत्मकथा जमाने में हम की लेखिका है।
  • कृतियाँ -
    • रस सिद्धांत और सौंदर्यशास्त्र
    • आधुनिक साहित्य : मूल्य और मूल्यांकन
    • हिंदी आलोचना की बीसवीं सदी
    • आधुनिक हिंदी काव्य : रूप और संरचना
    • पाश्चात्य साहित्य चिंतन
    • कविता का प्रतिसंसार
    • कथा-समय में तीन हमसफ़र

विश्वनाथ त्रिपाठी-

  • (16 फरवरी 1931)
  • हिन्दी के वरिष्ठ आलोचक, कवि और गद्यकार हैं। 
  • कृतियाँ -
    • हिन्दी आलोचना - 1970
    • लोकवादी तुलसीदास - 1974
    • प्रारम्भिक अवधी - 1975
    • मीरा का काव्य - 1979
    • हिन्दी साहित्य का संक्षिप्त इतिहास - 1986 
    • देश के इस दौर में (परसाई केन्द्रित) - 1989 

प्रयोगवाद Question 2:

"अकाल में दूब" कविता में कवि ने दूब की खोज कहाँ-कहाँ की?

  1. पड़ोसी गाँवों और नदियों में
  2. जंगलों और पहाड़ों में
  3. परती-पराठ, कुओं, गली-चौराहों में
  4. गाँव के मंदिरों और स्कूलों में

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : परती-पराठ, कुओं, गली-चौराहों में

प्रयोगवाद Question 2 Detailed Solution

उत्तर- परती-पराठ, कुओं, गली-चौराहों में
 

विश्लेषण: कवि ने दूब की खोज के लिए "परती-पराठ खोजता हूँ, कुओं में झाँकता हूँ, गली-चौराहे छान डालता हूँ" जैसे स्थानों का उल्लेख किया है, जो गाँव के विभिन्न हिस्सों को दर्शाता है।

प्रयोगवाद Question 3:

"अकाल में दूब" कविता में पिता ने अकाल के बारे में क्या कहा?

  1. ऐसा अकाल देखा है, लेकिन दूब नहीं मरती
  2. ऐसा अकाल पहले भी कई बार देखा है
  3. ऐसा अकाल देखा है, जिसमें मवेशी मर गए
  4. ऐसा अकाल कभी नहीं देखा, जिसमें दूब तक झुलस जाए

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : ऐसा अकाल कभी नहीं देखा, जिसमें दूब तक झुलस जाए

प्रयोगवाद Question 3 Detailed Solution

उत्तर- ऐसा अकाल कभी नहीं देखा, जिसमें दूब तक झुलस जाए
Key Points

विश्लेषण:

  • पिता कहते हैं, "ऐसा अकाल कभी नहीं देखा, ऐसा अकाल कि बस्ती में दूब तक झुलस जाए, सुना नहीं कभी," जो अकाल की अभूतपूर्वता और उसकी भयावहता को दर्शाता है।

प्रयोगवाद Question 4:

"अकाल में दूब" कविता में अकाल की भयावहता को सबसे पहले किनके पलायन से दर्शाया गया है?

  1. मवेशियों के पलायन से
  2. पक्षियों और चींटियों के पलायन से
  3. गाँव के लोगों के पलायन से
  4. दूब के झुलस जाने से

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : पक्षियों और चींटियों के पलायन से

प्रयोगवाद Question 4 Detailed Solution

उत्तर - पक्षियों और चींटियों के पलायन से
 

विश्लेषण: कविता की शुरुआत में अकाल की भयावहता को पक्षियों और चीटियों के पलायन से दर्शाया गया है। "पक्षी छोड़कर चले गए हैं पेड़ों को, बिलों को छोड़कर चले गए हैं चीटें चीटियाँ" पंक्तियाँ इस बात को स्पष्ट करती हैं।

प्रयोगवाद Question 5:

“मैं रथ का टूटा हुआ पहिया हूँ, लेकिन मुझे फेंको मत।” – यह उक्ति किस रचनाकार की है?

  1. सूर्यकांत त्रिपाठी निराला
  2. महादेवी वर्मा
  3. धर्मवीर भारती
  4. अज्ञेय

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : धर्मवीर भारती

प्रयोगवाद Question 5 Detailed Solution

“मैं रथ का टूटा हुआ पहिया हूँ, लेकिन मुझे फेंको मत।” – यह उक्ति धर्मवीर भारती रचनाकार की है

  • यह पंक्तियाँ 'टूटा पहिया' कविता से ली गई है। 

Key Pointsधर्मवीर भारती-

  • जन्म-1926-1997 ई.
  • इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश में इनका जन्म हुआ था। 
  • आधुनिक हिन्दी साहित्य के प्रमुख लेखक, कवि, नाटककार और सामाजिक विचारक थे।
  • वे साप्ताहिक पत्रिका 'धर्मयुग' के प्रधान संपादक भी रहे।
  • डॉ. धर्मवीर भारती को 1972 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। 
  • दूसरा सप्तक के प्रमुख कवि है। 
  • काव्य रचनाएँ-
    • ठंडा लोहा (1952 ई.)
    • कनुप्रिया (1959 ई.)
    • सात गीत वर्ष (1959 ई.)
    • देशान्तर (1960 ई.) आदि। 

Important Pointsसूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'-

  • जन्म-1899-1961 ई. 
  • छायावादी प्रमुख रचनाकार है।
  • काव्य रचनाएँ-
    • अनामिका(1923 ई.)
    • परिमल(1930 ई.)
    • गीतिका(1936 ई.)
    • तुलसीदास(1938 ई.)
    • कुकुरमुत्ता(1942 ई.)
    • नये पत्ते(1946 ई.) आदि। 

महादेवी वर्मा - 

    • जन्म-1907-1987 ई. 
    • छायावाद की प्रसिद्ध कवियित्री है। 
    • 'यामा' काव्य कृति के लिए ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त है। 
    • उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान का भारत भारती पुरस्कार भी इन्हें मिला है। 
    • कविता संग्रह -
      • निहार (1930 ई.)
      • रश्मि (1932 ई.)
      • सांध्यगीत (1936 ई.)
      • दीपशिखा (1942 ई.) 
      • प्रथम आयाम (1974 ई.)
      • अग्निरेखा (1990 ई.) आदि।

अज्ञेय-

  • जन्म-1911-1987 ई. 
  • काव्य रचनाएँ-
    • भग्नदूत (1933 ई.)
    • चिंता (1942 ई.)
    • हरी घास पर क्षण भर (1949 ई.)
    • बावरा अहेरी (1954 ई.)
    • आंगन के पार द्वार (1961 ई.)
    • कितनी नावों में कितनी बार (1967 ई.) आदि।

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इनमें से कौन-सी कृति अज्ञेय की है?

  1. संसद से सड़क तक
  2. मछली घर
  3. हरी घास पर क्षण भर
  4. साये में धूप

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : हरी घास पर क्षण भर

प्रयोगवाद Question 6 Detailed Solution

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हरी घास पर क्षण भर कृति अज्ञेय की है। अन्य विकल्प असंगत है ।अतः सही उत्तर विकल्प 3 हरी घास पर क्षण भर होगा ।

Key Points

रचना

रचनाकार

संसद से सड़क तक

धूमिल

मछली घर

सुशील कुमार

हरी घास पर क्षण भर

अज्ञेय

साये में धूप

दुष्यंत कुमार

'हरी घास पर क्षण भर' किसकी कृति है?

  1. केदार नाथ अग्रवाल
  2. अशोक वाजपेयी
  3. रघुवीर सहाय
  4. अज्ञेय

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : अज्ञेय

प्रयोगवाद Question 7 Detailed Solution

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सही उत्तर है - अज्ञेय। 

Key Pointsहरी घास पर क्षण भर-

  • विधा-काव्य संग्रह 
  • संग्रहीत कविताएँ हैं-
    • ​नदी के द्वीप,हरी घास पर क्षण भर आदि। 

Additional Informationअज्ञेय-

  • जन्म-1911-1987 ई.
  • तार सप्तक(1943 ई.) के प्रवर्तक है। 
  • प्रयोगवादी काव्यधारा के कवि है। 
  • अन्य रचनाएँ-
    • भग्नदूत(1933 ई.),चिंता(1942 ई.),इंद्रधनुष रौंदे हुए ये(1957 ई.),अरी ओ करुणा प्रभामय(1959 ई.),सुनहले शैवाल(1966 ई.) आदि। 
  • अज्ञेय की संपूर्ण कविताओं का संकलन ‘सदानीरा’ नाम से दो भागों में प्रकाशित हुआ है। 
  • अज्ञेय-
    • "व्यक्ति समाज में स्वतंत्र है,समाज से नहीं।"
    • "काव्य सबसे पहले शब्द है और सबसे बाद में भी यही बात बच जाती है कि काव्य शब्द हैं।"

निम्‍नलिखित मे से कौन-सी कृति मुक्तिबोध की नहीं है-

  1. चाँद का मुँह टेढ़ा है
  2. शुद्ध कविता की खोज
  3. काठ का सपना
  4. कामायनी: एक पुनर्विचार

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : शुद्ध कविता की खोज

प्रयोगवाद Question 8 Detailed Solution

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2) शुद्ध कविता की खोज मुक्तिबोध की नहीं है। इसके लेखक रामधारीसिंह दिनकर हैं।Additional Information

  • मुक्तिबोध का जन्म 13 नवम्बर,1917 को श्योपुर(मध्यप्रदेश) में हुआ। तारसप्तक के पहले कवि थे।
  • हिंदी साहित्य के प्रमुख कवि,आलोचक,निबंधकार,कहानीकार तथा उपन्यासकार थे। 

Important Points

       इनकी अन्य रचनायें- 

  1. चाँद का मुहँ टेढ़ा है(1964)
  2. काठ का सपना(1967)
  3. कामायनी: एक पुनर्विचार(1973)
  4. विपात्र(1970) 
  5. सतह से उठता आदमी(1971)
  6. भूरी-भूरी खाक धूल(1980)

निम्नलिखित में से कौन-से अज्ञेय के काव्य हैं -

A. भग्नदूत

B. आत्मा की आंखें

C. आत्महत्या के विरुद्ध

D. चिंता

नीचे दिए गए विकल्पों में से सही उत्तर चुनिये:

  1. केवल A और C
  2. केवल A और D
  3. केवल B और C
  4. केवल C और D

Answer (Detailed Solution Below)

Option 2 : केवल A और D

प्रयोगवाद Question 9 Detailed Solution

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"भग्न दूत और चिंता" अज्ञेय जी की रचना है। अतः उपर्युक्त विकल्पों में से विकल्प (2) A और D सही है तथा अन्य विकल्प असंगत हैं।

Key Points

  • सच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन 'अज्ञेय' (7 मार्च, 1911 - 4 अप्रैल, 1987)
  • अज्ञेय प्रयोगवाद एवं नई कविता को साहित्य जगत में प्रतिष्ठित करने वाले कवि हैं।
  • अनेक जापानी हाइकु कविताओं को अज्ञेय ने अनूदित किया।
    • भग्नदूत :- 1933
    • चिन्ता :- 1942

Important Points

  • 1936-37 में सैनिक और विशाल भारत नामक पत्रिकाओं का संपादन किया।
  • दिनमान साप्ताहिक, नवभारत टाइम्स, अंग्रेजी पत्र वाक् और एवरीमैंस जैसी प्रसिद्ध पत्र-पत्रिकाओं का संपादन किया।

सम्मान :-     

सम्मान

रचना

वर्ष

साहित्य अकादमी

आँगन के पार द्वार

1964

भारतीय ज्ञानपीठ

1978

कितनी नावों में कितनी बार

 Additional Information

अज्ञेय जी की रचनाएं निम्नलिखित हैं:-

कविता संग्रह

रचना वर्ष

कविता संग्रह

रचना वर्ष

कहानियां

रचना वर्ष

-भग्नदूत

1933

आँगन के पार द्वार

1961

विपथगा

1937

चिन्ता

1942

कितनी नावों में कितनी बार

1967

परम्परा

1944

इत्यलम्

1946

क्योंकि मैं उसे जानता हूँ

1970

कोठरी की बात

1945

हरी घास पर क्षण भर

1949

सागर मुद्रा

1970

शरणार्थी

1948

बावरा अहेरी

1954

पहले मैं सन्नाटा बुनता हूँ

1974

जयदोल

1951

इन्द्रधनुष रौंदे हुये ये

1957

महावृक्ष के नीचे

1977

   

अरी ओ करुणा प्रभामय

1959

नदी की बाँक पर छाया

1981

   
 अन्य विकल्प:-

रचना

रचनाकार

आत्मा की आंखें

रामधारी सिंह दिनकर

आत्महत्या के विरुद्ध

रघुवीर सहाय

'अज्ञेय' की रचना है:

  1. कुरुक्षेत्र
  2. हुंकार
  3. पवनदूत
  4. हरी घास पर क्षण भर

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : हरी घास पर क्षण भर

प्रयोगवाद Question 10 Detailed Solution

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हरी घास पर क्षण भर, एक बेहतरीन काव्य संग्रह है, इसके लेखक हिंदी के अद्वितीय लेखक अज्ञेय है।

अत: यहाँ सही उत्तर 4) अज्ञेय है।

  • अज्ञेय का पूरा नाम - सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन अज्ञेय
  • हरी घास पर क्षण भर - कविता संग्रह - सन् 1949
  • 1964 में आँगन के पार द्वार पर साहित्य अकादमी पुरस्कार
  • 1979 में/कितनी नावों में कितनी बार पर भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ। 

अन्य विकल्प-

  • कुरुक्षेत्र, हुंकार - रामधारी सिंह दिनकर
  • पवनदूत - अयोध्या सिंह 'हरिऔध' 

 

'हरी घास पर क्षण भर' किस कवि का काव्य संग्रह है?

  1. अज्ञेय
  2. मुक्तिबोध
  3. रामविलास शर्मा
  4. भारतभूषण अग्रवाल

Answer (Detailed Solution Below)

Option 1 : अज्ञेय

प्रयोगवाद Question 11 Detailed Solution

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सही उत्तर अज्ञेय है। 

Key Points

  • 'हरि घास पर क्षण भर' अज्ञेय जी का एक प्रमुख कविता संग्रह है।
  • अज्ञेय जी की प्रमुख काव्य रचनाएँ हैं-  आँगन के पार द्वार, अरी ओ करुणा प्रभामय

Additional Information

कवि  रचनाएँ
मुक्तिबोध मुक्तिबोध हिन्दी साहित्य के प्रमुख कवि, आलोचक, निबंधकार, कहानीकार तथा उपन्यासकार थे। चाँद का मुँह टेढ़ा है – (कविता संग्रह),  नई कविता का आत्मसंघर्ष तथा अन्य निबंध (निबंध संग्रह),  काठ का सपना (कहानी संग्रह)
रामविलास शर्मा  डॉ॰ रामविलास शर्मा आधुनिक हिन्दी साहित्य के सुप्रसिद्ध आलोचक, निबंधकार, विचारक एवं कवि थे। चार दिन (उपन्यास), पाप के पुजारी (नाटक) 
भारतभूषण अग्रवाल भारतभूषण अग्रवाल छायावादोत्तर हिंदी कविता के एक सशक्त हस्ताक्षर हैं। वे अज्ञेय द्वारा संपादित तारसप्तक के महत्वपूर्ण कवि हैं। छवि के बंधन, जागते रहो, ओ अप्रस्तुत मन, अनुपस्थित लोग प्रमुख काव्य रचनाएँ हैं 

 

'अज्ञेय' की 'असाध्य वीणा' किस प्रकार की काव्य कृति है?

  1. खण्डकाव्य
  2. प्रबन्धकाव्य
  3. महाकाव्य
  4. प्रलम्ब काव्य या लम्बी कविता

Answer (Detailed Solution Below)

Option 4 : प्रलम्ब काव्य या लम्बी कविता

प्रयोगवाद Question 12 Detailed Solution

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प्रलम्ब काव्य अथवा लम्बी कविता 'असाध्या वीणा' कृति के लिए उचित विकल्प है।

अत: यहाँ सही उत्तर 4) प्रलम्ब काव्य या लम्बी कविता ही होगा।

  • असाध्या वीणा, अज्ञेय की अद्भुत लम्बी काव्य कृति-
  • जापानी कथा पर आधारित कविता-
  • आंगन के पर द्वार काव्य संग्रह में संकलित- 1964ई. में साहित्य अकादमी
  • वज्रकीर्ति, प्रियचंद केश कंबली मुख्य पात्र-  

'चाँद का मुँह टेढ़ा है' किसकी काव्य रचना है?

  1. अज्ञेय
  2. नागार्जुन
  3. मुक्तिबोध
  4. शमशेर

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : मुक्तिबोध

प्रयोगवाद Question 13 Detailed Solution

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'चाँद का मुँह टेढ़ा' के रचयिता गजानंद माधव मुक्तिबोध हैं। अत: सही उत्तर विकल्प 3 गजानंद माधव मुक्तिबोध है। 

Key Points

  • 'चाँद का मुँह टेढ़ा' गजानंद माधव मुक्तिबोध द्वारा रचित लम्बी कविता है।

Additional Information

  • अन्य याद रखने योग्य रचनाएँ-
    • भूल गलती - चाँद का मुँह टेढ़ा - 1964
    • अँधेरे में (लम्बी कविता)-  चाँद का मुँह टेढ़ा - 1964
    • ब्रहमराक्षस 1957

'मैं तो डूब गया था स्वयं शून्य में', 'असाध्य वीणा' में यह उक्ति किसकी है? 

  1. राजा की 
  2. किरीट की 
  3. प्रियंवद की 
  4. पाठक की 

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : प्रियंवद की 

प्रयोगवाद Question 14 Detailed Solution

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मैं तो डूब गया था स्वयं शून्य में', 'असाध्य वीणा' में यह उक्ति 'प्रियंवद की' है।

  • पंक्ति का अर्थः- (जब प्रियंवद वीणा को बजाता है तो स्वयं को संपूर्ण समर्पण करके अलौकिक (शून्य) स्थिति में पहुँच जाता हैं, मानो उसमें डूब जाता हैं।)

Key Points

  • असाध्य वीणा अज्ञेय की रचना है।
  • असाध्य वीणा कविता आँगन के पार द्वारा (1961) कविता संग्रह में है।
  • असाध्य वीणा ​एक लंबी कविता है, इसका मूल भाव अहं का विसर्जन है।

असाध्य वीणा कविता के प्रमुख पात्रः-

  • प्रियंवद, राजा, रानी, अन्य जन।

अज्ञेय की अन्य प्रमुख रचनाएँ:-

  • भग्नदूत (1933), चिंता (1942), इत्यलम् (1946), हरी घास पर क्षण भर (1949), इंद्रधनुष रौंदे हुए ये (1959) आदि।

Additional Information

असाध्य वीणा के प्रमुख तथ्यः-

कविता संबंधित तथ्य
असाध्य वीणा

1) लूंगामिन नामक घाटी में एक विशाल किरी वृक्ष था।

2) जिसमे किसी जादूगर ने एक वीणा का निर्माण किया।

3) अनेक वाद्य कलाकार इस वीणा को नही बजा सके।

4) अंत में वीणा का नाम असाध्य पड़ गया।

5) तब जा कर प्रियंवद नाम के एक साधक ने उस विणा को साधा (बजाया)।

'हरी घास पर क्षण भर' किसकी काव्य रचना है?

  1. मुक्तिबोध
  2. नागार्जुन
  3. अज्ञेय
  4. त्रिलोचन

Answer (Detailed Solution Below)

Option 3 : अज्ञेय

प्रयोगवाद Question 15 Detailed Solution

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  • हरी घास पर क्षण भर, एक बेहतरीन काव्य संग्रह है, इसके लेखक हिंदी के अद्वितीय लेखक अज्ञेय है।
  • अत: यहाँ सही उत्तर 3) अज्ञेय है।
    • अज्ञेय का पूरा नाम - सच्चिदानंद हीरानंद वात्सायन अज्ञेय
    • हरी घास पर क्षण भर - कविता संग्रह - सन् 1949
    • 1964 में आँगन के पार द्वार पर साहित्य अकादमी पुरस्कार
    • 1979 में/कितनी नावों में कितनी बार पर भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार प्राप्त हुआ। 


Key Points

  • अज्ञेय के काव्य संग्रह -
  • इत्यलम् - 1946
  • कितनी नावों में कितनी बार - 1967
  • पहले में सन्नाटा बुनता हूं - 1973
  • नदी की बांक छाया - 1981
  1. प्रयोगवाद के प्रवर्तक।
  2. अस्तित्ववाद में आस्था रखने वाले कवि।

Important Points
अन्य महत्वपूर्ण काव्य संग्रह -
  1. भग्नदूत (प्रथम काव्य संग्रह) - 1933
  2. हरी घास पर क्षण भर - 1949
  3. बावरा अहेरी - 1954
  4. इन्द्रधनुष रौंदे हुए ये - 1957
  5. अरी ओ करुणा प्रभामय - 1959
  6. आंगन के पार द्वार - 1961
  7. सुनहले शैवाल - 1966

प्रमुख कविताएं -
  1. असाध्य वीणा (एक लम्बी कविता)
  2. कलगी बाजरे की
  3. नदी के द्वीप
  4. सांप
  5. हरी घास पर क्षण भर
  6. जितना तुम्हारा सच
  7. शब्द और सत्य
  8. यह दीप अकेला

 

  • प्रयोगवाद तथा नई कविता के शलाका पुरुष
  • तार सप्तक, दूसरा सप्तक, तीसरा सप्तक का संपादन किया।

Additional Information
  • 1964 में आंगन के पर द्वार पर साहित्य अकादमी
  • 1978 में कितनी नावों में कितनी बार पर भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार
  • तार सप्तक के कवि (कालक्रमानुसार) -
  1. अज्ञेय
  2. रामविलास शर्मा
  3. गजानन माधव मुक्तिबोध
  4. प्रभाकर माचवे
  5. नेमिचन्द्र जैन
  6. गिरिजा कुमार माथुर
  7. भारत भूषण अग्रवाल
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